Divine Love of Neem Karoli Baba

Divine Love of Neem Karoli Baba His wisdom fills a positive attitude.
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नीम करोली महाराज के अद्भुत चमत्कारों, शिक्षाओं एवं शक्तियों के विषय में रुचि रखने मात्र से होता है जीवन परिवर्तित। here I aim to share the Teachings, Stories of Miracles & Divine Love of Baba Ji towards his devotees.

एक बार पुलिस के डी.आई.जी. (उप महानिरीक्षक) निरीक्षण के लिए अलीगढ़ गए थे। वे स्थानीय पुलिस से नाखुश थे, क्योंकि वहां तार ...
09/08/2025

एक बार पुलिस के डी.आई.जी. (उप महानिरीक्षक) निरीक्षण के लिए अलीगढ़ गए थे। वे स्थानीय पुलिस से नाखुश थे, क्योंकि वहां तार चोरों का एक गिरोह पकड़ा नहीं जा रहा था। उन्होंने पुलिस को जल्द ही गिरफ्तारी करने को कहा। बाबा उसी दिन अलीगढ़ पहुंचे। डी.आई.जी., जो बाबा के भक्त थे, ने दुर्गा प्रसाद तिवारी को जीप में बाबा को बुलाने के लिए भेजा। उन्हें ले जाते समय तिवारी सोच रहे थे कि तार चोरों को कैसे पकड़ा जाए, क्योंकि यह बात उनके दिमाग में बहुत भारी पड़ रही थी। बाबा ने अचानक कहा, "गिरफ्तारी के आदेश ने आपको चिंता में डाल दिया है।" तिवारी को समझ में नहीं आया कि बाबा क्या कह रहे थे। जब बाबा ने अपने शब्द दोहराए, तो उन्हें समझ में आ गया कि यह बात उन्हें चिंतित कर रही है। उन्होंने कहा, "महाराज, सेवा में होने के कारण मुझे अपनी नौकरी की चिंता करनी पड़ती है।" बाबा ने कहा, "चिंता मत करो। तीन दिन में सब ठीक हो जाएगा," और दोहराया, "तीन दिन में सब ठीक हो जाएगा।" अगले दिन एक हेड कांस्टेबल ने तिवारी को जगाया। उनके साथ तार काटने वाले तीन चोर भी थे। पुलिस ने उनसे अन्य तार चोरों के बारे में जानकारी प्राप्त की और लगभग पचास किलो तार बरामद किया। तीसरे दिन चोरी का तार खरीदने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया गया। तीन दिन में सब कुछ ठीक हो गया। वही हुआ जो बाबा ने बोला था।
महाराज हर घटनाक्रम को जानते थे।

जय श्रीराम जय श्रीराम जय श्रीराम जय श्रीराम जय श्रीराम जय श्रीराम जय श्रीराम जय श्रीराम जय श्रीराम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

रक्षाबंधन पर महाराज जी के सभी भक्तों को शुभकामनाएं। नीब करोरी बाबाजी ने एक दिन कैंची में पूरी रात पूड़ी-सब्जी बनाने को क...
09/08/2025

रक्षाबंधन पर महाराज जी के सभी भक्तों को शुभकामनाएं।

नीब करोरी बाबाजी ने एक दिन कैंची में पूरी रात पूड़ी-सब्जी बनाने को कहा। आश्रम में कोई उत्सव न होने के कारण किसी को बाबा के आदेश का उद्देश्य समझ में नहीं आया। फिर भी, कई सौ किलो पूड़ियाँ तली गईं।

अगले दिन हमेशा की तरह प्रसाद वितरित किया गया और बहुत सारा भोजन बच गया। कार्यकर्ताओं को चिंता थी कि इतनी बड़ी मात्रा में भोजन बर्बाद हो जाएगा।

