Ajay Soni

Ajay Soni धारा के प्रतिकूल
कर्मशील, धर्म परायण

बहुत आसान सा परिचय है मेरा , पेशे से पत्रकार हूँ और लिखने के शौक को ब्लॉग व् फेसबुक पर पूरा कर लिया करता हूँ । जो दिखता है वो लिखने का आदि हूँ , इस तरह से लोगों के लिए फ़सादी हूँ।

10/09/2025
सोशल मीडिया का भेड़ चाल इसी को कहते हैं । किसी एक ने कुछ डाला नहीं और एक के बाद एक बिना सोचे समझे सब चेप्ने लगे एक ही पोस...
12/08/2025

सोशल मीडिया का भेड़ चाल इसी को कहते हैं । किसी एक ने कुछ डाला नहीं और एक के बाद एक बिना सोचे समझे सब चेप्ने लगे एक ही पोस्ट को ।
अफवाह है कि फेसबुक ने नए नियम बनाए हैं, जिनके तहत यूजर्स की तस्वीरें और निजी जानकारी का उपयोग किया जा सकता है, और अगर यह पोस्ट न डाली जाए तो माना जाएगा कि यूजर ने अनुमति दे दी है। और कुछ ग्यानी तो यह खबर टीवी पर प्रसारित हुई है या रात 9:20 बजे इस पर "आधिकारिक मुहर" लगी है ऐसा बता रहे हैं ।
अरे भाई कहाँ से लाते हो यह सब ?
दरअसल यह पूरी तरह से अफवाह है। फेसबुक या मेटा ने ऐसा कोई नया नियम लागू नहीं किया है।
इस तरह की पोस्ट पहले भी 2022, 2024 और 2025 की शुरुआत में वायरल हो चुकी हैं। जब आप फेसबुक पर अकाउंट बनाते हैं, तो आप उनकी शर्तों को पहले ही स्वीकार कर चुके होते हैं, जिसमें डेटा उपयोग की नीतियां शामिल हैं और आप उसे स्वीकार नहीं करते तो आप फेसबुक पर आ ही नहीं पाते । इस तरह के पोस्ट डालने से हांलाकि फेसबुक तो आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा लेकिन महाज्ञानी भाइयों और बहनों हैकर्स या फ्रॉड करने वाले लोग ऐसी पोस्ट का इस्तेमाल यूजर्स की भोली-भाली मानसिकता का फायदा उठाने के लिए कर सकते हैं, क्योंकि जो लोग ऐसी पोस्ट शेयर करते हैं, वे आसानी से ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
और यदि इतना ही आपको फेसबुक के डेटा से परेशानी है तो इतनी निजी चीजें डाल ही क्यों रहे हो सोशल मीडिया में ?
और यदि बचना ही है तो फेसबुक की प्राइवेसी सेटिंग्स में जाकर सेट कर दो कि आपके पोस्ट, फोटो, और जानकारी कौन देख सकता है।
ऑफ-फेसबुक एक्टिविटी बंद कर दो इससे फेसबुक आपकी अन्य वेबसाइट्स या ऐप्स की ब्राउजिंग का डेटा कम इकट्ठा करेगा। इसके अलावा फेसबुक से जुड़े उन ऐप्स को हटा दो जो भरोसेमंद नहीं हैं।
बेजबरन का कॉपी पेस्ट करने से बचिए और भेड़चाल का हिस्सा ना बनें ।

आदमी जब किसी ओहदे पर पहुंच जाता है ना तो थोड़ा नौटंकीबाज हो ही जाता है । तस्वीर में आप जिसे देख पा रहे हैं वो हैं विधायक ...
05/08/2025

आदमी जब किसी ओहदे पर पहुंच जाता है ना तो थोड़ा नौटंकीबाज हो ही जाता है । तस्वीर में आप जिसे देख पा रहे हैं वो हैं विधायक ईश्वर साहू ।
जी हां जो अपने बेटे के मरने से पहले , विधायक बनने से पहले मजदूरी किया करते थे।
तब खाली पैर दिन भर रोजी मजूरी करके परिवार चलाने वाले मजदूर को आज कांवड़ यात्रा में पैर में पट्टी बांधना पड़ जाए रहा है ।
ठाठ जरूर दिखावटी और बेढंगे हैं लेकिन मन से ये विधायक अब तक गरीब ही है और वो इसलिए कि बेटे का मुआवजा, विधायकी, फोकट में घर , फोकट में गाड़ी सब पाने के बाद भी इस भाजपा विधायक ने स्वेच्छानुदान की राशि अपने ही परिवारमे बांट दी और गरीबों का हक खा गया।
मन से अमीर बनो ईश्वर साहू जी विधायकी तो आज है और कल चली जायेगी क्योंकि भाजपा ने आपको नेता नही गिना वो सिर्फ अपनी एक सीट जिता लाये हैं आपको सामने रख के।
और दिमाग आपका अभी भी मजदूर का ही है इसलिए नौटंकी थोड़ा कम करो।
आप नाच गान का रील बनवाओ वो ज्यादा फबता है आप मे।

