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Loktantra जानिये भारत से जुड़े अद्भुत तथ्य
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पंडित जवाहरलाल नेहरू और नरेंद्र मोदी दोनों ही भारत के दशक के सबसे प्रमुख प्रधानमंत्री रहे हैं। पंडित नेहरू ने स्वतंत्रता...
23/08/2025

पंडित जवाहरलाल नेहरू और नरेंद्र मोदी दोनों ही भारत के दशक के सबसे प्रमुख प्रधानमंत्री रहे हैं। पंडित नेहरू ने स्वतंत्रता के बाद भारत की नींव मजबूत करने का काम किया तो प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक स्तर पर भारत की नई पहचान बनाई। दोनों की उपलब्धियों और नेतृत्व शैली में बड़ा फर्क है, जिसकी वजह से उनकी तुलना करना आसान नहीं है।

पंडित नेहरू का सबसे बड़ा योगदान देश को लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष आधार देना था। उन्होंने संविधान के कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाई, शिक्षा और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दिया, और IIT जैसे संस्थान स्थापित किए। पहले पांच वर्षीय योजना की शुरुआत कर औद्योगिकीकरण और कृषि विकास की नींव रखी। उनका विज़न सोशलिज़्म और सेकुलरिज़्म को बढ़ावा देना था।

नेहरू जी ने विदेश नीति में 'गुटनिरपेक्ष' मार्ग अपनाया, जिससे भारत को शीत युद्ध में एक अलग और स्वतंत्र पहचान मिली। उन्होंने हिंदू कोड बिल जैसे सामाजिक सुधार लागू किए, जिससे महिलाओं को संपत्ति पर अधिकार और तलाक का अधिकार मिला। उनके समय में धर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यकों की भागीदारी को बढ़ावा मिला।

वहीं नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक क्षेत्रों में तीव्र विकास देखा है। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं ने अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भरी है। मोदी जी के नेतृत्व में भारत का ग्लोबल प्रभाव भी काफी बढ़ा है और उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी मिले हैं।

मोदी जी की सबसे बड़ी उपलब्धि यह मानी जाती है कि उन्होंने बड़े स्तर पर जनसंपर्क साधने के साथ-साथ निर्णय लेने की क्षमता भी दिखाई। उन्होंने कड़े फैसले लिए, जैसे नोटबंदी, जीएसटी लागू करना, और अनुच्छेद 370 हटाना। इन फैसलों की तारीफ भी हुई और आलोचना भी, लेकिन निस्संदेह मोदी जी ने भारतीय राजनीति को नया आकार दिया है।

जनता के बीच लोकप्रियता के मामले में मोदी जी वर्तमान दौर में अग्रणी रहे हैं। हाल के एक सर्वेक्षण में 50% से ज्यादा लोगों ने मोदी जी को भारत का सबसे बेहतरीन प्रधानमंत्री माना। वहीं नेहरू जी को आज भी ऐतिहासिक दृष्टि से देश के निर्माता के रूप में याद किया जाता है।

नेहरू जी के समय में आर्थिक और औद्योगिक आधार मजबूत हुआ और लोकतांत्रिक मूल्यों ने भारत को स्थायित्व दिया। हालांकि, उनके वर्षों में गरीबी और बेरोजगारी को पूरी तरह नियंत्रित नहीं किया जा सका, और कुछ बड़े बाहरी संकट भी रहे। वहीं, मोदी जी के नेतृत्व में भारत में तेज़ आर्थिक विकास और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार देखा गया, लेकिन ध्रुवीकरण और सामाजिक टकराव की भी आलोचना होती रही है।

अगर तुलना की जाए, तो पंडित नेहरू एक विचारक और निर्माता थे, जिन्होंने नई दिशा और आधार दिया। मोदी जी एक निष्पादनकर्ता प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने नए युग की चुनौतियों का सामना किया और बड़े फैसले लिए। नेहरू जी ने राष्ट्र की परिकल्पना दी, वहीं मोदी जी ने उसे नई ऊर्जा दी।

