20/08/2024
नीम के पत्ते खाने से मुंह की दुर्गन्ध , दांत दर्द, दांत कुलना, शरीर के अंदर के हनिकारिक बैक्टीरिया, कैंसर की बीमारी, खून साफ करना, जीभ से स्वाद, चरम रोग, आँख न आना, आलस न आना, शरीर में ऊर्जा का बना रहना, कफ-कोल्ड न होना, शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना जैसे,सेकड़ो-हज़ारो फायदे हमें नीम की पाती खाने से मिलता हैं।
यह मधुमेह में अत्यधिक लाभकारी है।इसका प्रयोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह जीवाणु नाशक, रक्त्शोधक एवं त्वचा विकारों में गुणकारी है। यह बुखार में भी लाभकारी है।
नीम त्वचा के औषधीय कार्यों में उपयोग की जाती है । नीम के उपयोग से त्वचा की चेचक जैसी भयंकर बीमारियाँ नहीं होती तथा इससे रक्त शुद्ध होता है । नीम स्वास्थ्यवर्धक एवं आरोग्यता प्रदान करने वाला है। ये सभी प्रकार की व्याधियों को हरने वाला है, इसे मृत्यु लोक का कुल्पवृक्ष कहा जाता है। चरम रोग में इसका विशेष महत्व है।
भारत में नीम का उपयोग एक औषधि के रूप में किया जाता है, आज के समय में बहुत-सी एलोपैथिक दवाइयाँ नीम की पत्ती व उसकी छल से बनती है । नीम के पेड़ की हर अंग फायदेमंद होता है, बहुत सी बीमारियों का उपचार इससे किया जाता है । भारत में नीम का पेड़ घर में लगाना शुभ माना जाता है ।
नीम स्वाद में कड़वा होता है, लेकिन नीम जितनी कड़वी होती है, उतनी ही फायदे वाली होती है ।
भारत में नीम का उपयोग एक औषधि के रूप में किया जाता है, आज के समय में बहुत सी एलोपैथिक दवाइयां नीम की पत्ती व उसकी छल से बनती है ।