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🚨 भाजपा ने सारी हदें पार कीं: राहुल गांधी को खुली मौत की धमकी! 🚨दोस्तों, भारतीय राजनीति में एक नया निचला स्तर देखने को म...
29/09/2025

🚨 भाजपा ने सारी हदें पार कीं: राहुल गांधी को खुली मौत की धमकी! 🚨
दोस्तों, भारतीय राजनीति में एक नया निचला स्तर देखने को मिला है। 28 सितंबर 2025 को, केरल के न्यूज18 चैनल पर एक लाइव टीवी डिबेट के दौरान भाजपा के प्रवक्ता प्रिंटू महादेव (जिन्हें पिंटू महादेव भी कहा जा रहा है) ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ खुली मौत की धमकी दे डाली। महादेव ने मलयालम में स्पष्ट शब्दों में कहा, "राहुल गांधी को छाती में गोली मार दी जाएगी" (Rahul Gandhi will be shot in the chest)। यह बयान बांग्लादेश के विरोध प्रदर्शनों पर राहुल गांधी के हालिया कमेंट्स के जवाब में आया, जहां उन्होंने भारत में भी ऐसी स्थिति की आशंका जताई थी अगर सरकार लोगों की आवाज दबाती रही। लेकिन क्या राजनीतिक असहमति का जवाब हिंसा की धमकी से दिया जाना चाहिए? यह न सिर्फ अस्वीकार्य है, बल्कि लोकतंत्र की नींव पर हमला है!
घटना का पूरा विवरण:
कब और कैसे हुआ? यह शर्मनाक घटना 27-28 सितंबर की रात न्यूज18 केरल के एक डिबेट शो में हुई, जहां भाजपा और कांग्रेस के पैनलिस्ट बांग्लादेश की घटनाओं और भारतीय राजनीति पर बहस कर रहे थे। प्रिंटू महादेव, जो केरल भाजपा के आधिकारिक प्रवक्ता हैं, ने गुस्से में राहुल गांधी के बयानों का जवाब देते हुए यह धमकी दी। वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिसमें महादेव की आवाज साफ सुनाई दे रही है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस क्लिप को एक्स (ट्विटर) पर शेयर किया और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर तुरंत कार्रवाई की मांग की।
संदर्भ क्या था? राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि अगर मोदी सरकार लोगों की आवाज दबाती रही, तो भारत में भी बांग्लादेश जैसे विरोध देखने को मिल सकते हैं। भाजपा ने इसे देशद्रोह जैसा बताकर हमला किया, लेकिन महादेव का बयान बहस को हिंसक मोड़ दे गया। क्या भाजपा के नेता इतने असुरक्षित हो गए हैं कि वे विपक्षी नेताओं को गोली मारने की बात करने लगे?
कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया और आलोचना:
कांग्रेस ने इस धमकी को "ठंडा, सोचा-समझा और डरावना" (cold, calculated and chilling) बताया है। पार्टी ने इसे महज जीभ फिसलना नहीं, बल्कि जानबूझकर दी गई मौत की धमकी माना है।
केसी वेणुगोपाल का पत्र: 28 सितंबर को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अमित शाह को लिखे पत्र में कहा, "यह विपक्ष के नेता के खिलाफ स्पष्ट मौत की धमकी है। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो इसे हिंसा को सामान्य बनाने और संविधान पर हमले के रूप में देखा जाएगा।" उन्होंने राहुल गांधी के परिवार के इतिहास का जिक्र किया—इंदिरा गांधी (1984) और राजिव गांधी (1991) की हत्याएं—और कहा कि ऐसी धमकियां गांधी परिवार के लिए और भी खतरनाक हैं।
केरल कांग्रेस की मांग: KPCC अध्यक्ष सुनी जोसेफ ने महादेव की तुरंत गिरफ्तारी और FIR की मांग की। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी देश की धर्मनिरपेक्षता और एकता की रक्षा कर रहे हैं। भाजपा उनके विचारों का जवाब नहीं दे पा रही, इसलिए हिंसा का सहारा ले रही है।" कांग्रेस ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है और राहुल की सुरक्षा पर चिंता जताई है।
राष्ट्रीय स्तर पर निंदा: कांग्रेस ने कहा कि यह धमकी भाजपा की बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकती है। क्या भाजपा हिंसा और धमकियों की राजनीति को बढ़ावा दे रही है? क्या मोदी-शाह इसकी जिम्मेदारी लेंगे? पार्टी ने मांग की: महादेव के खिलाफ तुरंत कार्रवाई, भाजपा से सार्वजनिक माफी, और उनका निलंबन। अगर नहीं, तो यह साबित होगा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री इसमें शामिल हैं।
भाजपा की चुप्पी: एक बड़ी आलोचना
अभी तक भाजपा या केंद्र सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया। अमित शाह ने पत्र का जवाब नहीं दिया, और केरल भाजपा चुप है। यह चुप्पी क्या दर्शाती है? कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा की चुप्पी इस धमकी को समर्थन देने के बराबर है। क्या भाजपा अब विपक्ष को चुप कराने के लिए हिंसा का इस्तेमाल करेगी? यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है—एक संवैधानिक पद पर बैठे नेता को धमकी देना देश के कानून और संविधान का अपमान है। भाजपा की यह संस्कृति, जहां असहमति का जवाब गोली से दिया जाता है, भारत की एकता को खतरे में डाल रही है।
पहले भी ऐसी घटनाएं: भाजपा की पैटर्न
यह पहली बार नहीं है।
सितंबर 2024: दिल्ली भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह ने राहुल को "इंदिरा और राजिव जैसी सजा" देने की धमकी दी थी।
सोशल मीडिया पर भाजपा से जुड़े लोग अक्सर राहुल के खिलाफ हिंसक पोस्ट करते हैं। कांग्रेस का दावा है कि ये धमकियां राहुल के बढ़ते प्रभाव और RSS-भाजपा के खिलाफ उनकी मुखरता से उपजी हैं। क्या भाजपा अब खुली हिंसा की तरफ बढ़ रही है?
वर्तमान स्थिति (29 सितंबर 2025):
पुलिस ने अभी तक FIR दर्ज नहीं की, लेकिन कांग्रेस के दबाव से जांच शुरू हो सकती है। राहुल गांधी ने खुद कोई बयान नहीं दिया, लेकिन कांग्रेस इसे लोकतंत्र पर हमला बता रही है। सोशल मीडिया पर और जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। AAP जैसे विपक्षी दलों ने भी समर्थन जताया है।
दोस्तों, यह घटना भारतीय राजनीति के बढ़ते विषाक्त माहौल को दिखाती है। भाजपा की आलोचना करते हुए कहना चाहूंगा कि राजनीति विचारों की लड़ाई है, न कि हिंसा की। अगर भाजपा ऐसी धमकियों को रोक नहीं सकती, तो यह उनकी कमजोरी है। राहुल गांधी जैसे नेता जो न्याय और एकता के लिए लड़ते हैं, उन्हें डराने से कुछ नहीं होगा—बल्कि जनता और मजबूत होकर खड़ी होगी। क्या आप सहमत हैं? कमेंट में बताएं, और इस पोस्ट को शेयर करें ताकि ज्यादा लोग जागरूक हों।
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मलेशिया कॉन्सर्ट में दिलजीत दोसांझ ने तोड़ी चुप्पी: 'सरदार जी 3' विवाद, पहलगाम हमले और भारत-पाक मैच पर खुलकर बोले, बोले-...
28/09/2025

