
15/09/2025
. क्लास 11 का पहला दिन… क्लासरूम में हंसी–ठिठोली, लेकिन एक कोने में बैठी चुपचाप कॉपी लिखती लड़की – काव्या।
2. टीचर (हल्की हैरानी से): “इतनी खामोश क्यों रहती हो काव्या?”
3. काव्या (मुस्कुराने की कोशिश में): “जी सर… मैं बस पढ़ाई पर ध्यान देती हूँ।”
4. उसकी आँखों में छुपा था सैकड़ों अनकहा दर्द।
5. घर लौटते ही माँ की खाँसी की आवाज़ सुनाई देती।
6. माँ (कमज़ोर आवाज़ में): “खाना बना लिया बेटा?”
7. काव्या (थाली परोसते हुए): “हाँ माँ… आप बस दवाई खा लीजिए।”
8. दीवार पर टंगी पुरानी फोटो – उसके पापा की।
9. हर बार उसे देखकर काव्या का दिल भर आता।
10. पर वह खुद से वादा करती: “मैं हार नहीं मानूँगी।”
स्कूल का मोड़
11. अगले दिन स्पीच कॉम्पिटिशन था।
12. अर्जुन सर ने काव्या से कहा: “तुम बोलोगी।”
13. काव्या (हैरान): “मैं? सर… मैं स्टेज पर कभी नहीं गई।”
14. अर्जुन सर (मुस्कुराकर): “यही तो वजह है कि तुम्हें जाना चाहिए।”
15. मंच पर कदम रखते ही उसके हाथ काँपने लगे।
16. लेकिन जैसे ही उसने बोलना शुरू किया…
17. पूरा हॉल खामोश होकर उसकी बातें सुनने लगा।
18. आख़िर में गूंजती तालियाँ उसके दिल में उतर गईं।
19. काव्या ने पहली बार महसूस किया – “मैं कर सकती हूँ।”
दोस्ती का रंग
20. क्लास में आयुष धीरे से बोला: “तुमने तो कमाल कर दिया।”
21. काव्या (हल्की मुस्कान के साथ): “पहली बार कोशिश की थी।”
22. आयुष (शरारती अंदाज़ में): “पहली कोशिश में टॉपर, तो आख़िरी में क्या करोगी?”
23. दोनों के बीच अनकही दोस्ती पनपने लगी।
24. आयुष उसकी मदद करता – “लो, यह किताब लाइब्रेरी से लाई है।”
25. कभी कॉपी देता, कभी हौसला।
26. धीरे–धीरे काव्या का चेहरा खिलने लगा।
संघर्ष
27. लेकिन घर की मुश्किलें और बढ़ गईं।
28. माँ की दवाई के लिए पैसे नहीं थे।
29. एक दिन उसने माँ से कहा: “माँ, शायद मुझे पढ़ाई छोड़नी पड़े।”
30. माँ (आँखों में आँसू): “अगर तू पढ़ाई छोड़ेगी तो मेरे जीने का मकसद खत्म हो जाएगा।”
31. उसी शाम अर्जुन सर ने फीस भर दी।
32. और आयुष ने चुपके से नोटबुक और पेन रख दिए।
33. काव्या रो पड़ी, लेकिन मन में ताकत आ गई।
परीक्षा
34. रात–रात भर पढ़ाई, सुबह–सुबह क्लास।
35. आयुष मज़ाक करता: “पढ़ाई से शादी कर ली है क्या?”
36. काव्या हँस देती, लेकिन भीतर का डर बना रहता।
37. रिजल्ट का दिन आया।
38. भीड़ बोर्ड पर लगी लिस्ट देखने उमड़ी।
39. किसी ने चिल्लाकर कहा: “काव्या टॉपर है!”
40. सब तालियाँ बजाने लगे।
41. माँ की आँखें भर आईं: “मेरी बेटी…”
42. अर्जुन सर ने कहा: “आज तुम्हारी खामोशी बोल उठी है।”
43. और आयुष… दूर से मुस्कुरा रहा था।
सालों बाद
44. काव्या ने स्कॉलरशिप पाई।
45. उसने IAS बनने का सपना पूरा किया।
46. जब गाँव लौटी तो लोग कहते: “देखो, यही है हमारी काव्या।”
47. माँ गर्व से सभी को बतातीं: “मेरी बेटी अफ़सर है।”
48. अर्जुन सर बूढ़े हो चुके थे।
49. लेकिन जब काव्या ने उनके पैरों को छुआ,
50. सर की आँखों में आँसू थे: “मैंने कहा था न, तुम बहुत बड़ी बनोगी।”
51. और आयुष… अब भी उसके साथ था।
52. उसने मुस्कुराकर कहा: “तुम्हारे सपनों की राह में मैं हमेशा रहूँगा।”
53. काव्या ने उसकी ओर देखा… और पहली बार दिल से हँसी।