Hindi Mitra Manch

Hindi Mitra Manch हिंदी मित्र मंच की स्थापना की गई है.

राजकवि इंद्रजीत सिंह तुलसी द्वारा रचित एक खूबसूरत गीतजीवन चलने का नामचलते रहो सुबह-ओ-शामके रस्ता कट जाएगा मितराके बादल छ...
23/07/2025

राजकवि इंद्रजीत सिंह तुलसी
द्वारा रचित एक खूबसूरत गीत

जीवन चलने का नाम
चलते रहो सुबह-ओ-शाम
के रस्ता कट जाएगा मितरा
के बादल छट जाएगा मितरा
के दुःख से झुकना ना मितरा
के एक पल रुकना ना मितरा
जीवन चलने का नाम...

जो जीवन से हार मानता, उसकी हो गयी छुट्टी
नाक चढ़कर कहे ज़िन्दगी, तेरी मेरी हो गयी कुट्टी
के रूठा यार मना मितरा
के यार को यार बना मितरा
ना खुद से रहो खफा मितरा
खुद ही से बने खुदा मितरा
जीवन चलने का नाम...

उजली-उजली भोर सुनाती, तुतले तुतले बोल
अन्धकार में सूरज बैठा, अपनी गठड़ी खोल
के उससे आँख लड़ा मितरा
समय से हाथ मिला मितरा
के हो जा किरण-किरण मितरा
के चलता रहे चलन मितरा
जीवन चलने का नाम...

के चली शाम के रंग महल में, तपती हुई दुपहरी
मिली गगन से साँझ की लाली, लेकर रूप सुनहरी
के रात बिखर जायेगी मितरा
के बात निखर जायेगी मितरा
के सूरज चढ़ जाएगा मितरा
काफिला बढ़ जाएगा मितरा
जीवन चलने का नाम...

हिम्मत अपना दीन धरम है, हिम्मत है ईमान
हिम्मत अल्लाह, हिम्मत वाहगुरू, हिम्मत है भगवान
के इसपे मरता जा मितरा
के सजदा करता जा मितरा
के शीश झुकाता चल मितरा
के जग पर छाता जा मितरा
जीवन चलने का नाम...

छोटा सा इक दीपक है और टीम टीम करती ज्योति
हीरे जैसी आँख से इसके टूट रहे हैं मोती
के नन्हें हाथ जुड़े मितरा, ना इसका बात मुड़े मितरा
अगर ये खो जाएगा मितरा, तो झूठा हो जाएगा मितरा
जीवन चलने का नाम...

इक दुआ बस तुझसे माँगूँ, मैं आज बिछा कर पल्ला
मेरे यार की रक्षा करना, कदम-कदम पर अल्लाह
के लब पर यही दुआ मितरा
के बिगड़ी बात बना मितरा
के बेड़ा पार लगा मितरा
तुझे तब कहूँ खुदा मितरा
तुझे तब कहें खुदा मितरा
जीवन चलने का नाम...

प्रीत का जो पैगाम होता है / रचनाकार  जतिंदर शारदा  #हिंदीकविजितेंद्रशारदा  #गजल    #गजलकासफर   प्रीत का जो पैगाम होता है...
19/07/2025

प्रीत का जो पैगाम होता है /
रचनाकार जतिंदर शारदा #हिंदीकविजितेंद्रशारदा #गजल #गजलकासफर

प्रीत का जो पैगाम होता है
सारी दुनिया के नाम होता है

श्वास की माला चलती रहती है
जाप यूं आठों याम होता है

कार्यारंभ यदि श्रेयस्कर हो
सदा उत्तम परिणाम होता है

निराकार अवतार लेते हैं
धन्य साकेत धाम होता है

दुनियादारी जिसे नहीं आती
उसका जीना हराम होता है

लाख अच्छे बनो ज़माने में
कुछ न कुछ इल्ज़ाम होता है

जिसका मैं नाम तक नहीं लेता
ज़िक्र उसका ही आम होता है

ज़िंदगी का सफ़र निरंतर है
मृत्यु केवल विराम होता है

लोग छुरियाँ छुपा के रखते हैं
जिह्वा पर राम नाम होता है

राम होता है जिसके मानस में
व्यक्ति वह पूर्ण काम होता है

प्रीत का जो पैगाम होता है / रचनाकार  जतिंदर शारदा  #गजलकासफर  #हिंदीकविजितेंद्रशारदा    #गजल     प्रीत का जो पैगाम होता ...
17/07/2025

