22/11/2023
व्यथ थिएटर ग्रुप & कल्चरल सोसाइटी (र) का एक दशक का सफर
कुछ अच्छे अनुभव और कुछ तकलीफ देह भी ।
समय है 22 अप्रैल 2013 का जब मैं और मेरी धर्म पत्नी एक पवित्र उद्देश्य के साथ , बिना किसी स्वार्थ एक संस्था की रूप रेखा तय करने के लिए विचार विमर्श कर रहे थे। नाम ऐसा रखने का निर्णय किया गया जो हमारी जन्म भूमि के साथ जुड़ा हो और पवित्र भी हो, तो जन्म हुआ व्यथ थिएटर ग्रुप & कल्चरल सोसाइटी का। " व्यथ " एक कश्मीरी शब्द है जिस के मायने है दरिया जेहलम का स्त्रोत , जिस को हम कश्मीरी पंडित पूजते हैं और व्यथ को संस्कृत भाषा में
" वितस्ता " कहते हैं। एक सोसाइटी की रूप रेखा तैयार कर ,हरियाणा सरकार सोसाइटी एक्ट के अंतर्गत 31 मई 2013 को जन्म हुआ व्यथ थिएटर ग्रुप का , यानि सोसाइटी पंजीकृत हुई। यह एक सपना साकार होने के लिए पहला कदम था। केवल 3 उद्देश्य के साथ इस संस्था की शुरुआत हुई और आज भी उन्हीं 3 उदेश्यों पर कार्य हो रहा है। व्यथ थिएटर ने 173 कलाकारों को इस दशक में मंच प्रधान किया ,उन में से ज़्यादातर कलाकारों ने सफर ही शुरू किया व्यथ थिएटर ग्रुप के साथ। 16 से ज़्यादा बड़े नाटकों का मंचन हुआ , अम्बाला, कुरुक्षेत्र (हरियाणा राज्य में ) , चंडीगढ़ , शिमला (हिमाचल प्रदेश) , डेराबस्सी (पंजाब) और दिल्ली में । नुक्कड़ नाटकों का मंचन अम्बाला और पंजाब में सफलता पूर्वक किये।
एक रंगकर्मी की ज़िम्मेदारियाँ नित नियम निभाई और मेरे साथियों ने भी भरपूर साथ दिया। मैं अपने उदेश्य में सफल हुआ अपनी क्षमता के अनुसार , पर एक अच्छी बात ये नहीं हुई कि कुछ नाम मात्र कलाकारों ने मेरे समर्पण का सम्मान नहीं किया। विस्तार से बताओं वो मेरा समर्पण रंगमंच के प्रति आंक नहीं पाए और जब वो हमारी अवस्था में आएंगे तो मेरे कहने का यथार्थ समझेंगे। हमारा उदेश्य साफ़ सुथरा है , अपना काम करते रहो , दूसरे क्या कृत करते है उसे नज़रअंदाज़ करो। इसका सिद्धांत हमारी ज़िन्दगी मैं हुई त्रासदी पर जन्मा है, हमारे जीवन में एक ऐसी आंधी आई ,जब सब कुछ नष्ट हो गया, न घर रहा , न संस्कृति रही, न वो दोस्त रहे, न वो वातावरण फिर भी आस पास लोगों को अपने साथ बड़ा होने का मौका दिया और हमेशा अपने से बड़ा बनाया। जब वो आलीशान ज़िन्दगी नहीं रही तो इस ज़िन्दगी में कुछ अच्छा करने का उदेश्य बनाया।
व्यथ थिएटर ग्रुप के 3 उदेश्य ये हैं , पहला रंगमंच 3 साल , दूसरा फिल्म , शार्ट फिल्म और रंगमंच अगले 2 साल और तीसरा उदेश्य था 5 साल के बाद अम्बाला को एक रेडियो प्लेटफार्म देना , ये बहुत मुश्किल कार्य था अम्बाला की भौगोलिक स्तिथि के अनुसार , क्योकि छावनी होने के नाते बहुत से रुकावटें थी
