17/12/2024
# # # **छत्तीसगढ़ में B.Ed सहायक शिक्षकों की नौकरी पर संकट: सबके समर्थन की जरूरत**
छत्तीसगढ़ में हाई कोर्ट के एक फैसले ने B.Ed सहायक शिक्षकों के भविष्य पर गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। अदालत ने आदेश दिया है कि सभी B.Ed सहायक शिक्षकों को बिना किसी गलती के 14 दिनों के भीतर सेवा से हटा दिया जाए और उनकी जगह कम नंबर वाले D.Ed छात्रों को नौकरी दी जाए।
यह फैसला उन शिक्षकों के लिए गहरी चिंता का विषय है, जो सालों से अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं और शिक्षा के माध्यम से समाज के विकास में योगदान दे रहे हैं।
# # # **B.Ed सहायक शिक्षकों की मांग: समायोजन और न्याय**
B.Ed सहायक शिक्षक अब छत्तीसगढ़ सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनकी नौकरी बचाई जाए और उनके लिए उचित समाधान निकाला जाए। उनकी प्रमुख मांगें हैं:
1. **उन्हें नौकरी से ना निकाला जाए, बल्कि अन्य उपयुक्त पदों पर उनका समायोजन किया जाए।**
2. **उनके अनुभव और सेवाओं का सम्मान करते हुए शिक्षा विभाग में ही उन्हें बनाए रखा जाए।**
# # # **युवाओं और समाज से अपील: एकजुट होकर समर्थन करें**
यह केवल B.Ed सहायक शिक्षकों का मामला नहीं है। यह भविष्य में अन्य कर्मचारियों और युवाओं के लिए भी एक खतरनाक उदाहरण बन सकता है।
- अगर आज इन शिक्षकों को बिना गलती के नौकरी से हटाने का उदाहरण बन गया, तो कल किसी भी कर्मचारी को इसी तरह हटाया जा सकता है।
- इसलिए, जो छात्र अभी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें भी इन शिक्षकों का समर्थन करना चाहिए। यह न केवल शिक्षकों का बल्कि हर मेहनती युवा का भविष्य सुरक्षित रखने का प्रयास है।
# # # **शिक्षा और समाज पर पड़ेगा बड़ा असर**
1. अगर यह फैसला लागू हुआ, तो शिक्षा व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
2. स्कूलों में वर्षों से पढ़ा रहे अनुभवी शिक्षक हटेंगे, जिससे छात्रों की पढ़ाई बाधित होगी।
3. यह फैसला लाखों छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बन जाएगा।
# # # **सरकार से निवेदन: समाधान निकाले**
हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि:
- B.Ed सहायक शिक्षकों को उनकी सेवाओं से ना हटाया जाए।
- उन्हें शिक्षा विभाग में अन्य पदों पर समायोजित किया जाए।
- यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में बिना गलती के किसी कर्मचारी को नौकरी से हटाने का ऐसा उदाहरण न बने।
# # # **आइए, एकजुट होकर आवाज उठाएं**
B.Ed सहायक शिक्षक शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं। इन्हें हटाना न केवल उनके साथ अन्याय होगा, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय होगा।
- यह वक्त शिक्षकों के साथ खड़े होने का है।
- सरकार पर दबाव बनाने के लिए हर छात्र, शिक्षक, अभिभावक और समाज के जागरूक नागरिक को साथ आना होगा।
**आवाज उठाएं ताकि न्याय हो, शिक्षा बचे और मेहनत का सम्मान हो। आपका समर्थन ही उनकी ताकत है।**