21/07/2025
सऊदी अरब के 'स्लीपिंग प्रिंस' के नाम से मशहूर **प्रिंस अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद** का 36 वर्ष की आयु में 19 जुलाई 2025 को निधन हो गया। उन्होंने अपने जीवन के लगभग दो दशक (20 साल) कोमा में बिताए, जिसके कारण उन्हें पूरी दुनिया में 'स्लीपिंग प्रिंस' के रूप में जाना जाता था। उनकी कहानी न केवल सऊदी अरब, बल्कि पूरी दुनिया के लिए धैर्य, विश्वास और पारिवारिक प्रेम की मिसाल बन गई। आइए, इस दुखद और प्रेरणादायक कहानी को विस्तार से समझें।
# # # **प्रिंस अल-वलीद का परिचय**
- **जन्म और परिवार**: प्रिंस अल-वलीद का जन्म 18 अप्रैल 1990 को हुआ था। वे सऊदी शाही परिवार के प्रमुख सदस्य **प्रिंस खालिद बिन तलाल अल सऊद** के सबसे बड़े बेटे थे। उनके चाचा, **प्रिंस अल-वलीद बिन तलाल**, एक प्रसिद्ध अरबपति व्यवसायी हैं, जिनकी संपत्ति 2024 में फोर्ब्स के अनुसार लगभग 16.4 अरब डॉलर थी। प्रिंस अल-वलीद सऊदी अरब के संस्थापक **राजा अब्दुलअज़ीज़** के परपोते थे और शाही परिवार की एक प्रभावशाली शाखा से ताल्लुक रखते थे।[](सऊदी अरब के 'स्लीपिंग प्रिंस' के नाम से मशहूर **प्रिंस अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद** का 36 वर्ष की आयु में 19 जुलाई 2025 को निधन हो गया। उन्होंने अपने जीवन के लगभग दो दशक (20 साल) कोमा में बिताए, जिसके कारण उन्हें पूरी दुनिया में 'स्लीपिंग प्रिंस' के रूप में जाना जाता था। उनकी कहानी न केवल सऊदी अरब, बल्कि पूरी दुनिया के लिए धैर्य, विश्वास और पारिवारिक प्रेम की मिसाल बन गई। आइए, इस दुखद और प्रेरणादायक कहानी को विस्तार से समझें।
# # # **प्रिंस अल-वलीद का परिचय**
- **जन्म और परिवार**: प्रिंस अल-वलीद का जन्म 18 अप्रैल 1990 को हुआ था। वे सऊदी शाही परिवार के प्रमुख सदस्य **प्रिंस खालिद बिन तलाल अल सऊद** के सबसे बड़े बेटे थे। उनके चाचा, **प्रिंस अल-वलीद बिन तलाल**, एक प्रसिद्ध अरबपति व्यवसायी हैं, जिनकी संपत्ति 2024 में फोर्ब्स के अनुसार लगभग 16.4 अरब डॉलर थी। प्रिंस अल-वलीद सऊदी अरब के संस्थापक **राजा अब्दुलअज़ीज़** के परपोते थे और शाही परिवार की एक प्रभावशाली शाखा से ताल्लुक रखते थे।
- **शिक्षा**: 2005 में, 15 वर्ष की आयु में, प्रिंस अल-वलीद लंदन में एक सैन्य कॉलेज में कैडेट के रूप में पढ़ाई कर रहे थे, जो उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर एक कदम था।
# # # **हादसा जो बदल गया जीवन**
- **2005 का कार हादसा**: साल 2005 में, जब प्रिंस अल-वलीद केवल 15 साल के थे, लंदन में एक भीषण कार दुर्घटना में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे में उनके सिर में गंभीर चोटें आईं, जिसके परिणामस्वरूप **ब्रेन हेमरेज** (मस्तिष्क में रक्तस्राव) और **आंतरिक रक्तस्राव** हुआ। इस दुर्घटना ने उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया।
- **कोमा में प्रवेश**: हादसे के बाद, उन्हें तुरंत सऊदी अरब लाया गया और रियाद के **किंग अब्दुलअज़ीज़ मेडिकल सिटी** में भर्ती किया गया। उनकी स्थिति इतनी गंभीर थी कि वे कोमा में चले गए और कभी पूरी तरह होश में नहीं आ सके। मेडिकल साइंस ने उन्हें **क्लिनिकली अनकंसियस** (नैदानिक रूप से अचेत) घोषित कर दिया था।
# # # **20 साल का कोमा और परिवार का विश्वास**
- **मेडिकल देखभाल**: प्रिंस अल-वलीद को रियाद के एक विशेष अस्पताल में **वेंटिलेटर** और **लाइफ सपोर्ट सिस्टम** पर रखा गया। उनकी देखभाल के लिए 24 घंटे एक विशेष मेडिकल टीम तैनात थी। अमेरिका और स्पेन से विशेषज्ञ न्यूरोलॉजिस्ट बुलाए गए, लेकिन कोई भी उन्हें होश में नहीं ला सका।