मेरे विचार से, अगर राष्ट्र निर्माण और लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना की बात करें तो पंडित नेहरू ज्यादा बेहतर साबित होते हैं, वहीं जनमानस को प्रेरित करने और साहसिक फैसलों की हिम्मत के लिए नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। दोनों की भूमिका अपने-अपने समय में देश के लिए बेहद अहम रही है—एक ने आधार बनाया, दूसरे ने विस्तार और मजबूती दी।


🙏 भारत की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है! ऊपर की तस्वीर में NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) के नेत...
23/08/2025

🙏 भारत की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है! ऊपर की तस्वीर में NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) के नेता एकजुट होकर अपनी ताकत दिखा रहे हैं, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी जी सहित कई बड़े चेहरे शामिल हैं। ✌️ इनकी एकता और जोश साफ झलक रहा है, जो आने वाले समय में देश की दिशा तय कर सकता है।

🌟 दूसरी तस्वीर में INDIA गठबंधन के नेता नजर आ रहे हैं, जो विपक्ष की एकता का प्रतीक है। राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अन्य दिग्गज नेता इस गठबंधन को मजबूती दे रहे हैं। यह गठबंधन NDA के सामने चुनौती पेश करने के लिए तैयार दिख रहा है। 💪

🤔 अब सवाल यह उठता है कि आने वाले चुनाव में जनता किसका साथ देगी? NDA की विकास और स्थिरता की बातें, या महागठबंधन की वैकल्पिक नीतियां? यह फैसला हर वोटर के हाथ में है। 🗳️

😂 तस्वीर के नीचे लिखा सवाल तो सोचने पर मजबूर कर देता है - "आप आने वाले चुनाव में किसको वोट दोगे? NDA या महागठबंधन, मे तो NDA को दूंगा और आप...?" यह हल्की चुटकी लेते हुए भी गंभीर मुद्दे को सामने लाता है। 😄

🇮ं भारत जैसे लोकतंत्र में हर वोट की कीमत है। चाहे NDA हो या INDIA गठबंधन, दोनों ही अपने-अपने वादों के साथ जनता के बीच हैं। तो सोच समझकर फैसला लें, क्योंकि यह देश का भविष्य तय करेगा! 🌍

💬 आपकी राय क्या है? नीचे कमेंट में बताएं कि आप किसे सपोर्ट करते हैं और क्यों? इस राजनीतिक ड्रामे को लेकर अपनी बात रखें, क्योंकि आपकी आवाज भी मायने रखती है! 🗣️

#भारत_चुनाव #लोकतंत्र #वोट_की_ताकत

🙏 उत्तर प्रदेश की राजनीति हमेशा से देश भर में चर्चा का विषय रही है। यहां की सियासत का असर सीधे राष्ट्रीय राजनीति पर भी प...
23/08/2025

🙏 उत्तर प्रदेश की राजनीति हमेशा से देश भर में चर्चा का विषय रही है। यहां की सियासत का असर सीधे राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ता है। 🚩 यूपी का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, यह सवाल आज हर नागरिक के मन में घूम रहा है।

🟠 एक तरफ वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, जिनकी पहचान सख्त प्रशासन और हिंदुत्व की राजनीति से जुड़ी हुई है। 🔥 कानून व्यवस्था और विकास कार्यों के लिए उनके समर्थक उन्हें दोबारा सीएम देखना चाहते हैं।

🔴 वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव अपनी पार्टी को मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं। 🌹 युवाओं और किसानों के बीच उनकी पकड़ मानी जाती है। कई लोग मानते हैं कि इस बार सत्ता बदल सकती है और अखिलेश यूपी की कमान संभाल सकते हैं।

