सनातन धर्म

सनातन धर्म चुप रहना मेरी ताक़त है,कमज़ोरी नहीं।
अकेले रहना मेरी आदत है,मज़बूरी नहीं ।।

वेद ध्वनि के बीच संपन्न पावन विवाह...वेदिक विधि-विधान और वेद मंत्रों की पावन ध्वनि के मध्य, संतों- ब्राह्मणों के सानिध्य...
08/12/2025

वेद ध्वनि के बीच संपन्न पावन विवाह...

वेदिक विधि-विधान और वेद मंत्रों की पावन ध्वनि के मध्य, संतों- ब्राह्मणों के सानिध्य में परमपूज्य इंद्रेश उपाध्याय जी महाराज का विवाह महोत्सव दिव्य और वैभवशाली रूप से संपन्न हुआ।
परमात्मा से प्रार्थना है कि यह मंगल सूत्र सदैव सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहे।
हार्दिक शुभकामनाएँ एवं अभिनंदन महाराज जी 💐🙏




01/12/2025

“जय श्रीराम के जयघोष के बीच पहुंचे वीर बजरंगी”

रामलला के चरणों में भक्तिभाव से नतमस्तक होकर हनुमान जी पहुंचे पावन दर्शन हेतु।
भक्ति, आस्था और परंपरा से भरा यह क्षण हर सनातनी के लिए गर्व और भाव-विभोर करने वाला है।
अयोध्या धाम में धर्म ध्वजा के दर्शन करते हुए गूंज उठा—
“जय श्रीराम… बजरंगबली की जय!” 🚩🙏🔥




30/11/2025

“एक ही मंडप में CM का बेटा और ड्राइवर का बेटा—समाज को नई दिशा देता ऐतिहासिक विवाह”

एक ही मंडप में जब मुख्यमंत्री मोहन यादव के बेटे ने फेरे लिए और उसी मंडप में एक ड्राइवर के बेटे ने भी जीवन की नई शुरुआत की तभी सामूहिक विवाह का असली संदेश पूरे देश में गूंज उठा।
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री हर साल मध्यप्रदेश में 151 कन्याओं का सामूहिक विवाह कराते हैं, और इस बार इस परंपरा को नई ऊंचाई मिली जब CM ने अपने बेटे का विवाह भी इसी सामूहिक समारोह में करवाया।

यह सिर्फ एक विवाह नहीं, बल्कि समाज में बराबरी, सादगी और संस्कार का जीवंत उदाहरण है।
विधानसभा से लेकर गांव की चौपाल तक एक ही चर्चा है कि अब सिर्फ गरीब ही नहीं, बल्कि CM का बेटा भी सामूहिक विवाह में फेरे लेकर एक मिसाल स्थापित करता है।

धीरेंद्र शास्त्री भी इस दृश्य को देखकर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि यही वह संस्कृति है जो समाज को जोड़ती है, ऊंच-नीच मिटाती है और देश को एक नई प्रेरणा देती है।
आज पूरा देश इस विवाह को एक सामाजिक क्रांति की तरह देख रहा है।






28/11/2025

नया भारत — नई आस्था
गोवा में उन्नत हुई 77 फीट प्रभु श्री राम की भव्य प्रतिमा

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा आज गोवा स्थित श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाली जीवोत्तम मठ में 77 फीट ऊँची प्रभु श्री राम की अद्भुत कांस्य प्रतिमा का अनावरण करोड़ों सनातन आस्थावानों की भावनाओं का दिव्य प्रतीक है।
श्री अयोध्या धाम में भव्य श्री राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज के आरोहण के बाद गोवा की पावन भूमि पर ‘रामत्व’ का यह स्थापत्य स्पष्ट संदेश देता है कि नया भारत अपनी सांस्कृतिक जड़ों, आध्यात्मिक चेतना और सनातन विरासत को पुनः विश्व मंच पर प्रतिष्ठित कर रहा है।
प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से राष्ट्रभक्ति, आस्था और संस्कृति का संगम आज और भी गौरवपूर्ण बन रहा है।
जय श्री राम! **

#जयश्रीराम



26/11/2025

रघुनंदन राघव रामलला की जय...

