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उत्तर प्रदेशः बरेली के कमालूपुर गाँव (देवरनियां थाना क्षेत्र) में टीवी सीरियल जैसी कहानी सामने आई। 28 वर्षीय केशव कुमार,...
22/10/2025

उत्तर प्रदेशः बरेली के कमालूपुर गाँव (देवरनियां थाना क्षेत्र) में टीवी सीरियल जैसी कहानी सामने आई। 28 वर्षीय केशव कुमार, जो शादीशुदा और 2 बच्चों का पिता है, 23 अगस्त को अपनी 19 वर्षीय साली कल्पना संग फरार हो गया। परिवार वाले तलाशते रह गए लेकिन दोनों का कोई पता नहीं चला।

मामला यहीं नहीं थमा, अगले ही दिन केशव का साला रवींद्र बदला लेने के लिए उसके घर की 19 वर्षीय बहन को लेकर भाग गया। यानी जीजा अपनी साली संग और साला उसकी बहन संग फरार हो गए।

गाँव में इस "रिश्तों की अदला-बदली" की कहानी ने सनसनी फैला दी। चौपाल से लेकर गलियों तक बस इसी किस्से की चर्चा रही। पुलिस के दखल के बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया गया।

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के तीन प्रोफेसरों की रिसर्च ने चौंकाने वाले तथ्य सामने लाए हैं।अध्ययन के मुताब...
16/10/2025

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के तीन प्रोफेसरों की रिसर्च ने चौंकाने वाले तथ्य सामने लाए हैं।

अध्ययन के मुताबिक, 37% शादियां वर-वधू की कुंडली सही तरह से न मिलाने की वजह से टूट रही हैं।

रिसर्च में यह भी पाया गया कि लोग ग्रह दोष, मांगलिक दोष और जन्म नक्षत्र असंगति जैसे कारकों को नजरअंदाज कर रहे हैं।

और यही आगे चलकर वैवाहिक अस्थिरता और तलाक के मामलों में बढ़ोतरी का कारण बन रहा है।

सलमान खान के साथ कुछ घंटे की मुलाकात ने तृष्णा हजारिका को सुपरस्टार बना दिया है। तृष्णा ने बताया कि उन्होंने सपने में भी...
13/10/2025

सलमान खान के साथ कुछ घंटे की मुलाकात ने तृष्णा हजारिका को सुपरस्टार बना दिया है। तृष्णा ने बताया कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि सलमान से फार्म हाउस की मुलाकात के बाद वह इतनी बड़ी स्टार बन जाएगी। उन्होंने बताया कि उन्हें कई फिल्मों के ऑफर मिल चुके हैं और लोगों को ऐसा लग रहा है कि सलमान मेरे खास दोस्त हैं। कुछ समय पहले ही तृष्णा सलमान से मुलाकात करने फार्म हाउस पहुंची थी और तभी उनकी तस्वीर वायरल हुई थी।

दीपिका पादुकोण को 'मानसिक स्वास्थ्य एम्बेसडर’ चुना गया है।दीपिका पादुकोण ने एक बार बताया था किउन्हें खालीपन, बेचैनी और ल...
12/10/2025

दीपिका पादुकोण को 'मानसिक स्वास्थ्य एम्बेसडर’ चुना गया है।

दीपिका पादुकोण ने एक बार बताया था कि

उन्हें खालीपन, बेचैनी और लगातार घबराहट महसूस होती थी, उन्हें साँस लेने में भी तकलीफ होती थी।

यही नहीं उन्होंने कहा था कि उन्हें जीने तक की इच्छा नहीं होती थी।

अब इन्हें भारत की पहली मेंटल हेल्थ एम्बेसडर बनाया गया है जो मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे लोगों के लिए आवाज उठाएंगी।

है न कितनी बड़ी विडम्बना 😃😂दीपिका पादुकोण को 'मानसिक स्वास्थ्य एम्बेसडर’ चुना गया है।

दीपिका पादुकोण ने एक बार बताया था कि

उन्हें खालीपन, बेचैनी और लगातार घबराहट महसूस होती थी, उन्हें साँस लेने में भी तकलीफ होती थी।

