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Today's Best Photo 😅      𝐓𝐫𝐚𝐯𝐞𝐥 𝐏𝐥𝐚𝐧: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢 𝐚𝐧𝐝 𝐂𝐡𝐢𝐭𝐰𝐚𝐧𝐃𝐚𝐲 𝟏: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢* Depart early in the ...
19/07/2025

Today's Best Photo 😅


𝐓𝐫𝐚𝐯𝐞𝐥 𝐏𝐥𝐚𝐧: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢 𝐚𝐧𝐝 𝐂𝐡𝐢𝐭𝐰𝐚𝐧
𝐃𝐚𝐲 𝟏: 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮 𝐭𝐨 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢
* Depart early in the morning from your location via the Prithvi Highway.
* Have lunch on the way.
* Visit Lumbini, the birthplace of Lord Buddha.
* Explore the Lumbini Garden and the Temple.
* Stay Mayadevi at Lumbini.
* Have dinner at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟐: 𝐋𝐮𝐦𝐛𝐢𝐧𝐢 𝐭𝐨 𝐁𝐡𝐚𝐫𝐚𝐭𝐩𝐮𝐫
* Have an early morning breakfast at the hotel and head towards Bharatpur.
* Enjoy the scenic journey.
* Explore Bharatpur and visit the Narayani River.
* Have lunch on the way.
* Stay at Bharatpur.
* Have dinner at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟑: 𝐂𝐡𝐢𝐭𝐰𝐚𝐧 𝐍𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐏𝐚𝐫𝐤
* After breakfast, head to Chitwan National Park.
* Enjoy a jungle safari and elephant ride.
* Visit the Elephant Breeding Center.
* Have lunch inside the park.
* Return to the hotel in the evening.
* Have dinner at the hotel.
* Stay at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟒: 𝐁𝐡𝐚𝐫𝐚𝐭𝐩𝐮𝐫 𝐭𝐨 𝐁𝐚𝐧𝐝𝐢𝐩𝐮𝐫
* Have an early morning breakfast at the hotel.
* Head towards Bandipur.
* Have lunch on the way.
* Explore Bandipur, visit Siddha Gufa (cave), and enjoy the local culture.
* Stay at Bandipur.
* Have dinner at the hotel.
𝐃𝐚𝐲 𝟓: 𝐁𝐚𝐧𝐝𝐢𝐩𝐮𝐫 𝐭𝐨 𝐊𝐚𝐭𝐡𝐦𝐚𝐧𝐝𝐮
* Have breakfast at the hotel.
* Head back to Kathmandu.
* Have lunch on the way.
* Reach Kathmandu by evening.
𝐏𝐚𝐜𝐤𝐚𝐠𝐞 𝐈𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐞𝐬:
✅ Lunch
✅ Dinner
𝐏𝐥𝐞𝐚𝐬𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐨𝐩𝐩𝐨𝐫𝐭𝐮𝐧𝐢𝐭𝐲 𝐭𝐨 𝐬𝐞𝐫𝐯𝐞, 𝐘𝐨𝐮𝐫 𝐒𝐚𝐭𝐢𝐬𝐟𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐬 𝐨𝐮𝐫 𝐀𝐜𝐡𝐢𝐞𝐯𝐞𝐦𝐞𝐧𝐭

09/07/2025

यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें संतुष्ट और खुश रहना चाहिए।

रवि आज बहुत खुश था। आज वो अपने सभी दोस्तों के साथ स्कूल पिकनिक पर जा रहा था। उसने कल रात ही माँ से कह दिया था कि वो लंच में पास्ता ले जाएगा। पर माँ किसी ज़रूरी काम में व्यस्त हो गई और पास्ता बनाने वाली बात भूल गई। माँ ने रवि को लंच में रोटी-सब्ज़ी दे दी।

स्कूल बस पिकनिक की जगह पर पहुँची। वह एक सुंदर घाटी थी जहाँ रंग-बिरंगे फूल और हरे-भरे पेड़ थे। बच्चों ने टीचर्स के साथ मिलकर कई खेल खेले, डांस किया, गाने गाए और बहुत मज़ा किया। थोड़ी ही देर में लंच का समय हो गया। सभी बच्चों ने अपने लंच बॉक्स खोले जिनमें बर्गर, पेस्ट्री, पिज़्ज़ा से लेकर चाट-पकोड़े और समोसे तक हर तरह की स्वादिष्ट चीज़ें मौज़ूद थी।



रवि ने भी उत्साह में अपना लंच-बॉक्स खोला। "क्या! रोटी-सब्ज़ी, पर मैंने तो माँ को पास्ता देने के लिए कहा था। मेरे सारे दोस्त इतनी टेस्टी चीज़े खा रहे हैं और मुझे ये बोरिंग रोटी-सब्ज़ी खानी पड़ेगी," यह सोच कर उसने लंच-बॉक्स वापस बैग में रख दिया।

रवि उदास हो कर टहल रहा था, तभी उसकी नज़र एक अमरूद के पेड़ पर गई। पेड़ पर दो चिड़ियाँ बैठी

थीं। एक चिड़िया बहुत जल्दबाज़ी में फल खा रही थी, वह मीठे फल को खाकर खुश हो जाती और खट्टे फल को खाकर परेशान। वहीं दूसरी चिड़िया चुप-चाप शांत बैठी थी।

रवि शांत बैठी चिड़िया के पास गया और बोला, "तुम फल क्यों नहीं खा रही हो?"

