Devbhoomi Gaurav

Devbhoomi Gaurav दादू मीं पर्वतों को वासी 🏔️
Born In Himalaya

यह वही जगह है, जहाँ मेरे जीवन की शुरुआत हुई। मेरे गांव कोटी के इन पहाड़ों और इस मिट्टी के आंगन में मैंने अपनी पहली सांस ...
23/12/2024

यह वही जगह है, जहाँ मेरे जीवन की शुरुआत हुई। मेरे गांव कोटी के इन पहाड़ों और इस मिट्टी के आंगन में मैंने अपनी पहली सांस ली।

यह मिट्टी मेरे लिए सिर्फ घर नहीं है, यह मेरी जड़ों का एहसास है। इन दीवारों ने मुझे हर पल सहारा दिया है। इस गांव में हर सुबह पक्षियों की चहचहाहट से होती थी, और हर शाम दूर पहाड़ों पर डूबते सूरज की सुनहरी किरणों से। बचपन में इन गलियों में भागते दौड़ते हुए मैंने जिंदगी को जीना सीखा।

जब भी इन पहाड़ों की ओर देखता हूं, ऐसा लगता है कि ये अब भी मुझे बुला रहे हैं। यहां का हर पत्थर, हर पेड़, और यहां बहती ठंडी हवा मुझे मेरे बचपन के सबसे अनमोल लम्हों की याद दिलाती है।

यह घर सिर्फ एक निर्माण नहीं, बल्कि मेरी आत्मा का हिस्सा है। यहीं मैंने सादगी, संघर्ष और प्यार का मतलब समझा। शायद इसी मिट्टी में वह जादू है, जिसने मुझे इंसान बनाया।

यह गांव और यह घर मेरे जीवन का आधार है, और मैं हमेशा इसका ऋणी रहूंगा।

सर्दियों की सुनहरी घास और दूर हिमालय की चोटियों के बीच खड़े होकर, एहसास हुआ कि प्रकृति की विशालता में हम कितने छोटे हैं।...
21/12/2024

सर्दियों की सुनहरी घास और दूर हिमालय की चोटियों के बीच खड़े होकर, एहसास हुआ कि प्रकृति की विशालता में हम कितने छोटे हैं। ठंडी पहाड़ी हवा ने अनकहे किस्से सुनाए, और कंधे पर जैकेट डालकर उस पल में बस सुकून महसूस हुआ।

ये पल याद दिलाता है कि कभी रुक कर, गहरी सांस लेकर, ज़िंदगी की सादगी को महसूस करना कितना ज़रूरी है।

Aapka Pehla School Kaun Sa Tha? Batao Zara!
21/12/2024

Aapka Pehla School Kaun Sa Tha? Batao Zara!

केदारनाथ और केदार घाटी में बर्फबारी का नज़ारा एक अद्भुत अनुभव होता है। जब सर्दियों के मौसम में पहाड़ों पर सफेद चादर बिछ ...
20/12/2024

केदारनाथ और केदार घाटी में बर्फबारी का नज़ारा एक अद्भुत अनुभव होता है। जब सर्दियों के मौसम में पहाड़ों पर सफेद चादर बिछ जाती है, तो पूरी घाटी स्वर्ग सी प्रतीत होती है। केदारनाथ मंदिर और उसके आसपास का क्षेत्र बर्फ से ढक जाता है, जिससे यह स्थान और भी दिव्य और शांत लगता है।

केदार घाटी में बर्फबारी के दौरान यहाँ की यात्रा करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि ठंड काफी अधिक होती है और रास्ते बर्फ से ढके होते हैं। लेकिन, इस मौसम में यहाँ आने का अनुभव अनमोल होता है। चारों ओर ऊँचे-ऊँचे हिमालयी पर्वत, बर्फ से ढके पेड़, और नदी का शांत संगीत पर्यटकों को एक अलौकिक शांति का अनुभव कराते हैं।

यदि आप बर्फबारी के दौरान केदारनाथ की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो गर्म कपड़े, बर्फ में चलने वाले जूते और अन्य जरूरी सामान साथ ले जाना न भूलें। इसके अलावा, प्रशासन द्वारा दी गई सुरक्षा और यात्रा गाइडलाइन्स का पालन करना भी आवश्यक है। केदारनाथ और केदार घाटी में बर्फबारी का यह अनुभव न केवल आपके मन को सुकून देगा, बल्कि यह आपको प्रकृति के करीब भी ले जाएगा।

पर्वतीय मार्ग है कृपया देख भाल करके चले।यह साइन बोर्ड कहां पर होगा बताएगा कोई?
18/12/2024

पर्वतीय मार्ग है कृपया देख भाल करके चले।
यह साइन बोर्ड कहां पर होगा बताएगा कोई?