मलेशिया कॉन्सर्ट में दिलजीत दोसांझ ने तोड़ी चुप्पी: 'सरदार जी 3' विवाद, पहलगाम हमले और भारत-पाक मैच पर खुलकर बोले, बोले- 'हम अपने देश के साथ हैं, पंजाबी कभी देश के खिलाफ नहीं'
कुआलालंपुर, 28 सितंबर 2025: पंजाबी सुपरस्टार सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ ने मलेशिया के कुआलालंपुर में अपने 'ओरा वर्ल्ड टूर' के पहले कॉन्सर्ट के दौरान लंबे समय से चली आ रही चुप्पी तोड़ दी। उन्होंने अपनी विवादास्पद फिल्म 'सरदार जी 3' को लेकर उठे सवालों, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले और हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच खेले गए क्रिकेट मैचों पर खुलकर बात की। तिरंगे को सलामी देते हुए दिलजीत ने कहा, "वो मेरे देश का झंडा है। हम सब इंडिया हैं।" उनके ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं और फैंस के साथ-साथ सेलेब्रिटीज भी इस पर अपनी राय दे रहे हैं।
पहलगाम हमला: दर्द और प्रार्थना की बात
दिलजीत ने कॉन्सर्ट के दौरान पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा, "जब मेरी फिल्म 'सरदार जी 3' फरवरी में शूट हुई थी, तब पहले से ही मैच खेले जा रहे थे। उसके बाद हमारे देश में जो बहुत दुखद घटना हुई- पहलगाम अटैक। हमने तब भी उसकी निंदा की, अरदास की और आज भी करते हैं। जिन्होंने वो हमला किया, उनको सख्त से सख्त सजा मिले।" याद रहे, 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी। हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर पाकिस्तान और पीओके में जैश-ए-मोहम्मद व लश्कर-ए-तैयबा के 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इस घटना ने पूरे देश में पाकिस्तानियों के खिलाफ गुस्सा भड़का दिया था।
'सरदार जी 3' कंट्रोवर्सी: पाकिस्तानी एक्ट्रेस हानिया आमिर और बैन की कहानी
फिल्म 'सरदार जी 3' 27 जून 2025 को रिलीज हुई थी, लेकिन इसमें पाकिस्तानी एक्ट्रेस हानिया आमिर की मौजूदगी के कारण इसे भारत में रिलीज नहीं होने दिया गया। दिलजीत ने स्पष्ट किया, "मेरी फिल्म पहले शूट हुई थी, मैच बाद में हो रहे हैं। देश की मीडिया ने बड़ा जोर लगाया दिलजीत दोसांझ को देश के खिलाफ दिखाने के लिए।" उन्होंने आगे कहा, "पंजाबी और सरदार कौम कभी देश के खिलाफ नहीं हो सकते। मेरे पास बहुत जवाब हैं, मैं चुप रहा। मैंने अंदर रखीं सारी बातें, बोला नहीं। कोई कुछ भी कहे, लेकिन आपको उस जहर को अपने अंदर नहीं ले जाना। मैंने यही सीखा है जिंदगी से। इसी लिए मैं कुछ बोला नहीं। और आप सबका प्यार है।"
इस विवाद ने दिलजीत को सोशल मीडिया पर भारी ट्रोलिंग का शिकार बनाया। कुछ लोगों ने उन्हें 'एंटी-नेशनल' तक कह डाला और उनकी भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग तक कर दी। पंजाब के पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने इसे अन्यायपूर्ण बताया था। दिलजीत की फिल्म विदेशी सिनेमाघरों में रिलीज हुई, लेकिन भारत में बैन के कारण लाखों फैंस निराश हुए। दिलजीत ने कहा, "जब मैंने अपने देश का झंडा देखा, तो मुझसे रहा नहीं गया।"
भारत-पाक क्रिकेट मैच पर तंज: 'दोहरा मापदंड क्यों?'
दिलजीत ने भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में दुबई में खेले गए एशिया कप मैचों का जिक्र करते हुए सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "अब जो मैच हुए हैं, इनमें और मेरी फिल्म में फर्क बहुत है।" उनका इशारा साफ था कि हमले के बाद भी क्रिकेट मैच हो रहे हैं, लेकिन फिल्म को बैन कर दिया गया। इससे पहले, सितंबर 2025 में एशिया कप के दौरान भारत और पाकिस्तान दो बार भिड़ चुके थे, और कोई विरोध नहीं हुआ। दिलजीत के इस बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी। एक यूजर ने लिखा, "महज दो महीने पहले दिलजीत की फिल्म का विरोध, अब मैच पर चुप्पी। बेवकूफ बनाया जा रहा है लोगों को।"
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी दिलजीत का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था, "फिल्म की शूटिंग हमले से पहले हुई थी। हमारी संस्कृति एक जैसी है, पंजाबी बोलते हैं दोनों तरफ। पाकिस्तानी टीम आएगी तो सब ठीक? दोहरा मापदंड क्यों?"
अदनान सामी का जवाब: 'आर्टिस्ट की भी सीमाएं होती हैं'
दिलजीत के बयान पर सिंगर अदनान सामी ने तंज कसा। उन्होंने कहा, "यह देश भी आपका घर है... आर्टिस्ट की भी अपनी सीमा होती है।" अदनान, जो खुद पाकिस्तान से भारत आए हैं, ने पाकिस्तान से जुड़े मुद्दों पर हमेशा खुलकर बात की है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
सोशल मीडिया पर रिएक्शन: फैंस vs हेटर्स
दिलजीत का वीडियो वायरल होते ही X (पूर्व ट्विटर) पर बहस तेज हो गई। एक पोस्ट में लिखा गया, "मानवतावादी सुपरस्टार दिलजीत ने गोदी मीडिया को नंगा कर दिया। सिख कभी राष्ट्र के खिलाफ नहीं।" वहीं, दूसरे यूजर्स ने कहा, "मीडिया ने पंजाब की गलत छवि दिखाने की कोशिश की, लेकिन दिलजीत ने साबित कर दिया।" कॉन्सर्ट में तिरंगे को देखकर दिलजीत की भावुकता ने फैंस को रुला दिया। एक फैन ने लिखा, "दिलजीत ने तिरंगे का सम्मान किया, कॉन्सर्ट तालियों से गूंज उठा।"
दिलजीत का यह बयान न सिर्फ उनके फैंस के लिए राहत है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि कला, खेल और राजनीति के बीच की लकीर कितनी पतली है। 'ओरा टूर' का अगला शो सिंगापुर में है, जहां फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि दिलजीत फिर कोई सरप्राइज दें। फिलहाल, यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा।