चिड़िया बोली, "मेरी फल खाने के कोई इच्छा नहीं है, मैं बिना कोई फल खाए भी खुश रहती हूँ। मैं हमेशा आनंद में रहती हूँ।"

"अगर तुम्हें खट्टा फल मिले तो क्या तुम दुखी नहीं होती," रवि ने चिड़िया से पूछा। "चाहे मीठा फल हो या खट्टा, मेरी खुशी में कोई कमी नहीं आती," चिड़िया ने जवाब दिया।

चिड़िया की बातें सुनकर, रवि की सोच बदल गई। उसने बड़े खुश होकर, माँ के हाथ की बनी रोटी-सब्ज़ी खाई और बहुत संतुष्ट हुआ। वह समझ गया कि हमें चाहे जो भी मिले हमें उसमें खुश रहना चाहिए।

08/07/2025

यह कहानी हमें सिखाती है कि भगवान हर जगह है।

Story

आज मोनू का जन्मदिन था। वह आज पूरे नौ वर्ष का हो गया था। सुबह तैयार होकर वह पिताजी के साथ मंदिर गया। रास्ते में उसने एक आदमी को गाय की पूजा करते देखा। मंदिर के बाहर एक औरत पीपल के पेड़ की पूजा कर रही थी। पुजारी जी सूरज को जल चढ़ा रहे थे। मोनू ने मंदिर में भगवान की पूजा की। मंदिर से लौटते समय उसने अपने पिताजी से पूछा, “पापा, हम जानवरों, पेड़-पौधों, सूरज और चाँद की पूजा क्यों करते हैं?

“अच्छा सवाल है, क्यों न हम मिलकर इसका जवाब ढूंढे?” पिताजी बोले।

मंदिर से आकर मोनू पिताजी के साथ अपने जन्मदिन की पार्टी का सामान लेने बाज़ार गया। उन्होंने गुब्बारे, मोमबत्तियाँ और सजावट का सामान लिया।

माँ ने मटर-पनीर की सब्जी बनाने के लिए पनीर मँगवाया था। इसलिए वे दोनों दूध की डेयरी पर पनीर लेने गए।

“पर यहाँ तो दूध मिलता है ना पापा!,” मोनू ने पूछा।

“हाँ, और पनीर भी मिलता है, पनीर दूध से ही तो बनता है,” पापा बोले।

तभी वहाँ एक आदमी आया और बोला मुझे दही बनाने के लिए एक लीटर दूध देना।

“वाह! दही भी दूध से बनता है,” मोनू ने सोचा।

मोनू और पिताजी फिर आइसक्रीम खरीदने गए। आइसक्रीम वाले ने कहा कि आज हमारा दूध फट गया। इसलिए आइस-क्रीम नहीं बन पाई।

पिताजी बोले, “उदास मत हो बेटा, चलो हम दूसरी दुकान से आइसक्रीम ले आते हैं।“ वे दूसरी दुकान पर गए और मोनू की मनपसंद मैंगो आइसक्रीम ली।

अरे! हम मिठाइयाँ लेना तो भूल ही गए। चलो जल्दी मिठाई की दुकान पर चलते हैं। वे मिठाई खरीद ही रहे थे की तभी वहाँ एक दूधवाला आया जिसने दुकानदार को बहुत-सा दूध दिया।

“पापा एक ही दूध से कितनी सारी चीज़ें बनती है- दही, पनीर, मक्खन, मिठाइयाँ और आइसक्रीम भी।” मोनू बोला।

“हाँ, कमाल है ना।” पिताजी बोले।

मोनू बोला, “लगता है मुझे मेरे सवाल का जवाब मिल गया जैसे इन सभी चीज़ों के अलग-अलग रूप और नाम हैं पर वे बने तो एक ही चीज़ के हैं। वैसे ही इंसान-पेड़, पौधे, और जानवर दिखते अलग-अलग हैं पर सबमें वही एक भगवान हैं।”

Address

New Amritsar

Website

https://www.instagram.com/moviestoredk/profilecard/?igsh=ZGltbGhscGQ4MDl3

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