
23/08/2025
पंडित जवाहरलाल नेहरू और नरेंद्र मोदी दोनों ही भारत के दशक के सबसे प्रमुख प्रधानमंत्री रहे हैं। पंडित नेहरू ने स्वतंत्रता के बाद भारत की नींव मजबूत करने का काम किया तो प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक स्तर पर भारत की नई पहचान बनाई। दोनों की उपलब्धियों और नेतृत्व शैली में बड़ा फर्क है, जिसकी वजह से उनकी तुलना करना आसान नहीं है।
पंडित नेहरू का सबसे बड़ा योगदान देश को लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष आधार देना था। उन्होंने संविधान के कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाई, शिक्षा और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दिया, और IIT जैसे संस्थान स्थापित किए। पहले पांच वर्षीय योजना की शुरुआत कर औद्योगिकीकरण और कृषि विकास की नींव रखी। उनका विज़न सोशलिज़्म और सेकुलरिज़्म को बढ़ावा देना था।
नेहरू जी ने विदेश नीति में 'गुटनिरपेक्ष' मार्ग अपनाया, जिससे भारत को शीत युद्ध में एक अलग और स्वतंत्र पहचान मिली। उन्होंने हिंदू कोड बिल जैसे सामाजिक सुधार लागू किए, जिससे महिलाओं को संपत्ति पर अधिकार और तलाक का अधिकार मिला। उनके समय में धर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यकों की भागीदारी को बढ़ावा मिला।
वहीं नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक क्षेत्रों में तीव्र विकास देखा है। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं ने अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा भरी है। मोदी जी के नेतृत्व में भारत का ग्लोबल प्रभाव भी काफी बढ़ा है और उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी मिले हैं।
मोदी जी की सबसे बड़ी उपलब्धि यह मानी जाती है कि उन्होंने बड़े स्तर पर जनसंपर्क साधने के साथ-साथ निर्णय लेने की क्षमता भी दिखाई। उन्होंने कड़े फैसले लिए, जैसे नोटबंदी, जीएसटी लागू करना, और अनुच्छेद 370 हटाना। इन फैसलों की तारीफ भी हुई और आलोचना भी, लेकिन निस्संदेह मोदी जी ने भारतीय राजनीति को नया आकार दिया है।
जनता के बीच लोकप्रियता के मामले में मोदी जी वर्तमान दौर में अग्रणी रहे हैं। हाल के एक सर्वेक्षण में 50% से ज्यादा लोगों ने मोदी जी को भारत का सबसे बेहतरीन प्रधानमंत्री माना। वहीं नेहरू जी को आज भी ऐतिहासिक दृष्टि से देश के निर्माता के रूप में याद किया जाता है।
नेहरू जी के समय में आर्थिक और औद्योगिक आधार मजबूत हुआ और लोकतांत्रिक मूल्यों ने भारत को स्थायित्व दिया। हालांकि, उनके वर्षों में गरीबी और बेरोजगारी को पूरी तरह नियंत्रित नहीं किया जा सका, और कुछ बड़े बाहरी संकट भी रहे। वहीं, मोदी जी के नेतृत्व में भारत में तेज़ आर्थिक विकास और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार देखा गया, लेकिन ध्रुवीकरण और सामाजिक टकराव की भी आलोचना होती रही है।
अगर तुलना की जाए, तो पंडित नेहरू एक विचारक और निर्माता थे, जिन्होंने नई दिशा और आधार दिया। मोदी जी एक निष्पादनकर्ता प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने नए युग की चुनौतियों का सामना किया और बड़े फैसले लिए। नेहरू जी ने राष्ट्र की परिकल्पना दी, वहीं मोदी जी ने उसे नई ऊर्जा दी।
मेरे विचार से, अगर राष्ट्र निर्माण और लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना की बात करें तो पंडित नेहरू ज्यादा बेहतर साबित होते हैं, वहीं जनमानस को प्रेरित करने और साहसिक फैसलों की हिम्मत के लिए नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। दोनों की भूमिका अपने-अपने समय में देश के लिए बेहद अहम रही है—एक ने आधार बनाया, दूसरे ने विस्तार और मजबूती दी।