Advocate Suman

Advocate Suman Advocate Patna High Court

21/05/2025

हमारे बिहार बार काउंसिल के चेयरमैन श्री रामाकांत शर्मा सर का इंटरव्यू ।

20/05/2025

बेतिया, बिहार: जमानत मिल चुकी थी, फिर भी पुलिस ने पकड़कर कोर्ट में पेश कर दिया!
ADJ कोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बावजूद दो युवकों की गिरफ्तारी पर न्यायालय ने पुलिस से मांगा जवाब।
ये लापरवाही नहीं, न्याय का अपमान है।
अब इस मामले में केस के अनुसंधानकर्ता पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है।

19/05/2025

इस घटना में एसडीएम द्वारा ट्रक ड्राइवर को सरेआम थप्पड़ मारना कानून का स्पष्ट उल्लंघन है और इस पर भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code - IPC) की कई धाराएं लागू हो सकती हैं। प्रमुख रूप से जो धाराएं बनती हैं, वे निम्नलिखित हैं:

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1. धारा 323 IPC - स्वेच्छा से चोट पहुंचाना (Voluntarily causing hurt)

एसडीएम ने ट्रक ड्राइवर को शारीरिक रूप से मारा, जिससे चोट या तकलीफ़ पहुँची।
सजा: एक वर्ष तक की कैद या जुर्माना या दोनों।

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2. धारा 341 IPC - गलत तरीके से रास्ता रोकना (Wrongful restraint)

यदि ड्राइवर को जबरन रोका गया और मारपीट की गई तो ये धारा लागू हो सकती है।
सजा: एक महीने तक की कैद या जुर्माना या दोनों।

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3. धारा 504 IPC - जानबूझकर अपमान करना जिससे शांति भंग हो (Intentional insult with intent to provoke breach of peace)

थप्पड़ मारने के साथ-साथ अपमानजनक शब्दों या व्यवहार का उपयोग किया गया हो तो यह धारा लागू हो सकती है।
सजा:दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों।

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4. धारा 506 IPC - आपराधिक धमकी (Criminal intimidation)

यदि एसडीएम ने धमकी दी हो तो यह धारा लागू होगी।
सजा: दो साल तक की कैद या उससे अधिक (अगर गंभीर धमकी हो)।

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5. संविधान का अनुच्छेद 21 - जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Life and Personal Liberty)

यह अधिकार हर नागरिक को बिना डर या हिंसा के जीने की गारंटी देता है। एक अधिकारी द्वारा इसका उल्लंघन मौलिक अधिकार का हनन है।

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लोक सेवक के विरुद्ध कार्यवाही कैसे संभव है?

एसडीएम एक लोक सेवक (public servant) है, इसलिए उनके विरुद्ध केस दर्ज करने से पहले संबंधित प्रशासन या सरकार की अनुमति (sanction) आवश्यक हो सकती है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों में कहा गया है कि यदि लोक सेवक अपनी अधिकार सीमा से बाहर जाकर गैरकानूनी कार्य करे (जैसे मारपीट), तो उसे व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

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न्यायिक विकल्प (Legal Remedies):

1. पीड़ित एफआईआर दर्ज करवा सकता है।
2. पीआईएल (Public Interest Litigation) दाखिल की जा सकती है।
3. मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज की जा सकती है।

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नीचे एक शिकायत पत्र का प्रारूप दिया गया है, जिसे पीड़ित व्यक्ति, सामाजिक कार्यकर्ता या आम नागरिक जिला प्रशासन, पुलिस अधीक्षक, या मानवाधिकार आयोग को संबोधित कर सकता है:

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शिकायत के प्रारूप

प्रेषक:
\[आपका नाम]
\[पता]
\[मोबाइल नंबर]
\[ईमेल (यदि हो)]
दिनांक: \[दिनांक डालें]

सेवा में,
माननीय पुलिस अधीक्षक,
बक्सर जिला, बिहार।

विषय: डुमरांव के एसडीएम द्वारा ट्रक चालक के साथ की गई मारपीट एवं अपमानजनक व्यवहार के संबंध में शिकायत।

महोदय,

सविनय निवेदन है कि मैं \[आपका नाम] एक जागरूक नागरिक होने के नाते, आपके संज्ञान में एक गंभीर घटना लाना चाहता/चाहती हूँ। हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) द्वारा एक ट्रक चालक को सरेआम थप्पड़ मारते और अमानवीय व्यवहार करते हुए देखा गया है।

घटना बक्सर से भोजपुर की ओर जाने वाली ग्रामीण सड़क पर हुई, जहां एसडीएम साहब ने एक बालू लदे ट्रक को रोका और बिना किसी विधिक प्रक्रिया के ट्रक चालक को मारना शुरू कर दिया। पीड़ित चालक अपनी सफाई दे रहा था, परंतु अधिकारी ने उसकी बात अनसुनी कर, दो-तीन थप्पड़ मारे। यह घटना कैमरे में कैद हुई और सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है।

उक्त कृत्य न केवल भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 341, 504, 506 का उल्लंघन करता है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) का भी स्पष्ट उल्लंघन है।

आपसे निवेदन है कि:

1. उक्त घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
2. संबंधित अधिकारी के विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही की जाए।
3. पीड़ित ट्रक चालक को न्याय एवं सुरक्षा प्रदान की जाए।
4. भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु उचित दिशानिर्देश जारी किए जाएं।