यही नहीं उन्होंने कहा था कि उन्हें जीने तक की इच्छा नहीं होती थी।

अब इन्हें भारत की पहली मेंटल हेल्थ एम्बेसडर बनाया गया है जो मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे लोगों के लिए आवाज उठाएंगी।

है न कितनी बड़ी विडम्बना 😃😂

हाल ही में सोशल मीडिया पर अपनी कॉमेडी से गर्दा उड़ाने वाले शादाब जकाती इस समय स्टार बन चुके हैं।एक पॉडकास्ट में इनकी पार...
12/10/2025

हाल ही में सोशल मीडिया पर अपनी कॉमेडी से गर्दा उड़ाने वाले शादाब जकाती इस समय स्टार बन चुके हैं।

एक पॉडकास्ट में इनकी पारिवारिक स्थिति और संघर्ष को सुनने के बाद लगा कि इस बार सही इंसान फेमस हुआ है।

इनके उस "10 वाला बिस्किट का पैकेट कितने का है जी" को लगभग 70 मिलियन से अधिक लोगों ने देखा है।

इन्होंने बताया कि

ये उनके पिछले 8 सालों के संघर्ष का फल है जो आज मिल रहा। जिसके लिए उन्हें बहुत ताने सुनने को मिले थे।

पंजाबी सिंगर बादशाह का खास तौर पर धन्यवाद दिया जिन्होंने उस वीडियो की कॉपी की थी।

संभल में फिर होगी बुलडोजर कार्रवाई: 80 मकानों पर प्रशासन ने लगाए लाल निशान, लोग बोले- यह उनकी निजी संपत्तिरायसत्ती थाना ...
12/10/2025

संभल में फिर होगी बुलडोजर कार्रवाई: 80 मकानों पर प्रशासन ने लगाए लाल निशान, लोग बोले- यह उनकी निजी संपत्ति
रायसत्ती थाना क्षेत्र के हातिम सराय में तालाब की जमीन पर बने बताए जा रहे 80 मकानों को अवैध घोषित करने की कार्रवाई पर विवाद खड़ा हो गया है। सरायतरीन निवासी ने दावा किया कि यह जमीन उनकी दादी की आठ बीघा पुश्तैनी निजी संपत्ति थी। जिसे 2009 के बाद लोगों को बेचा गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने तहसील रिकॉर्ड जांचे बिना कार्रवाई शुरू कर दी।

हाकिम सराय के घरों में लगाए गए लाल

रायसत्ती थाना क्षेत्र के मोहल्ला हातिम सराय में जिन 80 मकानों तालाब की जमीन पर बने होने की बात कहकर अवैध घोषित किया गया है, उसमें प्रशासनिक कार्रवाई में चूक होने का दावा किया गया है। सरायतरीन निवासी पूर्वी वार्ष्णेय ने दावा किया है कि जिस जमीन पर मकान बने हैं वह उनकी आठ बीघा पुश्तैनी जमीन थी।

उनकी दादी हातिम सराय निवासी राम सुनीति देवी ने लोगों को बेची थी। आरोप है कि प्रशासन ने तहसील के रिकॉर्ड चेक नहीं किए और कार्रवाई शुरू कर दी। जबकि यह जमीन निजी है इसका भी आदेश राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। हालांकि प्रशासन की लाल निशान वाली कार्रवाई के बाद लोगों में चिंता है।

तहसीलदार धीरेंद्र सिंह ने कहा था कि सरकारी आठ बीघा तालाब को पाटकर अवैध तरीके से 80 मकानों का निर्माण किया गया है। इसके लिए नोटिस जारी कर अवैध निर्माण हटाने के लिए 15 दिन का समय भी दिया था। इसी क्रम में बुधवार को 40 मकानों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए लाल निशान लगा दिए गए।

जिन लोगों के मकानों पर लाल निशान लगाए गए वह चिंतित हैं। इसी कार्रवाई के दौरान पूर्वी वार्ष्णेय का दावा सामने आया है। पूर्वी वार्ष्णेय ने बताया कि उनकी दादी के नाम 12 बीघा जमीन थी। जो 2009 के बाद लोगों को बेची गई थी। वर्षों तक इस जमीन में खेती होती रही और कुछ हिस्से को लोगों ने मिट्टी की खोदाई से तालाबनुमा बना दिया था।

