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18/09/2025

दो राजकुमारों की कहानी।

बिहार में सैकड़ों लोग ऐसे होंगे जिनमें राजनीतिक कौशल, धन बल और जन बल होगा। निःसंदेह वो कोशिश कर भी रहे होंगे कि उनकी राज...
17/09/2025

बिहार में सैकड़ों लोग ऐसे होंगे जिनमें राजनीतिक कौशल, धन बल और जन बल होगा। निःसंदेह वो कोशिश कर भी रहे होंगे कि उनकी राज्य की राजनीति में एक बड़ी भूमिका हो।

लेकिन राजनीति में "चेहरा" बनना कई संयोगों को मिला कर होता है। आपके और हमारे हाथ में सब कुछ नहीं होता है। व्यक्तिगत कर्म, संगठन और जनता की आकांक्षा के साथ साथ परिस्थिति, इन चार प्रमुख तत्वों के संयोजनों के बीच से जो छवि आकार लेती है, उसी से "राजनीतिक चेहरा" का निर्माण होता है। यदि यह संयोग मिल गया तो सफलता अपरिहार्य हो जाती है। ... मुख्यतः व्यक्तिगत कर्म, संगठन और जनता की आकांक्षाओं के संयोजन से भी आप परिस्थितियों को अपने पक्ष में कर लेते हैं।

इसे जरा और सरलता से समझिए। प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के पास राजनीति के कद्दावर लोग थे, लेकिन उसके पास लोहिया जैसा चेहरा नहीं था। तब लोहिया ने समाजवादी आंदोलन को लीड किया। ...कोई रोक नहीं सका।

पिछले कई दशक से कांग्रेस के पास एक चेहरा नहीं था। सड़क पर तप कर राहुल गांधी कांग्रेस का चेहरा बन गए हैं। सत्ता पक्ष के पास मोदी को छोड़ दें तो अब चेहरे का संकट है।

थोड़ा बिहार के एक और उदाहरण पर गौर कीजिए। दो दल हुआ करते थे, समता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड। समता पार्टी का चेहरा नीतीश कुमार थे और जनता दल यूनाइटेड के पास नेता शरद यादव थे लेकिन वे बिहार के लिए "चेहरा" नहीं थे। दोनों दलों का विलय हुआ, फिर नीतीश जी आगे बढ़ चले।

नीतीश जी के रास्ते में कई कांटे बिछे थे। जार्ज फर्नांडिस और दिग्विजय सिंह, उनके साथ अरुण कुमार, प्रभुनाथ सिंह..एक बार संभवतः साल 2000 में ऐसी चर्चा होने लगी कि नीतीश जी को समता पार्टी से ही बाहर होना पड़ सकता है। लेकिन अंततः क्या हुआ, सबने देखा। तब समता पार्टी में "राजनीतिक चेहरा" नीतीश कुमार थे, उनके बिना कुछ भी दम नहीं था।

कोई भी राजनीतिक दल किसी भी व्यक्ति को जबरजस्ती पेश कर पद और ताकत तो दे सकता है, लेकिन चेहरा नहीं बना सकता है। वह तो राजनीति में दुर्लभ चीज है। इसी जनता दल यूनाइटेड से निकले उपेन्द्र कुशवाहा "राजनीतिक चेहरा" बन गए, लेकिन आरसीपी सिंह "चे" तक नहीं बन सके। बिहार बीजेपी में अभी तक कोई भी नेता "राजनीतिक चेहरा" नहीं बन सका है; शाहनवाज हुसैन का बतौर उद्योग मंत्री उभार हो रहा था, लेकिन उनका सफर अधूरा रह गया।

राजनीति में कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो सत्ता के नेता होते हैं। वे जब तक सत्ता में होते हैं, तब तक बड़ी शक्तिशाली दिखाई देते हैं, लेकिन "राजनीतिक चेहरा" नहीं बन पाते हैं। ऐसे लोग किसी भी राजनीतिक जमात का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं होते हैं। हमारा मानना है कि सबके हिस्से में संघर्ष होना ही चाहिए अन्यथा वह अपने लोगों की पहचान कैसे कर सकेगा?

सोने की चम्मच ले कर पैदा हुआ व्यक्ति किसी महतो जी का दर्द कैसे समझ सकेगा? युद्ध लड़े बिना शत्रुओं की पहचान कैसे होगी? आप घाव सहे बिना दवा की कीमत कैसे जानेंगे?

