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पत्रकारिता जुर्म और भ्रष्टाचार पर बागी कलम से प्रहार #पत्रकारिता
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 : हर दिन मौत के साये में बैठते हैं मासूम , क्या हादसे का इंतज़ार कर रहा प्रशासन?… OP Choudhary CMO Chhattisgarh PMO Ind...
29/07/2025

: हर दिन मौत के साये में बैठते हैं मासूम , क्या हादसे का इंतज़ार कर रहा प्रशासन?…
OP Choudhary CMO Chhattisgarh PMO India

रायगढ़/ घरघोड़ा विकासखंड के पतरापाली गाँव में स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। छत की परतें जगह-जगह से झड़ चुकी हैं, सीमेंट उखड़ चुका है और सर के ठीक ऊपर लटकते हुए प्लास्टर के टुकड़े बच्चों की ज़िंदगी से खुला मज़ाक कर रहे हैं। इन हालात में भी दर्जनों मासूम बच्चे रोज़ आ रहे और इस मौत के साए में बैठकर अपना भविष्य गढ़ने को मजबूर हैं।

इस भयावह स्थिति की शिकायतें गाँव के लोगों ने बार-बार की हैं। पालक समिति, ग्राम पंचायत और जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन अब तक न तो कोई अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुँचा और न ही मरम्मत के लिए कोई क़दम उठाया गया। बच्चों की सुरक्षा की अनदेखी अब केवल लापरवाही नहीं, एक तरह का सुनियोजित अपराध बन चुकी है।

हाल ही में राजस्थान के झालावाड़ ज़िले में विद्यालय की छत गिरने से मासूमों की दर्दनाक मौत हुई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। लेकिन दुर्भाग्यवश छत्तीसगढ़ में उस चेतावनी को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है। क्या यही हमारी संवेदनशीलता है? क्या किसी हादसे के बाद ही फ़ाइलें खूलेंगी, तब जाकर प्रशासन जागेगा?

यह मामला सिर्फ एक स्कूल भवन की मरम्मत का नहीं है, यह सवाल है शासन की प्राथमिकता का, हमारे समाज की सामूहिक ज़िम्मेदारी का और उन बच्चों के अधिकार का जिन्हें हमने शिक्षा का वादा किया था। यदि अब भी हम चुप रहे, तो अगली ख़बर सिर्फ मलबे में दबे मासूमों की तस्वीर और कुछ आँसुओं की आवाज़ होगी और शायद तब भी कोई फ़ाइल फिर लापरवाही में दबा दी जाएगी।
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धोखाधड़ी से कब्ज़ाई गई कोटवार की सेवा भूमि , खरीदी-बिक्री की पूरी प्रक्रिया पर उठे गंभीर सवालकलेक्टर और कमिश्नर ने दो बार...
26/07/2025

धोखाधड़ी से कब्ज़ाई गई कोटवार की सेवा भूमि , खरीदी-बिक्री की पूरी प्रक्रिया पर उठे गंभीर सवाल

कलेक्टर और कमिश्नर ने दो बार खारिज किया आवेदन, फिर भी चमत्कारी ढंग से हो गई रजिस्ट्री और नामांतरण

आखिर किसने दीअनुमति?..
किसने जारी किया बिक्री नकल?...
कैसे हो गई रजिस्ट्री और नामांतरण?....
https://ku24.in/raigharh-news-kotwars-service-land-was-fraudulently-occupied-serious-questions-raised-on-the-entire-process-of-purchase-and-sale/

#रायगढ़ | शासन की सेवा भूमि को लेकर एक बार फिर प्रशासन की कार्यशैली और रजिस्ट्री कार्यालय की निष्क्रियता कटघरे में है। ग्राम दर्रामुड़ा की कोटवार सेवा भूमि खसरा नंबर 375/1 रकबा 0.405 हेक्टेयर को लेकर गंभीर फर्जीवाड़ा और मिलीभगत सामने आई है, जिसमें क्रेता, विक्रेता, पटवारी और रजिस्ट्री कार्यालय की भूमिका संदेह के घेरे में है।