जब जमीन बेची गई तो वह तालाब भी पाट दिया गया लेकिन निजी संपत्ति में ही तालाब था। प्रशासन ने जो कार्रवाई की है उसके रिकॉर्ड को चेक नहींकिया गया। तहसील में इस जमीन का पूरा रिकॉर्ड दर्ज है। जिन लोगों के मकान हैं उन्होंने बैनामा कराया है।
मकान बचाने के लिए कई परिवार गए हाईकोर्ट
प्रशासन की टीम द्वारा लाल निशान लगाने की कार्रवाई की गई तो लोगों की चिंता बढ़ गई। कई परिवार हाईकोर्ट चले गए हैं। याचिका दायर कर दी गई है। बताया गया है कि सोमवार तो सुनवाई की जा सकती है। हाईकोर्ट में बैनामे की कॉपी लेकर यह परिवार पहुंचे हैं। मकान स्वामियों का कहना है कि जो कागज हैं उनको यहां कोई देखने को तैयार नहीं है। इसलिए हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं से अब मकान बचाने की आस बची है।

लाल निशान से पहले जांच पड़ताल क्यों नहीं की
हातिम सराय के 80 मकानों में रह रहे लोगों का सवाल है कि सोमवार को नोटिस जारी किया था कि अपना पक्ष रखें और दो दिन बाद लाल निशान लगाने की कार्रवाई को शुरू कर दी गई। प्रशासन ने जांच पड़ताल नहीं की और जो टीम मौके पर आई उन्होंने बैनामे के दस्तावेज तक नहीं देखे। इब्राहिम ने बताया कि उन्होंने पूरी जिंदगी की कमाई लगाकर 10 साल पहले मकान बनाया है। प्रशासन की टीम ने लाल निशान लगा दिया। जबकि हमने तो जमीन खरीदी है। कब्जा करते तो बैनामा कहां से हो जाता। इसी तरह अन्य लोग भी सवाल उठा रहे हैं।
2009 में एडीएम कोर्ट का हुआ था आदेश, राम सुनीति देवी की है निजी संपत्ति
हातिम सराय में स्थित इस जमीन का गाटा संख्या 84, 85व और 86 अंकित है। इस जमीन को लेकर एडीएम हरज्ञान सिंह पुंडीर की कोर्ट ने 14 सितंबर 2009 को राम सुनीति देवी की निजी संपत्ति होने का हवाला देते हुए पीपी एक्ट के तहत जारी किए गए 35 नोटिस वापस करने का आदेश किया था।

आदेश में उल्लेख है कि जिला शासकीय अधिवक्ता मुरादाबाद की विधिक राय में स्पष्ट कहा है कि उक्त मिल्कियत सरकार अथवा पालिका अथवा स्थानीय निकाय अथवा मतरूक अंकित नहीं है। राम सुनीति देवी के नाम अंकित है। निजी संपत्ति पर पीपी एक्ट के प्रावधान लागू नहीं होते हैं।
हमारी दादी के नाम हातिम सराय की 12 बीघा जमीन थी और 2014 में निधन से पहले ही उन्होंने सारी जमीन बेच दी थी। निजी संपत्ति का रिकॉर्ड तहसील में है। जो मकान बन हैं, वह निजी जमीन में हैं। - पूर्वी वार्ष्णेय, सरायतरीन

निजी जमीन होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। दोनों पक्षों को बुलाकर बातचीत की जाएगी। समस्या का समाधान किया जाएगा। किसी के खिलाफ भी गलत कार्रवाई नहीं होगी। -डॉ. राजेंद्र पैंसिया, डीएम, संभल
सपा विधायक बोले, पहले पड़ताल कराएं फिर चलवाएं बुलडोजर
हातिमसराय में तालाब की भूमि पर बने मकानों को ध्वस्त कराने की प्रक्रिया के बीच सपा विधायक इकबाल महमूद ने डीएम से मुलाकात की। डीएम को बताया कि जिस भूमि पर मकान बने हैं, वह तालाब की नहीं है। तहसील प्रशासन ने जो नोटिस जारी किए, उनका कोई आधार ही नहीं है।डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया से मुलाकात के बाद सपा विधायक ने अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता की।

