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Ish*t Bhatt, a 10-year-old contestant on Kaun Banega Crorepati (KBC) Season 17, made headlines for his bold and overconf...
14/10/2025

Ish*t Bhatt, a 10-year-old contestant on Kaun Banega Crorepati (KBC) Season 17, made headlines for his bold and overconfident behavior on the show. During his episode, he told host Amitabh Bachchan, "Mere ko rules pata hai, isliye aap mereko abhi rules samjhane mat baithna" (I know the rules, so don't start explaining them to me right now), which surprised both the host and the audience. Ish*t often interrupted Amitabh Bachchan, demanding options before they were revealed and saying things like "Arre option daalo" (Put the options) and "Sir ek kya uss mein chaar lock lagado, lekin lock karo" (Lock multiple choices), showing impatience and assertiveness.This behavior sparked a significant backlash online, with many netizens criticizing the child for being rude and disrespectful toward Amitabh Bachchan, even though Amitabh handled the situation with remarkable grace. The incident also ignited a debate about parenting and the need to teach children humility, patience, and manners. Ultimately, Ish*t lost the game after incorrectly answering a question about the Ramayana and walked away with no winnings, which some viewers found a fitting conclusion given his demeanor

13/10/2025

निशीथ नाम का ये बच्चा सिर्फ बच्चा नहीं है, बल्कि जेंटल पेरेंटिंग के नाम पर बच्चों की नाजायज़ ज़िदों को पूरा करने के बाद का परिणाम क्या होता है, उसका भावी चेहरा है..

🔷मैं जेंटल पेरेंटिंग की बहुत विरोधी नहीं हूं, तानाशाही भरी परवरिश की किसी भी तरह समर्थक नहीं हूं.. पर बच्चों में अंतरदृष्टि के विकास की प्रबल समर्थक हूं.. उनको बड़ों से किस तरह बात करनी है, दोस्तों से कैसे पेश आना है, घर के हेल्पर्स से कैसे बात करनी है, ये सब बच्चे सर्वप्रथम अनुकरण कर के सीखते हैं. अगर उस व्यवहार का अनुकरण बच्चा कर रहा है जो अनुकरणीय नहीं है तो उसको रोकिये. अनुशासन जीवन में कुछ भी प्राप्त करने के लिए आधारभूत आवश्यकता है..

🔷प्यार दुलार देना, सुविधाएं देना, स्वतंत्रता देना ठीक है. लेकिन साथ साथ शिष्टाचार, तहज़ीब और तमीज़ सिखाने का काम भी इसी उम्र में किया जाना चाहिए. मैं मानती हूं कि बच्चों को अंडर कॉन्फिडेंट नहीं होना चाहिए, लेकिन बच्चा अपने दादा की उम्र के व्यक्ति पर चढ़ बैठे इतना बदतमीज़ भी नहीं होना चाहिए.
5-6 साल के बच्चे की ऐसी हरकतें क्यूट लग सकती हैं, पर बड़े होने पर यही हरकतें ज़बानदराज़ी की श्रेणी में आ जाती हैं..

🔷आखिर ऐसे ही तो नहीं हमारे पूर्वज कह गए हैं..
“ऐसी बानी बोलिये, मन का आपा खोए..
औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होए..”

“माता शत्रु, पिता बैरी येन बालो पठितः..
न शोभते सभा मध्ये, हंस मध्ये वको यथा”
वो माता पिता शत्रु हैं जो बच्चों को सही शिक्षा नहीं देते.. इस तरह पोषित व्यक्ति विद्वानों सभा में वैसे ही अशोभनीय लगता है जैसे हँसो की सभा में बगुला.

🔷एक अर्जुन थे, एक कर्ण थे.. अर्जुन ने अपने व्यवहार से कृष्ण की कृपा प्राप्त की, भगवान शिव से पशुपतास्त्र प्राप्त किया, गुरु की कृपा प्राप्त की, दुर्गा माँ से विजय का वरदान प्राप्त किया...
कर्ण ने गुरु को धोखा दे कर अर्जित ज्ञान को भी न समय पर भूल जाने का शाप प्राप्त किया.. एक को आत्मविश्वास था, एक को अतिआत्मविश्वास ही नहीं घमंड भी था..

▪️आत्मविश्वास, अतिआत्मविश्वास और घमंड.. तीनों भिन्न हैं. तीनों में फर्क करना आना चाहिए..

13/10/2025
11/10/2025

*जापानी लोग भारतीय लोगों को अपने घर क्यों नहीं बुलाते हैं?----*

*जापान में साल भर से ज़्यादा समय से रह रहे एक भारतीय व्यक्ति ने जापान में एक अजीब बात देखी कि उसके जापानी मित्र विनम्र और मददगार थे, किंतु उसे कोई भी अपने घर नहीं बुलाता था, इवन एक कप चाय के लिए भी नहीं।*

*हैरान और आहत होकर, आखिरकार उसने एक जापानी मित्र से पूछा कि ऐसा क्यों?*

*काफ़ी देर तक चुप रहने के बाद, उस दोस्त ने जवाब दिया कि- "हमें भारतीय इतिहास पढ़ाया जाता है.. किंतु प्रेरणा लेने के लिए नहीं, बल्कि एक चेतावनी के तौर पर।"*