कमिश्नर और कलेक्टर दोनों ने नकारा, फिर कैसे हो गई बिक्री?....
प्रकरण का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि इस भूमि को विक्रय के लिए दो बार प्रयास किया गया था जिसे तत्कालीन जिला कलेक्टर और फिर बिलासपुर कमिश्नर कार्यालय ने यह कहकर सिरे से खारिज कर दिया था कि यह सेवा भूमि कोटवार के जीविकोपार्जन हेतु आरक्षित है और इसे बेचा नहीं जा सकता। इसके बावजूद, "किस जादुई आदेश" से यह जमीन न केवल रजिस्टर्ड हुई बल्कि नामांतरण भी हो गया — यह प्रशासन की निष्क्रियता और गहरे भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।

गवाही, इकरारनामे और पैसे की किश्तों से जुड़ी लंबी फेहरिस्त...
पीड़ित द्वारका प्रसाद सोनी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ों के अनुसार, वर्ष 2013 से लेकर 2022 तक जमीन गिरवी, बिक्री के लिए कई बार इकरारनामा किया गया, जिसमें अलग-अलग किस्तों में विक्रेता कैलाश चौहान और उसके पुत्र राजू चौहान ने लगभग दो लाख रुपये प्राप्त किए। ये सभी इकरारनामे व नकद लेन-देन के सबूतों के साथ दस्तावेज़ी प्रमाण उपलब्ध हैं। बावजूद इसके प्रशासन ने इन तथ्यों की पूरी तरह अनदेखी की और फर्जी घोषणा के आधार पर जमीन को विवाद रहित बता दिया गया।

फर्जी घोषणा, कब्जाधारी को किया दरकिनार....
रजिस्ट्री और नामांतरण दस्तावेजों में यह झूठा उल्लेख किया गया कि जमीन किसी के कब्जे में नहीं है और न ही बंधक है, जबकि पीड़ित पिछले 11 वर्षों से उस पर काबिज है और निरंतर कृषि कर रहा है। यह तथ्य न केवल दस्तावेजी धोखाधड़ी को दर्शाता है, बल्कि प्रशासन द्वारा मामले की उचित जांच न किए जाने की भी पुष्टि करता है।

प्रशासनिक मिलीभगत की खुली किताब...
सवाल यह उठता है कि जब एक भूमि के विक्रय पर कलेक्टर और कमिश्नर ने दो बार आपत्ति जताकर आवेदन खारिज कर दिया था, तो तीसरी बार कौन-से नियम के तहत अनुमति दी गई? क्या यह मामला प्रशासनिक लापरवाही का है या फिर सोची-समझी मिलीभगत का, जिससे शासन की सेवा भूमि को निजी लाभ के लिए बेचा गया?

न्याय की गुहार:
पीड़ित द्वारका प्रसाद सोनी ने अनुविभागीय अधिकारी से अपील की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर विक्रय रजिस्ट्री और नामांतरण को निरस्त किया जाए और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।

मितानिनों का आर-पार का ऐलान: 7 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल, रायपुर की सड़कों पर उतरेंगी हजारों महिलाएं....सरकार की वाद...
26/07/2025

मितानिनों का आर-पार का ऐलान: 7 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल, रायपुर की सड़कों पर उतरेंगी हजारों महिलाएं....

सरकार की वादाखिलाफी से नाराज़, मांगें पूरी न होने तक धरना जारी रखने की चेतावनी।

रायपुर/लैलूंगा। राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था का आधार कही जाने वाली मितानिनें अब सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की तैयारी में हैं। 2023 के चुनावी वादों को अब तक लागू न करने से आक्रोशित मितानिन, प्रशिक्षक, फैसिलिटेटर और ब्लॉक कोऑर्डिनेटर 7 अगस्त से नवा रायपुर के ग्राम तुता में अनिश्चितकालीन कामबंद-कलमबंद आंदोलन शुरू करेंगी। इससे पहले 29 जुलाई को राज्यस्तरीय सांकेतिक प्रदर्शन कर सरकार को अंतिम चेतावनी दी जाएगी।

लैलूंगा में गूंजा विरोध...
रायगढ़ जिले के लैलूंगा ब्लॉक में 500 से अधिक मितानिनों ने “NHM में सविलियन चाहिए” और “50% वेतन वृद्धि लागू करो” जैसे नारों के साथ जोरदार प्रदर्शन किया। तख्तियों और पारंपरिक वेशभूषा में महिलाएं सरकार को चेताती नजर आईं कि अब और अनदेखी नहीं सहेगी। उनकी मांग है कि मितानिनों का NHM में नियमितीकरण किया जाए और 50% मानदेय वृद्धि तत्काल लागू हो ।