उन्होंने बताया कि डीएम से मिलकर इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन जिस भूमि को सरकारी बताकर मकानों को हटवाना चाहता है, वह सरकारी नहीं है। लंबे अर्से से यह भूमि फसली है। राजस्व अभिलेखों में भी है। इस संबंध में अभिलेख डीएम को दिए हैं। उनसे कहा गया है कि इस मामले को गहनता से दिखवाएं। कोई भी कार्रवाई तब कराएं, जब जांच पड़ताल हो जाए।
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तेजस्वी को भारी पड़ेगी राहुल की दोस्ती, पढ़ें RJD-CONG गठजोड़ के साइड इफेक्ट!पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा मे...
09/10/2025

तेजस्वी को भारी पड़ेगी राहुल की दोस्ती, पढ़ें RJD-CONG गठजोड़ के साइड इफेक्ट!

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा में अब गिनती के कुछ घंटे बचे हैं. मायावती की पार्टी के 2 उम्मीदवारों को छोड़ दें तो अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है. दोनों प्रमुख गठबंधन एनडीए और महागठबंधन में अभी तक सीटों का बंटवारा ही नहीं हुआ है. महागठबंधन में पेंच कांग्रेस की ओर से फंसा है तो एनडीए में अभी तक बातचीत ही चल रही है. वैसे दोनों गठबंधनों ने सीट बंटवारे का फार्मूला जरूर बना लिया है.

महागठबंधन में कांग्रेस तो एनडीए में चिराग को लेकर मामला फंसा है. कांग्रेस में सीट बंटवारे पर फैसला लेने के लिए आलाकमान स्तर का कोई व्यक्ति उपलब्ध नहीं है. राहुल गांधी तकरीबन हफ्ते भर की विदेश यात्रा पर थे. इसलिए महागठबंधन की सारी कवायदें ठप पड़ी हुई रहीं. एनडीए में चिराग पासवान का रुख भी तक साफ नहीं है. हालांकि वे एनडडीए में रहने और नीतीश कुमार को सीएम बनाने की प्रतिबद्धता दोहराते रहे हैं.

अभी तक 2020 जैसे चिराग पासवान के तेवर नहीं दिखे हैं. अलबत्ता वे अधिक सीटें हासिल करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते रहे हैं. कभी 243 सीटों पर लड़ने की बात उन्होंने की तो कभी उनकी पार्टी ने उन्हें बिहार का नेतृत्व करने के सर्वथ योग्य बताया. हालांकि न तो चिराग में एनडीए को रोकने का दम दिखता है और न कांग्रेस में आरजेडी की बराबरी का कूवत बचा है.

कांग्रेस को मिलते रहे हैं 10 प्रतिशत वोट

कांग्रेस लाख नखरे करें और आरजेडी की बराबरी में खड़ा होने की जिद ठाने, पर सच्चाई इससे इतर है. बीते 35 साल में कांग्रेस कभी इस हालत में नहीं रही, जिससे लगे कि वह बिहार में अतीत की गरिमा हासिल करने में सक्षम है. कांग्रेस का राहु काल 2005 से शुरू होता है, जब उसकी सीटें इकाई-दहाई के आगे नहीं निकल पाईं.

महागठबंधन का लीडर बने आरजेडी की भी यही स्थिति रही है. जेडीयू और भाजपा की दोस्ती के आगे आरजेडी का 31 प्रतिशत वोटों वाला मुस्लिम-यादव (M-Y) समीकरण के वोट भी अक्षुण्ण नहीं रह पाए. मुस्लिम वोटों को नीतीश कुमार के जेडीयू ने हथिया लिया तो मंदिर और सनातन (हिन्दुत्व) के नाम पर भाजपा ने वैश्य वोटों के साथ सवर्ण मतदाताओं को भी अपने पक्ष में कर लिया.

2005 से गैर एनडीए पार्टियों का पराभव शुरू हुआ, जो अब तक बरकरार है. बीच में विपक्ष के वनवास खत्म होने के तीन मौके मिले भी तो वह नीतीश कुमार की कृपा से ही संभव हो पाया.

