21/11/2025
*विशेष गहन पुनरीक्षण: मतदाता दो स्थानों से प्रपत्र न भरें, दोहरी प्रविष्टि पाए जाने पर हो सकती है एक वर्ष तक की सजा*
*निर्वाचन विभाग ने कहा: एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची को त्रुटि-रहित बनाना; डिजिटल प्रणाली तत्काल पकड़ लेगी डुप्लीकेसी*
डीग, 21 नवंबर। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत निर्वाचन विभाग ने मतदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची से मृत मतदाताओं और दो स्थानों पर दर्ज नामों को हटाना है। अतः कोई भी मतदाता दो अलग-अलग स्थानों से गणना प्रपत्र भरने का प्रयास न करे।
*दोहरी प्रविष्टि पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान*
निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति द्वारा दोहरी प्रविष्टि की जाती है, तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करते हुए एक वर्ष तक की सजा दी जा सकती है। आयोग ने डिजिटल माध्यम से एक अत्यंत मजबूत प्रणाली विकसित की है, जो दोहरी प्रविष्टि को तत्काल पकड़ लेगी।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मतदाता को स्वयं निर्णय लेना होगा कि वह कहाँ से मतदान करना चाहता है। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति शहर में रह रहा है लेकिन अपने पुश्तैनी गांव से वोट डालना चाहता है, तो वह केवल गांव से ही फॉर्म भरे। यदि वह शहर में मतदाता के रूप में पंजीकृत होना चाहता है, तो केवल शहर से ही प्रपत्र जमा करे। दो स्थानों पर गणना प्रपत्र पाए जाने पर आयोग के नियमों के अनुसार एक वर्ष की जेल का प्रावधान है।
*गणना प्रपत्र में यह जानकारी भरना अनिवार्य*
ऊपरी भाग: मतदाता को अपना फोटो, माता-पिता का नाम और मोबाइल नंबर भरना अनिवार्य होगा।
निचला भाग: इसमें SIR-2002 से संबंधित विवरण देना होगा। यदि वर्ष 2002 में मतदाता खुद सूची में शामिल था, तो अपनी जानकारी दर्ज करें। यदि नाम शामिल नहीं था, तो माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी में से किसी एक की SIR-2002 से संबंधित जानकारी देनी होगी।
विशेष स्थिति: यदि कोई व्यक्ति वर्ष 2002 में राजस्थान के बाहर किसी अन्य राज्य में रह रहा था और उस समय वहां की मतदाता सूची में उसका नाम दर्ज है, तो वह अपना ईपीआईसी (EPIC) नंबर और अन्य विवरण भर सकता है।
*4 दिसंबर तक जमा कराने होंगे प्रपत्र*
जिला निर्वाचन कार्यालय ने सूचित किया है कि बीएलओ को गणना प्रपत्र जमा कराने की अंतिम तिथि 4 दिसंबर है। इस चरण में मतदाताओं को किसी भी प्रकार का दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है। 9 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होगी, जिसके बाद दावे एवं आपत्तियां दर्ज की जा सकेगी