02/01/2024
#कलयुग_में_साकार_हो_रहा_त्रेतायुग
सच बताएं आप मान लीजिएगा। त्रेतायुग में भगवान राम ने जब माता कौशल्या के गर्भ से जन्म लिया, तब भी शायद इतना बड़ा आयोजन न हुआ हो, जितना अब होने वाला है। जगह जगह से ऐसी ऐसी सूचनाएं आ रही हैं, जिन पर यकीन नहीं होता । देश के किसी मंदिर से कोई सामग्री आ रही है तो किसी से कोई ।
ऐसा कोई राज्य नहीं जहां से खास सामग्री न आ रही हो। नेपाल, मारीशस, अमेरिका और न जाने किस किस देश से रामलला के लिए कौन कौन से उपहार आ रहे हैं । बात देश के आम श्रद्धालुओं की करें तो उनकी वे ही जानें । उनके दिलों में तो राम नाम पर सर्वस्व लुटाने की तमन्ना है। शताब्दियों बाद जो मिल रहे हैं राम।
कलयुग में साकार हो रहा है त्रेतायुग। रहा नहीं जा रहा बिन जाए । पर हम इंतजार करेंगे, करते रहेंगे । देखिए मित्रों, यह शिकायत न कीजिए कि सोशल प्लेटफार्म पर राम पर बार बार क्यूं लिखा जा रहा है । यह तो लिखा जाएगा । जैसे जैसे उद्घाटन के दिन पास आएंगे, बार बार लिखा जाएगा।
वस्तुतः राम पर वाल्मीकि और गोस्वामी तुलसीदास ने इतना लिख दिया है कि सामान्यजन का रोम रोम खिल उठा है। विश्वास नहीं हो रहा कि जो मंदिर पांच सौ सालों से नहीं बन पा रहा था, वह अब बन गया है। तो मन बार बार करता है कि चर्चा करें तो श्रीराम की करें । कलम उठाएं तो राम पर उठाएं। राम के ही गीत सुनें राम के ही नगमें गाएं । तभी तो देखिए, देश में सर्वत्र राम चर्चा हो रही है ।
राम मंदिर पर फैसला शताब्दियों बाद आया । अब राम मंदिर निर्माण का कार्य बड़े जोर शोर से चल रहा है । मंदिर अभी उतना ही बना है कि दशकों तक तम्बू में बैठाए गए बालरूप राम को उसी स्थान पर स्थाई निवास मिले जहां त्रेता में उनका जन्म हुआ था, जहां बना उनका मंदिर 500 साल पहले तोड़ा गया था । सदियों तक अपमान का घूंट पीता देश अपने ही घर में अपनी ही अयोध्या में जिस दिन की प्रतीक्षा कर रहा था, वह दिन बहुत करीब है। जय जय सियाराम ⛳🙏⛳
फिर भी न जाने क्यों, लगता है कि ये चंद दिन जल्दी बीत जाएं और भक्तों को राम की जन्मस्थली पर माथा टेकने का अवसर मिल जाए, उस पुण्यभूमि के अनुभव और स्पर्श का अवसर मिल जाए । अवध धन्य है, अयोध्या धन्य है, बस हमारा जन्म भी धन्य हो जाए । हम भाग्यशाली हैं कि हम इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों के साक्षी बनने जा रहे हैं।