मध्यप्रदेश में 'गौ-भक्ति' का ढोंग: जीएसटी फ्री गोमांस पर भाजपा की दोहरी नीति उजागर, कांग्रेस-VHP का तीखा विरोधभोपाल, 28 ...
28/09/2025

मध्यप्रदेश में 'गौ-भक्ति' का ढोंग: जीएसटी फ्री गोमांस पर भाजपा की दोहरी नीति उजागर, कांग्रेस-VHP का तीखा विरोध
भोपाल, 28 सितंबर 2025 (स्पेशल रिपोर्ट): मध्यप्रदेश में गोमांस को जीएसटी मुक्त करने के फैसले ने भाजपा सरकार की 'गौ-रक्षा' की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त फैसले को विपक्षी कांग्रेस ने 'नकली गो-भक्तों' की साजिश करार देते हुए पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं। विश्व हिंदू परिषद (VHP) जैसे संगठनों ने भी सरकार पर 'दोहरी नीति' अपनाने का आरोप लगाया है। 26-27 सितंबर को शुरू हुए आंदोलन आज भी जारी हैं, जिसमें पुजारियों, किसानों और युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है। क्या यह फैसला गौ-हत्या को बढ़ावा देने वाला है या महज राजस्व की चाल? आइए, इस विवाद की गहराई में उतरें।
फैसले की पृष्ठभूमि: 18 सितंबर का नोटिफिकेशन जो भूचाल लाया
18 सितंबर 2025 को मध्यप्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग ने एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें गोवंशीय पशुओं (गाय, भैंस आदि) के ताजा या ठंडे मांस पर 0% जीएसटी लगाने का प्रावधान किया गया। यह फैसला केंद्र सरकार के 22 सितंबर से लागू होने वाले नए जीएसटी स्लैब (5% और 18% तक सीमित) का हिस्सा था। राज्य सरकार ने अंतरराज्यीय परिवहन पर राज्य कर में भी छूट दी, जिससे गोमांस का निर्यात सस्ता हो गया।
कांग्रेस का दावा है कि इससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा गोमांस निर्यातक बन गया है—एक आंकड़ा जो भाजपा शासनकाल में 200% बढ़ चुका है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जितू पटवारी ने 23 सितंबर को भोपाल प्रेस कॉन्फ्रेंस में नोटिफिकेशन की प्रति लहराते हुए कहा, "गौ-माता की रक्षा का नारा देने वाली भाजपा अब गोमांस को टैक्स फ्री करके बिक्री को बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद को गोभक्त बताते हैं, लेकिन उनकी सरकार गौ-वध की सहमति दे रही है। यह नकली गौ-भक्ति का सबसे बड़ा सबूत है।" पटवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा वोट गाय के नाम पर लेती है, लेकिन सत्ता में आते ही एक्सपोर्ट को प्रोत्साहन देती है।
भाजपा की दोहरी नीति: गौ-रक्षा कानूनों का मजाक?
मध्यप्रदेश में 2004 से गौ-हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध है, और उल्लंघन पर 10 साल की सजा का प्रावधान है। फिर भी, भैंस वध कानूनी है, और राज्य के स्लॉटरहाउस रोजाना 1200 भैंसें प्रोसेस करते हैं। भोपाल के जिनसी स्थित सबसे बड़े स्लॉटरहाउस से मीट गोवा, मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में सप्लाई होता है। 2023-24 के आर्थिक सर्वे के अनुसार, राज्य का 30% मीट उत्पादन भैंस से जुड़ा है।
आलोचकों का कहना है कि जीएसटी फ्री करने से यह उद्योग और फले-फूलेगा, जो गौ-रक्षा के दावों को खोखला साबित करता है। VHP ने 26 सितंबर को जारी बयान में कहा, "सरकार गौ-हत्या पर सख्ती का दावा करती है, लेकिन टैक्स छूट से निर्यात बढ़ेगा। यह हिंदू भावनाओं का अपमान है।" संगठन ने गोमांस पर पूर्ण प्रतिबंध और स्लॉटरहाउसों की जांच की मांग की है।
भाजपा पर एक और सवाल उठा है: 2014 से केंद्र में भाजपा की सरकार है, और भारत का गोमांस निर्यात 2013-14 के 14 लाख टन से बढ़कर 2024-25 में 40 लाख टन हो गया। कांग्रेस ने इसे 'भाजपा की गौ-हत्या नीति' का नतीजा बताया। पटवारी ने कहा, "अनुच्छेद 48 के तहत संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर ने गौ-रक्षा का प्रावधान किया, लेकिन भाजपा उसे तोड़ रही है।"
सियासी तीरों की बौछार: कांग्रेस का प्रदेशव्यापी आंदोलन
26-27 सितंबर को ग्वालियर, छिंदवाड़ा, सागर, खंडवा, जबलपुर, सिंगरौली, आगर और बालाघाट में कांग्रेस ने पुतला दहन और मार्च निकाले। आज, 28 सितंबर को भोपाल में एक कांग्रेस नेता ने विरोध के स्वरूप में 'गौस्मृति' प्रतीक गुरुदेव को भेंट किया, जो फैसले को गौ-हत्या को वैध ठहराने वाला बता रहा है। पटवारी ने चेतावनी दी, "हम गाय कटने नहीं देंगे। अगर सरकार नहीं सुनेगी, तो आंदोलन और तेज होगा।"
भाजपा का जवाब? मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 25 सितंबर को बालाघाट में कहा, "कांग्रेस को गौ-माता पर लेक्चर देने का हक नहीं। हमारी सरकार में गौ-हत्या की कल्पना भी नहीं।" प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने नोटिफिकेशन को 'पुरानी नीति' बताया, जो फ्रेश मीट पर पहले से 0% था। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि छूट से प्रोसेस्ड मीट पर भी असर पड़ेगा, जो विवाद को और गहरा रहा है।
आर्थिक vs धार्मिक टकराव: क्या कहते हैं आंकड़े?
जीएसटी विशेषज्ञों के अनुसार, फ्रेश मीट पर टैक्स कभी लगता ही नहीं था, लेकिन नया नोटिफिकेशन अंतरराज्यीय व्यापार को आसान बनाता है। राज्य में 800 लाइसेंस्ड मीट दुकानें हैं, और निर्यात से करोड़ों का राजस्व आता है। लेकिन आलोचना यह है कि भाजपा सरकार ने इसे 'आर्थिक प्रोत्साहन' बताकर हिंदू वोटबैंक को धोखा दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्यप्रदेश से सालाना 50,000 टन से ज्यादा मीट एक्सपोर्ट होता है, जो अब और सस्ता हो जाएगा।
VHP और RSS से जुड़े संगठनों ने सरकार से अपील की है कि फैसले को वापस लिया जाए। एक हिंदू संगठन के नेता ने कहा, "भाजपा गौ-रक्षा का झंडा उठाती है, लेकिन नीतियां उल्टी हैं। यह विश्वासघात है।"
निष्कर्ष: चुनावी सियासत में गौ-मांस का जहर
यह विवाद मध्यप्रदेश की आगामी विधानसभा चुनावों को प्रभावित कर सकता है, जहां गौ-रक्षा मुद्दा हमेशा गरम रहता है। भाजपा की 'गौ-भक्ति' अब सवालों के घेरे में है—क्या यह महज वोट की राजनीति है या वास्तविक दोहरी नीति? कांग्रेस और VHP के विरोध से साफ है कि हिंदू भावनाओं का अपमान माफ नहीं होगा। सरकार को अब स्पष्ट जवाब देना होगा, वरना सड़कों पर आंदोलन और तेज हो सकता है।

