
23/12/2024
यह वही जगह है, जहाँ मेरे जीवन की शुरुआत हुई। मेरे गांव कोटी के इन पहाड़ों और इस मिट्टी के आंगन में मैंने अपनी पहली सांस ली।
यह मिट्टी मेरे लिए सिर्फ घर नहीं है, यह मेरी जड़ों का एहसास है। इन दीवारों ने मुझे हर पल सहारा दिया है। इस गांव में हर सुबह पक्षियों की चहचहाहट से होती थी, और हर शाम दूर पहाड़ों पर डूबते सूरज की सुनहरी किरणों से। बचपन में इन गलियों में भागते दौड़ते हुए मैंने जिंदगी को जीना सीखा।
जब भी इन पहाड़ों की ओर देखता हूं, ऐसा लगता है कि ये अब भी मुझे बुला रहे हैं। यहां का हर पत्थर, हर पेड़, और यहां बहती ठंडी हवा मुझे मेरे बचपन के सबसे अनमोल लम्हों की याद दिलाती है।
यह घर सिर्फ एक निर्माण नहीं, बल्कि मेरी आत्मा का हिस्सा है। यहीं मैंने सादगी, संघर्ष और प्यार का मतलब समझा। शायद इसी मिट्टी में वह जादू है, जिसने मुझे इंसान बनाया।
यह गांव और यह घर मेरे जीवन का आधार है, और मैं हमेशा इसका ऋणी रहूंगा।