02/09/2025
आजादी क्यों नहीं ??
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आजादी! एक ऐसा शब्द जिसे सुनकर सभी के दिलों में एक अलग सी खुशी उठ जाती है, चाहे वो सुबह से शाम ड्यूटी खत्म होने की आजादी हो या फिर किसी व्यक्ति,वस्तु या फिर समाज( वैसा समाज जो दूसरे का निंदा करता हो) से छुटकारा पाने की आजादी हो!
हमारे देश में ज्यादातर लोग आजादी का मतलब बस ये समझते हैं: की हम अंग्रेजों के गुलाम थे, लेकिन आज मैं आजाद हूं। जो उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल होती है!
आखिर मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं?
आप अभी खुद से सोचिए कि क्या आप सच में आजाद है??.......
जवाब शायद 99.% लोगों का नहीं होगा! आखिर ऐसा क्यों??
जवाब - प्रकृति का नियम है कि सारे लोग किसी न किसी के गुलाम हैं, चाहे वो सन्यासी ही क्यों न हो! सोचिए जब एक सन्यासी व्यक्ति आजाद नहीं है तो गृहस्थी जीवन व्यतीत करने वाले आजाद हो सकते है क्या??
जवाब - नहीं....
ये लेख उन महिलाएं और बहनों के लिए विशेषकर है जो अपने घर में आजादी के लिए लड़ती ! और उन्हें ये नहीं पता होता है,जिस आजादी के लिए वो लड़ती है वो कही न कही एक नई गुलामी का कारण बन सकती है।
धन्यवाद !
फिर मिलते है एक नई लेख के साथ🙏
By
Reporter Vats Abhishek