28/09/2025

८ साल की लूट के बाद ये है GST बचत उत्सव! क्या वाकई है राहत या सिर्फ दिखावा?
नई दिल्ली, २८ सितंबर २०२५ – नवरात्रि की धूम में डूबे बाजारों में 'जीएसटी बचत उत्सव' की हवा बह रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 'आत्मनिर्भर भारत' का पहला कदम बताया, जहां रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो गई हैं। लेकिन क्या ये उत्सव वाकई आम आदमी की जेब भरने वाला है, या फिर आठ साल की टैक्स लूट के बाद का देरी से आया तोहफा? विपक्ष और विशेषज्ञ इसे 'बहुत देर से आई राहत' बता रहे हैं, जो छोटे कारोबारियों को तोड़ चुकी नीति का मरहम मात्र है।
जीएसटी २.० सुधारों के तहत २२ सितंबर से लागू नई दरें – ५% और १८% की दो स्लैब – ने वाकई कुछ राहत दी है। किराने का बिल १३% सस्ता हो गया है, छोटी कार पर ७०,००० रुपये की बचत, लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी शून्य। दूध, घी, पनीर, नामकीन, जाम जैसी जरूरी चीजें ०% या ५% पर आ गईं, जबकि टीवी, एसी, वॉशिंग मशीन जैसी 'आकांक्षी' वस्तुएं भी सस्ती। अमेज़न ग्रेट इंडियन फेस्टिवल में जीएसटी बचत स्टोरफ्रंट ने करोड़ों की छूट दी, और राजस्थान सरकार ने २२ से २९ सितंबर तक सप्ताह भर का 'बचत उत्सव' मनाया। पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, "ये बचत उत्सव गरीब से लेकर मध्यम वर्ग तक सभी को फायदा पहुंचाएगा। स्वदेशी को अपनाएं, भारत मजबूत बनेगा।"
लेकिन ये चमकदार पैकेजिंग के पीछे आठ साल की कड़वी सच्चाई छिपी है। २०१७ में लागू जीएसटी को 'गेम चेंजर' कहा गया, लेकिन ये छोटे व्यापारियों और एमएसएमई के लिए 'गेम एंडर' साबित हुआ। जटिल स्लैब (०.२५% से २८% तक), लगातार बदलते नियम (८६९ नोटिफिकेशन, १४३ सर्कुलर!), और रिफंड की कवायद ने लाखों को परेशान किया। विपक्षी नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया, "रेट कट वेलकम, लेकिन ८ साल लेट!" कांग्रेस ने इसे 'गब्बर सिंह टैक्स' कहा, जो छोटे कारोबारियों को बर्बाद कर चुका। विशेषज्ञ बताते हैं कि इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (इनपुट टैक्स आउटपुट से ज्यादा) ने टेक्सटाइल जैसे सेक्टर्स में क्रेडिट जमा कर दिया, रिफंड में सालों लग जाते हैं। राजस्व में शुरुआती घाटा, राज्यों को मुआवजे में देरी – सेंट्रल गवर्नमेंट पर आलोचना हुई। रेडिट पर व्यापारी शेयर करते हैं, "२० लाख टर्नओवर लिमिट आज भी वही, एमएसएमई दब रहे हैं।"
अब सवाल ये कि क्या ये सुधार देर आएंगे? होटल इंडस्ट्री को १२% से ५% की कटौती से फायदा, लेकिन लक्जरी गुड्स पर ४०% की नई स्लैब (तंबाकू, पान मसाला) ने अमीरों पर बोझ डाला। एनएसओ के आंकड़े कहते हैं, प्राइवेट कंजम्प्शन ग्रोथ ४.४% पर सिकुड़ गई – सबसे कम २००२ के बाद। क्या ये उत्सव त्योहारों की रौनक बढ़ाएगा, या सिर्फ वोट बैंक की चाल? आम आदमी को सलाह: खरीदारी से पहले चेक करें, क्योंकि पुरानी लूट की छाया अभी भी बाकी है।
क्या आपको लगता है ये सुधार काफी हैं? कमेंट में बताएं।

28/09/2025

🚨 ब्रेकिंग न्यूज़: राहुल गांधी का धमाका! "सच्चाई पता लग गई, चुनाव आयोग चूं नहीं कर सकता" – वोट चोरी की सनसनीखेज खुलासा, देश में हंगामा मच गया!