प्रीत का जो पैगाम होता है /
रचनाकार जतिंदर शारदा #गजलकासफर #हिंदीकविजितेंद्रशारदा #गजल

प्रीत का जो पैगाम होता है
सारी दुनिया के नाम होता है

श्वास की माला चलती रहती है
जाप यूं आठों याम होता है

कार्यारंभ यदि श्रेयस्कर हो
सदा उत्तम परिणाम होता है

निराकार अवतार लेते हैं
धन्य साकेत धाम होता है

दुनियादारी जिसे नहीं आती
उसका जीना हराम होता है

लाख अच्छे बनो ज़माने में
कुछ न कुछ इल्ज़ाम होता है

जिसका मैं नाम तक नहीं लेता
ज़िक्र उसका ही आम होता है

ज़िंदगी का सफ़र निरंतर है
मृत्यु केवल विराम होता है

लोग छुरियाँ छुपा के रखते हैं
जिह्वा पर राम नाम होता है

राम होता है जिसके मानस में
व्यक्ति वह पूर्ण काम होता है

फ़र्ज़ अपने निभा रहे हो /रचनाकार जतिंदर शारदा  #गजलकासफर     #हिंदीकविजितेंद्रशारदा  #गजल     फ़र्ज़ अपने निभा रहे होकर्...
15/07/2025

फ़र्ज़ अपने निभा रहे हो /
रचनाकार जतिंदर शारदा #गजलकासफर #हिंदीकविजितेंद्रशारदा #गजल

फ़र्ज़ अपने निभा रहे हो
कर्ज़ अपने चुका रहे हो

छुपा रहे हो अपनी गलती
धोखा स्वयं ही खा रहे हो

जितना तुम को भुला रहा हूँ
याद उतना ही आ रहे हो

कल्पनाओं की डोर लेकर
पतंग ऊंची उड़ा रहे हो

रिश्ते नातों के टूटे धागे
कितनी गांठें लगा रहे हो

शोर करके जगाने वालो
ख़ुद क्यों सोने जा रहे हो

मेरे कंधों पर बैठ कर ही
मुझको नीचा दिखा रहे हो

रोशनी का ही नाम लेकर
अपना घर क्यों जला रहे हो

अपनी बोली लगाने वालो
अपनी क़ीमत घटा रहे हो

क्रोध की भड़की है ज्वाला
ख़ुद को पहले जला रहे हो

ज़मीन पर बैठा हुआ हूँ
नीचे कितना गिरा रहे हो

हसरतों ने हरा दिया है
हकीकतों से मिला रहे हो

प्यार की बांहे फैला कर
आसमान को बुला रहे हो

वीरता संघर्ष की पहचान है / रचनाकार  जतिंदर शारदा  #गजलकासफर  #हिंदीकविजितेंद्रशारदा  #गजल        Hindi Mitra Manch वीरता...
14/07/2025

वीरता संघर्ष की पहचान है /
रचनाकार जतिंदर शारदा #गजलकासफर #हिंदीकविजितेंद्रशारदा #गजल Hindi Mitra Manch

वीरता संघर्ष की पहचान है
जलता दीपक रात्रि का दिनमान है

प्रीत को मिलता सदा अपमान है
रूप तो निर्दोष है अनजान है

ढूँढते फिरते हो क्यों भगवान को
सृष्टि के कण-कण में हो भगवान है

कामनाएँ मनुज को निर्धन करें
संतोष धन मिल जाए तो धनवान है

लाख खुशियाँ हों मगर तेरे बगैर
यह जगत मेरे लिए वीरान है

देखकर विकसित सुमन ऐसे लगा
आपकी मनहर मधुर मुस्कान है

हो गई है अब अपावन चांदनी
चांद छूकर आ गया इन्सान है

कौन-सा मग ज़िन्दगी में स' रल है
कौन से मग में नहीं व्यवधान है

कोई कहता है कि शंकर रूप है
कोई कहता है कि यह पाषाण है

सुमन तो शृंगार कुछ करता नहीं
सादगी सौंदर्य की पहचान है

कौन किसी का है इस जग में दुनिया आनी जानी / रचनाकार जतिंदर शारदाकौन किसी का है इस जग में दुनिया आनी जानी बाबाजो कल था वह ...
11/07/2025