04/08/2025

https://youtu.be/ulLToL5QJcg?si=yoz_kReeTB1AGwqW

शिक्षा के नाम पर जबरिया उगाही।
कहाँ हैं जनहित की बात करने वाले नेता।
बच्चों की मानसिक प्रताड़ना की कहानी । जरूर देखें।

और हां सब्सक्राइब जरूर कीजियेगा।

निष्ठा टिफिन सर्विस घर का सात्विक शुद्ध भोजन ।एक बार सेवा का मौका जरूर दें।Call : 9202205691 ☎️
19/07/2025

निष्ठा टिफिन सर्विस
घर का सात्विक शुद्ध भोजन ।
एक बार सेवा का मौका जरूर दें।

Call : 9202205691 ☎️

07/07/2025

फिल्मो में अभिनय करते करते लोग यह भूल जाते हैं कि कब कहाँ कैसा अभिनय करना है ।
कंगना रनौत एक मुर्ख महिला है जो अब तक मूर्खता के वातावरण से बाहर नहीं आ पाई है ।
हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। लोग परेशान हैं, उनका सब कुछ उजड़ गया है।
मंडी की सांसद कंगना कई दिन बाद वहां पहुंचीं और हंसते हुए कहा- 'मैं क्या कर सकती हूं, मेरे पास कैबिनेट तो है नहीं'।
कंगना रनौत को वहां की जनता ने वोट दे कर जिताया है कुछ तो संवेदनशीलता रखना चाहिए ।

01/07/2025

मुद्दे की बात में आज सबसे जरूरी मुद्दा यही कि गोलीकांड का असल आरोपी संजय सिंह अब तक फरार कैसे ?

गर्व से कहो हम हिन्दू हैं का नारा बुलंद करने वाले हम सब लोगों के मुंह पर यह करारा तमाचा है।बीते दिनों उत्तर प्रदेश के इट...
24/06/2025

गर्व से कहो हम हिन्दू हैं का नारा बुलंद करने वाले हम सब लोगों के मुंह पर यह करारा तमाचा है।
बीते दिनों उत्तर प्रदेश के इटावा में हुई घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि इस देश में आज भी जातिप्रथा ख़तम नहीं हुई है और हम आज भी सिर्फ हिन्दू नहीं बल्कि ठाकुर , ब्राम्हण , वैश्य , जाट , यादव , कुर्मी फलाना ढेकाना में बंटे हुए हैं ।
किसी भी धर्म ग्रंथ , किसी भी पुराण में कहीं नहीं लिखा है कि केवल ब्राम्हणों को ही भागवत कथा पढ़ने का अधिकार है । ब्राम्हण वेदपाठी होते हैं वो पूजनीय होते हैं और धर्म से जुड़ाव की वजह से उनका व्यवहार भी क्षमा करने वाला होना चाहिए लेकिन पिछले दिनों हुई घटना से निश्चित तौर पर वो सभी ब्राम्हण दुखी होंगे जिन्होंने वेद पुराणों का अध्यन किया होगा ।
भागवत कथा बांचना मतलब धर्म का काम करना और फिर धर्म की बात चाहे ब्राम्हण करे या शूद्र या फिर वैश्य क्या फर्क पड़ता है । बीएस धर्म का प्रचार होना चाहिए ।
लेकिन इटावा की घटना में यादव जाती के कथावाचक से जिस तरह का सलूक किया गया , उनकी चोटी काट दी गई , उनका अपमान किया गया वो सही नहीं था और पूरी जिम्मेदारी से इस बात को सभी को कहना और लिखना चाहिए ।
भक्त प्रह्लाद ने भी राक्षस के घर जन्म लिया था लेकिन वो थे तो भक्त , विभीषण ने भी असुर कुल में जन्म लिया लेकिन वो थे तो आस्तिक ।
फिर क्या ही फर्टक पड़ता है कि कोई किसी भी जाती धर्म या कुल में जन्म ले ।
देखना यह चाहिए कि किसे धर्म का ज्ञान है और किसे धर्म का ज्ञान नहीं है ।
यह बात मुझे यहाँ कहना नहीं चाहिए लेकिन सीधे तौर पर कह रहा हूँ कि गायत्री परिवार के ज्यादातर लोग ब्राम्हण नहीं हैं लेकिन उन्हें धर्म का ज्ञान है और वो पूजा पाठ कराते हैं ।
धर्म किसी एक की ठेकेदारी नहीं है और इस तरह के मामलों में सर्वथा रोक लगनी चाहिए । और गर किसी को पसंद नहीं तो मामले को शालीनता से भी निपटाया जा सकता है ना कि इस तरह की हरकत कर के ।