- **पिता का अटूट विश्वास**: प्रिंस अल-वलीद के पिता, **प्रिंस खालिद बिन तलाल**, ने अपने बेटे के ठीक होने की उम्मीद कभी नहीं छोड़ी। 2015 में, जब डॉक्टरों ने लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटाने की सलाह दी, तो प्रिंस खालिद ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना था, **"जीवन और मृत्यु का फैसला केवल अल्लाह के हाथ में है। अगर अल्लाह चाहता कि वह मर जाए, तो हादसे में ही उसकी जान चली जाती।"** वे अक्सर अपने बेटे के बिस्तर के पास बैठकर कुरान पढ़ते और उसकी सलामती के लिए दुआ करते थे।
- **आशा की किरण**: 2019 में, प्रिंस अल-वलीद की उंगलियों और सिर में हल्की हलचल देखी गई, जिसने परिवार और उनके चाहने वालों में आशा जगाई। एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें उनकी मामूली शारीरिक प्रतिक्रियाएं दिखाई गईं। हालांकि, उनकी स्थिति में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ, और ये अफवाहें कि वे कोमा से बाहर आ गए, शाही परिवार ने खारिज कर दीं
# # # **निधन और दुनिया भर में शोक**
- **निधन की पुष्टि**: 19 जुलाई 2025 को, प्रिंस अल-वलीद का निधन हो गया। उनके पिता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक भावुक पोस्ट के जरिए इसकी पुष्टि की। उन्होंने कुरान की आयत का हवाला देते हुए लिखा: **"हे शांत आत्मा, अपने प्रभु के पास लौट आओ, जो तुझसे प्रसन्न है। मेरे नेक बंदों में शामिल हो और मेरे स्वर्ग में प्रवेश कर।"** उन्होंने आगे कहा, **"अल्लाह के हुक्म और नियति में पूर्ण विश्वास के साथ, और गहरे दुख के साथ, हम अपने प्रिय पुत्र प्रिंस अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं।"**
- **अंतिम संस्कार**: प्रिंस अल-वलीद का अंतिम संस्कार 20 जुलाई 2025 को रियाद की **इमाम तुर्की बिन अब्दुल्ला मस्जिद** में असर की नमाज के बाद किया गया। पुरुषों की जनाजे की नमाज मस्जिद में हुई, जबकि महिलाओं की अंतिम विदाई **किंग फैसल स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल** में ज़ुहर की नमाज के बाद आयोजित की गई। शोक सभाएं रविवार, सोमवार और मंगलवार को रखी गईं।
- **सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं**: प्रिंस के निधन की खबर के बाद, सोशल मीडिया पर ** ** ट्रेंड करने लगा। हजारों लोगों ने उनके लिए शोक संदेश और प्रार्थनाएं साझा कीं। एक यूजर ने लिखा, **"20 साल तक बिना हिम्मत हारे, उम्मीद और प्यार की जीवंत मिसाल बने रहे, अलविदा स्लीपिंग प्रिंस।"** उनकी कहानी को न केवल एक व्यक्ति की कहानी, बल्कि एक पिता के अटूट प्रेम और विश्वास की मिसाल के रूप में याद किया गया।
# # # **प्रिंस अल-वलीद की विरासत**
- **पिता-पुत्र का रिश्ता**: प्रिंस अल-वलीद की कहानी उनके पिता प्रिंस खालिद के समर्पण और विश्वास के बिना अधूरी है। उनके पिता ने 20 साल तक हर दिन अपने बेटे के ठीक होने की उम्मीद रखी और उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर बनाए रखा। यह कहानी सऊदी अरब और अरब जगत में एक भावनात्मक प्रतीक बन गई।
- **सामाजिक प्रभाव**: प्रिंस अल-वलीद की कहानी ने दुनिया भर में लोगों को प्रेरित किया। उनकी तस्वीरें और हेल्थ अपडेट्स सोशल मीडिया पर वायरल होती थीं, और लोग उनकी सलामती के लिए दुआ करते थे। उनकी कहानी ने मानवीय जज़्बे, धैर्य और पारिवारिक प्रेम को दर्शाया।
- **चिकित्सा दृष्टिकोण**: प्रिंस अल-वलीद का मामला चिकित्सा इतिहास में सबसे लंबे कोमा के मामलों में से एक बन गया। उनकी देखभाल में विश्व के सर्वश्रेष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट और मेडिकल सुविधाओं का उपयोग किया गया, लेकिन मस्तिष्क की गंभीर चोट के कारण उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो सका।
