05/08/2025
संध्या वंदन:---श्री राम, जानकी और लक्ष्मण जी की वंदना, हनुमान और रामभक्तों के हृदय से 🙏🌹🌷
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जब दिन ढलकर संध्या का शांत समय आता है, तब हर राम भक्त का हृदय सहज ही प्रभु श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के दिव्य स्वरूप में लीन हो जाता है। यह वह पावन वेला है जब हनुमान जी और समस्त राम भक्त अपने आराध्य के प्रति असीम श्रद्धा और प्रेम अर्पित करते हैं, रामचरितमानस के अमृत वचनों को स्मरण करते हुए।
अवनति की ओर बढ़ता सूर्य और भक्ति का उदय:
पश्चिम दिशा में जब सूर्य अपनी लालिमा बिखेरता हुआ अस्त होने लगता है, तब यह क्षण हमें अपनी इंद्रियों को बाहरी विषयों से हटाकर अंतर्मुखी होने का संदेश देता है। यह क्षण स्मरण दिलाता है कि जिस प्रकार दिन का प्रकाश सिमटता है, उसी प्रकार हमें भी संसार के मोह-माया से मन हटाकर प्रभु के चरणों में चित्त लगाना चाहिए। यह समय है जब हनुमान जी की भक्ति की तीव्रता और भी बढ़ जाती है, और उनके साथ हर राम भक्त का रोम-रोम 'सियावर रामचंद्र की जय!' के उद्घोष से पुलकित हो उठता है।
रामचरितमानस के आलोक में वंदना:
यह संध्या वंदन केवल एक क्रिया नहीं, अपितु रामचरितमानस के उन दिव्य प्रसंगों का स्मरण है जो हमें त्याग, प्रेम, मर्यादा और धर्म की शिक्षा देते हैं। हम स्मरण करते हैं -
* श्री राम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप को: जिन्होंने अपने पिता के वचन के लिए राजपाट त्यागकर वनवास स्वीकार किया, और धर्म के पथ पर अडिग रहे।
* माता सीता के पावन सतीत्व को: जिनकी निष्ठा और त्याग ने हर बाधा को पार किया, और जो समस्त स्त्री जगत के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
* लक्ष्मण जी के अतुलनीय भ्रातृ प्रेम को: जिन्होंने अपने बड़े भाई की सेवा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, और जिनकी निस्वार्थ सेवा अतुलनीय है।
* हनुमान जी के अखण्ड राम प्रेम को: जिनके रोम-रोम में राम नाम बसा है, और जिनकी भक्ति, सेवा और बल ने असंभव को भी संभव कर दिखाया।
प्रेरणा और आध्यात्मिक शांति का स्रोत:
यह संध्या वंदन हमें दैनिक जीवन के संघर्षों से मुक्ति दिलाकर एक नई ऊर्जा और शांति प्रदान करता है। यह हमें स्मरण कराता है कि जीवन में चाहे कितनी भी adversities क्यों न आएं, प्रभु राम का नाम और उनके आदर्श हमेशा हमारा मार्गदर्शन करेंगे। जिस प्रकार हनुमान जी ने हर विपत्ति में राम नाम का संबल लिया, उसी प्रकार हमें भी अपने जीवन में उस दिव्य शक्ति पर विश्वास रखना चाहिए।
संध्या वंदन का संकल्प:
आइए, इस पावन संध्या वेला में, हम सभी हनुमान जी और समस्त राम भक्तों के साथ मिलकर, अपने हृदय के गहनतम भाव से प्रभु श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी का वंदन करें। यह संकल्प लें कि हम उनके आदर्शों को अपने जीवन में धारण करेंगे, और रामचरितमानस के दिव्य संदेश को अपने जीवन का आधार बनाएंगे।
🙏जय सिया राम!🙏
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सभी को राम-राम जी। 🙏