🔵 दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती भी एक बड़ा विकल्प हैं। ✊ दलित समाज और पिछड़ों में उनका वोट बैंक अब भी मजबूत है। अगर समीकरण सही बैठे तो मायावती फिर से यूपी की सत्ता में वापसी कर सकती हैं।

💬 अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसे मौका देती है। क्या योगी जी लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होंगे, या फिर अखिलेश यादव युवा नेता के रूप में सीएम बनेंगे, या मायावती फिर से राजनीति में चमत्कार दिखाएंगी? 🗳️

❓दोस्तों, आपको क्या लगता है यूपी का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? अपना जवाब कमेंट में ज़रूर लिखें। ✍️👇


🙏 उत्तर प्रदेश की राजनीति में योगी आदित्यनाथ जी का नाम आज सिर्फ एक मुख्यमंत्री तक सीमित नहीं है, बल्कि एक मज़बूत नेतृत्व...
23/08/2025

🙏 उत्तर प्रदेश की राजनीति में योगी आदित्यनाथ जी का नाम आज सिर्फ एक मुख्यमंत्री तक सीमित नहीं है, बल्कि एक मज़बूत नेतृत्व की पहचान बन चुका है। 💪🔥

🟠 तस्वीर साफ है – जनता का मानना है कि यूपी की CM की कुर्सी खाली तभी होगी जब देश को एक नए प्रधानमंत्री की ज़रूरत होगी। इसका मतलब है कि लोग उन्हें भविष्य के पीएम के रूप में भी देख रहे हैं। 🇮🇳✨

📢 योगी जी का सख़्त प्रशासन, अपराध पर कड़ा रुख और विकास की योजनाएँ उन्हें आम लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाती हैं। यही वजह है कि उनके नाम को अब राष्ट्रीय स्तर पर भी गूंज मिल रही है। 🏗️🚨

🙌 समर्थकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में उनका नेतृत्व बेहतरीन रहा है और यदि देश को नए प्रधानमंत्री की तलाश होगी, तो योगी जी एक मज़बूत विकल्प साबित हो सकते हैं। 🌍🇮🇳

💬 यह बात सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि जनता की भावनाओं से जुड़ी हुई है। लोग अपने नेता को बड़े पद पर देखने का सपना देखते हैं और यह सपना अब और मज़बूत होता जा रहा है। 🌟❤️

👉 अगर आप भी मानते हैं कि योगी जी भविष्य में देश की बागडोर संभाल सकते हैं, तो कमेंट बॉक्स में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं ✍️🔥🇮🇳


🇮🇳 देश में इस समय कई दिग्गज मुख्यमंत्री अपनी-अपनी सरकारों का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि आखिर सबसे अच्छा मुख...
22/08/2025

🇮🇳 देश में इस समय कई दिग्गज मुख्यमंत्री अपनी-अपनी सरकारों का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि आखिर सबसे अच्छा मुख्यमंत्री कौन है? 🤔

आज हम बात करते हैं महाराष्ट्र के देवेंद्र फडणवीस, असम के हिमंता बिस्वा सरमा, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी और उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ की। हर एक की अपनी खासियत और शासन शैली है। आइए, इनके कामकाज को देखें और तय करें कि कौन है सबसे बेहतर! 💪

देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में अपनी मजबूत छवि बनाई है। 🚀 उनकी प्रशासनिक कुशलता और विकास पर जोर ने उन्हें एक लोकप्रिय नेता बनाया है। न केवल उन्होंने नागपुर में जल संकट जैसी समस्याओं का समाधान किया, बल्कि महायुति गठबंधन की हालिया जीत ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया है। 📈 2025 में उनकी अप्रूवल रेटिंग 2% से बढ़कर 4% हुई है, जो उनके बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। लेकिन क्या वे देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री हैं? 🤷‍♂️

