Marudhara News

Marudhara News Bhura Ram / Pintu Jangid Merta Journalist ✍🏻

26/10/2024

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🚩 🌷 आज की प्रेरणा 🌷 🚩

आप इस वक्त जीवन में वहीं खड़े हैं जहां परमात्मा आपको देखना चाहते हैं क्योंकि जीवन के हर अनुभव के पीछे परमात्मा की कोई न कोई योजना होती है।

*आज से हम* परमात्म योजना पर पूरा-पूरा निश्चय रखें...

💧 *TODAY'S INSPIRATION* 💧

You are where God wants you to be at this very moment. Every experience is part of His divine plan.

*TODAY ONWARDS LET'S* have complete faith in God's plan.

✍🏻✍🏻 Pintu Jangid Merta ✍🏻✍🏻
✍🏻✍🏻 Marudhara News ✍🏻✍🏻

26/10/2024

🚩🚩✍🏻✍🏻 2️⃣6️⃣❗1️⃣0️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣4️⃣

✍🏻✍🏻 *♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
*🌷 डॉक्टर ने दिया नया जीवन🌷*

एक डॉक्टर बहुत ही होशियार थे ।उनके बारे में यह कहा जाता था कि वह मौत के मुंह में से भी बीमार को वापस ले आते थे। डॉक्टर के पास जो भी मरीज आता वह उससे एक फॉर्म भरवाते थे। मरीज से यह पूछते की आप इस फार्म में लिखें कि यदि आप बच गए तो किस तरह से बाकी जिंदगी जियेगें और आपके जीवन में क्या करना शेष रह गया है जो आप करना चाहेंगें। सभी मरीज अपने मन की बात लिखने लगे।
अगर मैं बच गया तो अपने परिवार के साथ अपना समय बिताउंगा। मैं अपने पुत्र और पुत्री की संतानों के साथ जी भर कर खेलूंगा।किसी ने जी भर कर पर्यटन, घूमने का शौक पूरा करने का लिखा।किसी ने तो यह भी लिखा की मेरे द्वारा जिंदगी में यदि किसी से ठेस पहुंची है तो मैं उनसे माफी मागुंगा। किसी ने लिखा कि मैं अपनी जिंदगी में मुस्कुराना बढ़ा दूंगा। जिंदगी में किसी से भी शिकायत नहीं करूंगा और ना किसी को शिकायत का मौका दूंगा। किसी को भी मन दुख ना ऐसा काम करूंगा।
बहुत से लोगों ने तरह-तरह की बातें लिखी।
डॉक्टर आपरेशन करने के बाद जब मरीज को छुट्टी देते तब वह लिखा हुआ फार्म उन्हे वापस कर देते थे।
मरीज से कहते की आपने जो फॉर्म में लिखा है वह आप अपनी जिंदगी में कितना पूरा कर पा रहे हैं उस पर निशान लगाते जाए्। वापस आए और मुझे बताएं कि आपने इसमें से किस तरह की जिंदगी जी है।
डॉक्टर ने कहा कि एक भी व्यक्ति ने ऐसा नहीं लिखा कि अगर मैं बच गया तो मुझे किसी से बदला लेना है।
अपने दुश्मन को खत्म कर दूंगा।
मुझे बहुत धन कमाना है।
अपने आपको बहुत व्यस्त रखना है।
प्रत्येक का जीवन जीने का नजरिया अपना-अपना था।
डॉक्टर ने प्रश्न किया की जब आप स्वस्थ थे तब आपने इस तरह का जीवन क्यों नहीं जिया, आप को कौन रोक रहा था।
अभी कौन सी देरी हो गई है???
कुछ क्षण अपने जीवन के बारे में चिंतन मनन करें। हमें अपनी जिंदगी में किस तरह का जीवन जीना शेष रह गया है, जो हम जीवन जीना चाहते थे ? बस इस तरह का जीवन जीना प्रारम्भ करें। जीवन का आनंद तभी है जब जीवन यात्रा पूर्ण हो तब कोई कामना नहीं रहे,कोई अफ़सोस न रहे। मन में यह न रहे की मैं जैसा जीवन जीना चाहता था,वैसा जीवन नहीं जी सका।