# # # **गलत सूचनाओं का खंडन**
कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया था कि प्रिंस अल-वलीद कोमा से बाहर आ गए थे, खासकर एक पोस्ट में उनकी मां का जिक्र किया गया। हालांकि, यह जानकारी गलत थी। शाही परिवार ने स्पष्ट किया कि प्रिंस कभी होश में नहीं आए, और उनकी मृत्यु कोमा में ही हुई।
# # # **निष्कर्ष**
प्रिंस अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद, जिन्हें 'स्लीपिंग प्रिंस' के नाम से जाना जाता था, की कहानी एक दुखद लेकिन प्रेरणादायक अध्याय है। 15 साल की उम्र में एक हादसे ने उनके जीवन को बदल दिया, और 20 साल तक कोमा में रहने के बाद, उन्होंने 36 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके पिता का विश्वास, परिवार का समर्पण और दुनिया भर के लोगों की दुआएं उनकी कहानी को एक अनोखी मिसाल बनाती हैं। उनकी मृत्यु ने न केवल सऊदी शाही परिवार, बल्कि पूरी दुनिया को शोक में डुबो दिया।
**श्रद्धांजलि**: प्रिंस अल-वलीद की कहानी हमें सिखाती है कि जीवन की सबसे कठिन परिस्थितियों में भी, प्रेम, विश्वास और धैर्य की शक्ति हमें जोड़े रखती है। उनकी आत्मा को शांति मिल
- **शिक्षा**: 2005 में, 15 वर्ष की आयु में, प्रिंस अल-वलीद लंदन में एक सैन्य कॉलेज में कैडेट के रूप में पढ़ाई कर रहे थे, जो उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर एक कदम था।
# # # **हादसा जो बदल गया जीवन**
- **2005 का कार हादसा**: साल 2005 में, जब प्रिंस अल-वलीद केवल 15 साल के थे, लंदन में एक भीषण कार दुर्घटना में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे में उनके सिर में गंभीर चोटें आईं, जिसके परिणामस्वरूप **ब्रेन हेमरेज** (मस्तिष्क में रक्तस्राव) और **आंतरिक रक्तस्राव** हुआ। इस दुर्घटना ने उनके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया।
- **कोमा में प्रवेश**: हादसे के बाद, उन्हें तुरंत सऊदी अरब लाया गया और रियाद के **किंग अब्दुलअज़ीज़ मेडिकल सिटी** में भर्ती किया गया। उनकी स्थिति इतनी गंभीर थी कि वे कोमा में चले गए और कभी पूरी तरह होश में नहीं आ सके। मेडिकल साइंस ने उन्हें **क्लिनिकली अनकंसियस** (नैदानिक रूप से अचेत) घोषित कर दिया था।
# # # **20 साल का कोमा और परिवार का विश्वास**
- **मेडिकल देखभाल**: प्रिंस अल-वलीद को रियाद के एक विशेष अस्पताल में **वेंटिलेटर** और **लाइफ सपोर्ट सिस्टम** पर रखा गया। उनकी देखभाल के लिए 24 घंटे एक विशेष मेडिकल टीम तैनात थी। अमेरिका और स्पेन से विशेषज्ञ न्यूरोलॉजिस्ट बुलाए गए, लेकिन कोई भी उन्हें होश में नहीं ला सका।
- **पिता का अटूट विश्वास**: प्रिंस अल-वलीद के पिता, **प्रिंस खालिद बिन तलाल**, ने अपने बेटे के ठीक होने की उम्मीद कभी नहीं छोड़ी। 2015 में, जब डॉक्टरों ने लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटाने की सलाह दी, तो प्रिंस खालिद ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना था, **"जीवन और मृत्यु का फैसला केवल अल्लाह के हाथ में है। अगर अल्लाह चाहता कि वह मर जाए, तो हादसे में ही उसकी जान चली जाती।"** वे अक्सर अपने बेटे के बिस्तर के पास बैठकर कुरान पढ़ते और उसकी सलामती के लिए दुआ करते थे।
- **आशा की किरण**: 2019 में, प्रिंस अल-वलीद की उंगलियों और सिर में हल्की हलचल देखी गई, जिसने परिवार और उनके चाहने वालों में आशा जगाई। एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें उनकी मामूली शारीरिक प्रतिक्रियाएं दिखाई गईं। हालांकि, उनकी स्थिति में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ, और ये अफवाहें कि वे कोमा से बाहर आ गए, शाही परिवार ने खारिज कर दीं।