*उस भारतीय व्यक्ति ने हैरान होकर पूछा, "चेतावनी, भारतीय इतिहास चेतावनी के तौर पर पढ़ाया जाता है? प्लीज़ बताओ क्यों?"*
*जापानी दोस्त ने उससे पूछा - "कितने अंग्रेजों ने भारत पर राज किया?"*
*भारतीय व्यक्ति ने कहा, "शायद... लगभग 10,000?"*
*जापानी व्यक्ति ने गंभीरता से हाँ में सिर हिलाया और पूछा उस समय भारत में 30 करोड़ से ज़्यादा भारतीय रहते थे। है ना?"*

*"तो फिर तुम्हारे लोगों पर अत्याचार किसने किया? उन्हें कोड़े मारने, यातना देने और गोली मारने के आदेशों का पालन किसने किया?"*

*उसने ज़ोर देकर पूछा कि- "जब जनरल डायर ने जलियाँवाला बाग में गोली चलाने का आदेश दिया, तो ट्रिगर किसने दबाया था? क्या वे अंग्रेज़ सैनिक थे? नहीं , वे भारतीय थे।"*
*"किसी ने भी जनरल डायर पर अपनी राइफल क्यों नहीं तानी, एक ने भी नहीं। उसने कहा - "तुम जिस गुलामी की बात करते हो ना यही तुम्हारी असली गुलामी थी। शरीर की नहीं, आत्मा की।*

*वह भारतीय व्यक्ति जड़वत, मौन और शर्मिंदा खड़ा सुनता रहा।*

*जापानी मित्र ने आगे कहा - "मध्य एशिया से कितने मुग़ल आए थे? शायद कुछ हज़ार? और फिर भी उन्होंने सदियों तक तुम पर राज किया।*
*मुगलों ने अपने संख्या बल से भारत में शासन नहीं किया बल्कि तुम्हारे अपने लोगों ने सिर झुकाकर मुगलों को सलाम किया। अपने लोगों से द्रोह किया और मुगलों की वफ़ादारी की। या तो ज़िंदा रहने के लिए या चाँदी के सिक्कों के लिए।"*

*"तुम्हारे अपने ही लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया। अपनी बहन - बेटी मुगलों से ब्याह दी।*
*तुम्हारे ही लोगों ने तुम्हारे नायकों को अंग्रेजों को सौंप दिया।* *चंद्रशेखर आज़ाद के साथ विश्वासघात किसने किया? वे अल्फ्रेड पार्क में छुपे हैं ये खबर अंग्रेजों को किसने दी?*
*भगत सिंह को उन लोगों (गांधी-नेहरु) की अनुमति के बिना फाँसी पर चढ़ाना आसान था क्या? जो कि खुद को देशभक्त कहते थे।"*

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*"तुम भारतियों को विदेशी दुश्मनों की ज़रूरत नहीं है। तुम्हारे ही लोग सत्ता, पद और निजी लाभ के लिए बार-बार तुम्हें धोखा देते हैं। इसीलिए हम भारतियों से दूरी बना कर रखते हैं।"*
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*"जब अंग्रेज़ हाँगकांग और सिंगापुर आए, तो एक भी स्थानीय व्यक्ति उनकी सेना में शामिल नहीं हुआ। लेकिन भारत में, तुम सिर्फ़ दुश्मनों की सेना में ही शामिल नहीं हुए बल्कि तुमने उनकी सेवा की। उनकी पूजा की। उन्हें खुश करने के लिए अपने ही लोगों को मार डाला।"*

*" तुम भारतीय आज भी नहीं बदले हो। तुमने इतिहास से कोई सबक नहीं लिया है। आज भी थोड़ी सी मुफ़्त की बिजली, एक बोतल शराब, एक कंबल दे दो—और तुम्हारा वोट, तुम्हारा ज़मीर, तुम्हारी आवाज़, सब बिना सोचे-समझे तुम बेच देते हो।*

*तुम्हारी वफ़ादारी तुम्हारे देश के साथ नहीं, बल्कि तुम्हारे पेट के साथ है।"*

*"तुम नारे लगाते हो। तुम विरोध प्रदर्शन करते हो। लेकिन जब देश को तुम्हारे बलिदान की ज़रूरत पड़ती है, तब तुम कहाँ होते हो? तुम्हारी पहली वफ़ादारी अभी भी अपने घर- परिवार, पत्नि-बच्चों और धन-सम्पत्ति के प्रति है। बाकी देश और धर्म सब जायें भाड़ में।"*

*इतना कहकर वह जापानी वहाँ से चला गया और वह भारतीय शर्म के मारे सिर नीचा किए वहीं बुत की तरह खड़ा रह गया..*
😔😔😔

मुंबई गए और वडा पाव नहीं खाया, ऐसा हो सकता है क्या?🔶मुम्बई का मशहूर वड़ा पाव बनाने की आसान विधि यहाँ है:🔶सामग्री:वड़ा के...
11/10/2025

मुंबई गए और वडा पाव नहीं खाया, ऐसा हो सकता है क्या?
🔶मुम्बई का मशहूर वड़ा पाव बनाने की आसान विधि यहाँ है:

🔶सामग्री:
वड़ा के लिए:
- उरद दाल (सफेद काली दाल) – 1 कप
- हरी मिर्च – 2-3 (बारीक कटी हुई)
- अदरक – 1 इंच का टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
- हींग – 1 चुटकी
- हल्दी पाउडर – 1/4 चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
- तेल – तलने के लिए

