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21/07/2025

क्या हम इंसान रह गए हैं या बस कैमरा पकड़े दर्शक बन चुके हैं?

जब कोई सड़क पर तड़प रहा होता है, तो हम मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाते — हम वीडियो बनाते हैं।

ये वीडियो सिर्फ एक स्क्रिप्ट नहीं, एक आईना है — जो आज की संवेदनहीनता दिखाता है।

ये शुरुआत है एक सीरीज़ की — 'साहित्य से समाज तक' — जहाँ शब्दों से समाज को झकझोरा जाएगा।

कैमरा नीचे रखिए… और एक इंसान बनिए। 🙏



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14/07/2025

ॐ नमः पार्वती पतये, हर-हर महादेव :
सावन माह के पहले सोमवार की शुभकामनाएं..
भोलेनाथ की कृपा आप सब पर बनी रहें 🙏🏻
#ॐ

11/07/2025

शिव की महिमा है अपार, उनकी कृपा करती है संकटों का संहार. सावन की मंगल शुभकामनाएं!
जय भोलेनाथ !
ॐ नमः पार्वती पतये, हर-हर महादेव

कबीर (Kabir) का भाव है कि परमात्मा एक है और सभी मनुष्य उसकी संतान हैं. अलग-अलग धर्म, जाति और पंथ बर्तन के समान हैं जो पर...
10/07/2025

कबीर (Kabir) का भाव है कि परमात्मा एक है और सभी मनुष्य उसकी संतान हैं. अलग-अलग धर्म, जाति और पंथ बर्तन के समान हैं जो परमात्मा को पाने के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं. यानी सब अलग-अलग खुद को मानते हैं लेकिन हैं एक से ही.

संत रविदास ने इस दोहे के माध्यम से यह संदेश दिया है कि किसी भी व्यक्ति को उसकी जाति या जन्म के आधार पर नीचा या छोटा नहीं...
10/07/2025

संत रविदास ने इस दोहे के माध्यम से यह संदेश दिया है कि किसी भी व्यक्ति को उसकी जाति या जन्म के आधार पर नीचा या छोटा नहीं मानना चाहिए। व्यक्ति की महानता या नीचता उसके कर्मों से निर्धारित होती है। उनके कर्म ही उसे समाज में सम्मान या अपमान दिलाते हैं। यह दोहा सामाजिक समानता और समरसता का संदेश देता है, और कर्मों को महत्व देने की बात करता है।

कालजयी कृतियों के रचियता रामधारी सिंह 'दिनकर' (Ramdhari Singh Dinkar) ने अपने महाकाव्य रश्मिरथि में इस बात का वर्णन किया...
10/07/2025

कालजयी कृतियों के रचियता रामधारी सिंह 'दिनकर' (Ramdhari Singh Dinkar) ने अपने महाकाव्य रश्मिरथि में इस बात का वर्णन किया था कि ऊपर से देखने में तो सभी सोने के छत्र, पद-प्रतिष्ठा लिए बैठे हैं लेकिन मन सभी के काले हैं. ये लोग जो जाति पूछते हैं शर्म भी महसूस नहीं करते हैं.

भावार्थ है कि वैष्णव वह है जो दूसरों के दुख को समझे. जाति नहीं बल्कि करुणा की महत्ता है.
09/07/2025

भावार्थ है कि वैष्णव वह है जो दूसरों के दुख को समझे. जाति नहीं बल्कि करुणा की महत्ता है.

किसी साधु (सज्जन व्यक्ति) की जाति न पूछकर उसके ज्ञान को महत्व देना चाहिए, जैसे तलवार का महत्व उसकी धार से होता है न कि म...
09/07/2025

किसी साधु (सज्जन व्यक्ति) की जाति न पूछकर उसके ज्ञान को महत्व देना चाहिए, जैसे तलवार का महत्व उसकी धार से होता है न कि म्यान से। इसका मतलब है कि हमें किसी व्यक्ति के ज्ञान, गुण, और कर्मों को देखना चाहिए, न कि उसकी जाति या सामाजिक पृष्‍ठभूमि को.

संत रविदास (Sant Ravidas) कहते हैं कि अज्ञान के वश में सभी लोग जाति−पाति के चक्कर में उलझकर रह गए हैं. रैदास कहते हैं कि...
09/07/2025

संत रविदास (Sant Ravidas) कहते हैं कि अज्ञान के वश में सभी लोग जाति−पाति के चक्कर में उलझकर रह गए हैं. रैदास कहते हैं कि यदि वे इस जातिवाद के चक्कर से नहीं निकले तो एक दिन जाति का यह रोग संपूर्ण मानवता को निगल जाएगा.

"योग हमें इस बात का एहसास कराता है कि सब कुछ एक ही ऊर्जा का विस्तार है।""Yoga helps us realize that everything is the ex...
21/06/2025

"योग हमें इस बात का एहसास कराता है कि सब कुछ एक ही ऊर्जा का विस्तार है।"
"Yoga helps us realize that everything is the expansion of one energy."
"Anxiety, stress, confusion — सबका इलाज है योग 🧘‍♀️ इस पर खुद से जुड़ें और खुद को heal करें।"

"शांत मन, स्थिर शरीर और जागरूक आत्मा — यही योग का वरदान है।""A calm mind, steady body, and awakened soul — this is Yoga'...
21/06/2025

"शांत मन, स्थिर शरीर और जागरूक आत्मा — यही योग का वरदान है।"
"A calm mind, steady body, and awakened soul — this is Yoga's true blessing."
"भारत की प्राचीन विद्या, अब दुनिया का ट्रेंड बन चुकी है। योग सिर्फ भारत की धरोहर नहीं — ये हर इंसान का अधिकार है। "

योग गुरु रामदेव ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर कहा, “योग एक जन आंदोलन बन गया है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन दोनों ...
21/06/2025

योग गुरु रामदेव ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर कहा, “योग एक जन आंदोलन बन गया है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन दोनों को आकार दे रहा है. योग के माध्यम से विश्व शांति प्राप्त की जा सकती है. जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने 2047 तक एक विकसित भारत की कल्पना की है, योग इसके आधारभूत स्तंभों में से एक होगा.”

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