*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, वो पर्याप्त है।।*
✍🏻✍🏻 Pintu Jangid Merta ✍🏻✍🏻
✍🏻✍🏻 Marudhara News ✍🏻✍🏻

24/10/2024

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🦋 *आज की प्रेरणा* 🦋

दूसरों के जीवन में फैलाया गया प्रकाश हमारे जीवन को स्वतः ही रौशन कर देता है।

*आज से हम* सभी के जीवन में उमंग और उत्साह का प्रकाश फैलाएं...

💧 *TODAY'S INSPIRATION* 💧

If we light a lamp for someone else, it will also brighten our path!

*TODAY ONWARDS LET'S* light a lamp of zeal and enthisiasm in everyone's life.

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✍🏻✍🏻 Pintu Jangid Merta ✍🏻✍🏻
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24/10/2024

2️⃣4️⃣❗1️⃣0️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣4️⃣
*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
*!! अंधा व्यक्ति और लालटेन !!*
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दुनिया में तरह-तरह के लोग होते हैं. कुछ तो ऐसे होते हैं, जो स्वयं की कमजोरियों को तो नज़रंदाज़ कर जाते हैं किंतु दूसरों की कमजोरियों पर उपहास करने सदा तत्पर रहते हैं. वास्तविकता का अनुमान लगाये बिना वे दूसरों की कमजोरियों पर हँसते हैं और अपने तीखे शब्दों के बाणों से उन्हें ठेस पहुँचाते हैं. किंतु जब उन्हें यथार्थ का तमाचा पड़ता है, तो सिवाय ग्लानि के उनके पास कुछ शेष नहीं बचता.

आज हम आपको एक अंधे व्यक्ति की कहानी बता रहे हैं, जिसे ऐसे ही लोगों के उपहास का पात्र बनना पड़ा.

एक गाँव में एक अंधा व्यक्ति रहता था. वह रात में जब भी बाहर जाता, एक जली हुई लालटेन हमेशा अपने साथ रखता था.

एक रात वह अपने दोस्त के घर से भोजन कर अपने घर वापस आ रहा था. हमेशा की तरह उसके हाथ में एक जली हुई लालटेन थी. कुछ शरारती लड़कों ने जब उसके हाथ में लालटेन देखी, तो उस पर हंसने लगे और उस पर व्यंग्य बाण छोड़कर कहने लगे, “अरे, देखो-देखो अंधा लालटेन लेकर जा रहा है. अंधे को लालटेन का क्या काम?”

उनकी बात सुनकर अंधा व्यक्ति ठिठक गया और नम्रता से बोला, “सही कहते हो भाईयों. मैं तो अंधा हूँ. देख नहीं सकता. मेरी दुनिया में तो सदा से अंधेरा रहा है. मुझे लालटेन क्या काम? मेरी आदत तो अंधेरे में ही जीने की है. लेकिन आप जैसे आँखों वाले लोगों को तो अंधेरे में जीने की आदत नहीं होती. आप लोगों को अंधेरे में देखने में समस्या हो सकती है. कहीं आप जैसे लोग मुझे अंधेरे में देख ना पायें और धक्का दे दें, तो मुझ बेचारे का क्या होगा? इसलिए ये लालटेन आप जैसे लोगों के लिए लेकर चलता हूँ. ताकि अंधेरे में आप लोग मुझ अंधे को देख सकें.”

अंधे व्यक्ति की बात सुनकर वे लड़के शर्मसार हो गए और उससे क्षमा मांगने लगे. उन्होंने प्रण किया कि भविष्य में बिना सोचे-समझे किसी से कुछ नहीं कहेंगे.