आपसे निवेदन है कि इस विषय को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की जाए। यदि आवश्यक हो, तो मैं इस संबंध में व्यक्तिगत रूप से भी उपस्थित होकर विवरण देने को तैयार हूँ।

धन्यवाद।

भवदीय,
\[आपका नाम]
\ हस्ताक्षर

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नोट: यदि आप यह शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) या राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजना चाहते हैं, तो वही पत्र उन्हें संबोधित करके भेजा जा सकता है।

बॉक्सर के SP को आवेदन प्राप्त होने के साक्ष्य जरूर रखें, बावजूद इसे करवाई नहीं होती है तो उच्च न्यायालय में इसकी शिकायत की जा सकती है, जिसमें मेरी तरफ से पूर्ण सहयोग रहेगी ।

18/05/2025

कोर्ट के आदेश को ना मानना पड़ा भारी, जज साहब ने DSP और इंस्पेक्टर को ही हिरासत में भेजा,

समस्तीपुर:बिहार के समस्तीपुर में डीएसपी और इंस्पेक्टर को जज साहब के आदेश की अनदेखी करना इतना महंगा पड़ गया कि उन्हें खुद कई घंटे हवालात में काटने पड़े. कोर्ट ने बाद में पुलिस अधिकारियों से बॉन्ड साइन कराकर ही उन्हें छोड़ा.

ये पूरा मामला परिवार न्यायालय से जुड़ा हुआ है. दरअसल, समस्तीपुर परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ने मेन्टेन्स एक्यूशन के एक मामले में आदेश का तामिल ना होने के कारण डीएसपी और इंस्पेक्टर को करीब 6 घंटों तक डिटेन कर दिया.

वारिसनगर थाना क्षेत्र के सतमलपुर की रहने वाली नौसर बीवी ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मोहनपुर के मो.सोनू से शादी की थी. शादी के कुछ दिनों बाद ही दोनों में अनबन हो गई और दोनों अलग-अलग रहने लगे. इसके बाद नौशाद बीवी ने साल 2017 में परिवार न्यायालय में मेन्टेन्स एक्सक्यूशन दायर किया.

18/05/2025

मनिहारी

17/05/2025

Justice has prevailed after 22 years in Bihar. Five individuals, including a sitting sarpanch, have been convicted for their involvement in the 2003 attack on then-Supreme Court Justice B.P. Singh on NH-31 near Begusarai. The court found them guilty under multiple sections of the Indian Penal Code, including 147, 148, 353, 337, 189, and 427. The sentencing is scheduled for May 20, 2025.

This long-awaited verdict underscores the resilience of the Indian judiciary and the importance of accountability, no matter how much time has passed. It also serves as a reminder that justice, though delayed, is not denied.

Big Trouble for Lalu Yadav: Siwan Court Orders Property AttachmentThe Siwan Court has ordered the attachment of RJD chie...
17/05/2025

Big Trouble for Lalu Yadav: Siwan Court Orders Property Attachment

The Siwan Court has ordered the attachment of RJD chief Lalu Prasad Yadav’s property in connection with a 2011 case related to the violation of the Model Code of Conduct. Despite multiple court summons, Lalu Yadav failed to appear, prompting the court to take strict action.

This move comes after repeated non-compliance, and the court has now directed authorities to begin the legal process of attaching his residence.

“यदि आप हर अन्याय पर आक्रोश से कांपते हैं तो आप मेरे साथी हैं।”“न्याय वो तराजू है, जिसके पलड़े पर हर कोई समान रूप से तुलत...
17/05/2025

“यदि आप हर अन्याय पर आक्रोश से कांपते हैं तो आप मेरे साथी हैं।”
“न्याय वो तराजू है, जिसके पलड़े पर हर कोई समान रूप से तुलता है। यहाँ किसी को कोई विशेषाधिकार नहीं होता।”

17/05/2025

पटना हाईकोर्ट सख्त!
सांसद-विधायकों पर लंबित आपराधिक मामलों में धीमी प्रक्रिया पर नाराजगी।
कोर्ट ने सभी ज़िला जजों को 6 हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट देने का आदेश।
DM, SP और अन्य अधिकारियों से मीटिंग कर मामलों की सुनवाई तेज़ करने का निर्देश।

17/05/2025

पटना हाई कोर्ट में 19 मई से 15 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित। अर्जेंट मामलों की सुनवाई के लिए विशेष बेंच का गठन किया गया है।

16/05/2025

"Vikas Kumar Ojha—my husband and one of Bihar’s boldest journalists. From him, I’ve learned to never compromise on principles and to stand tall in the face of adversity. His fearlessness, honesty, and relentless pursuit of progress make him a true inspiration. One of the most beautiful aspects of his personality is that he neither practices religious discrimination nor believes in the caste system. "

16/05/2025

GNM छात्रों को पटना HC से बड़ी राहत
पटना हाईकोर्ट ने बिहार से बाहर GNM कोर्स करने वाले छात्रों को 11,389 स्टाफ नर्स की बहाली के लिए आवेदन की अनुमति दी। कोर्ट ने कहा- चयन केस के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा। एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस पार्थ सारथी की पीठ ने दी अंतरिम राहत।

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