शाम के समय एक बस किसी यांत्रिक दोष के कारण अनियंत्रित हो गई और आश्रम के ठीक बाहर सड़क के पैरापेट से टकरा गई। बस के अगले पहिए एक खड़ी ढलान पर फिसल गए और बस इस तरह रुक गई कि दोनों तरफ का यातायात अवरुद्ध हो गया। लगभग डेढ़ सौ बसें फंस गईं। कैंची घाटी में जल्द ही अंधेरा छा गया और स्थिति से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। उन दिनों गाँव में एक छोटी सी चाय की दुकान को छोड़कर कोई दुकान नहीं थी।

यात्री बसों में ठंडी में रात बिताने की योजना बना रहे थे और सोच रहे थे कि बिना कुछ खाए-पिए रात गुजारनी पड़ेगी। सभी को बच्चों की अधिक चिंता हो रही थी। तभी बाबाजी ने सभी को बुलाकर गर्म चाय और भरपूर भोजन उपलब्ध करवाया। महिलाओं और बच्चों को बिस्तर मुहैया कराया गया और आश्रम में रहने की जगह दे दी गई। पुरुषों को कंबल दिए गए ताकि वे बसों में रात बिता सकें और अपने सामान की निगरानी कर सकें। यात्री आश्चर्यचकित और आभारी थे। उस अजीब समय में उस सुनसान जगह पर उन्हें जो आराम और सुविधाएँ प्रदान की गईं, वे पूरी तरह से अप्रत्याशित थीं।
तब कार्यकर्ताओं को समझ में आया कि महाराजजी ने इतना अधिक भोजन बनाने का आदेश क्यों दिया था।
जय श्रीराम जय श्रीराम जय श्रीराम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

बाबा शिवानंद के शिष्य निर्मलानंद कैंची धाम पहुंचे। बाबा का दरबार लगा हुआ था। बाबा ने निर्मलानंद से पूछा, तुमने कैंची जैस...
08/08/2025

बाबा शिवानंद के शिष्य निर्मलानंद कैंची धाम पहुंचे। बाबा का दरबार लगा हुआ था। बाबा ने निर्मलानंद से पूछा, तुमने कैंची जैसा कोई और स्थान देखा है? निर्मलानंद के मुंह से बेसाख्ता निकला- श्रीलंका का कैंडी। कैंची आश्रम की तरह वहां माणिक गंगा प्रवाहित होती है। बाबा ने फिर पूछा- क्यों निर्मलानंद वहां नारियल के बड़े-बड़े पेड़ हैं और माणिक गंगा में हाथी स्नान के लिए आते हैं। अवाक खड़े निर्मलानंद बोले- जी महाराज। जबकि, बाबा नीम करोरी महाराज, (उपलब्ध जानकारी के अनुसार) कभी श्रीलंका नहीं गये।

जय श्रीराम 🙏🏻

08/08/2025

सभी भक्त समान थे बाबा के लिए
ना कोई छोटा ना बड़ा ।

कभी कभी बाबा मज़ाक़ में कहते
मैं तो अमीरों का बाबा हो गया हूँ।

सब महिमा है उस अदृश्य शक्ति की
आप उसको शिव, राम, कृष्ण या हनुमान कुछ भी समझ लो।
वह हर रूप में हैं। ।

एक दिन, बिजनौर में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करते हुए, रामनारायण को पता चला कि पुलिस अधीक्षक के रूप में उनकी पुष्टि...
06/08/2025

एक दिन, बिजनौर में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करते हुए, रामनारायण को पता चला कि पुलिस अधीक्षक के रूप में उनकी पुष्टि के लिए उनका दावा खारिज कर दिया गया था और उन्हें अपने पिछले पद पर वापस लौटना था। यह उनके लिए बहुत बड़ा झटका और निराशा थी। उन्होंने कई वर्षों तक पूरे मन के साथ अधीक्षक के रूप में कार्य किया था, लेकिन तकनीकी आधार पर उनका दावा इसलिए खारिज कर दिया गया था कि वे उचित चयन के माध्यम से नहीं, बल्कि निचले रैंक से पदोन्नति के माध्यम से आए थे।