*शिक्षा:-*
मित्रों! हमें कभी किसी को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और कुछ भी कहने के पूर्व अच्छी तरह सोच-विचार कर लेना चाहिए।

*सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है।।*
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✍🏻✍🏻 Pintu Jangid Merta ✍🏻✍🏻
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22/10/2024

*✍🏻✍🏻 समझदार आदमी अपनी समझदारी की वजह से चुप हो जाता है और मूर्ख को लगता है कि मेरे डर की वजह से चुप है.*

*👉🏻 गुरुर किस बात का है जिन्दगी मे आज आप मिट्टी के ऊपर हो मगर कल मिट्टी आपके ऊपर होगी,*
*जीवन मे जिंदा रहने के लिये भोजन जरुरी है, भोजन से ज्यादा पानी जरुरी है, पानी से ज्यादा वायु जरुरी है, वायु से ज्यादा आयु जरुरी है, पर आयु से ज्यादा आत्मविश्वास जरुरी है ।।*

*🙏🏻🌅शुभ प्रभात 🌅🙏🏻*
*👏🏻🚩 राधे - राधे 🚩👏🏻*
*🤝 आपका दिन मंगलमय हो 🤝*

✍🏻✍🏻 Pintu Jangid Merta ✍🏻✍🏻
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22/10/2024

2️⃣2️⃣❗1️⃣0️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣4️⃣
*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
*!! झूठ और सच !!*
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किसी गाँव में मित्र एक ब्राह्मण रहता था। एक बार वह अपने यजमान से एक बकरा दान में पाकर अपने घर को जा रहा था। रास्ता लम्बा और सुनसान था। थोड़ी दूर आगे जाने पर रास्ते में उसे तीन ठग मिले। ब्राह्मण के कंधे पर बकरे को देखकर तीनों ने उसे हथियाने की योजना बना ली।

तीनों अलग-अलग हो गये। सबसे पहले एक ठग ने पंडित के पास से गुजरते हुए पंडित जी से कहा पंडित जी ये कंधे पर उठाकर क्या लेके जा रहे हो। यह क्या अनर्थ कर रहे हो ब्राह्मण होकर एक कुत्ते को अपने कंधों पर उठा रखा है आपने। पंडित ने झिड़कते हुए जवाब दिया, “कुछ भी अनाप शनाप बोल रहे हो अंधे हो गये हो क्या ये बकरा है तुम्हें दिखाई नहीं देता?” इस पर ठग ने बनावटी चेहरा बनाते हुए जवाब दिया कि मेरा क्या जाता है मेरा काम आपको बताना था आगे आपकी मर्ज़ी। अगर आपको कुत्ता ही अपने कंधों पर लेके जाना है तो मुझे क्या? अपना काम आप जानो, यह कहकर वह निकल गया।

थोड़ी दूर चलने के बाद ब्राह्मण को दूसरा ठग मिला। उसने ब्राह्मण से कहा, “पंडित जी क्या आप नहीं जानते उच्च कुल के लोगों को अपने कंधों पर कुता नहीं लादना चाहिए।” पंडित ने उसे भी झिड़का और आगे बढ़ गया।

इस पर थोड़ी दूर और आगे जाने के बाद पंडित से तीसरा ठग मिला और उसने पंडित से कुत्ते को पीठ पर लादे जाने का कारण पूछा तो पंडित के मन में आया कि हो न हो मेरी आंखें धोखा खा रही है। इतने लोग झूठ नहीं बोल सकते, लगता है कि ये कुत्ता ही है और उसने रास्ते में थोडा आगे जाकर बकरे को अपने कंधे से उतार दिया और घर को चला गया।

तीनों ठगों ने बकरे को मारकर खूब दावत उडाई।

*शिक्षा:-*
इसलिए कहा गया है बार-बार झूठ को भी मेजोरिटी में बोलने पर वह सच जैसा जान पड़ता है और लोग धोखे का शिकार हो जाते हैं।

*सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है।।*
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✍🏻✍🏻 Pintu Jangid Merta ✍🏻✍🏻
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19/10/2024

*सिर्फ़ वही पढ़ें जिनकी औलाद हैं!*
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*‼️ऑन लाईन गेम्स में कहीं आपकी औलाद!! ब्याज़ माफ़ियायों के चक्कर में तो नहीं????‼️*🤔

*✒️सुरेन्द्र चतुर्वेदी*

*नए विषयों पर समाज की आँखें खोलने का काम मैं पिछले चालीस साल से कर रहा हूँ। समाज की विकृतियों और विद्रूपताओं पर मेरी क़लम बेख़ौफ़ होकर चलती रही है। कई बार संयम खो देता हूँ इस बात से इंकार नहीं करता। कई बार भाषा के स्तर पर लोग उँगली उठा देते हैं मगर दोस्तों! जो शब्द ! समाज आज तक ख़ारिज़ नहीं कर पाया उससे गुरेज़ करने की नसीहत मुझे ही क्यों❓*🤷‍♂️
*मित्रों! मै लापरवाह हूँ मगर इतना भी नहीं कि समाज के दुश्मनों को नज़रंदाज़ कर दूँ। आज जिस विषय पर आपको जानकारी दे रहा हूँ वह आपके आस पास घट रहा है। आप देख भी रहे हैं। आप महसूस भी कर रहे हैं मगर कर कुछ नहीं पा रहे!!*❌
*यही अंतर है आपमें और मुझमें। कल एक सज्जन मेरे पास आए । उन्होंने बताया कि उनकी इकलौती संतान ने उनको बर्बाद कर दिया है। पूछने पर बताया कि उनका बेटा मोबाईल पर "ओन लाईन गेम्स" खेलता है। गेम्स में पैसा लगाया जाता है। लाभ के लालच में बच्चे पैसा लगाते रहते हैं। शुरू में घर से चोरियां करके शौक़ पूरा करते हैं , फिर ब्याज़ खोरों के नेटवर्क से जुड़ जाते हैं।*😯
*ब्याज माफ़ियायों के चक्कर में लाखों रुपए का क़र्ज़ ले लिया जाता है।जब क़र्ज़ ज़ियादा चढ़ जाता है तो ब्याज़ खोर बच्चे के माँ बाप से सम्बंध क़ायम करते हैं। बच्चे के साथ हुई लिखत पढ़त दिखाते हैं। स्टॉम्प पेपर देख कर मां बाप बुरी तरह घबरा जाते हैं और बदनामी के डर से घर के ज़ेवरात बेच कर बच्चे की हरक़तों का खामियाज़ा भुगतते हैं।*😣
*जब उनके बच्चे से बात की तो उसने ऐसे बच्चों की लंबी लिस्ट बता दी, जिनको ब्याज़ माफ़ियायों ने अपनी गिरफ्त में ले रखा है।*😳
*इस बात का ज़िक्र बाई द वे फ़ोन पर मैंने बाड़मेर के पत्रकार मित्र से जब किया तो उन्होंने मामले से जुड़ी लंबी जानकारियां देकर बात की तस्दीक कर दी।*👍
*उन्होंने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग के दुष्परिणाम अजमेर में ही नहीं बाड़मेर ,कोटा, सीकर, गंगानगर, उदयपुर तथा राज्य के अन्य जिलों में भी देखने को मिल रहे हैं। अब तो यह गेम घर-घर की कहानी बन चुका है।*💁‍♂️
*बच्चों की करतूतें मां-बाप भुगत रहे हैं। 10वीं 11वीं में आए विद्यार्थियों ने 10-10 लाख रुपए क़र्ज़े ले रखे हैं।*🙄
*पूरे राज्य में ऑनलाइन गेमिंग और ब्याज खोरों का गठजोड़ खुलेआम चल रहा है। 10वीं 11वीं से आए विद्यार्थियों ने 10-10 लाख ब्याज पर उठा रखे हैं। क़र्ज़ देने वाले 10 रु सैकड़ा ब्याज वसूल रहे हैं ।*🫢