पाव के लिए:
- गरम मसाला पाव (मुम्बई का खास ब्रेड) – 4-6 (मोटी स्लाइस में काटा हुआ)
- मक्खन या तेल – सेकने के लिए

चटनी के लिए:
- हरी धनिया और हरी मिर्च की चटनी
- इमली की खट्टी चटनी (वैकल्पिक)

🔶विधि:
1. सबसे पहले, उरद दाल को धोकर पानी में कम से कम 4-5 घंटे भिगो दें।
2. भिगोने के बाद, दाल का पानी निकाल दें और मिक्सर में हरी मिर्च, अदरक, हींग, हल्दी और नमक डालकर अच्छी तरह पीस लें। घोल हल्का गाढ़ा होना चाहिए।
3. एक कड़ाही में तेल गरम करें। जब तेल गरम हो जाए, तो उसमें से छोटे-छोटे वड़े बनाकर डालें।
4. मध्यम आंच पर वड़ों को सुनहरा होने तक तलें। फिर निकालकर पेपर टिश्यू पर रखें ताकि अतिरिक्त तेल सोख लिया जाए।
5. अब, पाव को हल्का मक्खन या तेल लगाकर सुनहरा और कुरकुरा होने तक सेक लें।
6. वड़ों को गर्म गर्म पाव में रखें और ऊपर से चटनी लगाएं।
7. वड़ा पाव को हरे धनिया और प्याज के साथ परोसें।

🔶मुम्बई की मशहूर भेल पूरी बनाने की विधि यहाँ दी गई है:

🔶सामग्री:
भेल पूरी के लिए:
- सूजी (सोजी) – 1 कप
- मैदा – 1/4 कप
- पानी – आवश्यकतानुसार
- नमक – स्वादानुसार
- बेकिंग सोडा – 1 चुटकी (वैकल्पिक)
- तला हुआ तेल – तलने के लिए

भरावन के लिए:
- पोहा (पिसा हुआ चावल) – 1 कप
- हरी मिर्च – 1-2 (बारीक कटी हुई)
- हरा धनिया – बारीक कटा हुआ
- नींबू का रस – 1 बड़ा चम्मच
- नमक, चाट मसाला – स्वादानुसार
- प्याज – बारीक कटा हुआ (वैकल्पिक)

चटनी के लिए:
- इमली की मीठी और खट्टी चटनी
- हरी धनिया और हरी मिर्च की चटनी

🔶विधि:
1. सूजी, मैदा, नमक, बेकिंग सोडा और पानी मिलाकर आटा गूंध लें। चिकना और सॉफ्ट आटा तैयार करें।
2. इस आटे से छोटी-छोटी लोइयां बनाएं और बेलन से बेलकर पतली रोटियां बनाएं।
3. इन रोटियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और गरम तेल में सुनहरा और कुरकुरा होने तक तलें। फिर निकालकर रख लें।
4. एक कटोरी में पोहा, हरी मिर्च, हरा धनिया, नींबू का रस, नमक और चाट मसाला मिलाएं। इसमें प्याज भी डाल सकते हैं।
5. अब, भेल बनाने के लिए, तली हुई पूरी के टुकड़ों को एक बड़े बाउल में डालें। ऊपर से तैयार पोहा मिश्रण डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
6. ऊपर से हरी चटनी, इमली की चटनी और भुने हुए सेव या मेवे से सजा सकते हैं।
7. तुरंत परोसें ताकि पूरी कुरकुरी बनी रहे।

🔶मुम्बई की मशहूर पाव भाजी बनाने की आसान विधि यहाँ है:

🔶सामग्री:
पाव के लिए:
- पाव ब्रेड – 4-6 (मोटी स्लाइस में काटे हुए)
- मक्खन – आवश्यकतानुसार

भाजी के लिए:
- बटर या तेल – 2 टेबल स्पून
- प्याज – 2 मध्यम (बारीक कटा हुआ)
- टमाटर – 2 (मध्यम, कटे हुए)
- हरी मिर्च – 1-2 (बारीक कटी हुई)
- मटर – 1/2 कप (उबले हुए)
- शिमला मिर्च – 1 छोटी (कटी हुई)
- हरा धनिया – बारीक कटा हुआ
- गरम मसाला – 1/2 चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच
- हल्दी पाउडर – 1/4 चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
- पानी – आवश्यकतानुसार
- अमचूर पाउडर – 1/4 चम्मच (वैकल्पिक)

🔶विधि:
1. सबसे पहले, एक कड़ाही में मक्खन या तेल गरम करें। उसमें प्याज डालें और सुनहरा होने तक भूनें।
2. फिर, हरी मिर्च और टमाटर डालकर पकाएं जब तक टमाटर नरम न हो जाएं।
3. अब, मटर, शिमला मिर्च डालें और कुछ मिनट पकाएं।
4. उसके बाद, हल्दी, मिर्च पाउडर, गरम मसाला और नमक डालें। अच्छी तरह मिलाएं।
5. आवश्यकतानुसार पानी डालें ताकि ग्रेवी गाढ़ी हो। 10-15 मिनट धीमी आंच पर पकाएं ताकि सारी मसाले मिक्स हो जाएं।
6. अंत में, हरा धनिया डालें और गैस बंद कर दें।
7. इसी बीच, पाव को आधा काटकर मक्खन से अच्छी तरह से सेंक लें।
8. गरमागरम भाजी को प्याले में निकालें और पाव के साथ परोसें। ऊपर से थोड़ा मक्खन डालें और हरे धनिया से सजाएं।

