भगवान प्रसाद गौड़

भगवान प्रसाद गौड़ समाज उत्थान और बुराई के विरुद्ध... जनता की आवाज Midea And PR Works

12/04/2025

कमजोर से कमजोर स्त्री भी उस वक्त ताकतवर हो जाती है जब उसे,

इज्ज़त और सम्मान देने वाले पुरुष का साथ मिल जाता है...!

 #कोटा    में आत्महत्या करने वाली छात्रा कृति ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि :-"मैं भारत सरकार और मानव संसाधन मंत्राल...
19/01/2025

#कोटा में आत्महत्या करने वाली छात्रा कृति ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि :-"मैं भारत सरकार और मानव संसाधन मंत्रालय से कहना चाहती हूं कि अगर वो चाहते हैं कि कोई बच्चा न मरे तो जितनी जल्दी हो सके इन कोचिंग संस्थानों को बंद करवा दें,

ये कोचिंग छात्रों को खोखला कर देते हैं।

पढ़ने का इतना दबाव होता है कि बच्चे बोझ तले दब जाते हैं।
कृति ने लिखा है कि वो कोटा में कई छात्रों को डिप्रेशन और स्ट्रेस से बाहर निकालकर सुसाईड करने से रोकने में सफल हुई लेकिन खुद को नहीं रोक सकी।

बहुत लोगों को विश्वास नहीं होगा कि मेरे जैसी लड़की जिसके 90+ मार्क्स हो वो सुसाइड भी कर सकती है,
लेकिन मैं आपलोगों को समझा नहीं सकती कि मेरे दिमाग और दिल में कितनी नफरत भरी है।

अपनी मां के लिए उसने लिखा- "आपने मेरे बचपन और बच्चा होने का फायदा उठाया और मुझे विज्ञान पसंद करने के लिए मजबूर करती रहीं।
मैं भी विज्ञान पढ़ती रहीं ताकि आपको खुश रख सकूं।

मैं क्वांटम फिजिक्स और एस्ट्रोफिजिक्स जैसे विषयों को पसंद करने लगी और उसमें ही बीएससी करना चाहती थी लेकिन मैं आपको बता दूं कि मुझे आज भी अंग्रेजी साहित्य और इतिहास बहुत अच्छा लगता है क्योंकि ये मुझे मेरे अंधकार के वक्त में मुझे बाहर निकालते हैं।"

कृति अपनी मां को चेतावनी देती है कि- ‘इस तरह की चालाकी और मजबूर करनेवाली हरकत 11 वीं क्लास में पढ़नेवाली छोटी बहन से मत करना,
वो जो बनना चाहती है और जो पढ़ना चाहती है उसे वो करने देना क्योंकि वो उस काम में सबसे अच्छा कर सकती है जिससे वो प्यार करती है।

इसको पढ़कर मन विचलित हो जाता है कि इस होड़ में हम अपने बच्चों के सपनो को छीन रहे है।
आज हम लोग अपने परिवारों से प्रतिस्पर्धा करने लगे है कि फलां का बेटा-बेटी डॉक्टर बन गया,
हमें भी डॉक्टर बनाना है।

फलां की बेटी-बेटा सीकर/कोटा हॉस्टल में है तो हम भी वही पढ़ाएंगे,चाहे उस बच्चे के सपने कुछ भी हो...हम उन्हें अपने सपने थोंप रहे है।
आज हमारे स्कूल(कोचिंग संस्थान) बच्चों को परिवारिक रिश्तों का महत्व नही सीखा पा रहे,उन्हें असफलताओं या समस्याओं से लड़ना नही सीखा पा रहे।

उनके जहन में सिर्फ एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा के भाव भरे जा रहे है जो जहर बनकर उनकी जिंदगियां लील रहा है।
जो कमजोर है वो आत्महत्या कर रहा है व थोड़ा मजबूत है वो नशे की ओर बढ़ रहा है।

जब हमारे बच्चे असफलताओ से टूट जाते है तो उन्हें ये पता ही नही है कि इससे कैसे निपटा जाएं।
उनका कोमल हदय इस नाकामी से टूट जाता है इसी वजह से आत्महत्या बढ़ रही है।



परिचय एवं पहचान दोनो ही भिन्न है.! क्योंकि परिचय में आवरण है और पहचान में व्यक्तित्व की सुगंध है.!
09/01/2025

परिचय एवं पहचान दोनो ही भिन्न है.! क्योंकि परिचय में आवरण है और पहचान में व्यक्तित्व की सुगंध है.!

नाराज तो खुशियां ही होती है.. गमों के इतने नखरे कहां होते है..!!
19/09/2024

नाराज तो खुशियां ही होती है..
गमों के इतने नखरे कहां होते है..!!