13 महीनों से वेतन संकट...
मितानिनों का आरोप है कि पिछले एक साल से वेतन भुगतान अनियमित है। 3-4 माह में एक बार मिलने वाले मानदेय से जीवनयापन कठिन हो चुका है। निजी संस्था के हाथों NHM संचालन सौंपे जाने से असुरक्षा की भावना बढ़ी है।

आंदोलन का असर....
गर्भवती महिलाओं की देखरेख, नवजात की निगरानी, टीकाकरण, दवा वितरण जैसे ग्रामीण स्वास्थ्य कार्य प्रभावित होंगे। गांव-गांव की स्वास्थ्य सेवाएं ठप होने का खतरा है।

मुख्यमंत्री से सीधी अपील....
संघ ने मुख्यमंत्री विष्णु साय को पत्र लिखकर चुनावी वादों पर अमल की मांग की है। चेताया है कि जल्द निर्णय न हुआ तो रायपुर की सड़कों पर हजारों मितानिनें डेरा डालेंगी।

अब नहीं तो कभी नहीं की हुंकार के साथ मितानिनें आर-पार की लड़ाई में उतर चुकी हैं। सरकार की अगली प्रतिक्रिया तय करेगी कि यह आंदोलन कितना व्यापक रूप लेता है।

आंधी-तूफान के तांडव से दहले चार गांव, हजारों पेड़ धराशायी गरीबों के आशियाने उजड़े, बिजली व्यवस्था चरमराई....रायगढ़/पुसौर...
26/07/2025

आंधी-तूफान के तांडव से दहले चार गांव, हजारों पेड़ धराशायी

गरीबों के आशियाने उजड़े, बिजली व्यवस्था चरमराई....

रायगढ़/पुसौर – 23 जुलाई की शाम को प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया। पुटकापुरी, बासनपाली, राईतराई और कौवा ताल जैसे शांत ग्रामीण अंचलों में अचानक आंधी-तूफान ने ऐसा कहर बरपाया कि महज 5 मिनट में पूरे इलाके में तबाही का मंजर छा गया।

इस अप्रत्याशित और प्रचंड तूफान ने खेत-खलिहानों से लेकर गांव की गलियों तक तबाही मचा दी। वर्षो पुराने विशाल वृक्ष जड़ से उखड़ गए, तो वहीं हजारों की संख्या में पेड़ धराशायी हो गए। बिजली के खंभे और तार जमीन पर आ गिरे। कहीं छतें उड़ गईं, तो कहीं दीवारें ढह गईं। सबसे अधिक मार गरीबों पर पड़ी है जिनके कच्चे मकान तूफान की पहली मार में ही चकनाचूर हो गए। कुदरत के इस क्रूर प्रहार ने गांवों में त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न कर दी।

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय सरपंचों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया। तत्पश्चात, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी जीवन पटेल, पुर्व विधायक प्रत्याशी खरसीया महेश साहू, मंडल अध्यक्ष सनत नायक ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और तत्काल रायगढ़ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी एवं एसडीएम महेश शर्मा को सूचित किया। कलेक्टर चतुर्वेदी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एसडीएम को गांवों में राहत और क्षति का आंकलन करने का आदेश जारी किया। प्रशासन की टीम अब मौके पर पहुंच चुकी है और प्रभावित परिवारों को प्राथमिक सहायता व पुनर्वास का प्रयास किया जा रहा है।

मगर सवाल यह है कि क्या सिर्फ पंचनामा भर देने से इन टूटे आशियानों की पीड़ा मिट पाएगी? क्या इन गांवों के मासूमों की टूटी नींद और उजड़ी छतों को वक़्त भर पाएगा? प्रशासन की तत्परता सराहनीय है, लेकिन ज़मीनी राहत की सच्चाई पर नजर रखना अब जनता की निगरानी का विषय बन चुका है।।

ब्रेकिंग न्यूज | तेज रफ्तार ट्रक ने कार को रगड़ा, दरवाजा उखड़ा, काशीराम चौक पर अफरा-तफरीRaigarh Police Chhattisgarh Poli...
24/07/2025

ब्रेकिंग न्यूज | तेज रफ्तार ट्रक ने कार को रगड़ा, दरवाजा उखड़ा, काशीराम चौक पर अफरा-तफरी
Raigarh Police Chhattisgarh Police छत्तीसगढ़ पुलिस

