19/05/2025
इस घटना में एसडीएम द्वारा ट्रक ड्राइवर को सरेआम थप्पड़ मारना कानून का स्पष्ट उल्लंघन है और इस पर भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code - IPC) की कई धाराएं लागू हो सकती हैं। प्रमुख रूप से जो धाराएं बनती हैं, वे निम्नलिखित हैं:
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1. धारा 323 IPC - स्वेच्छा से चोट पहुंचाना (Voluntarily causing hurt)
एसडीएम ने ट्रक ड्राइवर को शारीरिक रूप से मारा, जिससे चोट या तकलीफ़ पहुँची।
सजा: एक वर्ष तक की कैद या जुर्माना या दोनों।
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2. धारा 341 IPC - गलत तरीके से रास्ता रोकना (Wrongful restraint)
यदि ड्राइवर को जबरन रोका गया और मारपीट की गई तो ये धारा लागू हो सकती है।
सजा: एक महीने तक की कैद या जुर्माना या दोनों।
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3. धारा 504 IPC - जानबूझकर अपमान करना जिससे शांति भंग हो (Intentional insult with intent to provoke breach of peace)
थप्पड़ मारने के साथ-साथ अपमानजनक शब्दों या व्यवहार का उपयोग किया गया हो तो यह धारा लागू हो सकती है।
सजा:दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों।
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4. धारा 506 IPC - आपराधिक धमकी (Criminal intimidation)
यदि एसडीएम ने धमकी दी हो तो यह धारा लागू होगी।
सजा: दो साल तक की कैद या उससे अधिक (अगर गंभीर धमकी हो)।
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5. संविधान का अनुच्छेद 21 - जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Life and Personal Liberty)
यह अधिकार हर नागरिक को बिना डर या हिंसा के जीने की गारंटी देता है। एक अधिकारी द्वारा इसका उल्लंघन मौलिक अधिकार का हनन है।
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लोक सेवक के विरुद्ध कार्यवाही कैसे संभव है?
एसडीएम एक लोक सेवक (public servant) है, इसलिए उनके विरुद्ध केस दर्ज करने से पहले संबंधित प्रशासन या सरकार की अनुमति (sanction) आवश्यक हो सकती है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों में कहा गया है कि यदि लोक सेवक अपनी अधिकार सीमा से बाहर जाकर गैरकानूनी कार्य करे (जैसे मारपीट), तो उसे व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
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न्यायिक विकल्प (Legal Remedies):
1. पीड़ित एफआईआर दर्ज करवा सकता है।
2. पीआईएल (Public Interest Litigation) दाखिल की जा सकती है।
3. मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज की जा सकती है।
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नीचे एक शिकायत पत्र का प्रारूप दिया गया है, जिसे पीड़ित व्यक्ति, सामाजिक कार्यकर्ता या आम नागरिक जिला प्रशासन, पुलिस अधीक्षक, या मानवाधिकार आयोग को संबोधित कर सकता है:
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शिकायत के प्रारूप
प्रेषक:
\[आपका नाम]
\[पता]
\[मोबाइल नंबर]
\[ईमेल (यदि हो)]
दिनांक: \[दिनांक डालें]
सेवा में,
माननीय पुलिस अधीक्षक,
बक्सर जिला, बिहार।
विषय: डुमरांव के एसडीएम द्वारा ट्रक चालक के साथ की गई मारपीट एवं अपमानजनक व्यवहार के संबंध में शिकायत।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं \[आपका नाम] एक जागरूक नागरिक होने के नाते, आपके संज्ञान में एक गंभीर घटना लाना चाहता/चाहती हूँ। हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) द्वारा एक ट्रक चालक को सरेआम थप्पड़ मारते और अमानवीय व्यवहार करते हुए देखा गया है।
घटना बक्सर से भोजपुर की ओर जाने वाली ग्रामीण सड़क पर हुई, जहां एसडीएम साहब ने एक बालू लदे ट्रक को रोका और बिना किसी विधिक प्रक्रिया के ट्रक चालक को मारना शुरू कर दिया। पीड़ित चालक अपनी सफाई दे रहा था, परंतु अधिकारी ने उसकी बात अनसुनी कर, दो-तीन थप्पड़ मारे। यह घटना कैमरे में कैद हुई और सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है।
उक्त कृत्य न केवल भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 341, 504, 506 का उल्लंघन करता है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) का भी स्पष्ट उल्लंघन है।
आपसे निवेदन है कि:
1. उक्त घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
2. संबंधित अधिकारी के विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही की जाए।
3. पीड़ित ट्रक चालक को न्याय एवं सुरक्षा प्रदान की जाए।
4. भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु उचित दिशानिर्देश जारी किए जाएं।
आपसे निवेदन है कि इस विषय को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की जाए। यदि आवश्यक हो, तो मैं इस संबंध में व्यक्तिगत रूप से भी उपस्थित होकर विवरण देने को तैयार हूँ।
धन्यवाद।
भवदीय,
\[आपका नाम]
\ हस्ताक्षर
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नोट: यदि आप यह शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) या राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजना चाहते हैं, तो वही पत्र उन्हें संबोधित करके भेजा जा सकता है।
बॉक्सर के SP को आवेदन प्राप्त होने के साक्ष्य जरूर रखें, बावजूद इसे करवाई नहीं होती है तो उच्च न्यायालय में इसकी शिकायत की जा सकती है, जिसमें मेरी तरफ से पूर्ण सहयोग रहेगी ।