
10/04/2025
घटना: रेलगाड़ी रुक गई – और बाबा के बैठते ही चल पड़ी
ये घटना 20वीं सदी के प्रारंभ की है, जब नीम करौली बाबा एक स्थान से दूसरे स्थान जा रहे थे। वे एक ट्रेन में बिना टिकट चढ़ गए थे। जब टिकट कलेक्टर ने उन्हें देखा, तो उनसे टिकट मांगा। बाबा चुपचाप मुस्कुरा दिए। कलेक्टर को गुस्सा आया और उसने बाबा को अगले स्टेशन पर उतार दिया।
बाबा बिना कुछ कहे प्लेटफॉर्म पर उतर गए और एक किनारे बैठ गए। लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने सबको चौंका दिया।
ट्रेन सीटी देती रही, इंजन चालू होता रहा, पर ट्रेन एक इंच भी नहीं हिली।
इंजन के कई बार प्रयास करने के बावजूद ट्रेन नहीं चल सकी।
आखिरकार, किसी ने कहा कि जिस साधु को ट्रेन से उतारा गया था, शायद उसी का प्रभाव है।
रेल अधिकारी भागे-भागे बाबा के पास आए और क्षमा मांगते हुए उन्हें फिर से ट्रेन में बैठने को कहा।
बाबा मुस्कुराते हुए चढ़ गए — और जैसे ही वो बैठे, ट्रेन चल पड़ी।
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संदेश:
बाबा नीम करौली केवल एक साधु नहीं थे, वे एक दिव्य आत्मा थे जिनकी उपस्थिति से प्रकृति भी प्रतिक्रिया देती थी। उनकी कृपा आज भी भक्तों पर बनी हुई है।