नई दिल्ली, 28 सितंबर 2025 – विपक्ष के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है, "सच्चाई पता लग गई, चुनाव आयोग चूं नहीं कर सकता"। कर्नाटक से बिहार तक फैले वोटर लिस्ट घोटाले के सबूतों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने दावा किया कि चुनाव आयोग सिस्टम को मैनिपुलेट करके विपक्षी वोटरों के नाम काट रहा है। क्या ये लोकतंत्र पर सीधी चोट है? आइए जानते हैं पूरी कहानी...
क्या है मामला?
राहुल गांधी ने दिल्ली में आयोजित 'वोटर अधिकार रैली' के दौरान एक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन दिखाया, जिसमें कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख से ज्यादा फर्जी वोट मिलने का दावा किया। उनका कहना है कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग के ही डेटा का विश्लेषण किया, जिसमें साफ पता चला कि कांग्रेस समर्थक वोटरों के नाम डिलीट किए जा रहे हैं। राहुल ने कहा, "ये EC का डेटा है, मेरा नहीं। हम साइन क्यों करें? आप ही अपनी वेबसाइट पर डाल दें, सच्चाई सबके सामने आ जाएगी।"
बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया पर भी राहुल ने निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि 65 लाख नाम काटे जा चुके हैं, लेकिन आयोग इनकी लिस्ट पब्लिश क्यों नहीं कर रहा? "हम इनका गेम समझ चुके हैं। वोट चोरी की सच्चाई जल्द पूरे देश को दिखाएंगे," राहुल ने चेतावनी दी।
चुनाव आयोग का पलटवार: "ये निराधार आरोप!"
चुनाव आयोग ने राहुल के दावों को "बेबुनियाद" बताते हुए खारिज कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "लोकसभा जैसी पारदर्शी प्रक्रिया में वोट चोरी असंभव है। 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और लाखों एजेंट नजर रखते हैं।" आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदाता सूची में नाम काटना कानूनी प्रक्रिया है, और कोई ऑनलाइन डिलीशन संभव नहीं।
हालांकि, विपक्ष का कहना है कि आयोग सुप्रीम कोर्ट को भी गुमराह कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि SIR कब कराना है, ये अदालत तय नहीं कर सकती, लेकिन आयोग को पारदर्शिता दिखानी चाहिए।
राजनीतिक तूफान: BJP vs कांग्रेस
BJP ने राहुल के बयान को "झूठ की राजनीति" बताते हुए सवाल उठाया – "सबूत कहां हैं? हलफनामा दो या माफी मांगो!" वहीं, TMC की महुआ मोइत्रा और अन्य विपक्षी नेताओं ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। महिलाएं बैरिकेड्स पर चढ़कर नारे लगाती रहीं – "चुनाव आयोग, जवाब दो!" पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया, लेकिन बाद में रिहा कर दिया।
कांग्रेस नेता संजना जाटव ने कहा, "ये सिर्फ कर्नाटक या बिहार की नहीं, पूरे देश की सच्चाई है। आयोग ने संस्था का अस्तित्व ही खो दिया है।"
लोकतंत्र पर सवाल: आगे क्या?
राहुल ने चेतावनी दी कि अगर सबूत न माने गए, तो देशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ये विवाद आगामी विधानसभा चुनावों को प्रभावित कर सकता है। क्या सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करेगा? या आयोग पारदर्शिता लाएगा?
आपकी राय क्या है? कमेंट में बताएं – क्या वोट चोरी हो रही है?