4 से 27 सीटों के बीच झूलती रही कांग्रेस

लालू यादव और राबड़ी देवी के कार्यकाल को किनारे कर दें तो बिहार में कांग्रेस की ताकत का असली आंकलन 2005 से शुरू होता है. आजादी के बाद से लंबे वक्त तक बिहार में अकेले शासन करने वाली कांग्रेस की सर्वाधिक दुर्गति बीते 20 वर्षों में हुई है. फरवरी 2005 में हुए असेंबली चुनाव में कांग्रेस ने 10 सीटें जीती थीं. उसी साल अक्टूबर में चुनाव हुए तो कांग्रेस 9 सीटों पर आ गई. उसे 6.09 प्रतिशत वोट मिले थे.

2010 के चुनाव में एनडीए विरोध दलों की हालत और खराब हो गई. कभी बिहार में एकछ्त्र राज करने वाली कांग्रेस 4 सीटों पर सिमट गई. यह कांग्रेस के चुनावी इतिहास का सबसे खराब समय साबित हुआ. उसकी वोट हिस्सेदारी भी 8.4 प्रतिशत रह गई.

आरजेडी के साथ तालमेल कर कांग्रेस ने 2010 का चुनाव लड़ा तो उसकी किस्मत चमकी. उसे तीन दशक में सर्वाधिक 27 सीटें मिलीं. पर, वोटों में हिस्सा घटकर 6.8 प्रतिशत रह गया. 2020 का चुनाव कांग्रेस के लिए त्रासदीपूर्ण रहा. महागठबंधन के साथ कांग्रेस ने अपने हिस्से की 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन जीत सिर्फ 19 पर मिली और वोट हिस्सेदारी भी मामूली सुधार के साथ 9.6 प्रतिशत हो गई.

कांग्रेस की हालत यह रह गई कि उसे 2024 के लोकसभा चुनाव में भी आरजेडी की मर्जी पर निर्भर रहना पड़ा. कांग्रेस को कितनी सीटें मिलेंगी और उसके उम्मीदवार कौन होंगे, इसका फैसला लालू यादव ने किया.

राहुल ने जोर लगाया, पर फॉलोअप नहीं

2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों ने एनडीए से मुकाबले के लिए राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया नाम का अलायंस बनाया. इसका फायदा बिहार में यह हुआ कि एनडीए के हाथ से 9 सीटें निकल गईं. 40 संसदीय सीटों में 39 जीत जाने का रिकार्ड बनाने वाले एनडीए को सिर्फ 30 सीटें मिलीं. अलबत्ता राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की हालत थोड़ी सुधरी और उसे लोकसभा में 99 सीटें मिल गईं, जो पिछले 2 चुनावों के मुकाबले तकरीबन दोगुनी हैं.

लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने देश भर में भारत जोड़ो यात्रा (बाद में भारत जोड़ो न्याय यात्रा) निकाली थी. वे भूल गए कि कांग्रेस की सीटें बढ़ने की असल वजह विपक्ष की एकता थी, न कि उनकी यात्रा का नतीजा. इससे वे इतने उत्साहित हुए कि बिहार में आरजेडी के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के महागठबंधन की परवाह किए बगैर संविधान और लोकतंत्र बचाने के नाम पर बार-बार आकर सभा-सम्मेलन करने लगे. संगठन को दुरुस्त किया.

तेजसवी यादव के विरोधी माने जाने वाले कन्हैया कुमार को ‘पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा’ पर बिहार में दौड़ा दिया. हाल में उन्होंने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाकर पखवाड़े भर की वोटर अधिकार यात्रा बिहार में की. पहली बार उन्हें महागठबंधन के घटक दलों को भी शामिल करने की जरूरत फील हुई. यात्रा को लोगों ने सफल भी बनाया. पर, इस बीच चुनाव आयोग ने बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) का काम अदालती व्यवधानों के बावजूद पूरा करा लिया.

कहां उन्हें अपने वोट चोरी अभियान का अलख जगाए रखना था, जिससे कांग्रेस मजबूत हो तो वे चुनाव की चहल-पहल से बेफिक्र होकर विदेश भ्रमण पर चले गए.