*इस गोरखधंधे में एक युवक फंसता है तो दूसरे को भी फंसा देता है। गेम खेलने वाले सैंकड़ों छात्र ब्याज माफ़ियायों के झांसे झांसी में आए हुए हैं ।*😱
*हर शहर में एक ही तरीक़ा काम में लिया जा रहा है। रुपया देने के बाद ब्याज़ खोर गुंडे नाबालिगों से न तो पैसा वापस लेने की जल्दबाजी करते हैं ना व्यवहार खराब करते हैं । जैसे ही क़र्ज़ लाखों में पहुंचता है वह उन पर हावी हो जाते हैं । फिर एक दूसरा ब्याजखोर कर्ज उतारने के लिए नाबालिग के पास पहुंच जाता है । वह उसको उधार दे कर पुराना उधार चुकाता है और उसे अपनी ग्गिरफ़्त में ले लेता है । नाबालिग यह सोचते हैं कि चलो एक का तो क़र्ज़ा चूका। यह वह नहीं समझ पाते कि जिस दूसरे व्यक्ति ने कर्ज चुकाया है वह भी इस गैंग का ही सदस्य है।*😨
*जब क़र्ज़ 10 लाख तक पहुंचता है तब बात मां-बापो तक पहुंचती है । मूल और ब्याज की वसूली के लिए मां-बाप के साथ गुंडागर्दी की जाती है । मां-बाप घर और बच्चे की इज्जत बचाने के लिए बात पुलिस तक पहुंचने में कतराते हैं। सयाने होते बेटों का भविष्य बचाने के लिए अपना सब कुछ लुटा कर ब्याज भर के बच्चों को मुक्त करवा लेते हैं।*🙋‍♂️
*इस बारे में जानकारी मिली कि एक कारोबारी जिसका कारोबार बहुत शानदार चल रहा है, उसका बेटा ब्याज खोरों का शिकार हो गया। ऑनलाइन गेमिंग में उसने 10 लाख का उधार सर पर चढ़ा लिया। बेटा पैसे वाले का था इसलिए ब्याजखोर जानते थे कि इज्जत बचाने को उसका बाप पैसे चुकायेगा ही। हुआ भी यही कि आखिर उसने पैसा चुका दिया।*🤷‍♂️
*अन्य मामले में एक उच्च अधिकारी के पुत्र ने 11 लाख रुपए ब्याज पर चढ़ा लिए । काफी हुज़्ज़त के बाद 8 लाख में मामला निपटाया गया।*😯
*चाय की होटल चलाने वाले एक व्यक्ति के लड़के ने 5 लाख ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में यह सोचकर उधार ले लिए कि गेम जीतकर वह पैसा लौटा देगा। नतीजा यह हुआ कि वह पैसा तो नहीं चुका पाया मगर उसके पिता को पैसा चुकाने के लिए अपना मकान बेचना पड़ा।*🫢
*मित्रों! आप भी अपनी भोली भाली संतानों को इतना भोला न समझें। उनके मोबाईल पर नज़र रखें। मोबाईल के ऐप्स चैक करते रहें। हो सकता है पढ़ाई में व्यस्त न होकर आपका लाडला आन लाईन गेम्स खेल रहा हो। उसके और ख़ुद के बर्बाद होने से पहले कड़ा नियंत्रण स्थापित कर लें। सूखे नशे के बाद आन लाइन गेम्स का नशा भी इस समय ख़तरनाक़ रूप से युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है।*🥺

✍🏻✍🏻 Pintu Jangid Merta ✍🏻✍🏻
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19/10/2024

1️⃣9️⃣❗1️⃣0️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣4️⃣
*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*
*!! ईश्वर का निर्णय !!*
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जंगल में एक गर्भवती हिरनी बच्चे को जन्म देने को थी। वो एकांत जगह की तलाश में घुम रही थी, कि उसे नदी किनारे ऊँची और घनी घास दिखी। उसे वो उपयुक्त स्थान लगा शिशु को जन्म देने के लिये।

