05/09/2025
The Beggar and Buddha Story | Buddha Wisdom
भिखारी और बुद्ध की कहानी | बुद्ध ज्ञान
बहुत समय पहले की बात है। एक युवक अपने परिवार से दूर निकल पड़ा। उसे लगा कि दुनिया की दौलत, शक्ति और विलासिता ही असली सुख है। उसने सोचा – "अगर मेरे पास धन होगा तो मैं सबसे खुश इंसान बन जाऊँगा।"
वह जगह-जगह भटकता रहा। उसने बहुत काम किए, व्यापार किए, धन कमाने की कोशिश की। कभी सफलता मिली, कभी असफलता। लेकिन हर बार उसे अंदर से खालीपन ही महसूस हुआ।
समय बीतता गया, और वह युवक थककर निराश हो गया। उसका मन शांति ढूँढ रहा था, लेकिन उसे कहीं भी शांति नहीं मिल रही थी।
एक दिन किसी ने उसे बताया कि बुद्ध पास के गाँव में ठहरे हुए हैं। युवक वहाँ पहुँचा और बुद्ध के चरणों में बैठ गया। उसकी आँखों में आँसू थे। उसने कहा –
"भगवन, मैंने सारी दुनिया देख ली, हर जगह भागा, लेकिन मुझे सच्चा सुख नहीं मिला। कृपया बताइए, जीवन का असली अर्थ क्या है?"
बुद्ध मुस्कुराए और शांत स्वर में बोले –
"तुम बहुत दूर चले गए हो, लेकिन जो तुम खोज रहे हो वह कभी बाहर नहीं था। सच्चा सुख बाहर की वस्तुओं में नहीं है। यह तुम्हारे भीतर है। जब तक मन लालच, क्रोध और मोह से भरा है, तब तक तुम्हें शांति नहीं मिलेगी। लेकिन जब तुम अपने भीतर झाँकोगे और करुणा, प्रेम और संतोष को अपनाओगे, तभी तुम्हें सच्चा सुख मिलेगा।"
युवक ने बुद्ध की वाणी सुनी और उसे लगा जैसे उसके मन का अंधकार मिट गया हो। उसने वहीं बुद्ध के शिष्य बनने का निश्चय किया।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हम चाहे कितनी भी भौतिक वस्तुएँ इकट्ठी कर लें, अगर मन शांत नहीं है, तो जीवन अधूरा है।
सच्चा सुख केवल भीतर की जागरूकता और आत्मज्ञान से मिलता है।
आज के समय में जब हर कोई भाग रहा है – करियर, पैसा, शोहरत के पीछे – तब बुद्ध का यह संदेश हमें याद दिलाता है कि शांति और आनंद हमारे भीतर ही है।
अगर आप भगवान बुद्ध में विश्वास करते हैं, तो कमेंट में लिखें — "Namo Buddhaya"
और अगर आपको हमारी यह वीडियो पसंद आई हो, तो वीडियो को लाइक करें और हमारे पेज *Buddha Wisdom* को फॉलो करें।
धन्यवाद।