कांग्रेस से आरजेडी अलग लड़ें तो फायदा

आरजेडी को अच्छी तरह पता है कि कांग्रेस के साथ रहने के लिए उसे उसकी ऊटपटांग शर्तों को स्वीकारना खतरे की पुनरावृत्ति के सिवा कुछ नहीं है. 2020 में महागठबंधन की सरकार इसलिए नहीं बन पाई कि औकात से अधिक सीटें उसने कांग्रेस को दे दीं. तेजस्वी सीएम की कुर्सी के करीब जाकर भी उस पर बैठने से चूक गए.

तेजस्वी को 5 साल तक इस बात का मलाल रहा है. इस बार वे इसे सुधार सकते थे, पर कांग्रेस के व्यामोह में वे उलझ गए हैं. चुनाव की घोषणा सिर पर है और टिकट बंटवारा फाइनल करने से जरूरी राहुल को विदेश यात्रा लगी. तेजस्वी को सीएम फेस घोषित करने में आनाकानी, 70 सीटों के लिए अड़ जाना और डेप्युटी सीएम पद की मांग, कांग्रेस के ऐसे नखरे हैं, जो तेजस्वी को सीएम बनने में बाधक बन सकते हैं.

बहराइच में अवैध मदरसे पर बुधवार को प्रशासन ने छापा मारा। उपजिलाधिकारी अश्वनी पांडेय ने तलाशी ली तो अंदर से 40 नाबालिग छा...
09/10/2025

बहराइच में अवैध मदरसे पर बुधवार को प्रशासन ने छापा मारा। उपजिलाधिकारी अश्वनी पांडेय ने तलाशी ली तो अंदर से 40 नाबालिग छात्राएं मिलीं। मदरसा संचालक खलील अहमद पहले अधिकारियों को अंदर जाने से रोकता रहा, लेकिन उपजिलाधिकारी ने सख्ती दिखाई तो उसे मानना पड़ा। तलाशी के दौरान कई छात्राएं शौचालय में बंद मिलीं। अधिकारियों का कहना है कि संचालक ने लड़कियों को छिपाने की कोशिश की थी।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम भी पहुंच गई और जांच-पड़ताल शुरू कर दी। अधिकारियों ने पूरे प्रकरण से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भी अवगत करा दिया है। अब मदरसे के संचालन, पंजीकरण, वित्तीय स्रोत और वहां रह रही छात्राओं के अभिभावकों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

उत्तर प्रदेश के एक गांव से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवती ने अपने ही गांव के चार लड़कों से एक साथ ...
08/10/2025

उत्तर प्रदेश के एक गांव से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवती ने अपने ही गांव के चार लड़कों से एक साथ संबंध बना रखे थे।

बताया जा रहा है कि युवती हर लड़के से अलग-अलग चीजें मंगवाती थी — किसी से चाऊमीन, किसी से मंचूरियन, किसी से पिज़्ज़ा तो किसी से कोल्ड ड्रिंक। इन सब चीजों का मज़ा वह अपनी सहेलियों के साथ उठाती थी और फिर मज़ाक उड़ाने के लिए उन लड़कों की रिकॉर्डिंग भी सुनाती थी।

लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। जब एक प्रेमी को युवती की असलियत का अंदाज़ा हुआ, तो उसने चाल चलते हुए युवती को बीयर पिलाई और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली। इसके बाद उसने वह वीडियो बाकी तीन प्रेमियों को दिखा दी।

वीडियो देखने के बाद चारों युवक आपा खो बैठे और गुस्से में युवती को खेत में ले जाकर बुरी तरह पीट दिया।

इस घटना के बाद गांव में चर्चा का माहौल है। लोग कह रहे हैं कि युवती ने सबके साथ धोखा किया, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग युवकों की इस हरकत को भी गलत ठहरा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में 90 के दशक में समाजवादियों की अय्याशी पर मशहूर शायर अदम गोंडवी ने लिखा था।"काजू भुने पलेट में, विस्की गि...
07/10/2025

उत्तर प्रदेश में 90 के दशक में समाजवादियों की अय्याशी पर मशहूर शायर अदम गोंडवी ने लिखा था।