🔶मुम्बई की मशहूर मिसाल पाव बनाने की विधि यहाँ है:

🔶सामग्री:
पाव के लिए:
- पाव ब्रेड – 4-6 (मोटी स्लाइस में कटे हुए)
- मक्खन – आवश्यकतानुसार

मसालेदार मसाला:
- मक्खन या तेल – 2 टेबल स्पून
- प्याज – 1 बड़ा (बारीक कटा हुआ)
- हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी)
- अदरक-लहसुन का पेस्ट – 1 चम्मच
- टमाटर – 2 (मध्यम, कटे हुए)
- हरा धनिया – बारीक कटा हुआ
- गरम मसाला – 1/2 चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच
- हल्दी पाउडर – 1/4 चम्मच
- नींबू का रस – 1 चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
- पानी – आवश्यकतानुसार

🔶विधि:
1. सबसे पहले, मक्खन या तेल गरम करें। उसमें प्याज डालें और सुनहरा होने तक भूनें।
2. फिर, हरी मिर्च और अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और खुशबू आने तक भूनें।
3. टमाटर डालें और नरम होने तक पकाएं।
4. अब, हल्दी, मिर्च पाउडर, गरम मसाला और नमक डालें। मिलाएं।
5. आवश्यकतानुसार पानी डालें ताकि ग्रेवी गाढ़ी हो जाए। कुछ मिनट धीमी आंच पर पकाएं।
6. अंत में, हरा धनिया डालें और नींबू का रस मिलाएं। गैस बंद कर दें।
7. इसी बीच, पाव को आधा काटकर मक्खन से अच्छी तरह से सेंक लें।
8. गरम मसालेदार मिसाल पाव को प्लेट में निकालें और ऊपर से मक्खन डालें। साथ में हरे धनिया से सजाएं।
9. गरमागरम परोसें और आनंद लें।

🔶मुम्बई की मशहूर मिसाल पाव बनाने की विधि यहाँ है:

🔶सामग्री:
पाव के लिए:
- पाव ब्रेड – 4-6 (मोटी स्लाइस में कटे हुए)
- मक्खन – आवश्यकतानुसार

मसालेदार मसाला:
- मक्खन या तेल – 2 टेबल स्पून
- प्याज – 1 बड़ा (बारीक कटा हुआ)
- हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी)
- अदरक-लहसुन का पेस्ट – 1 चम्मच
- टमाटर – 2 (मध्यम, कटे हुए)
- हरा धनिया – बारीक कटा हुआ
- गरम मसाला – 1/2 चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच
- हल्दी पाउडर – 1/4 चम्मच
- नींबू का रस – 1 चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
- पानी – आवश्यकतानुसार

🔶विधि:
1. सबसे पहले, मक्खन या तेल गरम करें। उसमें प्याज डालें और सुनहरा होने तक भूनें।
2. फिर, हरी मिर्च और अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और खुशबू आने तक भूनें।
3. टमाटर डालें और नरम होने तक पकाएं।
4. अब, हल्दी, मिर्च पाउडर, गरम मसाला और नमक डालें। मिलाएं।
5. आवश्यकतानुसार पानी डालें ताकि ग्रेवी गाढ़ी हो जाए। कुछ मिनट धीमी आंच पर पकाएं।
6. अंत में, हरा धनिया डालें और नींबू का रस मिलाएं। गैस बंद कर दें।
7. इसी बीच, पाव को आधा काटकर मक्खन से अच्छी तरह से सेंक लें।
8. गरम मसालेदार मिसाल पाव को प्लेट में निकालें और ऊपर से मक्खन डालें। साथ में हरे धनिया से सजाएं।
9. गरमागरम परोसें और आनंद लें।

🔶मुम्बई के मशहूर रगड़ा पॅटीस बनाने की विधि यहाँ है:

🔶सामग्री:
पेटीस के लिए:
- मैदा – 2 कप
- पानी – आवश्यकतानुसार
- नमक – चुटकी
- तेल – 1 टेबल स्पून

रगड़ा के लिए:
- उबले हुए छोले (काबुली चने) – 1 कप
- हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी)
- अदरक – 1 छोटा टुकड़ा (कटा हुआ)
- हरा धनिया – बारीक कटा हुआ
- नींबू का रस – 1 टेबल स्पून
- लाल मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच
- अमचूर पाउडर – 1/2 चम्मच
- नमक – स्वादानुसार

टमाटर-चटनी के लिए:
- टमाटर – 2 मध्यम (बारीक कटे)
- हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी)
- लहसुन – 1 कली (कटी हुई)
- तेल – 1 टेबल स्पून
- नमक – स्वादानुसार
- हरा धनिया – सजावट के लिए