भट्टा फॉल मसूरी के पास स्थित एक प्रसिद्ध जलप्रपात है, जो पर्यटकों के बीच पिकनिक और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए लोकप्रिय है।...
17/12/2024

भट्टा फॉल मसूरी के पास स्थित एक प्रसिद्ध जलप्रपात है, जो पर्यटकों के बीच पिकनिक और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए लोकप्रिय है। यह मसूरी-देहरादून रोड पर मसूरी से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

भट्टा फॉल तक पहुंचने के लिए एक रोपवे की सुविधा उपलब्ध है, जो भट्टा गांव को भट्टा फॉल से जोड़ता है। यह रोपवे 2019 के आसपास शुरू हुआ था और पर्यटकों को सुंदर दृश्यों का आनंद लेते हुए जलप्रपात तक पहुंचने का अवसर प्रदान करता है।

रोपवे के माध्यम से, आप भट्टा फॉल के मनोरम दृश्य का आनंद ले सकते हैं और वहां के प्राकृतिक वातावरण में समय बिता सकते हैं। यह स्थान परिवारों और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए उपयुक्त है, जहां आप जलप्रपात के ठंडे पानी में स्नान कर सकते हैं और आसपास के क्षेत्र में पिकनिक मना सकते हैं।

यदि आप मसूरी की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो भट्टा फॉल और रोपवे की सवारी आपके यात्रा अनुभव को और भी यादगार बना सकती है।

भट्टा फॉल रोपवे के अनुभव को और बेहतर समझने के लिए, आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं

ग्राम सभा मैली के ग्राम कोटी में मनरेगा के तहत महिलाएं खेतों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार (प्रोटेक्शन वॉल) का निर्माण...
16/12/2024

ग्राम सभा मैली के ग्राम कोटी में मनरेगा के तहत महिलाएं खेतों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार (प्रोटेक्शन वॉल) का निर्माण कार्य कर रही हैं। यह 'खेती बचाओ' अभियान का हिस्सा है, जो हमारी खेती को जंगली जानवरों और अन्य नुकसान से बचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि महिलाओं को रोजगार का भी अवसर प्रदान करता है। यह कार्य ग्राम प्रधान महोदय श्री Jassi Negi के द्वारा करवाया गया जा रहा है, जो गांव में हो रहे बंजर खेतों को बचाने में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं।

धारी देवी मंदिर उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर देवी का...
14/12/2024

धारी देवी मंदिर उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर देवी काली के एक रूप, धारी देवी को समर्पित है, जिन्हें गढ़वाल की संरक्षक देवी माना जाता है।

मंदिर से जुड़ी मान्यताएं:
1. यह विश्वास है कि धारी देवी मंदिर की मूर्ति दिन के समय में अपने रूप बदलती है। सुबह मूर्ति का स्वरूप युवती जैसा होता है, दिन में वयस्क महिला का, और रात में वृद्धा का।
2. कहा जाता है कि जब 2013 में मंदिर को अलकनंदा नदी पर जल विद्युत परियोजना के लिए हटाया गया था, उसी दिन उत्तराखंड में विनाशकारी केदारनाथ बाढ़ आई थी। लोग इसे देवी के क्रोध का परिणाम मानते हैं।

मंदिर तक कैसे पहुंचे:
धारी देवी मंदिर श्रीनगर से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग किया जा सकता है।

धारी देवी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था और प्रकृति का संगम है, जहां भक्तों को आध्यात्मिक शांति और दिव्य अनुभव प्राप्त होता है।

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