सबके हिस्से में रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां आनी चाहिए...

वर्षों तक वन में घूम-घूम,
बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,
सह धूप-घाम, पानी-पत्थर,
पांडव आये कुछ और निखर।
सौभाग्य न सब दिन सोता है,
देखें, आगे क्या होता है।

मीडिया ट्रायल के तहत बार-बार यह सवाल उठता है कि जेडीयू खत्म हो जाएगी। हम जैसे लोग यह समझते हैं कि बीजेपी के उकसावे पर ही ट्रायल साल 2015 से हो रहा है। बीजेपी की आकांक्षा है कि वह जदयू के वोटरों को नीतीश जी के बाद अपने पाले में कर ले। लेकिन यह दिवास्वप्न है। ऐसा नहीं हो सकता है, यह संभव नहीं है। क्योंकि 20 साल तक सत्ता के शीर्ष क्रम पर रहने के बाद उसके समर्थकों में स्वतंत्र अस्तित्व की भावना जोर पर है। यदि जदयू को खत्म करना है तो उस वर्ग की आकांक्षाओं को खत्म करना होगा...यह कैसे होगा, शायद बीजेपी को यह मालूम नहीं है।

एक चर्चा होती है कि अमुक नेता जदयू को खत्म कर देंगे, बीजेपी में विलय करा देंगे। ऐसी मूर्खतापूर्ण सोच रखने वाले को 2020 याद करना चाहिए। जब 2020 में तीन तरफ से हमले अर्थात चिराग, RCP का छल और उपेंद्र कुशवाहा के सेंध के बावजूद भी जदयू सत्ता में बना हुआ है तो अब कैसे संभव है। याद रखें कि जो भी ऐसा करेंगे, उनका हाल उनके पूर्ववर्ती गद्दारों की तरह होगा।

इस पूरे बिहार में जदयू के लिए सोचने, विचारने वाले लगभग 2000 लोगों की जमात है। ये लोग राजद में भी हैं, बीजेपी में भी, जदयू में भी और जनता में भी है। ये लोग जेडीयू का अस्तित्व बनाए रखना चाहते हैं। ऐसे में किसी नेता की गद्दारी जदयू को खत्म कर दें, यह संभव नहीं है।

हां, यह मानना चाहिए कि विश्वासघात से जेडीयू कमजोर हो सकता है, मजबूत हो सकता है। लेकिन खत्म होने की बात बकवास है। बिहार की लगभग सैकड़ों जातियों में जेडीयू की पैठ है। उन जातियों के आकांक्षाओं की पार्टी जनता दल यूनाइटेड है। जब तक इनकी उम्मीदें रहेंगी, तब तक जनता दल यूनाइटेड का अस्तित्व रहेगा।

एक सवाल बार-बार जनता दल यूनाइटेड के नेता का उभरता है। नीतीश जी के बाद कौन का सवाल बेचैन करता है। लेकिन आप 1989 में संसद में दिए गए नीतीश जी के भाषणों को देखिए। तब नीतीश जी क्या तेजस्वी नेता दिखाई देते हैं! लेकिन वो तब तक बड़े फलक पर नहीं आए जब तक कि 1994 में दस लाख लोगों ने गांधी मैदान में उनका जयघोष नहीं किया। उसके बाद से नीतीश जी ने कभी पीछे नहीं देखा।

अर्थात्, यह जनता तय करती है कि नेता कौन होगा। बिहार में नेता की घोषणा जनता स्वतः स्फूर्त हो कर करती है। अभी नीतीश जी है, जब नहीं होंगे तब जनता ही निर्णय लेगी। किसी व्यक्ति के उपहास और घात से कुछ बिगड़ता तो कौवे की शाप से दुनिया की सारी गाय मर गई होती। याद रखें कि लाशें नोंचते-नोंचते भारत से गिद्ध विलुप्त हो गए।

जब तक हम और आप जैसे सोचने-विचारने वाले 2000 लोग इस बिहार में हैं, तब तक जदयू कभी खत्म नहीं होगा। भरोसा रखिए कि अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा।

~दुर्गेश कुमार

गोपालगंज जिले के भोरे विधानसभा में आयोजित एनडीए विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव श्...
16/09/2025