हिमंता बिस्वा सरमा असम में एक गतिशील नेता के रूप में उभरे हैं। 🌟 2015 में बीजेपी में शामिल होने के बाद, उन्होंने पूर्व登ने का असर देखने को मिलता है। उनकी अप्रूवल रेटिंग 2024 में 49% से बढ़कर 2025 में 55% हो गई है। 🥳 असम में विकास परियोजनाओं और सामाजिक-आर्थिक सुधारों में उनकी सक्रियता ने उन्हें पूर्वोत्तर में बीजेपी का मजबूत चेहरा बनाया है। लेकिन कुछ लोग उनकी नीतियों को विवादास्पद भी मानते हैं। क्या उनकी ऊर्जा और नेतृत्व उन्हें नंबर वन बनाता है? 🧐

ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की ‘दीदी’ हैं, जो 2011 से सत्ता में हैं। 👩‍💼 उनकी लोकप्रियता 2024 में 8% से बढ़कर 2025 में 11% हो गई है। 🚴‍♀️ कोलकाता मेट्रो और कन्याश्री जैसी योजनाओं ने उनकी छवि को मजबूत किया है। हालांकि, हाल के राजनीतिक अस्थिरता ने उनके प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। फिर भी, जनता के बीच उनकी पकड़ मजबूत है। क्या उनकी दीर्घकालिक सत्ता उन्हें सर्वश्रेष्ठ बनाती है? 🤨

योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में अपनी ‘बुलडोजर पॉलिटिक्स’ और सख्त कानून-व्यवस्था के लिए जाने जाते हैं। ⚡ 2025 में भी वे सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री बने हुए हैं, हालांकि उनकी रेटिंग 46% से घटकर 35% हुई है। 🏗️ पूर्वांचल और गंगा एक्सप्रेसवे जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और सामाजिक कल्याण योजनाओं ने उन्हें जनता का चहेता बनाया है। लेकिन क्या उनकी सख्त छवि ही काफी है? 💭

आपके हिसाब से इनमें से सबसे अच्छा मुख्यमंत्री कौन है? 🗳️ कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर बताएं और इस चर्चा को और रोमांचक बनाएं! 😎 देश का भविष्य इन नेताओं के हाथों में है, तो आपका वोट किसे जाएगा? ✍️
📢 कमेंट बॉक्स में अपनी राय दें: देवेंद्र फडणवीस, हिमंता बिस्वा सरमा, ममता बनर्जी या योगी आदित्यनाथ - कौन है देश का सबसे अच्छा मुख्यमंत्री? 🗣️


राहुल गांधी एक दिन के अवकाश के बाद लखीसराय में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल हुए.औरंगाबाद में कुछ युवाओं से मुलाकात का ...
22/08/2025

राहुल गांधी एक दिन के अवकाश के बाद लखीसराय में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल हुए.औरंगाबाद में कुछ युवाओं से मुलाकात का एक वीडियो ‘एक्स’ पर साझा किया. राहुल गांधी ने पोस्ट किया, ‘भारत के प्रिय मतदाताओं, मैं आप सभी से एक सीधा सवाल पूछना चाहता हूं. जो सरकार वोट चोरी से बनी हो, क्या उसका इरादा कभी जनसेवा हो सकता है? नहीं. उन्हें आपके वोट की जरूरत ही नहीं है, इसलिए आपकी समस्याओं की परवाह भी नहीं है.’


22/08/2025

उत्तर प्रदेश की राजनीति में सहयोगी दलों की सक्रियता और गोलबंदी ने नई हलचल पैदा कर दी है। पंचायत चुनाव से लेकर बिहार विधानसभा चुनाव तक इन दलों की रणनीतियों ने भाजपा और सपा दोनों के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। खास तौर पर निषाद समाज पार्टी, अपना दल (एस), सुभासपा और रालोद की एकजुटता ने जातीय समीकरणों को फिर से परिभाषित कर दिया है।