राम नारायण ने बताया कि, "यह मेरे लिए बहुत अपमानजनक था, और मैं इसका सामना कैसे कर सकता था? इसलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया। पूरे घर में शोक की लहर थी। मैं शाम को बंद दरवाजों के भीतर अपने सरकारी आवास में था और उस रात घर में खाना नहीं बना था, क्योंकि सभी लोग परेशान थे। लगभग नौ बजे थे जब एक पुलिसकर्मी ने गेट पर दस्तक दी। उसने कहा, 'कोई व्यक्ति आगे सड़क पर बैठा है, और उसने मुझे आपको उसके पास भेजने के लिए कहा है।' मैं तो उछल पड़ा। मुझे यकीन हो गया कि यह बाबाजी ही होंगे जो रात के इस समय आए थे, जब मैं आंसू बहा रहा था और उन्हें याद कर रहा था।

"जब मैं वहाँ पहुँचा तो बाबाजी सड़क के बीच में बैठे थे। वहाँ ज़्यादा ट्रैफ़िक नहीं था क्योंकि यह सरकारी कैम्पस के अंदर था। मेरी ओर देखते हुए उन्होंने कहा, 'तुम अपनी नौकरी से इस्तीफ़ा देने जा रहे हो? तुम किस तरह के आदमी हो? तुमने खाना नहीं बनने दिया और घर में सभी को दुखी कर दिया। चिंता मत करो। तुम अपने वर्तमान पद पर बने रहोगे और स्थायी हो जाओगे।' मैंने कहा कि ऐसा कोई मौका नहीं है; फ़ैसला अंतिम है।
बाबा ने कहा, 'ऐसा कैसे हो सकता है? लाहिन आयोग ऐसे मामलों की जाँच करेगा और तुम्हें स्थायी कर दिया जाएगा।' फिर उन्होंने कहा, 'मेरा खाना लाओ; मुझे खाना है।' मैं उन्हें अपने साथ घर ले गया। लाइटें जलाई गईं और खाना बनाना शुरू किया गया। कुछ देर बाद, उन्होंने हमें जल्दी-जल्दी बुलाना शुरू किया, 'मेरा खाना लाओ। मेरा खाना लाओ। मुझे जाना है।' खाना परोसा गया और उन्होंने थोड़ा सा खाया। ऐसा नहीं था कि वह खुद भूखे थे या उन्हें खाने की ज़रूरत थी, बल्कि यह भूखे लोगों के लिए दिन का खाना बनाने का एक तरीका था। इसके तुरंत बाद, मुझे अपने पद पर पुष्टि मिल गई।" ये घटनाएँ बताते हुए राम नारायण ने बार-बार कहा, "यह वही बाबा हैं जिन्हें मैं जानता हूँ, और जिन्हें मैं मानव शरीर में हनुमानजी मानता हूँ। यह उनके अलावा और कोई कैसे हो सकता है?" मेरे लिए उन पर विश्वास करने या न करने का कोई सवाल ही नहीं था। मैं बस इतना चाहता था कि वह अपनी कहानियाँ जितनी बार संभव हो दोहराएँ और हमें उनके साथ रहने का आनंद और स्वाद चखाएँ।

जय श्रीराम 🙏🏻🙏🏻

लोग संकट के समय नीम करौली बाबा जी को याद करते थे, और बाबा जी उनकी सहायता करने अवश्य पहुंचते थे, और उनके संकटों को दूर कर...
05/08/2025