गोपालगंज जिले के भोरे विधानसभा में आयोजित एनडीए विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव श्री मनीष कुमार वर्मा ने भाग लिया।

उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री वर्मा ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के सुधार के जो भी काम हुए उसमें गोपालगंज के सुनील कुमार जी की बतौर शिक्षा मंत्री भी शानदार भूमिका है, यह गोपालगंज के लिए गौरव की बात है।

उन्होंने कहा कि 2005 में जनता के फैसले के कारण बिहार काफी आगे बढ़ा है। लेकिन 2025 में जो जनता फैसला होगा वो बिहार बच्चों के भविष्य के लिए फैसला होगा। यदि भूल हो गई तो बिहार बहुत पीछे चला जाएगा।

हमारी पार्टी बाबा साहब के सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी है। बाबा साहब के खुद दिखाया था कि शिक्षा के दम पर आदमी कितना आगे बढ़ सकता है। हमारी सरकार ने भी शिक्षा के क्षेत्र में काम किया है।

बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की बहाली हो रही है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड जैसी योजना पूरे देश में नहीं हैं। नीतीश जी की सरकार वंचितों के लिए कमिटेड है।

बिहार में जैसे सड़कों बिजली स्वास्थ्य पर काम हुआ है वैसे ही अब उद्योगों पर काम होगा। नीतीश सरकार ने पिछले 5 साल में 10 लाख से अधिक नौकरी और 38 लाख रोजगार सृजित किए हैं। इस बार नीतीश जी का संकल्प है कि अगले पांच साल में एक करोड़ रोजगार देने की व्यवस्था करेंगे। देश में ऐसे नेता बहुत कम है जो कहते हैं वो करते हैं, नीतीश जी उनमें से एक हैं। भरोसा रखिए कि एक करोड़ से भी अधिक रोजगार देंगे।

इस मौके पर उपस्थित प्रमुख लोगों में बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, पूर्व मंत्री रामसूरत राय, सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, पूर्व मंत्री रामसेवक सिंह, पूर्व राज्यसभा सांसद कहकशां परवीन, विधायक अमरेंद्र पांडेय, पूर्व विधायक ज्ञानचंद मांझी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य शंकर शाही ने की, जबकि संचालन जदयू जिलाध्यक्ष मंटू गिरी ने किया।

प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल  ारतवर्ष के साथ चुनावी बैठक में बातचीत में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव श्री मनीष कुमार ...
14/09/2025

प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल ारतवर्ष के साथ चुनावी बैठक में बातचीत में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव श्री मनीष कुमार शामिल हुए।

महराजगंज में एनडीए विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव श्री मनीष कुमार वर्मा जी ने...
12/09/2025

महराजगंज में एनडीए विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव श्री मनीष कुमार वर्मा जी ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बिहार ने अपराध से विकास तक की ऐतिहासिक यात्रा तय की है। बिहार को गड्ढों से निकालकर विकास की राह पर खड़ा किया गया है।

11/09/2025

नीतीश जी का कारवां।

Make or Break!
11/09/2025

Make or Break!

07/09/2025

जो लोग भरमाते है, उनके भ्रम में मत आइएगा। वो जो कार्ड बना के देते हैं, उनको आधार कार्ड, मोबाइल नंबर मत दीजिए। कार्ड वाले ठग पैसा निकाल लेते हैं। उनके चक्कर में मत आइए।

04/09/2025

फर्जी वोटकटवा नेता।

बक्सर जिले के धनसोई में आयोजित राजपुर विधानसभा क्षेत्र के एनडीए विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में जनता दल यूनाइटेड के राष्...
28/08/2025

बक्सर जिले के धनसोई में आयोजित राजपुर विधानसभा क्षेत्र के एनडीए विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव श्री मनीष कुमार वर्मा ने भाग लिया।

उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री वर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में चुनाव में एनडीए के सामने कोई टिक नहीं पाएगा। बीस वर्ष पहले जनता ने जो महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, उसी से राज्य की दिशा बदल गई। अब बाहर से आने वाले लोगों की सोच भी बदल जाती है, जब वे बिहार आते हैं।

मधुबनी जिले के लौकहा विधानसभा में एनडीए विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव श्री मनीष ...
25/08/2025

मधुबनी जिले के लौकहा विधानसभा में एनडीए विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव श्री मनीष कुमार वर्मा शामिल हुए।

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