रायगढ़ | दोपहर करीब 1 बजे काशीराम चौक स्थित सिग्नल के पास एक बड़ी दुर्घटना टलते-टलते रह गई। सड़क किनारे बने ब्रेकर के पास धीरे चल रही एक कार को पीछे से तेज रफ्तार भारी वाहन ने ठोकर मार दी। कार सवार लोगों ने जैसे ही ट्रक को रोकने की कोशिश की, चालक और तेज रफ्तार में ट्रक लेकर फरार हो गया।

हादसे में कार का दरवाजा ट्रक से रगड़कर पूरी तरह उखड़ गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार और ट्रक दोनों छातामुड़ा चौक से उड़ीसा रोड की ओर जा रहे थे। जैसे ही काशीराम चौक पर ब्रेकर के पास कार की रफ्तार कम हुई, ट्रक ने सटकर टक्कर मार दी। कार सवार लोग डर के बावजूद ट्रक को रोकने की कोशिश करते रहे लेकिन ट्रक चालक कनकपुरा रोड की ओर तेज रफ्तार में भाग निकला।

घटना के तुरंत बाद कार का चालक खुद भी घायल वाहन से उतरकर ट्रक का पीछा करने दौड़ा। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और भागते ट्रक की तस्वीरें भी लीं। तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि ट्रक पर “एडवोकेट” लिखा हुआ है। कार का नंबर: CG-13 AZ-7500 तथा ट्रक नंबर: OD-09 U-1116 अंकित है।

फरार ट्रक चालक की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। घटना के बाद चौक पर कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल रहा।

स्वास्थ्य केंद्र बना शयन कक्ष , डॉक्टर और स्टाप नींद में गाफिल ।जनता का स्वास्थ्य ऐसे सिस्टम के भरोसे?...सोता रहा डॉक्टर...
23/07/2025

स्वास्थ्य केंद्र बना शयन कक्ष , डॉक्टर और स्टाप नींद में गाफिल ।

जनता का स्वास्थ्य ऐसे सिस्टम के भरोसे?...

सोता रहा डॉक्टर और भटकते रहे मरीज़

जगदलपुर। सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तोकापाल का एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसने छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि जहां मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं, वहीं डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी नींद में गाफिल हैं। ये स्वास्थ्य केंद्र अब बीमारों का सहारा नहीं, बल्कि कर्मचारियों के सोने और आराम करने का शयनकक्ष बन चुका है

स्वास्थ्य केंद्र में ‘इलाज नहीं, आराम जरूरी’ का माहौल
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि डॉक्टर और स्टाफ अपने कक्षों में मौजूद नहीं हैं, और जिन रूमों में वे होने चाहिए, उनमें या तो ताले लटके हैं या फिर वे खाली हैं। जो मौजूद भी हैं, वे न तो मरीजों की फिक्र कर रहे हैं, न ही किसी चिकित्सा कार्य में दिखते हैं। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, डॉक्टर और स्टाफ केवल दो घंटे सुबह 11 बजे से 1 बजे तक स्वास्थ्य केंद्र में दिखाई देते हैं। बाकी समय वे या तो आराम फरमाते हैं या गायब रहते हैं।

मरीजों की पीड़ा से अनजान सिस्टम...
बीमार और जरूरतमंद लोग डॉक्टर के बाहर घंटों बैठकर इंतजार करते हैं, पर इलाज नहीं मिलता। यह स्थिति सिर्फ एक दिन की नहीं है बल्कि यह रोज का दृश्य बन चुका है। न जांच, न दवा, न देखभाल। मरीजों के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है, और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही जान जोखिम में डाल रही है।

क्या जिला प्रशासन सो रहा है?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब ऐसी स्थिति लंबे समय से बनी हुई है, तो क्या स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन भी नींद में है? वीडियो के वायरल होने के बाद भी अगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, तो यह भ्रष्टाचार और लापरवाही की खुली छूट मानी जाएगी। सरकारी अस्पताल का यह हाल दर्शाता है कि जनता की सेहत से कैसे खिलवाड़ किया जा रहा है। अगर स्वास्थ्य केंद्र "आरामगाह" और "शयन कक्ष" बन जाएंगे, तो आम आदमी इलाज के लिए कहाँ जाए?