ओपी राजभर के बाद अब संजय निषाद ने भी बिहार चुनाव में ताल ठोक दी है, जिससे यह स्पष्ट है कि यूपी के ये क्षेत्रीय दल अब सीमाओं से बाहर जाकर प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। निषाद समाज पार्टी का निषाद वोट बैंक करीब 30-35 सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है। वहीं, अपना दल (एस) का कुर्मी वोट लगभग 20-25 सीटों पर परिणाम बदलने की ताकत रखता है। सुभासपा भी अपने मजबूत राजभर समुदाय के दम पर 15-20 सीटों पर दबदबा बनाए हुए है।

इन दलों की गोलबंदी से सपा का PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) अभियान कमजोर पड़ सकता है। साथ ही, बसपा जो खोई हुई जमीन तलाश रही है, उसकी राह और कठिन हो सकती है। दूसरी ओर, भाजपा पर इन सहयोगी दलों को गठबंधन में अधिक हिस्सेदारी देने का दबाव बढ़ता जा रहा है।

राजनीति में बदलते समीकरण, जातिगत गोलबंदी और क्षेत्रीय दलों का उभार आने वाले चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।


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राहुल गांधी और सोनिया गांधी, दो ऐसे नाम जो भारतीय राजनीति में लंबे समय से चर्चा में रहे हैं। इस तस्वीर में दोनों को एक स...
21/08/2025

राहुल गांधी और सोनिया गांधी, दो ऐसे नाम जो भारतीय राजनीति में लंबे समय से चर्चा में रहे हैं। इस तस्वीर में दोनों को एक साथ देखकर लगता है कि वे किसी गंभीर चर्चा में डूबे हुए हैं। 😊 उनके चेहरों पर गहरी सोच और जिम्मेदारी की झलक दिखती है, जो शायद देश की भविष्य को लेकर उनकी चिंता को दर्शाती है। 🙏

तस्वीर के साथ लिखा गया संदेश काफी भावुक और आलोचनात्मक है। इसमें कहा गया है कि हम दुश्मनों को माफ कर सकते हैं, लेकिन कांग्रेस को नहीं, क्योंकि यह सिर्फ हमारे लिए दुश्मन नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए खतरा बन गई है। 😔 यह शब्द उन लोगों की भावनाओं को व्यक्त करते हैं जो पार्टी की नीतियों से नाखुश हैं। 🔥

राहुल गांधी, जो कांग्रेस के युवा नेता के रूप में जाने जाते हैं, हमेशा से अपने बयानों और कामों से सुर्खियों में रहे हैं। उनकी मां सोनिया गांधी, जो लंबे समय तक पार्टी की अध्यक्ष रहीं, उनके साथ इस तस्वीर में एक मजबूत समर्थन की तरह नजर आती हैं। 🤝 दोनों का यह साथ देश की राजनीति में एक नया अध्याय लिखने की कोशिश हो सकती है। 📖

हालांकि, इस तस्वीर पर लिखा गया टेक्स्ट राजनीतिक द्वेष को दर्शाता है। यह साफ है कि यह पोस्ट किसी खास विचारधारा के समर्थकों द्वारा बनाई गई है, जो कांग्रेस पर सवाल उठाना चाहते हैं। ⚡ फिर भी, लोकतंत्र में हर विचार को सुनना जरूरी है, चाहे वह कितना ही कड़ा क्यों न हो। 🌟

आज के समय में, 15 अगस्त 2025 को, जब देश आजादी की सालगिरह मना रहा है, ऐसी तस्वीरें और संदेश राजनीतिक बहस को और गहरा सकते हैं। 🇮🇳 यह समय एकता और प्रगति का है, लेकिन राजनीतिक मतभेद भी उभरकर सामने आते हैं। 🕉️ हमें उम्मीद करनी चाहिए कि ये मतभेद देश के विकास में बाधा न बनें। 🌱

