19/10/2025
हमीरपुर में जिला टास्क फोर्स की कार्रवाई, बाल-मजदूरी एव बाल-शोषण की रोकथाम को लेकर जागरूकता अभियान चला।
हमीरपुर, 19 अक्तूबर, रजनीश कपिल:- बाल-मजदूरी और बाल-शोषण जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से जिला टास्क फोर्स हमीरपुर ने रविवार को हमीरपुर बाजार में औचक निरीक्षण अभियान चलाया। इस दौरान टीम ने दुकानों, ढाबों और होटलों का निरीक्षण किया तथा संचालकों, स्थानीय लोगों और बच्चों को बाल श्रम की रोकथाम के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस निरीक्षण में जिला बाल कल्याण समिति से सुश्री मीना कुमारी, श्रम अधिकारी श्री सुभाष शर्मा, जिला बाल संरक्षण इकाई से गैर-संस्थागत संरक्षण अधिकारी श्रीमती उर्मिला, आउटरीच वर्कर श्री अंजू कुमार, तथा चाइल्ड हेल्पलाइन से श्री सौरभ मेहरा, श्री अकरम मोहम्मद और श्रीमती शबाना खातून उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने क्षेत्र के दुकानदारों को यह स्पष्ट रूप से बताया कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी प्रकार के व्यावसायिक कार्य में लगाना कानूनन अपराध है। निरीक्षण के दौरान यह भी सुनिश्चित किया गया कि बाजार क्षेत्र में किसी भी दुकान, होटल या ढाबे में बच्चों से मजदूरी न करवाई जा रही हो। साथ ही दुकानदारों को चेतावनी दी गई कि बाल-मजदूरी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध श्रम कानूनों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। टीम ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि प्रत्येक बच्चे को सुरक्षित, शिक्षित और सम्मानजनक बचपन का अधिकार है। बाल-शोषण समाज की सबसे बड़ी बुराइयों में से एक है, जिसे समाप्त करने के लिए प्रशासन, समाज और परिवार—सभी की सामूहिक भूमिका आवश्यक है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि यदि किसी व्यक्ति को कहीं पर भी बाल-मजदूरी या बाल-शोषण की जानकारी मिलती है, तो वह तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर या किसी भी आपातकालीन सेवा के माध्यम से सूचना दे सकता है। यह नंबर पूरी तरह निशुल्क और 24 घंटे सक्रिय है, जिसके माध्यम से बच्चे की सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित की जाती है। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने भी इस पहल की सराहना की और आश्वासन दिया कि वे अपने प्रतिष्ठानों में किसी भी छोटे बच्चे को कार्य पर नहीं रखेंगे। प्रशासन की यह पहल बाल-मजदूरी के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान को और मजबूती प्रदान करेगी। जिला प्रशासन ने अंत में यह संदेश दिया कि समाज में बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए सभी नागरिकों को संवेदनशील बनना होगा। हर बच्चे को शिक्षा, खेल और सुरक्षित बचपन का अधिकार है, और इसे सुनिश्चित करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।