
29/09/2025
🚨 भाजपा ने सारी हदें पार कीं: राहुल गांधी को खुली मौत की धमकी! 🚨
दोस्तों, भारतीय राजनीति में एक नया निचला स्तर देखने को मिला है। 28 सितंबर 2025 को, केरल के न्यूज18 चैनल पर एक लाइव टीवी डिबेट के दौरान भाजपा के प्रवक्ता प्रिंटू महादेव (जिन्हें पिंटू महादेव भी कहा जा रहा है) ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ खुली मौत की धमकी दे डाली। महादेव ने मलयालम में स्पष्ट शब्दों में कहा, "राहुल गांधी को छाती में गोली मार दी जाएगी" (Rahul Gandhi will be shot in the chest)। यह बयान बांग्लादेश के विरोध प्रदर्शनों पर राहुल गांधी के हालिया कमेंट्स के जवाब में आया, जहां उन्होंने भारत में भी ऐसी स्थिति की आशंका जताई थी अगर सरकार लोगों की आवाज दबाती रही। लेकिन क्या राजनीतिक असहमति का जवाब हिंसा की धमकी से दिया जाना चाहिए? यह न सिर्फ अस्वीकार्य है, बल्कि लोकतंत्र की नींव पर हमला है!
घटना का पूरा विवरण:
कब और कैसे हुआ? यह शर्मनाक घटना 27-28 सितंबर की रात न्यूज18 केरल के एक डिबेट शो में हुई, जहां भाजपा और कांग्रेस के पैनलिस्ट बांग्लादेश की घटनाओं और भारतीय राजनीति पर बहस कर रहे थे। प्रिंटू महादेव, जो केरल भाजपा के आधिकारिक प्रवक्ता हैं, ने गुस्से में राहुल गांधी के बयानों का जवाब देते हुए यह धमकी दी। वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिसमें महादेव की आवाज साफ सुनाई दे रही है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस क्लिप को एक्स (ट्विटर) पर शेयर किया और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर तुरंत कार्रवाई की मांग की।
संदर्भ क्या था? राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि अगर मोदी सरकार लोगों की आवाज दबाती रही, तो भारत में भी बांग्लादेश जैसे विरोध देखने को मिल सकते हैं। भाजपा ने इसे देशद्रोह जैसा बताकर हमला किया, लेकिन महादेव का बयान बहस को हिंसक मोड़ दे गया। क्या भाजपा के नेता इतने असुरक्षित हो गए हैं कि वे विपक्षी नेताओं को गोली मारने की बात करने लगे?
कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया और आलोचना:
कांग्रेस ने इस धमकी को "ठंडा, सोचा-समझा और डरावना" (cold, calculated and chilling) बताया है। पार्टी ने इसे महज जीभ फिसलना नहीं, बल्कि जानबूझकर दी गई मौत की धमकी माना है।
केसी वेणुगोपाल का पत्र: 28 सितंबर को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अमित शाह को लिखे पत्र में कहा, "यह विपक्ष के नेता के खिलाफ स्पष्ट मौत की धमकी है। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो इसे हिंसा को सामान्य बनाने और संविधान पर हमले के रूप में देखा जाएगा।" उन्होंने राहुल गांधी के परिवार के इतिहास का जिक्र किया—इंदिरा गांधी (1984) और राजिव गांधी (1991) की हत्याएं—और कहा कि ऐसी धमकियां गांधी परिवार के लिए और भी खतरनाक हैं।
केरल कांग्रेस की मांग: KPCC अध्यक्ष सुनी जोसेफ ने महादेव की तुरंत गिरफ्तारी और FIR की मांग की। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी देश की धर्मनिरपेक्षता और एकता की रक्षा कर रहे हैं। भाजपा उनके विचारों का जवाब नहीं दे पा रही, इसलिए हिंसा का सहारा ले रही है।" कांग्रेस ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है और राहुल की सुरक्षा पर चिंता जताई है।
राष्ट्रीय स्तर पर निंदा: कांग्रेस ने कहा कि यह धमकी भाजपा की बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकती है। क्या भाजपा हिंसा और धमकियों की राजनीति को बढ़ावा दे रही है? क्या मोदी-शाह इसकी जिम्मेदारी लेंगे? पार्टी ने मांग की: महादेव के खिलाफ तुरंत कार्रवाई, भाजपा से सार्वजनिक माफी, और उनका निलंबन। अगर नहीं, तो यह साबित होगा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री इसमें शामिल हैं।
भाजपा की चुप्पी: एक बड़ी आलोचना
अभी तक भाजपा या केंद्र सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया। अमित शाह ने पत्र का जवाब नहीं दिया, और केरल भाजपा चुप है। यह चुप्पी क्या दर्शाती है? कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा की चुप्पी इस धमकी को समर्थन देने के बराबर है। क्या भाजपा अब विपक्ष को चुप कराने के लिए हिंसा का इस्तेमाल करेगी? यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है—एक संवैधानिक पद पर बैठे नेता को धमकी देना देश के कानून और संविधान का अपमान है। भाजपा की यह संस्कृति, जहां असहमति का जवाब गोली से दिया जाता है, भारत की एकता को खतरे में डाल रही है।
पहले भी ऐसी घटनाएं: भाजपा की पैटर्न
यह पहली बार नहीं है।
सितंबर 2024: दिल्ली भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह ने राहुल को "इंदिरा और राजिव जैसी सजा" देने की धमकी दी थी।
सोशल मीडिया पर भाजपा से जुड़े लोग अक्सर राहुल के खिलाफ हिंसक पोस्ट करते हैं। कांग्रेस का दावा है कि ये धमकियां राहुल के बढ़ते प्रभाव और RSS-भाजपा के खिलाफ उनकी मुखरता से उपजी हैं। क्या भाजपा अब खुली हिंसा की तरफ बढ़ रही है?
वर्तमान स्थिति (29 सितंबर 2025):
पुलिस ने अभी तक FIR दर्ज नहीं की, लेकिन कांग्रेस के दबाव से जांच शुरू हो सकती है। राहुल गांधी ने खुद कोई बयान नहीं दिया, लेकिन कांग्रेस इसे लोकतंत्र पर हमला बता रही है। सोशल मीडिया पर और जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। AAP जैसे विपक्षी दलों ने भी समर्थन जताया है।
दोस्तों, यह घटना भारतीय राजनीति के बढ़ते विषाक्त माहौल को दिखाती है। भाजपा की आलोचना करते हुए कहना चाहूंगा कि राजनीति विचारों की लड़ाई है, न कि हिंसा की। अगर भाजपा ऐसी धमकियों को रोक नहीं सकती, तो यह उनकी कमजोरी है। राहुल गांधी जैसे नेता जो न्याय और एकता के लिए लड़ते हैं, उन्हें डराने से कुछ नहीं होगा—बल्कि जनता और मजबूत होकर खड़ी होगी। क्या आप सहमत हैं? कमेंट में बताएं, और इस पोस्ट को शेयर करें ताकि ज्यादा लोग जागरूक हों।
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