10/07/2025
अहमदाबाद एयर इंडिया क्रैश प्लेन की वजह जानने की कोशिशों के बीच नई और अहम जानकारियां सामने आई है. जानें क्रैश को लेकर क्या कुछ पता चला.
अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान (फ्लाइट AI171) के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना की जांच में कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं। यह विमान अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद मेघानी नगर में एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकराकर क्रैश हो गया था। इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई, और जमीन पर मौजूद लोगों सहित कुल 270 लोगों की जान चली गई। केवल एक यात्री, भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार, चमत्कारिक रूप से जीवित बचे।
क्रैश की वजह और नई जानकारियां:
तकनीकी खराबी और इंजन फेल होने की आशंका: शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि विमान के इंजन में तकनीकी खराबी या फ्यूल सप्लाई में रुकावट के कारण दोनों इंजन बंद हो गए, जिससे विमान ने नियंत्रण खो दिया।
एक सूत्र के अनुसार, विमान का राइट साइड इंजन, जिसे मार्च 2025 में बदला गया था, हादसे का कारण हो सकता है। इस इंजन की हाल ही में मरम्मत की गई थी, जिसने जांच में सवाल खड़े किए हैं।
जांच में यह भी पता चला कि टेकऑफ के दौरान विमान का लैंडिंग गियर नीचे रह गया, जिससे गति और ऊंचाई में रुकावट आई, जो हादसे का एक कारण हो सकता है।
इमरजेंसी पावर सिस्टम (Ram Air Turbine - RAT) का सक्रिय होना:
जांचकर्ताओं ने पाया कि क्रैश से कुछ क्षण पहले विमान का इमरजेंसी पावर सिस्टम (RAT) सक्रिय हो गया था। यह सिस्टम तब सक्रिय होता है जब विमान में इंजन पावर या इलेक्ट्रिकल सिस्टम में विफलता होती है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या दोनों इंजन टेकऑफ के दौरान ठीक से काम कर रहे थे।
मेडे कॉल:
पायलट, कैप्टन सुमित सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर, ने टेकऑफ के बाद 1:39 बजे एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को "मेडे कॉल" भेजकर पूर्ण आपातकाल की सूचना दी थी। यह कॉल विमान में गंभीर संकट की स्थिति को दर्शाता है। हालांकि, इसके बाद ATC को कोई और सिग्नल नहीं मिला, और कुछ सेकंड बाद विमान क्रैश हो गया।
ब्लैक बॉक्स की जांच:
हादसे के बाद विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स—डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (DFDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR)—बरामद किए गए। पहला 13 जून को और दूसरा 16 जून को मिला। इनका विश्लेषण भारत और अमेरिका की जांच एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है। ब्लैक बॉक्स को डिकोड करने के लिए अमेरिका भेजने का निर्णय लिया गया है, ताकि टेकऑफ के समय पायलट और सिस्टम के अनुभवों का पता लगाया जा सके।
विमान के मलबे की जांच:
विमान का मलबा अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास गुजरात स्टेट एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड (GUJSAIL) के पास एक नई साइट पर शिफ्ट किया गया है। इसे दोबारा जोड़कर हादसे की असली वजह का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
पायलट और क्रू की स्थिति:
पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल को 8,200 घंटे का उड़ान अनुभव था, फिर भी वह विमान को नहीं बचा सके। जीवित बचे यात्री रमेश विश्वास कुमार ने बताया कि पायलट यात्रियों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहा था।