ज़रूरी है कठोर कार्रवाई...
अब समय आ गया है कि स्वास्थ्य विभाग केवल नोटिस या पूछताछ तक सीमित न रहे, बल्कि ज़िम्मेदार डॉक्टरों और कर्मचारियों पर तत्काल निलंबन और विभागीय जांच की कार्रवाई की जाए।

15/06/2025

Facebook पर मेरी मौजूदगी के 5 साल पूर्ण हुए, सपोर्ट करने के लिए आप सभी का धन्यवाद. आपके सपोर्ट के बिना मेरे लिए यह कर पाना संभव नहीं था। पत्रकारिता 🙏🤗🎉

06/02/2025

खबर कवरेज के दौरान पत्रकारों से अभद्रता....
देखीए लाइव रिपोर्टिंग...।👇
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पत्रकारों पर सत्ता समर्थित गुंडागर्दी: थाना के सामने खुलेआम मारपीट, प्रशासन मौन? रायगढ़/ रायगढ़ जिले के जुटमिल थाना क्षे...
06/02/2025

पत्रकारों पर सत्ता समर्थित गुंडागर्दी: थाना के सामने खुलेआम मारपीट, प्रशासन मौन?

रायगढ़/ रायगढ़ जिले के जुटमिल थाना क्षेत्र में बीती शाम जो हुआ, उसने न केवल कानून व्यवस्था की पोल खोल दी बल्कि यह भी दिखाया कि सत्ता का नशा कैसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कुचलने की कोशिश कर रहा है। भाजपा नेता रविंद्र भाटिया के गुंडा पुत्र तरनजीत भाटिया और उसके साथियों ने समाचार कवरेज कर रहे पत्रकारों पर सरेआम हमला किया, अश्लील गालियां दीं और धक्कामुक्की कर मारपीट की।

घटना थाना भवन के ठीक सामने घटी, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुलिस प्रशासन मौन दर्शक बना रहा। स्थानीय लोगों के बीच-बचाव करने के बावजूद आरोपी बेखौफ नजर आए, जिससे साफ पता चलता है कि उन्हें सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।

पत्रकारों के साथ गुंडागर्दी: सत्ता का अभयदान?...
पत्रकार राजा खान, दीपक शोमवानी, और मनीष सिंह (खबर उजागर) जब एक घटना को कवर कर रहे थे, तभी तरनजीत भाटिया, अंशु राजपूत, अंकुर ठाकुर और उनके अन्य 4-5 साथियों ने न केवल पत्रकारों को गालियां दीं, बल्कि उन्हें धमकाया भी—"साइड हट ले, नहीं तो एक फटके में गिरा दूंगा!"

यह बयान सत्ता के मद में चूर एक नेता के बेटे के बेलगाम होने की कहानी कहता है। सवाल यह उठता है कि क्या अब पत्रकारों को रिपोर्टिंग करने के लिए भी माफियाओं की इजाजत लेनी होगी?

आरोपी आदतन अपराधी, फिर भी पुलिस मौन क्यों?...
यह पहली बार नहीं है जब इस गिरोह ने गुंडई की है। बताया जा रहा है कि तरनजीत भाटिया और उसके दो सहयोगी पहले से ही अपराधी प्रवृत्ति के हैं, लेकिन प्रशासन उनके खिलाफ कोई सख्त कदम उठाने से डरता है या जानबूझकर अनदेखा कर रहा है।

इस घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है, जिससे साफ पता चलता है कि अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं है। सवाल यह उठता है कि जब थाने के सामने यह गुंडागर्दी हो सकती है, तो आम जनता की सुरक्षा की क्या उम्मीद की जा सकती है?

पत्रकारों में भय, लेकिन क्या प्रशासन जागेगा?...
इस बर्बर हमले से पत्रकारों में दहशत का माहौल है। उनकी मानसिक और सामाजिक छवि पर गहरा आघात पहुंचा है। यदि लोकतंत्र में पत्रकार ही सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो फिर आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या गारंटी होगी?

अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है या फिर यह भी एक और उदाहरण बनकर रह जाएगा कि कैसे सत्ता समर्थित गुंडागर्दी बेलगाम होती जा रही है!