🔶विधि:
1. सबसे पहले, मैदा में नमक डालें और पानी डालकर सॉफ्ट आटा गूंथ लें। आटे को ढककर 20-30 मिनट के लिए रख दें।
2. उस समय, रगड़ा बनाने के लिए, उबले हुए छोले को मिक्सर में पीस लें। इसमें हरी मिर्च, अदरक, हरा धनिया, नमक, लाल मिर्च पाउडर, अमचूर पाउडर, और नींबू का रस मिलाएं। अच्छे से मिक्स करें। यदि जरूरत हो तो थोड़ा पानी डाल सकते हैं।
3. टमाटर-चटनी बनाने के लिए, पैन में तेल गरम करें। उसमें टमाटर, हरी मिर्च, लहसुन डालें और पकाएं जब तक टमाटर नरम हो जाएं। फिर, स्वादानुसार नमक डालें। हल्का गाढ़ा होने पर गैस बंद कर दें।
4. आटे से छोटी-छोटी लोइयां बनाएं। हर लोई को बेलकर पतला राउंड बेल लें।
5. तवा गरम करें, फिर बेलने के बाद, दोनों तरफ से सुनहरा होने तक सेंकें। पैन को नीचे से हल्का तवे पर दबाएं ताकि दोनों तरफ अच्छी तरह से पक जाएं।
6. अब, सेंकी हुई पेटीस को ऊपर से मक्खन या घी लगाएं।
7. रगड़ा को पेटीस पर अच्छी तरह से फैलाएं।
8. ऊपर से टमाटर-चटनी डालें या साथ में परोसें।
9. हरे धनिया से सजा कर परोसें।

🔶बॉम्बे सैंडविच बनाने की विधि यहाँ है:

🔶सामग्री:
- ब्रेड स्लाइस – 4 (सॉफ्ट और ताजा)
- मक्खन – आवश्यकतानुसार
- हरी चटनी – 2 टेबल स्पून
- टमाटर – 1 (पतला स्लाइस में कटा हुआ)
- खीरा – 1 (पतला स्लाइस में कटा हुआ)
- प्याज – 1 (पतला स्लाइस में कटा हुआ)
- हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी)
- मीठी चटनी – 1 टेबल स्पून (वैकल्पिक)
- भुना हुआ मक्खन या घी – आवश्यकतानुसार

🔶विधि:
1. सबसे पहले, ब्रेड स्लाइस पर मक्खन लगाएं।
2. एक स्लाइस पर हरी चटनी फैलाएं।
3. अब, उस पर टमाटर, खीरा, प्याज और हरी मिर्च के स्लाइस रखें।
4. यदि चाहें तो ऊपर से मीठी चटनी भी लगा सकते हैं।
5. दूसरी स्लाइस को ऊपर रखकर हल्के से दबाएं।
6. यदि आप चाहें तो सैंडविच को ग्रिल पर या तवे पर रखकर दोनों तरफ से हल्का सुनहरा होने तक सेंक सकते हैं। इस दौरान, मक्खन या घी लगाएं ताकि क्रिस्पी और स्वादिष्ट बन जाए।
7. गरमागरम सैंडविच को काटकर परोसें।

🔶मुंबई की कोथिंबीर वड़ी बनाने की विधि यहाँ है:

🔶सामग्री:
- बेसन (गेंहू का आटा) – 1 कप
- कोथिंबीर (धनीया हरी पत्तियां) – 1 कप (बारीक कटी हुई)
- हरी मिर्च – 2 (बारीक कटी हुई)
- अदरक – 1 इंच का टुकड़ा (कटा हुआ)
- हींग – एक चुटकी
- हल्का सा सोडा (वैकल्पिक) – 1 चुटकी
- नमक – स्वादानुसार
- तेल – तलने के लिए

🔶विधि:
1. एक बड़े बर्तन में बेसन लें। इसमें हींग, नमक डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
2. अब, इसमें बारीक कटी हुई हरी कोथिंबीर, हरी मिर्च, अदरक और थोड़ा पानी डालते हुए गाढ़ा घोल बनाएं। ध्यान रखें कि घोल ज्यादा पतला न हो।
3. अगर आप चाहें तो, हल्का सा सोडा मिलाने से वड़ी फूली-फूली और कुरकुरी बनती हैं।
4. एक कड़ाही में तेल गरम करें। तेल मध्यम आंच पर रखें।
5. हाथ में थोड़ा सा घोल लेकर, उंगली से दबाकर आकार दें और गरम तेल में डालें। आप चाहें तो चम्मच की मदद से भी वड़ी बना सकते हैं।
6. वड़ियों को सुनहरा होने तक तलें। ध्यान रखें कि वे दोनों तरफ अच्छी तरह से पकें।
7. जब वड़ी सुनहरी और कुरकुरी हो जाएं, तो उन्हें निकालकर पेपर टिश्यू पर रखें ताकि अतिरिक्त तेल सोख लिया जाए।
8. गरमागरम कोथिंबीर वड़ी को चाय या कॉफी के साथ परोसें।

🔶मुंबई की सेव पूरी बनाने की विधि यहाँ है:

🔶सामग्री:
- उरद दाल (वैकल्पिक) – 1 कप (धोई और सुखाई हुई)
- मैदा (आटा) – 1 कप
- सूजी (सजिया) – 2 टेबल स्पून
- हरी मिर्च – 2 (बारीक कटी)
- अदरक – 1 इंच का टुकड़ा (कटा हुआ)
- नमक – स्वादानुसार
- तेल – तलने के लिए
- तिल – 1 टेबल स्पून (वैकल्पिक)