# # # **निधन और दुनिया भर में शोक**
- **निधन की पुष्टि**: 19 जुलाई 2025 को, प्रिंस अल-वलीद का निधन हो गया। उनके पिता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक भावुक पोस्ट के जरिए इसकी पुष्टि की। उन्होंने कुरान की आयत का हवाला देते हुए लिखा: **"हे शांत आत्मा, अपने प्रभु के पास लौट आओ, जो तुझसे प्रसन्न है। मेरे नेक बंदों में शामिल हो और मेरे स्वर्ग में प्रवेश कर।"** उन्होंने आगे कहा, **"अल्लाह के हुक्म और नियति में पूर्ण विश्वास के साथ, और गहरे दुख के साथ, हम अपने प्रिय पुत्र प्रिंस अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं।"**
- **अंतिम संस्कार**: प्रिंस अल-वलीद का अंतिम संस्कार 20 जुलाई 2025 को रियाद की **इमाम तुर्की बिन अब्दुल्ला मस्जिद** में असर की नमाज के बाद किया गया। पुरुषों की जनाजे की नमाज मस्जिद में हुई, जबकि महिलाओं की अंतिम विदाई **किंग फैसल स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल** में ज़ुहर की नमाज के बाद आयोजित की गई। शोक सभाएं रविवार, सोमवार और मंगलवार को रखी गईं।
- **सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं**: प्रिंस के निधन की खबर के बाद, सोशल मीडिया पर ** ** ट्रेंड करने लगा। हजारों लोगों ने उनके लिए शोक संदेश और प्रार्थनाएं साझा कीं। एक यूजर ने लिखा, **"20 साल तक बिना हिम्मत हारे, उम्मीद और प्यार की जीवंत मिसाल बने रहे, अलविदा स्लीपिंग प्रिंस।"** उनकी कहानी को न केवल एक व्यक्ति की कहानी, बल्कि एक पिता के अटूट प्रेम और विश्वास की मिसाल के रूप में याद किया गया।
# # # **प्रिंस अल-वलीद की विरासत**
- **पिता-पुत्र का रिश्ता**: प्रिंस अल-वलीद की कहानी उनके पिता प्रिंस खालिद के समर्पण और विश्वास के बिना अधूरी है। उनके पिता ने 20 साल तक हर दिन अपने बेटे के ठीक होने की उम्मीद रखी और उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर बनाए रखा। यह कहानी सऊदी अरब और अरब जगत में एक भावनात्मक प्रतीक बन गई।
- **सामाजिक प्रभाव**: प्रिंस अल-वलीद की कहानी ने दुनिया भर में लोगों को प्रेरित किया। उनकी तस्वीरें और हेल्थ अपडेट्स सोशल मीडिया पर वायरल होती थीं, और लोग उनकी सलामती के लिए दुआ करते थे। उनकी कहानी ने मानवीय जज़्बे, धैर्य और पारिवारिक प्रेम को दर्शाया।
- **चिकित्सा दृष्टिकोण**: प्रिंस अल-वलीद का मामला चिकित्सा इतिहास में सबसे लंबे कोमा के मामलों में से एक बन गया। उनकी देखभाल में विश्व के सर्वश्रेष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट और मेडिकल सुविधाओं का उपयोग किया गया, लेकिन मस्तिष्क की गंभीर चोट के कारण उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो सका।
# # # **गलत सूचनाओं का खंडन**
कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया था कि प्रिंस अल-वलीद कोमा से बाहर आ गए थे, खासकर एक पोस्ट में उनकी मां का जिक्र किया गया। हालांकि, यह जानकारी गलत थी। शाही परिवार ने स्पष्ट किया कि प्रिंस कभी होश में नहीं आए, और उनकी मृत्यु कोमा में ही हुई।
# # # **निष्कर्ष**
प्रिंस अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद, जिन्हें 'स्लीपिंग प्रिंस' के नाम से जाना जाता था, की कहानी एक दुखद लेकिन प्रेरणादायक अध्याय है। 15 साल की उम्र में एक हादसे ने उनके जीवन को बदल दिया, और 20 साल तक कोमा में रहने के बाद, उन्होंने 36 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके पिता का विश्वास, परिवार का समर्पण और दुनिया भर के लोगों की दुआएं उनकी कहानी को एक अनोखी मिसाल बनाती हैं। उनकी मृत्यु ने न केवल सऊदी शाही परिवार, बल्कि पूरी दुनिया को शोक में डुबो दिया।
**श्रद्धांजलि**: प्रिंस अल-वलीद की कहानी हमें सिखाती है कि जीवन की सबसे कठिन परिस्थितियों में भी, प्रेम, विश्वास और धैर्य की शक्ति हमें जोड़े रखती है। उनकी आत्मा को शांति मिले।