श्री राम मंदिर पर फहराता यह केसरिया ध्वज- धर्म का प्रतीक है, मर्यादा का प्रतीक है।

Nitish Kumar जी का यह कितना सुंदर प्रयास है। कुछ लोगों को अब इसमें भी समस्या है। कलियुग के इस अंधकार में धर्म ही उजाला ल...
25/11/2025

Nitish Kumar जी का यह कितना सुंदर प्रयास है। कुछ लोगों को अब इसमें भी समस्या है। कलियुग के इस अंधकार में धर्म ही उजाला ला सकता है। अब आप लोग देख लीजिएगा बिहार में भी विकास के रास्ते खुल जाएंगे।

इसीलिए पंडित जी जब जयकारा लगवाते हैं तो कहते हैं — “धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो”

“सत्यनारायण भगवान की जय” के इतने नारे लगाइए कि माहौल ही बदल जाए। बोलिए...“सत्यनारायण भगवान की जय”

“ध्वजारोहण समारोह से बंचित: जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य का नाराज़गी भरा दावा”जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा है क...
24/11/2025

“ध्वजारोहण समारोह से बंचित: जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य का नाराज़गी भरा दावा”

जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा है कि अयोध्या में स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में आगामी ध्वजारोहण समारोह में उन्हें निमंत्रण नहीं भेजा गया है, जबकि उन्होंने इस आंदोलन में विशेष योगदान दिया है। यह समारोह मंगलवार को आयोजित किया जा रहा है, जिसमें नरेंद्र मोदी, मोहन भागवत सहित करीब 8 हजार विशेष अतिथियों के शामिल होने की बात कही जा रही है।
निमंत्रण कार्ड की पहली झलक पहले ही सामने आई है जिसमें समारोह के स्वरूप तथा मुख्य अतिथियों का विवरण है। संतों और महंतों को निमंत्रण भेजे जा रहे हैं लेकिन रामभद्राचार्य का नाम सूची में नहीं है जिसे उन्होंने “उपेक्षा” के रूप में लिया है।

गुजरात में सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ। धर्म की जय-जयकार हुई। आज गुजरात देश के विकसित और खुशहाल राज्यों में है।अयोध्...
24/11/2025

गुजरात में सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ। धर्म की जय-जयकार हुई। आज गुजरात देश के विकसित और खुशहाल राज्यों में है।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ। पुराने मंदिरों के जीर्णोद्धार पर बल दिया गया। आज UP विकास के पथ पर अग्रसर है।

अब बिहार में भी भव्य मंदिरों के निर्माण हों। वहाँ भी मठों मंदिरों साधुओं का सम्मान हो।

दक्षिण के जितने भी संपन्न राज्यहैं वहाँ आध्यात्मिक स्थलों और आस्था का अटूट संगम है।

विकास के साथ अध्यात्म से ही असली तरक्की मिलती है।

गेरुआ तिलक का महत्व...गेरुआ तिलक मुख्य रूप से गेरू (लाल-भूरी मिट्टी) से बनता है। इसमें  प्राकृतिक खनिज रंग भी मिलाए जाते...
24/11/2025

गेरुआ तिलक का महत्व...

गेरुआ तिलक मुख्य रूप से गेरू (लाल-भूरी मिट्टी) से बनता है। इसमें प्राकृतिक खनिज रंग भी मिलाए जाते हैं।

गेरुआ तिलक केवल एक रंग नहीं यह त्याग, साधना, शक्ति, विनम्रता, पवित्रता और आत्मज्ञान का गहरा आध्यात्मिक संदेश है।

अग्नि और शक्ति का संकेत...

गेरुआ अग्नि का प्रतीक माना जाता है। अग्नि पुराने को जलाकर नया जन्म देती है। उसी प्रकार गेरुआ तिलक धारण करने का अर्थ है मन की नकारात्मकता, पाप और अशुद्धियों को जलाकर आत्मशक्ति को प्रज्वलित करना।

साधु–संतों की पहचान...

सन्यासियों, तपस्वियों और साधुओं का प्रमुख चिन्ह गेरुआ तिलक है। यह दर्शाता है कि व्यक्ति ने जीवन को धर्म, साधना और सेवा को समर्पित कर दिया है।
यह तिलक उनके जीवन की दिशा “लोक कल्याण और आत्मज्ञान” को प्रकट करता है।

मन की स्थिरता और आध्यात्मिकता...

गेरुआ तिलक माथे (आज्ञा चक्र) पर लगाया जाता है, जो एकाग्रता, आत्मबोध और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है।
यह तिलक मन को अनावश्यक विचारों से मुक्त कर ध्यान, भक्ति और साधना में स्थिर करता है।

पृथ्वी से जुड़ाव का भाव...

गेरुआ रंग मिट्टी और प्रकृति से जुड़ा होता है, इसलिए यह तिलक व्यक्ति को विनम्रता, स्थिरता और धरातलीय संतुलन देता है।
यह संदेश भी देता है कि मनुष्य चाहे जितना ऊँचा क्यों न पहुँचे, उसकी जड़ें धरती में ही हैं।

त्याग और वैराग्य का रंग...