आज हम सभी को पता चला है कि एक कुख्यात इजरायली ड्रग डीलर, यानिव बेनाइम उर्फ अताला, जो ड्रग तस्करी और हत्या के प्रयास जैसे...
27/09/2025

आज हम सभी को पता चला है कि एक कुख्यात इजरायली ड्रग डीलर, यानिव बेनाइम उर्फ अताला, जो ड्रग तस्करी और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त है, बिना किसी वैध पासपोर्ट या वीजा के भारत में आधार कार्ड बनवाकर सालों से आराम से घूम रहा था! 😡 यह कैसे संभव हुआ? मोदी सरकार की घोर लापरवाही और UIDAI की कमजोर प्रणाली की वजह से!
सोचिए, 2010 से ही यह अपराधी गोवा में ड्रग माफिया चला रहा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया, सीबीआई जांच हुई, पेरू से प्रत्यर्पण हुआ, फिर जमानत पर छूटा और 2021 में आधार कार्ड बनवा लिया – बिना किसी दस्तावेज के! अप्रैल 2025 में गोवा पुलिस ने छापा मारा तो उसके पास 50 ग्राम कोकीन और 120 ग्राम चरस मिली। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी UIDAI को फटकार लगाई और दस्तावेज सौंपने के आदेश दिए। लेकिन सवाल यह है – केंद्र सरकार की नाक के नीचे यह सब कैसे चलता रहा?
मोदी जी, आप "डिजिटल इंडिया" की बात करते हैं, लेकिन आपकी सरकार ने आधार सिस्टम को इतना कमजोर बना दिया कि विदेशी अपराधी आसानी से घुसपैठ कर रहे हैं! राष्ट्रीय सुरक्षा का क्या हुआ? क्या आधार कार्ड अब किसी भी विदेशी तस्कर को भारत में बसने का लाइसेंस बन गया है? यह न सिर्फ गोवा की समस्या है, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा पर सवाल है। बिहार से लेकर गोवा तक, जनता की जान-माल खतरे में है, और सरकार सो रही है!
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इस लापरवाही की कड़ी निंदा करता है। हम मांग करते हैं:
UIDAI की तत्काल जांच और सुधार – विदेशियों के लिए सख्त सत्यापन प्रक्रिया लागू हो।
मोदी सरकार जवाब दे – कितने और विदेशी अपराधी आधार कार्ड के सहारे भारत में छिपे हैं?
राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसद में विशेष बहस हो, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई।
यह सरकार की विफलता है, जो "सबका साथ, सबका विकास" का नारा देती है, लेकिन अपराधियों को साथ दे रही है! हम RJD वाले चुप नहीं बैठेंगे। जनता की आवाज बनकर लड़ेंगे। आप भी साथ दें, शेयर करें और सरकार को जगाएं! 💪

