20/04/2025
जिस तरह से एक हिजड़ा खुद को एक नारी से अधिक सुंदर दिखने के लिए अति श्रृंगार कर अपने शरीर के साथ अन्याय कर जाता है, उसी तरह एक कुण्ठाग्रस्त अज्ञानी हिन्दू अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने के चक्कर में अपने धर्म व संस्कृति के साथ अन्याय कर रहा है। इतिहास साक्षी है जब-जब किसी विदेशी आक्रमणकारी ने भारत देश पर आक्रमण किया तब-तब देश के अन्दर ऐसे ही स्वार्थी लोग उन आक्रांताओं का सहयोग अपने देश, धर्म व संस्कृति के विरुद्ध किया है।