वहां पहुँचते ही उसे प्रसव पीडा शुरू हो गयी। उसी समय आसमान में घनघोर बादल वर्षा को आतुर हो उठे और बिजली कड़कने लगी।

उसने बाये देखा तो एक शिकारी तीर का निशाना, उसकी तरफ साध रहा था। घबराकर वह दाहिने मुडी, तो वहां एक भूखा शेर, झपटने को तैयार बैठा था। सामने सूखी घास आग पकड चुकी थी और पीछे मुडी तो नदी में जल बहुत था।

मादा हिरनी क्या करती ? वह प्रसव पीडा से व्याकुल थी। अब क्या होगा ? क्या हिरनी जीवित बचेगी ? क्या वो अपने शावक को जन्म दे पायेगी ? क्या शावक जीवित रहेगा ?

क्या जंगल की आग सब कुछ जला देगी ? क्या मादा हिरनी शिकारी के तीर से बच पायेगी ? क्या मादा हिरनी भूखे शेर का भोजन बनेगी ? वो एक तरफ आग से घिरी है और पीछे नदी है। क्या करेगी वो ?

हिरनी अपने आप को शून्य में छोड, अपने बच्चे को जन्म देने में लग गयी। कुदरत का करिश्मा देखिये। बिजली चमकी और तीर छोड़ते हुए, शिकारी की आँखें चौंधियां गयी। उसका तीर हिरनी के पास से गुजरते, शेर की आँख में जा लगा, शेर दहाडता हुआ इधर उधर भागने लगा और शिकारी, शेर को घायल ज़ानकर भाग गया। घनघोर बारिश शुरू हो गयी और जंगल की आग बुझ गयी। हिरनी ने शावक को जन्म दिया।

*शिक्षा:-*
हमारे जीवन में भी कभी कभी कुछ क्षण ऐसे आते हैं, जब हम पूर्ण पुरुषार्थ के बावजूद चारों तरफ से समस्याओं से घिरे होते हैं और कोई निर्णय नहीं ले पाते। तब सब कुछ नियति के हाथों सौंपकर अपने उत्तरदायित्व व प्राथमिकता पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। अन्तत: यश-अपयश, हार-जीत, जीवन-मृत्यु का अन्तिम निर्णय ईश्वर करता है। हमें उस पर विश्वास कर उसके निर्णय का सम्मान करना चाहिए।

*सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है।।*
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️
✍🏻✍🏻 Pintu Jangid Merta ✍🏻✍🏻
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17/10/2024