लोग संकट के समय नीम करौली बाबा जी को याद करते थे, और बाबा जी उनकी सहायता करने अवश्य पहुंचते थे, और उनके संकटों को दूर कर देते थे। उनके लिए किसी कार्य की सफलता को देखने की प्रतीक्षा करना, दर्शकों द्वारा उनकी प्रशंसा करना, भक्तों द्वारा इन सब कार्यों के लिए उनकी स्तुति करना महत्तवपूर्ण नहीं था। बल्कि असहाय लोगों की सहायता करना ही उनके लिए जरूरी था। श्री नीम करोली बाबा जी के चमत्कारों की कथाएं जैसे -
1. लखनऊ में गोमती नदी में डूबने से भक्तों को बचाने
2. टिकट चैकर द्वारा बाबाजी को ट्रेन से उतारे जाने पर ट्रेन का आगे ना बढ़ाना
3. विदेशी भक्त रिचर्ड एलपर्ट के नशे की लत छुड़ाना
4. नैनीताल की श्रीमती शाह के मन की बात जान उनसे हम तुम्हारे घर अवश्य आएंगे बोलना तथा वहां पहुंचना
5. प्रसाव पीड़ा के पास पहुंचकर उसकी सहायता करना
6. Apple ke संस्थापक स्टीव जॉब्स का बाबा की तरफ झुकाव व सफलता प्राप्त करना
7. बुलेट प्रूफ कंबल से बुज़ुर्ग दंपति के बेटे की रक्षा करना
8. कैंची धाम में भंडारे के समय घी कम पड़ने पर पानी को घी में बदल देना
9. मकान की छत से गिरने पर बच्चे को स्वस्थ कर देना
10. हनुमानगढ़ी के मंदिर कार्य के दौरान बारिश को रोक देना
11. खारे कुएं के जल को मीठे पानी में परिवर्तित कर देना
12. चौधरी चरण सिंह को प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद देना और बाद में उनका प्रधानमंत्री बनना
13. एक मृत घोषित स्त्री को जीवित कर देना
14. एक विदेशी अनुयाई के नास्तिक पति को अपना भक्त बनाना लेना
15. भीड़ में एक घूस लेने वाले आबकारी इंस्पेक्टर को पहचान कर फटकार लगाना
16. कानपुर के मंदिर के उद्घाटन में न जाने की बात कह कर भी वहां और इलाहाबाद दोनों स्थानों पर एक साथ उपस्थित रहना
17. भक्त के झूठ बोलने पर उसकी दुकान का जलना और सच बोलने पर पुन: दुकान का बचना
18. नव दीक्षित भक्त को आशीर्वाद का गलत प्रयोग करने पर डांट लगाना
19. महाराज विजयनगर की वृद्ध माता के मन की बात जान उनके पास पहुंचना और सही समय पर उनको तत्कालीन वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के पास भेजना
20. एक भक्त को 75 साल तक जीवित रहने का आशीर्वाद देना
21. प्रयागराज में बाढ़ के प्रकोप से हनुमान मंदिर की रक्षा करना

ये सभी कथाएं हमें यह बोध कराती हैं कि कैसे बाबा अपने भक्तों के संकटग्रसत होने पर अपनी अदृश्य शक्तियों का प्रयोग कर उनके पास पहुंच कर उनके संकट हर लेते थे। इससे भक्तों का बाबा जी पर विश्वास और भी दृढ़ होता है। जो भी व्यक्ति महाराज जी पर विश्वास रखते हैं उनको उनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती है, परंतु बाबा जी इस बात से सीधे इनकार कर देते थे कि उन्होंने कोई चमत्कार किया।
नीम करोली बाबा जी की पर पीड़ा के प्रति द्रवित होने की ऐसी ही अनेक कथाएँ तथा घटनाएँ हैं जिनमें से उपरोक्त घटनाओं का विवरण मैंने अपने पेज Divine Love of Neem Karoli Baba नीम करोली बाबा का दिव्य प्रेम ( https://www.facebook.com/share/p/163uBUJq3b/
page)

तथा
(https://whatsapp.com/channel/0029Vb9tPLI9Gv7U9fnVwB1v
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पर करने का प्रयास किया है और आगे भी ऐसी ही अनेक कथाओं और घटनाओं की चर्चा Divine Love of Neem Karoli Baba पर जारी रहेगी।

नीम करोली महाराज की कृपा हम सभी पर बनी रहे।
जय श्रीराम🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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