
28/07/2025
राजा महाराजाओं की जितनी भी तस्वीरें देखी होंगी वो सब इस कला का कमाल है-राजपूत-मुग़ल काल में आज तक हाथों की सफ़ाई से जितनी भी मिनिएचर पेंटिंग्स हुई हें वो सब इस देसी कला की बदौलत है आप देखेंगे कि आज से लगभग 1000 साल पहले यानी 10-11th सेंचुरी में यह आर्ट अस्तित्व में आया और 16-18th सेंचुरी में इसका गोल्डन पीरियड रहा।आपको जानकर हैरानी होगी की मिनिएचर आर्ट को बनाने के लिए जो ब्रश है वो लोकल बांस (बम्बू) और गिलहरी के बाल को जोड़कर बनाये जाते थे और जो कलर होते थे वो भी प्रकृति से प्राप्त कई वनस्पतियों,पेड़ों से प्राप्त गोंद और पत्थरों को पीसकर बनाये जाते थे जो कितने ही वर्षों बाद आज तक अमिट है ज़्यादातर यह कला उदयपुर,मेवाड़ क्षेत्र में बहुलता पर थी इसे मुग़ल मिनिएचर या काँगड़ा मिनिएचर भी कहा जाता है।