"काजू भुने पलेट में, विस्की गिलास में
उतरा है रामराज विधायक निवास में

पक्के समाजवादी हैं, तस्कर हों या डकैत
इतना असर है ख़ादी के उजले लिबास में"

वह तो अच्छा था कि अदम गोंडवी साहब सैफई महोत्सव नहीं देख पाए।

मुलायम यादव 5 साल सत्ता में रहे और अखिलेश यादव 5 साल सत्ता में रहे और इन 10 सालों के दौरान हर साल मुंबई से उत्तर प्रदेश सरकार के सरकारी विमान से और दूसरे आलीशान कारपोरेट जेट भाड़े पर लेकर सलमान खान कैटरीना कैफ रणबीर कपूर माधुरी दीक्षित अमिताभ बच्चन शिल्पा शेट्टी से लेकर पूरे बॉलीवुड को एक छोटे से गांव सैफई में बुलाया जाता था जो मुलायम यादव का पैतृक गांव है और फिर 15 दिनों तक उस गांव में शराब शबाब और कबाब की महफिले सजती थी।

समाजवादी लोग हाथ में दारू का गिलास लिए मुर्ग मुसल्लम का चखना लिए फिल्मी तारिकाओं का डांस देखकर समाजवाद को मजबूत करते थे।

और इस महोत्सव के बारे में यहां तक भी खबरें हैं कि सिर्फ डांस ही नहीं आगे बहुत कुछ होता था और तो और इनकी बेहयाई और बेशर्मी देखिए आरटीआई से जब पूछा जाता था कि समाजवाद के इस नंगे नाच पर आपने कितना पैसा सरकारी खजाने से खर्च किया है तब यह आरटीआई से जवाब नहीं देते थे और जो कोई हाईकोर्ट में अपील करता था उसे गोली मार दी जाती थी।

इन्होंने 4 आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या करवा दी थी जिन्होंने सैफई महोत्सव का खर्च जानने की कोशिश किया।

वह दहशत भरा दौर याद करिए और फिर मुलायम सिंह यादव के दौर के बाद जब मायावती आई तब उन्होंने यह खर्च बताया कि मुलायम सिंह यादव के पांच सैफई महोत्सव पर 18000 करोड रुपए खर्च हुआ और योगी सरकार ने बताया अखिलेश यादव के सैफई महोत्सव पर ₹34000 करोड़ सरकारी खजाने से खर्च हुआ और यह सब पैसे भाड़े पर कारपोरेट देने वाले तथा मुंबई के अमीर फिल्मी दुनिया के सितारों पर खर्च कर दिए गए।

अखिलेश यादव का यही असली समाजवाद है।

आप यह फोटोग्राफ देखिए किस तरह से मुंबई की पूरी फिल्मी दुनिया को पैसे सरकारी पैसे के दम पर अखिलेश यादव और मुलायम यादव से उतार देते थे और फिर समाजवादी शराब शबाब और कबाब का दौर चलता था जाम से जाम टकराते थे चखना का आदान प्रदान होता था।

अब बताइये आम जनता का इससे क्या भला होता था??

"राष्ट्रहित सर्वोपरि" 💪💪

जय श्री राम 🙏

हर हर महादेव 🔱🙏🚩

असम राज्य के तिनसुकिया जिले में सब्जियां बेचकर रोजी-रोटी कमाने वाले सोबेरन को 22 वर्ष पूर्व राह से गुजरते एक नवजात बच्ची...
06/10/2025

असम राज्य के तिनसुकिया जिले में सब्जियां बेचकर रोजी-रोटी कमाने वाले सोबेरन को 22 वर्ष पूर्व राह से गुजरते एक नवजात बच्ची की आवाज सुनाई दी..

सोबेरन भाई ने उस बच्ची को अपना लिया और नामकरण किया ज्योति। ज्योति आज प्रतियोगी परीक्षा आला दर्जे से पास होकर इंकम टैक्स ऑफिसर बनी है!

बहन को हौसलाअफजाई कीजिये, और बधाई दीजिए।

Address

C-24 Platina Heights Sector 62
Noida
201301

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