विसेष टिप: सेव पूरी बनाने के लिए आप बेसिक पूरी का आटा तैयार करते हैं और फिर उसे सेव की तरह पतला बेलकर तलते हैं।

🔶विधि:
1. सबसे पहले, उरद दाल को धोकर कम से कम 4-5 घंटे भिगो दें। फिर, पानी निकालकर उसे पीस लें ताकि उसकी महीन पेस्ट बन जाए। इस पेस्ट को थोड़े पानी के साथ अच्छी तरह फेंटें ताकि उसमें एयर एन्केप्सन हो जाए और वड़ी फूली-फूली बनीं।
2. एक बड़े बर्तन में मैदा, सूजी, नमक, हरी मिर्च, अदरक और तिल डालें। इसमें उरद दाल का फैंटा हुआ मिश्रण मिलाएं।
3. इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिलाएं और जरूरत हो तो थोड़ा पानी डालें ताकि गाढ़ा, लेकिन फैलने वाला बैटर बन जाए।
4. एक कड़ाही में तेल गरम करें। आप हाथ में थोड़ा बैटर लेकर, उसे सेव की तरह पतला नाशपाती या जाल जैसी आकृति में निकालें या चम्मच की मदद से छोटे-छोटे वर्तुल आकार में डालें।
5. तेल मध्यम आंच पर रखें और वड़ियों को सुनहरा और कुरकुरा होने तक तलें।
6. जब सेव पूरी सुनहरी और कुरकुरी हो जाएं, तो इन्हें निकालकर पेपर टिश्यू पर रखें ताकि अतिरिक्त तेल सोख लिया जाए।
7. गरमागरम सेव पूरी को चाय के साथ परोसें। इन्हें आप हरी चटनी या मीठी चटनी के साथ भी खा सकते हैं।

खुली किताब सी है औरत..मगर हर कोई पढ़ले इतना काबिल भी नहीं....सरल भाषा सी है औरत..मगर हर कोई अर्थ समझले इतना ज्ञानी भी नही...
11/10/2025

खुली किताब सी है औरत..
मगर हर कोई पढ़ले इतना काबिल भी नहीं....

सरल भाषा सी है औरत..
मगर हर कोई अर्थ समझले इतना ज्ञानी भी नहीं....

बहुत ही आम सी है औरत....
मगर हर कोई मोल समझे इतना अपना भी नहीं....

बस पहेली सी है औरत....
मगर हर कोई सुलझाले इतना समझदार भी नहीं....❤️🖤🧡

करवा चौथ में दो परम्पराओं का प्रवेश बहुत ज्यादा तेजी से हुआ थाएक तो चन्द्रमा को छलनी में देखना और अपने पति का मुख भी छलन...
10/10/2025

करवा चौथ में दो परम्पराओं का प्रवेश बहुत ज्यादा तेजी से हुआ था
एक तो चन्द्रमा को छलनी में देखना और अपने पति का मुख भी छलनी से निहार कर पति के हाथ से ही जल पीकर व्रत खोलना

जबकि हमेशा देखा था कि घर की महिलाएं घर के आंगन में पूजा करके पूजा छतों इकट्ठी होतीं उगते चन्द्रमा को शीघ्रता से अर्घ्य देती नीचे आकर घर में दूसरे बड़ों के चरण स्पर्श करने के साथ ही अकेले या ओट में मौका पाकर पति के भी पांव छू लेती थीं
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अब गूगल पर करवा चौथ पूजा के फोटो सर्च करे तो एक भी फोटो ऐसा नहीं दिखा जिसमें कि महिलाएं बिना छलनी के सीधे सीधे चन्द्र दर्शन कर रही हों

जबकि व्रत की कहानी में तो छलनी ही व्रत नष्ट होने का कारण बनी

एक सेठ की पुत्री जो कि अपने 7 भईयों की लाड़ली थी , करवा चौथ पर अपने मायके में थीं.... उसने व्रत रखा.... भाई लोग शाम को घर आये.... व्रत की वजह से भूख प्यास से व्याकुल लाड़ली बहिन का मलिन चेहरा देखा.... चंद्रोदय में देरी थी...
एक भईया छलनी दिया लेकर पेड़ पर चढ़ गया... वहां छलनी के पीछे दिया दिखा कर बहिन को चन्द्रमा बता कर अर्घ दिलवा दिया...
चन्द्रमा के धोखे में छलनी को अर्घ देने से व्रत टूट गया.....

शेष कथा स्थानीय परम्परा के अनुसार अलग अलग हो सकती है
लेकिन एक बात कॉमन है कि छलनी को अर्घ देने से व्रत टूट गया

लेकिन करण जौहर यश चौपड़ा ने करवा चौथ को लेकर ना जाने कौन सा शास्त्र पढ़ा कि बिल्कुल अर्थ ही बदल कर रख दिया

अरे चलो बजारवाद , शॉपिंग , मंहगे गिफ्ट , ब्यूटी पार्लर का श्रंगार आदि की एंट्री हुई तो हुई लेकिन समझ में नहीं आता कि
व्रत का आध्यत्मिक और शास्त्रीय रूप क्यों बदल कर रख दिया ?