अंत में, राहुल और सोनिया गांधी की यह तस्वीर सिर्फ एक पल नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति के एक बड़े पहलू को दर्शाती है। 😇 चाहे कोई उनकी तारीफ करे या आलोचना, उनका योगदान इतिहास में दर्ज रहेगा। 📜 आने वाला समय ही बताएगा कि कांग्रेस किस दिशा में आगे बढ़ती है। 🚀


जय हिंद! यह तस्वीर महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू को दर्शाती है, जो भारत की आजादी के प्रमुख चेहरों में से थे। 🌟 इस तस्व...
21/08/2025

जय हिंद! यह तस्वीर महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू को दर्शाती है, जो भारत की आजादी के प्रमुख चेहरों में से थे। 🌟 इस तस्वीर के साथ दिया गया पाठ एक कटु संदेश है, जो कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधता प्रतीत होता है। इसमें कहा गया है कि जिनके पूर्वजों ने गलत काम किए, वही आज देश की एकता की बात करते हैं। 😔

पाठ में लिखा है कि "जinke खud के बाप चोर थे, वही चोर पकड़ने निकले हैं।" यहाँ संभवतः यह इशारा है कि कुछ नेताओं या उनके परिवारों ने देश के साथ विश्वासघात किया हो सकता है। 🌍 कांग्रेस पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उनके नेतृत्व में देश का विभाजन हुआ, जो एक ऐतिहासिक दर्दनाक घटना थी। 🙏

दूसरी पंक्ति में "जinke बाप-दादाओं ने देश के टुकड़े किए, वही भारत की एकता कराने निकले हैं" से यह तंज लिया गया है कि जो लोग 1947 के विभाजन के लिए जिम्मेदार थे, वे अब एकता की बात कर रहे हैं। 💔 यह संदेश कांग्रेस के इतिहास और उनके फैसलों पर सवाल उठाता है, खासकर नेहरू के नेतृत्व पर। ⚠️

महात्मा गांधी, अहिंसा के प्रतीक, और नेहरू, पहले प्रधानमंत्री, ने देश को आजादी दिलाई, लेकिन विभाजन ने उनके सपनों को चोट पहुँचाई। 🌱 कांग्रेस पर यह आरोप कि उनके फैसलों से देश दो हिस्सों में बँटा, आज भी बहस का विषय है। उनकी मेहनत को सम्मान है, पर यह पाठ आलोचना करता है। 🤔

आज के समय में, इस संदेश से हमें यह सीख लेनी चाहिए कि देश की एकता को बनाए रखना कितना जरूरी है। कांग्रेस या किसी भी पार्टी को अपने अतीत के फैसलों की समीक्षा करनी चाहिए। 🤝 हमें अपने देश के लिए एकजुट होकर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसा दर्द न हो। 🇮🇳

अंत में, यह तस्वीर और पाठ हमें गर्व के साथ-साथ सावधानी का पाठ भी सिखाता है। हमें अपने देश की रक्षा के लिए जिम्मेदारी लेनी होगी। 💪 आइए, एकजुट होकर भारत को मजबूत और अखंड बनाएं, बिना अतीत की गलतियों को दोहराए! 🚩


🚩 आज एक बड़ी और ऐतिहासिक घोषणा हुई है! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम अब बदलकर परशुरामपु...
21/08/2025

🚩 आज एक बड़ी और ऐतिहासिक घोषणा हुई है! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम अब बदलकर परशुरामपुरी करने की बात कही है। यह निर्णय हमारे इतिहास, संस्कृति और गौरव को समर्पित है। 🙏 इस बदलाव से हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाएगा।

🌟 परशुराम जी, जो हमारे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, उनके नाम से इस क्षेत्र का नामकरण एक गर्व की बात है। यह कदम उन सभी लोगों के लिए सम्मान का प्रतीक है जो अपनी जड़ों और संस्कृति से जुड़े हैं। 🕉️ योगी जी के इस फैसले से युवाओं में भी अपने इतिहास के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