26/09/2025

बिहार के ‘रण’ में पहुंचीं प्रियंका गांधी, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने भरी हुंकार!
पटना/मोतिहारी, 26 सितंबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बजने लगी है! कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी आज बिहार की धरती पर उतरीं और सीधे महिलाओं के मुद्दों पर तीखा प्रहार किया। पटना एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। राजेश राम ने जोरदार हुंकार भरी, "प्रियंका दीदी के नेतृत्व में बिहार की महिलाओं को सशक्त बनाएंगे, NDA सरकार की विफलताओं को उजागर करेंगे!"
प्रियंका गांधी का यह दौरा बिहार कांग्रेस के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। पटना के ऐतिहासिक सदाकत आश्रम में 'शक्ति अधिकार' महिला संवाद कार्यक्रम में 2000 से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया। घरेलू कामगारों, मनरेगा मजदूरों, जीविका दिदियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं और आशा वर्कर्स से सीधा संवाद करते हुए प्रियंका ने बेरोजगारी, गरीबी और पलायन जैसे मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथों लिया। "यहां रोजगार नहीं, सिर्फ पलायन है। आपके पति मजदूरी के लिए बाहर जाते हैं, आप अकेली रह जाती हैं। कांग्रेस की सरकार बनेगी तो महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये आर्थिक सहायता, 25 लाख तक का मुफ्त इलाज और सम्मानजनक जीवन मिलेगा!" – प्रियंका का यह ऐलान सुनकर महिलाओं में जोश उफान पर आ गया। कार्यक्रम में 'वोट चोर, गद्दी छोड़' के नारे भी गूंजे।
संवाद के बाद प्रियंका का काफिला मोतिहारी के लिए रवाना हो गया, जहां गांधी मैदान में 'हर घर अधिकार रैली' का भव्य आयोजन हुआ। कांग्रेस का दावा है कि 20 हजार से अधिक महिलाएं शामिल हुईं, 40 हजार कुर्सियां लगाई गईं और तीन बड़े झूमर वाले पंडाल सजे थे। मंच पर प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और पार्टी के सभी सांसद मौजूद रहे। यह प्रियंका का बिहार में पहला जनसभा संबोधन था, जो चंपारण और आसपास के जिलों में यादव, कुर्मी, दलित व मुस्लिम वोटबैंकों को साधने की रणनीति का हिस्सा है।
राजेश राम ने कहा, "प्रियंका दीदी की हुंकार से बिहार में कांग्रेस का नया दौर शुरू हो गया है। हम 76 सीटों पर मजबूत लड़ाई लड़ेंगे और महागठबंधन को मजबूत बनाएंगे।" प्रियंका के इस दौरे से BJP-JDU के गढ़ में सेंध लगने की उम्मीद है। महिलाओं का समर्थन पाकर कांग्रेस को नई ऊर्जा मिली है। क्या यह दौरा बिहार की सियासत का खेल बदल देगा? इंतजार कीजिए!

24/09/2025

बिहार में अपराध चरम पर! 😱 हर दिन बढ़ती हिंसा और असुरक्षा से आम लोग परेशान। सरकार और प्रशासन से सवाल: कब तक चुप रहेंगे? आखिर कब मिलेगा न्याय और सुरक्षा? 🛑 #सुरक्षित_बिहार

🚨 ब्रेकिंग न्यूज़: लेह में भारी आंदोलन, BJP कार्यालय धूं-धूं कर जलाया! राज्यhood की मांग पर भड़का बवाल, पुलिस वाहन भी आग...
24/09/2025

🚨 ब्रेकिंग न्यूज़: लेह में भारी आंदोलन, BJP कार्यालय धूं-धूं कर जलाया! राज्यhood की मांग पर भड़का बवाल, पुलिस वाहन भी आग का शिकार 🚨
लेह, लद्दाख (24 सितंबर 2025): लद्दाख में राज्यhood और छठी अनुसूची की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन आज दोपहर हिंसक रूप ले लिया। Leh Apex Body (LAB) की युवा इकाई के बुलावे पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे, और गुस्से में BJP के स्थानीय कार्यालय पर हमला बोल दिया। आग के गोले बरसाते हुए कार्यालय को आग लगा दी गई, जबकि बाहर खड़ी एक पुलिस वैन भी जलकर राख हो गई। धुंए की लंबी लकीरें आसमान छू रही हैं, और स्थिति को काबू करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की, तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने हिंसा पर गहरी नाराजगी जताई है। वांगचुक, जो 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर हैं, ने कहा, "मैं युवाओं से अपील करता हूं कि यह बकवास बंद करें। हिंसा हमारी मांग को नुकसान पहुंचाती है।" आज ही दो प्रदर्शनकारियों की हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद यह बवाल भड़का। वांगचुक ने अपनी 15 दिनों की भूख हड़ताल आज समाप्त करने का ऐलान किया है, लेकिन आंदोलन को जारी रखने का संकल्प जताया।
यह आंदोलन 2019 में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से चल रहा है, जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। LAB और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) की मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले, ताकि स्थानीय संस्कृति, भूमि और रोजगार की रक्षा हो सके। केंद्र सरकार ने 20 सितंबर को बातचीत फिर शुरू करने का ऐलान किया था, लेकिन अगली बैठक 6 अक्टूबर को तय है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि देरी बर्दाश्त नहीं। LAB ने कहा, "हमें ऐसा प्रतिनिधि चाहिए जो हमारी बेहतरी के लिए लड़े, क्योंकि UT बनने के बाद विधानसभा ही नहीं है।"
कारगिल डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता सजाद कारगिली ने ट्वीट कर शांति की अपील की: "लेह में जो हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। शांतिपूर्ण रहें, लेकिन दृढ़ रहें।" लेह में आज पूर्ण बंद का पालन किया गया, और लद्दाख फेस्टिवल का अंतिम दिन रद्द कर दिया गया।
केंद्र सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। क्या यह हिंसा आंदोलन को नई दिशा देगी या केंद्र को मजबूर करेगी? हम अपडेट देते रहेंगे।

📸 (ANI से साभार: आग की लपटों में लिपटा BJP कार्यालय)
क्या आपकी राय में यह आंदोलन सही दिशा में है? कमेंट्स में बताएं! 👇

23/09/2025

🎉 डांडिया रास की धूम! 🥁
आइए, इस नवरात्रि में डांडिया और गरबा की मस्ती में डूब जाएं! 💃🕺 रंग-बिरंगे परिधानों, झूमते कदमों और ढोल की थाप के साथ उत्सव की रातें मनाएं। ✨
🎶 संगीत और मस्ती का डबल डोज!
अपने दोस्तों और परिवार को साथ लाएं, और डांडिया की छड़ी थामकर इस उत्सव को यादगार बनाएं! 💥 टैग करें अपने डांस पार्टनर को और बताएं कौन सी स्टेप्स आपने तैयार की हैं! 😍