*‼️उड़ता पंजाब के बाद उड़ता राजस्थान‼️*🫢

*✒️सुरेन्द्र चतुर्वेदी*

*राजस्थान में नशे का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, जिसने अब तक न जाने कितने परिवारों को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। देश की बड़ी चुनौतियों में एक चुनौती नशे के कारोबार पर अंकुश लगाकर युवाओं व बच्चों को इसके चंगुल में फंसने से बचाना है।*👍
*राजस्थान में कई स्थानों पर कानूनी रूप से अफीम की खेती होती है। राजस्थान में कोटा, बारां, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ आदि में औषधीय प्रयोग के लिए अफीम का उत्पादन होता है लेकिन यहां अवैध रूप से अफीम को मादक पदार्थों के रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है। इसके अलावा स्मैक, गांजा, हेरोइन, चरस, ब्राउन शुगर व सिंथेटिक ड्रग्स को तस्करी के जरिए लाया जाता है।*🤨
*राजस्थान में तस्करी के तार पड़ोसी राज्यों के साथ ही पड़ोसी देशों – म्यांमार, पाकिस्तान, नेपाल से भी जुड़े हैं। म्यांमार से ड्रग्स मणिपुर, मिजोरम के रास्ते राजस्थान समेत पूरे देश में पहुंचाई जाती हैं।*💁‍♂️
*इसी तरह पाकिस्तान से पंजाब, राजस्थान, गुजरात, जम्मू-कश्मीर में पहुंचती हैं और नेपाल से तस्करी कर उत्तर प्रदेश और बिहार लाई जाती हैं।*🙋‍♂️
*राजस्थान में अफीम की पैदावार वाले इलाकों के साथ ही सीमावर्ती जिले श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर और जालोर इस कारोबार के बड़े केन्द्र बन गये हैं।*🤷‍♂️
*पिछले दिनों कोटा की अनन्तपुरा थाना पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान एक गांजा तस्कर को गिरफ्तार किया। इसके पास से 73 किलो गांजा जब्त किया गया। आरोपी यह गांजा ट्रक के केबिन में छिपाकर ले जा रहा था। ट्रक ओडिशा से जोधपुर आ रहा था। नाकेबंदी पर पूछताछ में आरोपी ने ट्रक में कपास की बोरियां भरी होना बताया। लेकिन तलाशी लेने पर 73 किलो गांजा मिला।*😱
*विगत फरवरी में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने 96 लाख का 4.8 टन डोडा चूरा पकड़ा। जिसे आलू चिप्स की आड़ में तस्करी कर के मध्यप्रदेश से जोधपुर ले जाया जा रहा था।*🥺
*पिछले वर्ष जून में भी नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने एक ट्रक से 5.8 टन (5800 किलो) डोडा चूरा बरामद किया था।*😨
*पिछले सप्ताह शनिवार को उदयपुर जिले की रठांजना थाना पुलिस ने 45 लाख रुपए की ब्राउन शुगर के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया।*💁‍♂️
*वर्ष 2020 में कोविड के चलते नशे के व्यापार में कुछ कमी आई लेकिन वर्ष 2019 में पुलिस ने राजस्थान में मादक पदार्थों के विरुद्ध 2592 प्रकरण दर्ज किए थे, 3881 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था और 1 लाख 10 हजार 156 किलोग्राम डोडा-पोस्त, 8 हजार 840 किलोग्राम गांजा, 533 किलोग्राम अफीम, 26 किलोग्राम चरस, स्मैक, हेरोइन एवं ब्राउन शुगर बरामद की थी।*🙋‍♂️
*ये तो वे खेपें हैं जो पकड़ में आ गईं, कितना मादक पदार्थ प्रदेश में हर साल खप जाता है इसका कोई निश्चित आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। लेकिन आसानी से उपलब्ध इस नशे ने सामाजिक बुराइयों को जन्म दिया है।*💁‍♂️
*पुष्कर निवासी 32 वर्षीय युवक पिछले कई वर्षों से स्मैक का नशा कर रहा था, बाद में स्थिति यह हो गई कि वह पैसे न रहने पर चोरी करने लगा।*😯
*कपड़ों पर प्रेस करके घर चलाने वाली किशनगढ़ की रमा ने बताया कि पति की नशे की आदत के चलते उनका पुश्तैनी मकान बिक गया, उन्हें भी अक्सर घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ता था।*🙄
*केकड़ी कस्बे में रहने वाली घरों में झाड़ू पोंछा करके रोजी रोटी कमाने वाली मोहिनी ने बताया कि वह 25 साल की उम्र में विधवा हो गई। एक दिन पति ने कुछ ज्यादा नशा कर लिया फिर वह सुबह उठा ही नहीं।*🫢
*राजस्थान का युवा बड़ी संख्या में नशा माफियाओं के चंगुल में फंसता जा रहा है। राजस्थान के युवा पूरी तरह इस चंगुल में फंसे उससे पहले ही सरकार और प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही, पीड़ित व पीड़ित के परिवार को भी इस बुराई से लड़ने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति दिखानी होगी।*💯
✍🏻✍🏻 Pintu Jangid Merta ✍🏻✍🏻

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