अल्फ़ाज़ चुराने की ज़रूरत ही ना पड़ी कभी..!तेरे बे-हिसाब ख्यालों ने बे-तहाशा लफ्ज़ दिए..!!
03/09/2024

अल्फ़ाज़ चुराने की ज़रूरत ही ना पड़ी कभी..!
तेरे बे-हिसाब ख्यालों ने बे-तहाशा लफ्ज़ दिए..!!

27/08/2024

हमारा विनाश कब व कैसे शुरू हुआ था? 1. हमारा विनाश उस समय से शुरू हुआ था, जब हरित क्रांति के नाम पर देश में रासायनिक खेती...
15/08/2024

हमारा विनाश कब व कैसे शुरू हुआ था?
1. हमारा विनाश उस समय से शुरू हुआ था, जब हरित क्रांति के नाम पर देश में रासायनिक खेती की शुरूआत हुई और हमारा पौष्टिक वर्धक, शुद्ध भोजन विष युक्त कर दिया गया।

2. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन देश में जर्सी गाय लायी गई और भारतीय स्वदेशी गाय का अमृत रूपी दूध छोड़कर जर्सी गाय का विषैला दूध पीना शुरु किया था।

3. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन भारतीयों ने दूध, दही, मक्खन, घी आदि छोड़कर शराब पीना शुरू किया था।

4. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन देशवासियों ने गन्ने का रस छोड़कर पेप्सी, कोका कोला पीना शुरु किया था, जिसमें 12 तरह के कैमिकल होते हैं और जो कैंसर, टीबी, हृदय घात का कारण बनते हैं।

5. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन देशवासियों ने शुद्ध देशी तेल खाना छोड़ दिया था और रिफाइंड आयल खाना शुरू किया था, जो रिफाइंड ऑयल हृदयघात आदि का कारण बन रहा है।

6. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन देश के युवाओं ने नशा शुरू किया था। बीडी, सिगरेट, गुटखा, गांजा, अफीम, आदि शुरू किया था, जिससे कैंसर बढ रहा है।

7. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन देश में हजारों नकली दवाओं का व्यापार शुरु हुआ और नकली दवाओं से लोग मर रहे हैं।

8. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन देशवासियों ने अपने स्वदेशी भोजन छोड़कर पीजा, बर्गर, जंक फूड खाना शुरू किया था, जो अनेक बीमारियों का कारण बन रहा है।

9. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन लोगों ने अनुशासित और स्वस्थ दिनचर्या को छोड़कर मनमानी दिनचर्या शुरू की थी।

10. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन लोगों ने घरों में एलुमिनियम के बर्तन व घर में फ्रिज लाया था।

11. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन भारतीय जीवन शैली को छोड़कर विदेशी जीवन शैली शुरू की थी।

12 .हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन लोगों ने स्वस्थ रहने का विज्ञान छोड दिया था और अपने शरीर के स्वास्थ्य सिद्धांतों के विपरीत कार्य करना शुरू किया था ।

13. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन देश का अधिकतर युवा / युवतियां व्यभिचारी बनकर व्यभिचार करना, गर्भ निरोधक गोलियां खाना, लाखों युवतियां हर साल गर्भाशय कैंसर से मरती हैं।

14. हमारा विनाश उस दिन शुरू हुआ था, जिस दिन लोगों ने अपने बच्चों को टीके लगवाना शुरू किया था और यह विचार कभी भी नहीं किया था कि टीकों का बच्चों के शरीर पर भविष्य में क्या प्रभाव पडेगा?

15. इस शरीर की कुछ सीमा है, कुछ मर्यादा है, कुछ स्वस्थ सिद्धांत हैं, लेकिन मनमाने आचरण के कारण शरीर की बर्बादी की है।

नोट :- हमारे विनाश के अनेक कारण हैं। आज लोगों को सिर्फ रोना ही दिखाई दे रहा है, उन्हें यह भी देखना चाहिए कि लोग कैंसर, टीबी, हृदय घात, शुगर, किडनी फेल, BP High, BP Low, अस्थमा आदि गंभीर बीमारियों से मर रहे है।

पुणे की सेवा यात्रा....
08/06/2024

पुणे की सेवा यात्रा....

ऐसा नहीं कि आदमी अच्छा नहीं हूं मैं, तुम जैसा चाहते हो बस वैसा नहीं हूं मैं..!!
05/04/2024

ऐसा नहीं कि आदमी अच्छा नहीं हूं मैं,
तुम जैसा चाहते हो बस वैसा नहीं हूं मैं..!!

किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल। कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा।   विशाखापटनम
18/03/2024

किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल।
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा।

विशाखापटनम

Good night to All.
23/02/2024

Good night to All.

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345021

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