कौन किसी का है इस जग में दुनिया आनी जानी /
रचनाकार जतिंदर शारदा

कौन किसी का है इस जग में दुनिया आनी जानी बाबा
जो कल था वह आज नहीं है जीवन बहता पानी बाबा

चांद सितारों की महफिल थी कितनी मादक कितनी मनहर
अब तो खाने को आती है प्रातः की वीरानी बाबा

जीवन की विपदाओं से घबरा कर भागे थे तुम घर से
लेकिन क़िस्मत में लिखी थी जग की ख़ाक उड़ानी बाबा

अपनी आप नहीं सुन पाते ये बेदर्द ज़माने वाले
तुझ से कौन सुनेगा तेरी लंबी राम कहानी बाबा

अपने दिल की बात मान कर हार गए तुम जीवन बाजी
वरना विपदाओं के सन्मुख तूने हार न मानी बाबा

रुकना हो तो क़दम कदम पर तुमको मिल जाएगी मंजिल
चलने वालों की मंज़िल तो चलना है सैलानी बाबा

विगत काल के वातायन पट कभी-कभी तो खुलते होंगे
याद तुम्हें आती तो होगी बीती हुई जवानी बाबा

तुझ से बढ़कर दुनिया वाले मांग रहे हैं कई मुरादें
रेत से पानी मांग रहे हो करते हो नादानी बाबा

वर्षों पहले इस नगरी से इक बच्चा भागा था घर से
तेरी सूरत भी लगती है कुछ जानी पहचानी बाबा

दर्पण में दिखता है उलटा सीधा उसको मान रहे हैं
दीवाना कहते हैं तुम को दुनिया है दीवानी बाबा

हमने सपनों में देखी हैं वैभव की ऊंची दीवारें / रचनाकार जतिंदर शारदा  #हिंदीकविजितेंद्रशारदा  #गजलकासफर       हमने सपनों ...
10/07/2025

हमने सपनों में देखी हैं वैभव की ऊंची दीवारें /
रचनाकार जतिंदर शारदा #हिंदीकविजितेंद्रशारदा #गजलकासफर

हमने सपनों में देखी हैं वैभव की ऊंची दीवारें
लेकिन जीवन में मिलती हैं जर्जर खंडित-सी दीवारें

कितनी देर रहेंगी क़ायम खंडर की अटकी दीवारें
गिरते गिरते गिर जाएंगी ये गिरने वाली दीवारें

जब तक बाक़ी हैं धरती पर मंदिर मस्जिद की दीवारें
इन्सानों के बीच रहेंगी न जाने कितनी दीवारें

जब दो प्रेमी जीवन पथ पर बढ़ने का साहस करते हैं
अकसर आड़े आ जाती हैं सोने चांदी की दीवारें

जीवन के कटु संघर्षों से जब भी मैं पलायन करता हूँ
पागल मन रचने लगता है अनुपम सतरंगी दीवारें

इन भूमिगत अवशेषों में युग-युग का इतिहास मिलेगा
शत शत गाथाएँ कहती हैं इन अवशेषों की दीवारें

साहस के सन्मुख आ जाएँ चाहे विपदाओं के गिरिवर
पल भर में ही ढह जाते हैं जैसे रेतीली दीवारें

पीड़ा की भाषा को केवल कोई घायल ही समझेगा
मूक भाव से देख रही हैं व्यथा कथा कहती दीवारें

जिनको मैं अपना कहता था आज बने हैं मेरे दुश्मन
पक्के सम्बंधों की क्यों कर होती हैं कच्ची दीवारें

मुझे गिराने वाले अकसर मेरे सन्मुख गिर जाते हैं
कायरता क्या ढा पाएगी सुदृढ़ साहस की दीवारें

पठानकोट के प्रसिद्ध शायर जनाब रवि कुमार जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई हो और आप का एक बहुत सुंदर शेर "हमने दुनिया को तह...
16/06/2025

पठानकोट के प्रसिद्ध शायर जनाब रवि कुमार जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई हो
और आप का एक बहुत सुंदर शेर

"हमने दुनिया को तहज़ीब सिखाई थी
यह सिक्का अब कितनी देर उछालोगे"

14/06/2025

Address

Yogbal
Pathankot
145001

Telephone

+919888120963

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Hindi Mitra Manch posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Hindi Mitra Manch:

Share