🏹 शाहजहांपुर से जलालाबाद का यह नाम परिवर्तन सिर्फ एक नाम बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी सभ्यता को पुनर्जीवित करने का प्रयास है। इस बदलाव से क्षेत्र की पहचान और मजबूत होगी। 🌱 लोग अब इस जगह को परशुराम जी के नाम से जानेंगे और उनकी शिक्षाओं को याद करेंगे।

🙌 योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश लगातार प्रगति के नए आयाम स्थापित कर रहा है। यह नाम बदलाव भी उसी दिशा में एक कदम है। 💪 हमारी सरकार संस्कृति और विकास को साथ लेकर चल रही है, जो हर नागरिक के लिए प्रेरणादायक है।

🌞 इस ऐतिहासिक पल को हम सबको सेलिब्रेट करना चाहिए। परशुरामपुरी नाम अब नई ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक बनेगा। 🎉 आने वाली पीढ़ियां इस बदलाव को गर्व से याद करेंगी और अपनी जड़ों से जुड़ाव महसूस करेंगी।

🇮🇳 आइए, हम सब मिलकर इस बदलाव का स्वागत करें और अपनी संस्कृति को संजोएं। योगी जी के इस विजन को सलाम! 🙏


रूस ने भारत के साथ अपने रिश्तों को और मज़बूत करने का संकेत दिया है 🇮🇳🤝🇷🇺। हाल ही में रूस ने कहा कि अगर भारत चाहे तो वे अ...
21/08/2025

रूस ने भारत के साथ अपने रिश्तों को और मज़बूत करने का संकेत दिया है 🇮🇳🤝🇷🇺। हाल ही में रूस ने कहा कि अगर भारत चाहे तो वे अपना सामान भेज सकते हैं और बदले में भारत को तेल भी सस्ते दामों पर उपलब्ध कराया जाएगा। यह बयान दोनों देशों के बीच गहराते आर्थिक और रणनीतिक संबंधों की ओर इशारा करता है।

भारत और रूस के बीच दशकों से गहरी दोस्ती रही है 🌍❤️। चाहे रक्षा क्षेत्र हो या ऊर्जा, दोनों ने एक-दूसरे का हमेशा साथ निभाया है। अब रूस का यह प्रस्ताव भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि तेल की लगातार बढ़ती कीमतों से राहत मिलने का रास्ता खुल सकता है।

रूस का कहना है कि उनके पास पर्याप्त संसाधन और ऊर्जा है ⚡⛽। अगर भारत चाहे तो उन्हें सामान और तकनीक मिल सकती है और उसके बदले भारत को तेल और गैस उपलब्ध कराए जाएंगे। यह विनिमय व्यवस्था दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी हो सकती है।

भारत के लिए यह सौदा बेहद अहम माना जा रहा है 📈🇮🇳। ऊर्जा की बढ़ती मांग और महंगाई के इस दौर में अगर रूस से तेल सस्ता मिलता है तो इसका सीधा फायदा आम जनता तक पहुंचेगा। इससे पेट्रोल-डीजल के दामों में भी कमी देखी जा सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सिर्फ आर्थिक ही नहीं बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी अहम है 🛡️📊। इससे भारत और रूस के रिश्ते और गहरे होंगे और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी दोनों देश एक-दूसरे के मज़बूत सहयोगी के रूप में सामने आएंगे।

आख़िरकार यह साफ है कि भारत और रूस का रिश्ता सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है 🌐💪। यह विश्वास, भरोसा और दोस्ती पर आधारित है। रूस का भारत को तेल देने और सामान भेजने का वादा इस रिश्ते की मज़बूती का सबूत है और आने वाले समय में दोनों देशों के बीच सहयोग और बढ़ेगा। 🚀🤗

#रूस

21/08/2025

बंगाल में खांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली.
– क्या कोई खांग्रेसी बताएगा वहां वोटो की चोरी हुई या नहीं ??

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