फिर भी व्यथ थिएटर ग्रुप ने अम्बाला को एक वेब रेडियो दिया 31 अगस्त 2018 को रेडियो वितस्ता के नाम से। 4 साल ये नए ज़माने का रेडियो चलता रहा ,विभिन्न कार्यक्रम प्रसारित किए, कोविड 19 के समय में घर से ही अम्बाला वासियों और पुरे विश्व को जोड़ा और लोगों को सचेत करते रहे , बहुत सिमित साधन होने के बावजूद प्रसारण निरंतर चलता रहा ,और साथ ही 2019 मैं हमने भारत सरकार से अनुरोध किया की व्यथ थिएटर ग्रुप के पिछले वर्षों के कार्य पर और हमारे आत्मविश्वास पर अम्बाला को एक सामुदायिक रेडियो की स्वीकृति दें। कई विघ्न आए कुछ, नहीं चाहते थे की अम्बाला छावनी को सामुदायिक रेडियो मिले , पर कहते हैं न, जब आप किसी लक्ष्ये को चाहते हैं तो सारी कायनात उस लक्ष्य को पाने में आपकी मदद करती है। वो सुनहरा दिन आया जब व्यथ थिएटर ग्रुप के एक दशक के कार्य पर सामुदायिक रेडियो यानि कम्युनिटी रेडियो की स्वीकृति मिली और 14 जुलाई 2023 को ये वेब रेडियो दिन के 11 बजे FM 90. 0 मेगाहर्ट्ज रेडियो वितस्ता बन गया विधिवत आरम्भ के बाद।
1 सितम्बर 2023 से ये भारत का 452वा सामुदायिक रेडियो बन गया और अम्बाला को एक ऐसी आवाज़ मिली जो अनंत काल तक चलती रहेगी। गत 3 महीनो मे अनेक कार्यक्रम अम्बाला के लोगों को दिए जिन में स्वास्थ्य , शिक्षा, स्वछता ,काव्य घोष्टि , परिचर्चा ,आओ गाओं चलें , हमारी संस्कृति और बहुत सारे कार्यक्रम प्रसारित किये और अम्बाला वासियों का भर पुर प्यार और स्नेह मिला।
इस सफर में सोसाइटी के अध्यक्षा , अन्य मेंबर्स का भर पुर साथ रहा और मेंटर के तोर पर श्री परवीन पुंज जी का नाम यहाँ बताना ज़रूरी है , जिन के अथक प्रयासों से ये सफर आसान हुआ और हर समय हमारे इस सफर में साथ रहे। अखिलेश दास का तकनीकी सपोर्ट सराहनीये रहा इस दशक में । मैनेजमेंट सपोर्ट भरतेश दास का रहा। तरलोक बंसल जी,कमल कामरा जी , पुनीत आनंद का भी धन्यवाद साथ रहने और हमारे काम पर विश्वास रखने के लिए।
आज भी वही तीनों उदेश्य पर काम निरंतर जारी है और इन्ही उदेश्यो को हम अगर सुचारू रूप से चला पाए यही हमारी कामयाबी होगी।
सभी अम्बाला वासियों को समर्पित ये सामुदायिक रेडियो FM 90. 0 मेगाहर्ट्ज रेडियो वितस्ता हमसफ़र ज़िन्दगी का , अम्बाला का अपना रेडियो। आप फ्रीक्वेंसी 90. 0 पर सुन सकते हैं और विश्व में कहीं भी हमारे वेब ब्राउज़र https://webplayer.radiovitasta.com पर सुबह 6 बजे से 8 बजे शाम तक सुन सकते हैं। आप सभी का प्यार और स्नेह के साथ साथ आप अपने व्यवसाय की उन्नति के लिए विज्ञापन भी कर सकते हैं.
ये एक दशक का सफर आप सभी के प्यार और आशिर्वाद के बिना संभव नहीं था।
किरनी दास , भारत सोपोरी
अध्यक्षा व् सनास्थापक , सचिव व् सनास्थापक
व्यथ थिएटर ग्रुप &कल्. व्यथ थिएटर ग्रुप सोसाइटी(र)
सोसाइटी(र)अम्बाला छावनी। अम्बाला छावनी।