
18/08/2025
जब सोसल मीडिया नही था। तब दूसरों की थाली मे कितना घी है ये दिखाई नही देता था। इसलिए जलन कम थी। सपने भी कम थे। शादीसुदा जीवन आसानी से निभ जाता था क्योंकि लोगों का दिखावा देखने का प्लेटफार्म नही था। औरतों को बहकाना बहुत मुश्किल था क्योंकि बहकाने के लिए अवसर नही मिलता था। मनोरंजन के साधन बहुत कम थे। इसलिए रिश्तों मे मनोरंजन तलाशा जाता था। अब सबकुछ खुला दरबार है। सब लोग सोसल मीडिया पर मौजूद है। घात लगा कर किसी को भी बहका दो। पथभ्रस्ट कर दो। लोगों के जीवन मे जहर घोल दो। दुश्मनी करवा दो। ऑपशन बहुत है पति या पत्नी बदल लो। आने वाले वक़्त मे तस्वीर और बदलेगी। पैसे वाले लोग ऐश्वर्य भोगेंगे। गरीबों की शादी भी नही होगी।