Kavish Abhijeet

Kavish Abhijeet हिन्दी रचनाकार ✍️
" मेरे अल्फाजों में कोई इस कदर खुद को ढूंढता है साहब,
कि मेरी वफ़ा की स्याही में भी उसे सिर्फ दर्द ही दिखता है।"

"ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्.."पवित्र श्रावण मास के तृतीय सोमवार की आप सभी को मंगल बधाई...
28/07/2025

"ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्.."

पवित्र श्रावण मास के तृतीय सोमवार की आप सभी को मंगल बधाई एवं शुभकामनाएं !🚩

देवाधिदेव महादेव की कृपा से आप सभी का जीवन सदैव सुख, शांति और समृद्धि से भरपूर रहे !!🙏

ादेव 🚩
#सावन_सोमवार
#सावनसोमवार
#महादेव

"दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे,आजाद थे, आजाद हैं, और आजाद ही रहेंगे!"बलिदान और साहस की अमिट मिसाल,भारत मां के सच्...
23/07/2025

"दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे,
आजाद थे, आजाद हैं, और आजाद ही रहेंगे!"

बलिदान और साहस की अमिट मिसाल,
भारत मां के सच्चे सपूत क्रांतिवीर चंद्रशेखर आज़ाद जी को उनकी जयंती पर शत्-शत् नमन।
जय हिंद! 🇮🇳

🌿 श्रावण मास का दूसरा सोमवार 🌿🔱 भोलेनाथ की भक्ति में लीन हर दिल 🔱"नीला अम्बर, गंगा की अविरल धारा,सावन में भोले का निराला...
21/07/2025

🌿 श्रावण मास का दूसरा सोमवार 🌿
🔱 भोलेनाथ की भक्ति में लीन हर दिल 🔱

"नीला अम्बर, गंगा की अविरल धारा,
सावन में भोले का निराला नज़ारा।
डमरू बाजे, गूंजे शिव का नाम,
हर भक्त के दिल में बसे भोले का धाम।"

💫 जय शिव शंकर | हर हर महादेव | ओम् नमः शिवाय 💫

ोलेनाथ

"धधक उठा था रण का शोला, जब नाम लिया था मंगल का,काँप उठी थी फिरंगी सत्ता, जब खून उबला था पांडे का।शहादत तेरी बेकार न जाएग...
19/07/2025

"धधक उठा था रण का शोला, जब नाम लिया था मंगल का,
काँप उठी थी फिरंगी सत्ता, जब खून उबला था पांडे का।
शहादत तेरी बेकार न जाएगी,
तेरे जैसे वीरों से ही तो आज़ादी आई थी।"

💐 माँ भारती के वीर सपूत, प्रथम स्वाधीनता संग्राम के महानायक, अमर बलिदानी मंगल पांडे जी की जयंती पर कोटिश: नमन करता हूँ!

मातृभूमि के प्रति आपका त्याग, समर्पण एवं बलिदान सदैव भावी पीढ़ियों को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा। वीर सपूत को बारंबार प्रणाम! 🙏

#मंगल_पांडे
#जयंती

सावन तो अब भी बरसता है, पर वो मन नहीं जो बेवजह भीगने को मचल जाए।अब भी बारिश होती है, पर ना वो पागलपन रहा, ना वो जज्बात ज...
16/07/2025

सावन तो अब भी बरसता है, पर वो मन नहीं जो बेवजह भीगने को मचल जाए।
अब भी बारिश होती है, पर ना वो पागलपन रहा, ना वो जज्बात जो किसी बूंद से दिल बहल जाए।
समय ने बहुत कुछ सिखाया… शायद इसलिए अब बारिश भी सिर्फ मौसम लगती है, एहसास नहीं।

✍️ अभिजीत आनंद 'काविश'

#अभिजीत_की_लेखनी_से
#सावन2025 ा_मौसम #भावनाएं #शब्दसागर

 ादेव पावन पवित्र श्रावण मास के प्रथम सोमवार की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं 🙏श्री महाकाल की कृपा आप सभी के जीवन में बनी...
14/07/2025