23/09/2025

सभी सऊदी नागरिकों और निवासियों को 95वें राष्ट्रीय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! 🇸🇦✨
#राष्ट्रीयदिवस

🇸🇦 सऊदी अरब का 95वां राष्ट्रीय दिवस: एकता, गर्व और भविष्य की चमक! 🇸🇦रियाद, 23 सितंबर 2025 – आज सऊदी अरब अपने 95वें राष्ट...
23/09/2025

🇸🇦 सऊदी अरब का 95वां राष्ट्रीय दिवस: एकता, गर्व और भविष्य की चमक! 🇸🇦
रियाद, 23 सितंबर 2025 – आज सऊदी अरब अपने 95वें राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर धूमधाम से जश्न मना रहा है। हर गली-नुक्कड़ पर हरी-भरी झंडियां लहरा रही हैं, आकाश में आतिशबाजी की चमक बिखर रही है, और पूरे देश में एकता का संदेश गूंज रहा है। यह दिन न केवल इतिहास की याद दिलाता है, बल्कि सऊदी अरब के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करता है। आइए, जानते हैं इस ऐतिहासिक दिन की पूरी कहानी और आज के उत्सवों के बारे में विस्तार से।
इतिहास: एक महान एकीकरण की नींव
सऊदी अरब का राष्ट्रीय दिवस 23 सितंबर को मनाया जाता है, जो 1932 में राजा अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद द्वारा जारी एक शाही आदेश को चिह्नित करता है। इस दिन नेज़्ड और हिजाज़ के साम्राज्य का नाम बदलकर आधिकारिक रूप से किंगडम ऑफ सऊदी अरब रखा गया था। राजा अब्दुलअज़ीज़ ने 1902 में रियाद के ओएसिस पर कब्जा किया, 1913 में अल-हसा को जीता, और 1925 तक नेज़्ड और हिजाज़ को एकजुट कर लिया। यह एकीकरण सऊदी परिवार की विरासत पर आधारित था, जो आज भी देश की पहचान है।
1965 में राजा फैसल बिन अब्दुलअज़ीज़ के शासनकाल में पहली बार सरकारी स्तर पर 23 सितंबर को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया गया। 2007 में राजा अब्दुल्लाह बिन अब्दुलअज़ीज़ ने इसे आधिकारिक छुट्टी घोषित की। 2015 से यह दिन पूरे जोश के साथ मनाया जा रहा है। इस वर्ष 2025 में 95वें वर्षगांठ पर उत्सव का थीम है "Our Pride Lies in Our Nature", जो सऊदी की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण संरक्षण पर जोर देता है।
आज के उत्सव: रंग-बिरंगे आयोजन और सांस्कृतिक धमाल
पूरे सऊदी अरब में सड़कें और सार्वजनिक स्थल हरी-सफेद रंगों से सजे हुए हैं – राष्ट्रीय रंग जो हर तरफ दिखाई दे रहे हैं। लोग पारंपरिक परिधान पहने नाच-गान कर रहे हैं, लोक नृत्य और गीतों की धुन पर झूम रहे हैं। रियाद की स्काईलाइन हरी-भरी लाइट्स से जगमगा रही है, जबकि जेद्दाह के आसमान में सऊदी फाइटर जेट्स ने शानदार एयर शो का आयोजन किया, जो देश के गौरव को दर्शाता है।
मुख्य शहरों में कई आकर्षक कार्यक्रम हो रहे हैं:
रियाद और जेद्दाह: आतिशबाजी, लाइव कॉन्सर्ट और प्रसिद्ध कलाकारों के शो। प्रमुख स्थलों पर सांस्कृतिक प्रदर्शनियां चल रही हैं, जहां पारंपरिक सऊदी व्यंजन और लोक कला का प्रदर्शन हो रहा है।
एक्सपो 2025, ओसाका: सऊदी पवेलियन में वर्चुअल डिस्प्ले के जरिए देश की संस्कृति, नवाचार और विरासत को वैश्विक दर्शकों तक पहुंचाया जा रहा है।
पर्यटन और होटल ऑफर्स: मिलेनियम होटल्स में 12 सितंबर से 27 अक्टूबर तक रहने पर SAR 95 का दैनिक फूड क्रेडिट मिल रहा है। ताज महल रेस्तरां में 23 सितंबर को 20% छूट, जबकि कैंपस डाइनर में 24 सितंबर को सऊदी बुफे के साथ लाइव म्यूजिक का मजा। काउस्ट यूनिवर्सिटी में रेड सी पर 20 मिनट की बोट राइड का विशेष आयोजन।
विज़न 2030 का योगदान: यह उत्सव सऊदी के आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को दर्शाता है। विज़न 2030 के तहत पर्यटन, मनोरंजन और सस्टेनेबिलिटी पर फोकस है, जो इस दिन को और भी खास बनाता है।
सऊदी का संदेश: एकता और प्रगति
यह राष्ट्रीय दिवस सऊदी अरब की एकता का प्रतीक है। राजा सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में देश नई ऊंचाइयों को छू रहा है। चाहे पर्यावरण संरक्षण हो या वैश्विक निवेश, सऊदी हर क्षेत्र में अग्रणी है। आज का जश्न न केवल अतीत का सम्मान है, बल्कि भविष्य की आशाओं का उत्सव भी।
सभी सऊदी नागरिकों और निवासियों को 95वें राष्ट्रीय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! 🇸🇦✨
#राष्ट्रीयदिवस

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