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गांव की एकता की अनूठी पहल: ग्राम पंचायत तेन्दूमुड़ी ने फिर रचा इतिहास , लगातार दूसरी बार निर्विरोध निर्वाचित हुई पूरी पं...
04/02/2025

गांव की एकता की अनूठी पहल: ग्राम पंचायत तेन्दूमुड़ी ने फिर रचा इतिहास , लगातार दूसरी बार निर्विरोध निर्वाचित हुई पूरी पंचायत।

खरसिया। लोकतंत्र की असली ताकत जनसहमति और आपसी भाईचारे में निहित होती है, और इसका जीता-जागता उदाहरण एक बार फिर ग्राम पंचायत तेन्दूमुड़ी ने पेश किया है। खरसिया जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली इस ग्राम पंचायत ने अनूठा इतिहास रचते हुए लगातार दूसरी बार पूरे पंचायत निर्वाचन को निर्विरोध संपन्न किया। यहां सरपंच से लेकर सभी वार्ड पंचों का चुनाव बिना किसी प्रतिस्पर्धा के पूर्ण सहमति से हुआ, जिससे पूरे क्षेत्र में हर्ष और गर्व का माहौल बना हुआ है।

*लोकतांत्रिक एकता और सहमति का प्रतीक बना तेन्दूमुड़ी...*
गांववासियों ने आपसी समरसता, भाईचारे और सहयोग की भावना को प्राथमिकता देते हुए सर्वसम्मति से अपने जनप्रतिनिधियों का चयन किया। यह कदम न केवल ग्राम पंचायत की एकता को दर्शाता है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक मिसाल भी पेश करता है कि कैसे एकता और समझदारी से प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल और विवादरहित बनाया जा सकता है।

तेन्दूमुड़ी गांव के नागरिकों ने आपस में बैठक कर तय किया कि इस बार भी पूरे गांव की पंचायत निर्विरोध चुनी जाएगी। सभी इच्छुक उम्मीदवारों ने आपसी सहमति से नामांकन किया, और अंततः नामांकन वापसी के अंतिम दिन यह घोषणा हुई कि सभी पदों पर निर्विरोध चयन हो चुका है। इससे पूर्व भी इसी गांव ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया था, और अब लगातार दूसरी बार ऐसा कर ग्रामवासियों ने लोकतांत्रिक चेतना और जागरूकता का परिचय दिया है।

*नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधि...*
ग्राम पंचायत तेन्दूमुड़ी की नई पंचायत के लिए निर्विरोध चुने गए प्रतिनिधि इस प्रकार हैं:

सरपंच: श्रीमती सविता खेमराज राठिया

वार्ड पंच:
1. मानकुंवर / अमृतलाल
2. मोहनलाल / आत्मा राम राठिया
3. लक्ष्मी बाई / गंगा प्रसाद राठिया
4. संतोषी / प्रेमलाल राठिया
5. शांति बाई / श्यामलाल राठिया
6. हीरालाल / बेदराम राठिया
7. घनश्याम / रंजीत राठिया
8. मानकुंवर / धना राम राठिया
9. दशोदा बाई / करमसिंह चौहान
10. कुंती बाई / रथलाल राठिया

*गांव के लिए गर्व का क्षण, अन्य गांवों के लिए प्रेरणा...*
तेन्दूमुड़ी ग्रामवासियों का यह निर्णय बताता है कि जब समाज आपसी सहयोग, समर्पण और सेवा की भावना को प्राथमिकता देता है, तो लोकतंत्र और अधिक मजबूत होता है। निर्विरोध चुनाव के कारण पंचायत के प्रशासनिक कार्यों में सहजता आएगी और विकास कार्यों की गति और अधिक तेज होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के निर्विरोध निर्वाचन न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल बनाते हैं, बल्कि अनावश्यक राजनैतिक तनाव, मतभेद और खर्च को भी कम करती है।

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पत्रकार पर जानलेवा हमले के मामले में FIR दर्ज होने के बावजूद आरोपियों की क्यों नहीं हो रही गिरफ्तारी...क्या पूर्व विधायक...
09/08/2024

पत्रकार पर जानलेवा हमले के मामले में FIR दर्ज होने के बावजूद आरोपियों की क्यों नहीं हो रही गिरफ्तारी...

क्या पूर्व विधायक की राजनीतिक रसूख के आगे पुलिस का कद हुआ बौना...

अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर प्रदेश के किया धरना प्रदर्शन।
CMO Chhattisgarh Chhattisgarh Police छत्तीसगढ़ पुलिस

बालोद। पत्रकार पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने में हाथ पांव क्यों फूल रहे है थाना प्रभारी टीएस पट्टावी के। आखिर किस बात की घबराहट है थाना प्रभारी को? किसने मना पर रखा है, कार्यवाही के लिए? पत्रकार पर हुए जानलेवा हमले को कई दिन बीत चुके है और हमलावर खुलेआम घूम रहे है वही पत्रकार संगठन भी इस मामले को लेकर पुलिस के जिम्मेदारों तक अपनी गुजारिश रख चुका है।

पत्रकारों ने घटना पर नाराजगी जताते हुए गुरुर पुलिस पर अपराधियों का साथ देने की बात पर नाराजगी जताते गुरुर में सड़क किनारे धरना दिया। जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम "जबर थाना घेराव" में धरना प्रदर्शन और थाना घेराव के सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। 30 जुलाई 2024 की घटना के नौ दिन बाद भी हमलावरों की गिरफ्तारी ना होने से वे नाराज थे।

गुरुर में न्याय व्यवस्था चरमरा गई है, अगर जल्द पीड़ित पत्रकार को न्याय नहीं मिला तो जल्द ही उग्र आंदोलन कर मुख्य मंत्री और गृह मंत्री निवास का घेराव किया जाएगा।

"खाता न बही, वर्दी जो करे, वहीं सही।" यह कहावत बालोद जिले के गुरुर थाने के थाना प्रभारी तूल सिंह पट्टावी पर सटीक बैठती है। जो अपने निजी लाभ के चलते एक तरफा कार्यवाही करने को लेकर चर्चा में रहते है। जहां पुलिस ने पत्रकार पत्रकार पर हुए कातिलाना हमले के मामले में दिखावटी कार्यवाही की और किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नही किया है। पत्रकार विनोद नेताम ने बताया कि पूर्व विधायक भैयाराम सिन्हा, सुमित राजपूत, साजन पटेल, ओंकार महल्ला, तुलेश सिन्हा और अन्य लोगों ने गाली गलौज करते हुए जानलेवा हमला कर जान से मारने की कोशिश की थी।

बता दें कि बालोद जिले के गुरुर थाना क्षेत्र में दिन दहाड़े एक पत्रकार पर कातिलाना हमला हुआ जिसके बाद पत्रकार अधमरी हालत में कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती भी रहा, लेकिन गुरुर पुलिस थाना प्रभारी तूल सिंह पट्टावी के द्वारा कई दिन बीत जाने के बाद भी हमलावर आरोपियों को गिरफ्तार नही किया गया हैं। जानकारी के मुताबिक गुरुर पुलिस थाना प्रभारी तूल सिंह पट्टावी द्वारा आरोपियों को जान बुझकर गिरफ्तार नही किया जा रहा था जिससे कि पत्रकार पर जानलेवा हमले के आरोपी कोर्ट से अग्रिम जमानत ले सके। थाना प्रभारी अपने मंसूबे में सफल भी रहे जिसके बाद पत्रकार पर हुए कातिलाना हमले के मुख्य आरोपी पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा ने कोर्ट से अग्रिम जमानत भी ले ली।

जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल व प्रदेश से कई जगह से आए पत्रकारों ने गुरुर थाने के करीब धरना दिया और थाना घेराव करने की कोशिश की। गुरुर के पत्रकार विनोद नेताम पर हुए कातिलाना हमले पर अपराधियों की गिरफ्तारी ना होने के विरोध में था। हालांकि इस मामले में थाना घेराव करने आ रहे विशाल जन समूह को रास्ते में ही रोक लिया जिसके बाद सड़क पर ही पुलिस के आला अधिकारी सीएसपी बागडे और सीएसपी चित्रा वर्मा ने जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल और वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला, पत्रकार विनोद नेताम, पत्रकार जितेंद्र जायसवाल, पत्रकार अमित मंडावी से बात की जिसके बाद जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद मामला ठंडा हुआ।

धरना प्रदर्शन स्थल पर जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के नेताओं और पत्रकारों ने लोगो को संबोधित किया। जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल ने कहा कि पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा और साथियों द्वारा वरिष्ठ पत्रकार विनोद नेताम पर जानलेवा हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि पत्रकार विनोद नेताम के ऊपर जानलेवा हमला किया गया जो निराशाजनक व निंदनीय है। छत्तीसगढ़ सहित शहर में कानून व्यवस्था चरमरा गई है।