ादेव
पावन पवित्र श्रावण मास के प्रथम सोमवार की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
श्री महाकाल की कृपा आप सभी के जीवन में बनी रहे 🙏

#सावनसोमवार #सावनकामहीना #महादेव

💫 अगर तुमने कभी भी दिल से पुकारा,यक़ीन मानो, मैं हर जन्म मिलूंगा —बिन शिकायत, बिन शर्त...📝 "क्रंदन की कारा से लेकर जीवन ...
12/07/2025

💫 अगर तुमने कभी भी दिल से पुकारा,
यक़ीन मानो, मैं हर जन्म मिलूंगा —
बिन शिकायत, बिन शर्त...

📝 "क्रंदन की कारा से लेकर जीवन की धारा तक...
मैं बहता रहूंगा, बस तुम ठीक से निहारो तो..."

📍Tag that one person
who lives in your heart — even in your silence.

👇

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🌫️🌸 कुछ राहें आसान होती हैं, कुछ संघर्षपूर्ण... पर हर रास्ते की अपनी कहानी होती है। 🌸🌫️"उनके हिस्से में मनोरम भ्रमण आया,...
07/07/2025

🌫️🌸 कुछ राहें आसान होती हैं, कुछ संघर्षपूर्ण... पर हर रास्ते की अपनी कहानी होती है। 🌸🌫️

"उनके हिस्से में मनोरम भ्रमण आया,
जिनके वर्तमान जीवन की राहें थीं सुगम,
हम संघर्ष पथ पर अग्रसर रहे,
क्योंकि हमारी खुशियों के रास्ते बड़े दुर्गम।"

©️®️ अभिजीत आनंद 'काविश'

हर किसी की ज़िन्दगी की कहानी अलग होती है। कुछ को राहें मिलती हैं, कुछ को रास्ते बनाने पड़ते हैं। पर अंत में वही सफर हमें गढ़ता है।

#काव्य #जिंदगी #संघर्ष #अभिजीत_की_लेखनी_से

 #हार्दिक_आभार 🙏मुझे यह बताते हुए अत्यंत गर्व हो रहा है कि मुझे "राष्ट्र रत्न सम्मान 2025" से सम्मानित किया गया है, जो म...
05/07/2025

#हार्दिक_आभार 🙏

मुझे यह बताते हुए अत्यंत गर्व हो रहा है कि मुझे "राष्ट्र रत्न सम्मान 2025" से सम्मानित किया गया है, जो मुझे अंतर्राष्ट्रीय सखी साहित्य परिवार (पंजीकृत), बिहार ईकाई द्वारा साहित्य, कला एवं सामाजिक क्षेत्रों में मेरे योगदान के लिए प्रदान किया गया।

यह सम्मान मेरे लिए सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि मेरी लेखनी और अभिव्यक्ति को मिली एक नई ऊर्जा है।

इस गौरवपूर्ण क्षण के लिए मैं सखी साहित्य परिवार, डॉ. दीपिका सुभद्रा जी एवं समस्त टीम का हृदय से आभार प्रकट करता हूँ।

आप सभी के प्रेम, सहयोग और आशीर्वाद के बिना यह संभव नहीं था।
आगे भी इसी प्रकार सृजनशीलता और समाज के लिए समर्पित रहूँगा।

💐 सादर,
अभिजीत आनंद "काविश"

#राष्ट्ररत्नसम्मान2025 #साहित्य #सम्मान #काविश #हिंदीसाहित्य #धन्यवाद

"मैं जब भी उसे पुकार कर थकता हूँ, जज़्बात कागजों पर लिखकर,एहसासों से लिपटता हूँ।"   ©️®️ अभिजीत आनंद 'काविश'
04/07/2025

"मैं जब भी उसे पुकार कर थकता हूँ,
जज़्बात कागजों पर लिखकर,
एहसासों से लिपटता हूँ।"

©️®️ अभिजीत आनंद 'काविश'

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