12/07/2025
"नीलकंठ और जादुई बीज"
🌳 कहानी
बहुत समय पहले की बात है। एक सुंदर पहाड़ी गांव में एक नन्हा लड़का रहता था — नाम था नीलकंठ। उसे पौधे उगाना बहुत पसंद था। हर दिन वो बीज लगाता और देखता कि कैसे उसमें से अंकुर फूटता है।
एक दिन, उसे जंगल में चलते-चलते एक चमकता हुआ जादुई बीज मिला। बीज बोल पड़ा,
"मुझे लगाओ ज़मीन में और एक दिन में तुम्हें मिलेगा एक ऐसा पेड़, जो तुम्हारी हर बात मानेगा!"
नीलकंठ हैरान रह गया, लेकिन उसे बहुत मज़ा आया! उसने फौरन उस बीज को अपने बगीचे में लगाया और पानी दिया।
अगले दिन वहाँ उगा एक बड़ा, चमकीला पेड़! 🍭 उसके पत्ते मिठाइयों जैसे दिखते थे और तनों से झूले लटक रहे थे।
नीलकंठ बोला, "मुझे आम चाहिए!"
पेड़ ने हिलकर झट से आम गिराए! 🥭
वो बोला, "अब झूला झूलूं!"
झूला अपने आप हिलने लगा!
हर दिन बच्चे उस पेड़ के पास खेलने आने लगे। लेकिन पेड़ ने एक शर्त रखी थी —
"जो बच्चे पेड़ों को पानी देंगे और उनका ख्याल रखेंगे, सिर्फ वही मेरी दुनिया में आ सकते हैं!"
उस दिन के बाद पूरे गांव के बच्चे पेड़ों से प्यार करने लगे। नीलकंठ का बगीचा बन गया जादुई जंगल, जहाँ हंसी, दोस्ती और हरियाली हमेशा रहती थी।
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🌈 सीख:
पेड़ हमारी सबसे अच्छे दोस्त होते हैं। अगर हम उनका ख्याल रखें, तो वो हमें खुशियाँ देते हैं!