गेरुआ रंग हिंदू सनातन परंपरा में त्याग, सरलता और वैराग्य का प्रतीक है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति संसारिक आकर्षण, लोभ और अहंकार से दूर रहने का संकल्प लेता है। यह मन को साधना और आत्मविकास की दिशा में प्रेरित करता है।

साहस और धैर्य का प्रतीक...

गेरुआ रंग युद्धक्षेत्र में वीरता और संकल्प का भी प्रतीक रहा है।
इसलिए तिलक व्यक्ति को भीतर से साहस, धैर्य और आत्मविश्वास प्रदान करता है।

पवित्रता और धार्मिक अनुशासन...

इस तिलक का उपयोग पूजा, व्रत, अनुष्ठान और पर्वों पर शुभ माना जाता है।
यह शरीर और मन दोनों को पवित्र करता है और व्यक्ति को धार्मिक अनुशासन में रखने की प्रेरणा देता है।

नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा...

गेरुआ तिलक को कई परंपराओं में ऊर्जा-रक्षा कवच भी माना जाता है।
यह नज़र, ईर्ष्या और नकारात्मक भावनाओं से बचाने का एक आध्यात्मिक संकेतक है।

23/11/2025

गुजरात में बड़ी कार्रवाई!
अवैध मदरसे पर चला बुलडोजर

गुजरात के भावनगर में वर्षों से चल रहे एक अवैध मदरसे को प्रशासन ने बुलडोज़र से ढहा दिया।
सबसे बड़ा सवाल "इतने विशाल अवैध निर्माण के लिए पैसा कहां से आया?"
सरकार कार्रवाई पर सख्त, लेकिन फंडिंग का स्रोत अब भी रहस्य!
क्या सच्चाई सामने आएगी..!

23/11/2025

जय सत्य साईं राम!

पूज्य संतों, श्रद्धालु भक्तों और सत्य साईं परिवार के सभी सदस्यों को मेरा सादर अभिवादन।

श्री सत्य साईं बाबा की जन्म शताब्दी का यह दिव्य उत्सव हम सभी के लिए प्रेरणा का क्षण है… यह अवसर है उस महान आध्यात्मिक शक्ति को स्मरण करने का, जिन्होंने मानव सेवा को ही प्रभु सेवा का स्वरूप बताया।
साईं बाबा ने हमें सिखाया कि प्रेम ही जीवन का आधार है और सत्य, धर्म, शांति, प्रेम और अहिंसा ही मानवता का मार्ग है।

हम सब आज यहाँ केवल उत्सव मनाने के लिए नहीं, बल्कि बाबा के संदेशों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेकर एकत्रित हुए हैं।
उनकी वाणी—“Hands that help are holier than lips that pray”—के अनुरूप हम समाज, राष्ट्र और विश्व के हित में कर्तव्य-पथ पर अग्रसर रहें, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।

इस पावन अवसर पर हम सब मिलकर यह प्रण लें कि—
🌟 हम मानवता की सेवा में सदैव तत्पर रहेंगे
🌟 हम प्रेम, करुणा और भाईचारे को जीवन का आधार बनाएंगे
🌟 हम सत्य और धर्म के मार्ग पर दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ेंगे

सत्य साईं के दिव्य आशीर्वाद से हमारे जीवन में प्रकाश, शांति और सद्भाव निरंतर बढ़ता रहे।
ईश्वर से यही प्रार्थना है कि बाबा की करुणा छाया हमारे प्रत्येक कदम का मार्गदर्शन करती रहे।

अंत में, आप सबको श्री सत्य साईं बाबा की जन्म शताब्दी के इस ऐतिहासिक और पावन उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ!

जय सत्य साईं राम! 🙏✨
साईं प्रेम सभी तक पहुँचे — “सबका मालिक एक”।

MYogiAdityanath

बिहार को नेपाल जैसा बनाने का सपना देखने वाले अब कहीं दिखाई नहीं देते!चुनाव से पहले बिहार को नेपाल की तर्ज पर जलाने, बिगा...
16/11/2025

बिहार को नेपाल जैसा बनाने का सपना देखने वाले अब कहीं दिखाई नहीं देते!

चुनाव से पहले बिहार को नेपाल की तर्ज पर जलाने, बिगाड़ने या अराजकता फैलाने का सपना देखने वाले आज कहीं दूर-दूर तक नज़र नहीं आ रहे।
जब जनता ने अपना फैसला सुना दिया, तब असलियत और हकीकत दोनों सामने आ गईं।

बिहार ने फिर साबित कर दिया है कि यह राज्य किसी की नकारात्मक राजनीति, अफवाहों या विद्वेषपूर्ण एजेंडा का हिस्सा बनने वाला नहीं है।
यहाँ की जनता विकास चाहती है, स्थिरता चाहती है, और मुद्दों की राजनीति चाहती है — न कि आगज़नी जैसी सोच!

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