कांकेर से आए वरिष्ट पत्रकार कमल शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कानून का भय समाप्त हो चुका है। कानून व्यवस्था लचर हो गई है। छत्तीसगढ़ में पत्रकार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसे छत्तीसगढ़ सरकार की नाकामी कहेंगे। सरकार को इस मामले में दोषियों के ऊपर कड़ी जांच पड़ताल और कार्रवाई करनी चाहिए। हम पत्रकार के ऊपर हमले की निंदा करते हैं। यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

रायपुर से आए पत्रकार जितेंद्र जायसवाल ने कहा कि पत्रकारों के ऊपर लगातार हमले से पत्रकारों के बीच भय का माहौल व्याप्त है, जो बहुत ही दुखद है। पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर जनता की सेवा में लगे रहते हैं एवं समाज के सामने अपराधियों का पर्दाफाश भी करते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। विगत वर्षों में राज्य में कई पत्रकार ऐसी घटना के शिकार हुए हैं।

पत्रकारों और जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मांग की है कि पत्रकारों की सुरक्षा हेतु आवश्यक कार्रवाई कर उन्हें पूर्ण सुरक्षा संरक्षण दिया जाए। जिससे कि वह अपना कार्य पूरी निष्ठा के साथ कर सकें। पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है।

वही सत्तासीन राजनीतिक पार्टी भाजपा के युवा विंग भी इस मामले पर जिले में धरना प्रदर्शन कर पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा का पुतला दहन भी कर चुके है। भाजपा के बालोद जिले के कद्दावर नेता राकेश यादव भी इस मामले पर बयान जारी कर चुके है कि मीडियाकर्मी पर जानलेवा हमला निंदनीय है। बता दें कि घटना मंगलवार 30 जुलाई की है जहां गुरूर मुख्यालय में ग्राम परसुली निवासी आदिवासी पत्रकार विनोद नेताम पर प्राणघातक हमला किया गया। कुछ लोगों और साथियों ने घायल पत्रकार को अस्पताल में भर्ती करवाया। हमले से विनोद नेताम के सिर पर गहरी चोट आई थी। विनोद नेताम से मारपीट मामले में पूर्व विधायक भैय्या राम सहित 5 लोगों के खिलाफ गुरूर थाने में धारा 191 (2), 296, 115 (2), 351(2) (3),140 (3) के तहत अपराध दर्ज किया गया था।

वे पत्रकार साथी अमित मंडावी के साथ गुरूर आकर मिष्ठान भंडार में नाश्ता कर रहे थे, तभी सुमित राजपूत और तुलेश सिन्हा जबरदस्ती अपने कार में बिठाकर पूर्व विधायक के कार्यालय में ले गए। बता दें कि पत्रकार विनोद नेताम को पर जानलेवा हमला करने की नियत से ये लोग इनके घर भी गए थे और उन्होंने पत्रकार विनोद नेताम की पत्नी और बच्चों के साथ भी बदतमीजी की।गुरुर में पत्रकार के ऊपर अपराधियों द्वारा किये गए प्राण घातक हमला के विरोध जिले के पत्रकार एक जुट हो गए है। प्रदेश में पत्रकारों पर बढ़ रहे हमले सुशासन पर गंभीर सवालिया निशान हैं। पत्रकारों ने कहा कि जिस राज्य में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया के साथी सुरक्षित नहीं हैं, उस राज्य की जनता भला कैसे सुरक्षित रहेगी। अपराधियों को चिन्हित कर उन्हें फौरन गिरफ्तार करने, घायल पत्रकार का सरकारी खर्च पर समुचित इलाज कराने एवं पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की मांग की गई है।

बता दे की गुरूर टीआई टीएस पट्‌टावी पत्रकार पर हुए हमले की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं कर रहे थे। काफी मशक्कत के बाद गुरूर टीआई ने उच्चाधिकारियों की फटकार पर पत्रकार विनोद नेताम पर हुए प्राणघातक हमले की रिपोर्ट दर्ज की है।

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वर्जन : "पत्रकार विनोद पर हुए जानलेवा हमले के संबंध में जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था। जिसके बाद उन्हें समझाईश देकर समझाया गया कि अतिशीघ्र पत्रकार पर हमला करने वाले अपराधियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा एवं पीड़ित पत्रकार विनोद नेताम को न्याय दिलाया जाएगा।"

राजेश बागड़े
एसडीओपी पुलिस, गुरुर

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