12/09/2025
मैं बहुत दिनों से अखिल भारतीय नारा लगाओ विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष की बातों को इग्नोर कर रहा था मगर अब इतना मजबूर कर दिया है मजबूरन बोलना पड़ेगा!
मैं शुभांकर मिश्रा के साथ पॉडकास्ट में कही गई बातों पर खास तौर पर ओवैसी साहब को ले कर कोई टिपण्णी नहीं करूंगा...
बस इतना कहूंगा कि अगर शायर महोदय खुद को बहुत बड़ा सेकूलर नेता कहते हैं तो बस इतना बता दो कि आखिर ऐसी कौन सी राजनीतिक मजबूरी थी कि चुनाव लड़ने के लिए अपना अपना जिला प्रतापगढ़ छोड़कर मुरादाबाद जाना पड़ा था?
खुद पॉडकास्ट के अंदर बोले हो कि मैं प्रतापगढ़ से ज्यादा इलाहाबाद के करीब हूं तो इलाहाबाद क्यों नहीं गए चुनाव लड़ने?
अगर खुद को सच में सेकुलर नेता मानते हो और ये यकीन है कि आपको सभी समुदाय वोट देते हैं तो लड़िए प्रतापगढ़ से लोकसभा चुनाव, हम भी देखते हैं कितने कट्टर सेकुलर नेता हो और वोट देते समय सभी समाज साथ आते है!
और ऐसा नहीं है कि बाकी नेता कुछ नहीं करते हैं या केवल मुस्लिम इलाकों से ही चुनाव जीतते है तो याद रखो मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी, अब्बास अंसारी और मन्नू अंसारी उस जगह से विधायक और सांसद रहे हैं जहां पर मुसलमान समाज की आबादी कम है!
मगर यह पूरा परिवार डंके की चोट पर खुद को समाजवादी और सेक्युलर नेता कहता है और दूसरी बिरादरी के लोग भी उनको वोट देकर जिताकर भेजने का काम करते हैं।
ऐसे ही बात आजम खान की करें, महबूब अली की करें कमाल अख्तर की करें सब अपने इलाके से चुनाव लड़ते हैं और वहीं से जीत विधायक सांसद बनते हैं....
मगर यह पहले दो मिसरे भाई साहब हैं जो खुद को प्रतापगढ़ी बोलते हैं मगर चुनाव लड़ने पहले मुरादाबाद पहुंच जाते हैं तो कभी महाराष्ट्र मगर इलाहाबाद और प्रतापगढ़ में उनकी हिम्मत जवाब दे जाती है!
अभी इतना काफी है बाकि सम्मान समारोह दूसरे पोस्ट में किया जाएगा😆