धर्मभीरु महिलाएं चाहें तो व्रत परायण और चन्द्रमा को अर्घ देने की मूल परम्परा को पुनः वापस ला सकती हैं
बस थोड़ा साहस कर चलनी को हटाना पड़ेगा
करवा चौथ ही है जिस व्रत पर चंद्रदेव अपनी उच्च राशि में स्थित होते हैं
छलनी से उनके तेज का लाभ मत गंवाईये
उनके दर्शन खुली आँखों से करके उनसे अपनी मनोकामना करना शुरू तो करें

कुछ ही सालों में चलनी गायब हो जाएगी

करवा चौथ विशेष......

राधे राधे🙏🙏🙏
09/10/2025

राधे राधे🙏🙏🙏

देवताओं की पत्नियों के नाम🙏🙏🙏
09/10/2025

देवताओं की पत्नियों के नाम🙏🙏🙏

चौसठ योगिनियों के नाम। (1)―बहुरूप, (3)―तारा, (3)―नर्मदा, (4)―यमुना, (5)―शांति, (6)―वारुणी (7)―क्षेमंकरी, (8)―ऐन्द्री, (9...
08/10/2025

चौसठ योगिनियों के नाम। (1)―बहुरूप, (3)―तारा, (3)―नर्मदा, (4)―यमुना, (5)―शांति, (6)―वारुणी (7)―क्षेमंकरी, (8)―ऐन्द्री, (9)―वाराही, (10)―रणवीरा, (11)―वानर-मुखी, (12)―वैष्णवी, (13)―कालरात्रि, (14)―वैद्यरूपा, (15)―चर्चिका, (16)―बेतली, (17)―छिन्नमस्तिका, (18)―वृषवाहन, (19)―ज्वाला कामिनी, (20)―घटवार, (21)―कराकाली, (22)―सरस्वती, (23)―बिरूपा, (24)―कौवेरी, (25)―भलुका, (26)―नारसिंही, (27)―बिरजा, (28)―विकतांना, (29)―महालक्ष्मी, (30)―कौमारी, (31)―महामाया, (32)―रति, (33)―करकरी, (34)―सर्पश्या, (35)―यक्षिणी, (36)―विनायकी, (37)―विंध्यवासिनी, (38)―वीर कुमारी, (39)―माहेश्वरी, (40)―अम्बिका, (41)―कामिनी, (42)―घटाबरी, (43)―स्तुती, (44)―काली, (45)―उमा, (46)―नारायणी, (47)―समुद्र, (48)―ब्रह्मिनी, (49)―ज्वाला मुखी, (50)―आग्नेयी, (51)―अदिति, (51)―चन्द्रकान्ति, (53)―वायुवेगा, (54)―चामुण्डा, (55)―मूरति, (56)―गंगा, (57)―धूमावती, (58)―गांधार, (59)―सर्व मंगला, (60)―अजिता, (61)―सूर्यपुत्री (62)―वायु वीणा, (63)―अघोर, (64)―भद्रकाली।

चौसठ योगनियों के मंत्र।1)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री काली नित्य सिद्धमाता स्वाहा।
2)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कपलिनी नागलक्ष्मी स्वाहा।
3)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुला देवी स्वर्णदेहा स्वाहा।
4)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुरुकुल्ला रसनाथा स्वाहा।
5)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विरोधिनी विलासिनी स्वाहा।
6)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विप्रचित्ता रक्तप्रिया स्वाहा।
7)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री उग्र रक्त भोग रूपा स्वाहा।
8)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री उग्रप्रभा शुक्रनाथा स्वाहा।
9)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री दीपा मुक्तिः रक्ता देहा स्वाहा।
10)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नीला भुक्ति रक्त स्पर्शा स्वाहा।
11)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री घना महा जगदम्बा स्वाहा।
12)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री बलाका काम सेविता स्वाहा।
13)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मातृ देवी आत्मविद्या स्वाहा।
14)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मुद्रा पूर्णा रजतकृपा स्वाहा।
15)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मिता तंत्र कौला दीक्षा स्वाहा।
16)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री महाकाली सिद्धेश्वरी स्वाहा।
17)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कामेश्वरी सर्वशक्ति स्वाहा।
18)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भगमालिनी तारिणी स्वाहा।
19)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्यकलींना तंत्रार्पिता स्वाहा।
20)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भैरुण्ड तत्त्व उत्तमा स्वाहा।
21)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वह्निवासिनी शासिनि स्वाहा।
22)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री महवज्रेश्वरी रक्त देवी स्वाहा।
23)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री शिवदूती आदि शक्ति स्वाहा।
24)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री त्वरिता ऊर्ध्वरेतादा स्वाहा।
25)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुलसुंदरी कामिनी स्वाहा।
26)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नीलपताका सिद्धिदा स्वाहा।
27)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्य जनन स्वरूपिणी स्वाहा।
28)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विजया देवी वसुदा स्वाहा।
29)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री सर्वमङ्गला तन्त्रदा स्वाहा।
30)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ज्वालामालिनी नागिनी स्वाहा।
31)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री चित्रा देवी रक्तपुजा स्वाहा।
32)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ललिता कन्या शुक्रदा स्वाहा।
33)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री डाकिनी मदसालिनी स्वाहा।
34)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री राकिनी पापराशिनी स्वाहा।
35)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री लाकिनी सर्वतन्त्रेसी स्वाहा।
36)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री काकिनी नागनार्तिकी स्वाहा।
37)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री शाकिनी मित्ररूपिणी स्वाहा।
38)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री हाकिनी मनोहारिणी स्वाहा।
39)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री तारा योग रक्ता पूर्णा स्वाहा।
40)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री षोडशी लतिका देवी स्वाहा।
41)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भुवनेश्वरी मंत्रिणी स्वाहा।
42)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री छिन्नमस्ता योनिवेगा स्वाहा।
43)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भैरवी सत्य सुकरिणी स्वाहा।
44)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री धूमावती कुण्डलिनी स्वाहा।
45)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री बगलामुखी गुरु मूर्ति स्वाहा।
46)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मातंगी कांटा युवती स्वाहा।
47)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कमला शुक्ल संस्थिता स्वाहा।
48)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री प्रकृति ब्रह्मेन्द्री देवी स्वाहा।
49)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री गायत्री नित्यचित्रिणी स्वाहा।
50)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मोहिनी माता योगिनी स्वाहा।
51)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री सरस्वती स्वर्गदेवी स्वाहा।
52)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री अन्नपूर्णी शिवसंगी स्वाहा।
53)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नारसिंही वामदेवी स्वाहा।
54)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री गंगा योनि स्वरूपिणी स्वाहा।
55)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री अपराजिता समाप्तिदा स्वाहा।
56)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री चामुंडा परि अंगनाथा स्वाहा।
57)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वाराही सत्येकाकिनी स्वाहा।
58)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कौमारी क्रिया शक्तिनि स्वाहा।
59)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री इन्द्राणी मुक्ति नियन्त्रिणी स्वाहा।
60)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ब्रह्माणी आनन्दा मूर्ती स्वाहा।
61)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वैष्णवी सत्य रूपिणी स्वाहा।
62)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री माहेश्वरी पराशक्ति स्वाहा।
63)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री लक्ष्मी मनोरमायोनि स्वाहा।
64)―ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री दुर्गा सच्चिदानंद स्वाहा
Angad Pandit

