31/08/2025
एक बार एक प्यासा यात्री रास्ते से गुजर रहा था। गर्मी से बेहाल होकर वह एक कुएँ के पास पहुँचा। वहाँ एक युवती पानी भर रही थी।
यात्री ने विनम्रता से कहा – “बहन, मुझे थोड़ा पानी पिला दो।”
युवती ने मुस्कुराकर घड़े से पानी निकालकर उसे पिला दिया।
पानी पीने के बाद यात्री ने उत्सुकता से पूछा – “लोग कहते हैं कि औरतों का स्वभाव बदलता रहता है। क्या तुम मुझे इस बारे में कुछ समझा सकती हो?”
यह सुनकर युवती ने अचानक जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया – “बचाओ… बचाओ…”
शोर सुनते ही गांव वाले कुएँ की ओर दौड़ पड़े।
यात्री घबराकर बोला – “तुम ऐसा क्यों कर रही हो? मैंने तो केवल एक सवाल किया था।”
युवती बोली – “यदि मैं चाहूँ, तो तुम्हें पलभर में मुसीबत में डाल सकती हूँ।”
इतना कहकर उसने घड़े का सारा पानी अपने ऊपर उड़ेल लिया और भीग गई।
गांव वाले पहुँचे तो हैरान होकर पूछा – “क्या हुआ?”
युवती बोली – “मैं कुएं में फिसल गई थी। इस सज्जन व्यक्ति ने मुझे बचा लिया, वरना मेरी जान जा सकती थी।”
गांव वालों ने उस यात्री की खूब प्रशंसा की, उसे कंधों पर उठाकर सम्मान दिया और उपहार भी दिए।
गांव वाले चले गए तो युवती ने मुस्कुराते हुए कहा –
“यही है स्त्री का असली चरित्र। अगर उसे तकलीफ़ दोगे तो वह तुम्हारा चैन छीन सकती है,
लेकिन अगर उसे इज़्ज़त और खुशी दोगे तो वह तुम्हें मौत के मुँह से भी खींच लाईगी।”
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🙏 यह कहानी केवल प्रेरणा हेतु है।
: youraj