|| श्रीलक्ष्मी द्वादशनाम स्तोत्रम् ||श्रीदेवी प्रथमं नाम द्वितीयं अमृत्तोद्भवा। तृत्तीयं कमला प्रोक्ता चतुर्थं लोकसुन्दर...
07/10/2025

|| श्रीलक्ष्मी द्वादशनाम स्तोत्रम् ||

श्रीदेवी प्रथमं नाम द्वितीयं अमृत्तोद्भवा।
तृत्तीयं कमला प्रोक्ता चतुर्थं लोकसुन्दरी।।

पञ्चमं विष्णुपत्नी च षष्ठं स्यात् वैष्णवी ।
तथा सप्ततं तु वरारोहा अष्टमं हरिवल्लभा।।

नवमं शार्गिंणी प्रोक्ता दशमं देवदेविका ।
एकादशं तु लक्ष्मीः स्यात् द्वादशं श्रीहरिप्रिया ।।

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः।
आयुरारोग्यमैश्वर्यं तस्य पुण्यफलप्रदम्।।

द्विमासं सर्वकार्याणि षण्मासाद्राज्यमेव च।
संवत्सरं तु पूजायाः श्रीलक्ष्म्याः पूज्य एव च।।

इति श्रीलक्ष्मीद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ||

शरद पूर्णिमा के दिन करें ये काम, धन-दौलत का अंबार लगा देंगी मां लक्ष्मी● शरद पूर्णिमा की रात हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्...
05/10/2025

शरद पूर्णिमा के दिन करें ये काम, धन-दौलत का अंबार लगा देंगी मां लक्ष्मी

● शरद पूर्णिमा की रात हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ मानी जाती है, इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है, इस रात में देवी लक्ष्मी धरती पर आती हैं और भक्तों को अपना आशीर्वाद देती हैं, इस पवित्र रात को चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है, इस साल शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को मनाई जाएगी

● कहते हैं कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है, कहा जाता है कि इस दिन रात की चांदनी में खीर रखकर खाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इस दिन और भी कई तरह के प्रयोग और उपाय किए जाते हैं, जिससे जीवन में समृद्धि और खुशहाली बढ़ती है।

● चंद्रमा को अर्घ्य दें - शरद पूर्णिमा की रात को एक लोटे में पानी भरें, उसमें चावल और फूल डालें, फिर इसे चंद्रमा की ओर मुख करके अर्पित करें, ऐसा करने से चंद्र देव की कृपा प्राप्त होती है और घर में शांति और धन का वास होता है।

● खीर से जुड़ा उपाय - शरद पूर्णिमा को खीर बनाकर रात में खुले आसमान के नीचे रखें, ध्यान रहे कि खीर को मिट्टी या चांदी के बर्तन में रखें, यह उपाय करने से अच्छी सेहत मिलती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

● मंत्र का जाप - इस पवित्र रात को "ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ऊँ" का 108 बार जाप करें, इसे करने से धन-संपत्ति और समृद्धि बढ़ती है।

● घी का दीपक जलाएं - शरद पूर्णिमा की रात को तुलसी की पूजा करना बेहद शुभ होता है, तुलसी के पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं, तुलसी माता को प्रणाम करें और अपने घर में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करें।

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