सीधे तौर पर मूर्खों की जमात होती है यह भीड़ जो खुद को तो खतरे में डालती ही है साथ ही साथ उन बच्चों का जीवन भी खतरे में डा...
04/06/2025

सीधे तौर पर मूर्खों की जमात होती है यह भीड़ जो खुद को तो खतरे में डालती ही है साथ ही साथ उन बच्चों का जीवन भी खतरे में डालती है जिनको इन सबसे लेना देना कम होता है ।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की विक्ट्री परेड में भगदड़ मच गई। बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 8 लोगों की मौत हो गई है जबकि 24 लोग घायल हो गए हैं मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि ये सरकारी आंकड़ा है।

हादसा उस वक्त हुआ जब विधानसभा में टीम का सम्मान हो रहा था। इस दौरान भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
भगदड़ चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची, यहां पर भी हजारों फैंस मौजूद थे। भगदड़ से पहले ही एक बच्चा बेहोश हो गया था।

कुछ समय पहले पुष्पा मूवी के प्रमोशन में भी भगदड़ में मौत हुई थी , मंदिरों, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थलों में दर्शन करने वाले भी कई दफे भगदड़ में मर चुके हैं।

इतनी भीड़ में इस तरह की मूर्खता दिखाते हुए जाना ही क्यों जहाँ बात जान पर बन आये ।
और फिर क्रिकेट , फिल्म अभिनेताओं से मिलने की भगदड़ में मरने जाना तो सीधे तौर पर मूर्खता ही है ।

 #धाकड़_कांडये देश अब सोशल मीडिया के फेर में धीरे धीरे लगातार मूर्खों की जमात होता जा रहा है।सोशल मीडिया के भेड़चाल और कुछ...
28/05/2025

#धाकड़_कांड

ये देश अब सोशल मीडिया के फेर में धीरे धीरे लगातार मूर्खों की जमात होता जा रहा है।
सोशल मीडिया के भेड़चाल और कुछ कट्टर मुसलमान व कुछ कट्टर हिंदुओं की बुद्धि इतनी कुंद हो गई है कि वो क्या पोस्ट कर रहे हैं क्या शेयर कर रहे हैं ये उनको पता ही नहीं है।

ये लोग मजहबी आईटी सेल के वो भिखमंगे कार्यकर्ता हैं जिनको बस ऊपर से एक विषय दे दिया जाता है और वो उस सब्जेक्ट पर फोटो सहित ज्ञान चेप देते हैं ।
भले ही उस पोस्ट से किसी लड़की की जान जाती रहे उसकी इज्जत जाती रहे लेकिन इन जाहिलों को लाइक कमेंट और व्यू चाहिए।

वैसे तो कहने के लिए हिन्दू और मुसलमान दोनों के लिए उनके धर्म के महिलाओं की इज्जत मान मर्यादा को पर्याप्त तवज्जो दी गई है लेकिन बावजूद इसके दोनों ओर के ही कुछ मूर्ख लोग किसी भी महिला का टेक्निकल, वैचारिक बलात्कार करने में कमी नही कर रहे।

बीते दिनों मंदसौर के एक भाजपा नेता धाकड़ का 8 लेन पर संभोग करते हुए वीडियो जमकर वायरल हुआ।
उस मामला दर्ज भी हुआ और वो जमानत पर छूट भी गया।
लेकिन वो भाड़ में जाये।
उससे मुझे कोई लेना देना नहीं।

लेकिन अब सोशल मीडिया पर मुसलमान एक फोटो लगातार डाल रहे हैं कि धाकड़ कांड वाली लड़की मयूरी मिश्रा है । और हिन्दू लगातार डाल रहे हैं कि धाकड़ कांड वाली लड़की लुबना कुरैशी है।

अरे बावलों लड़की कोई भी हो तुमको लेना देना क्या है ?
और यदि कुछ लेना देना है भी तो परफेक्ट पता कर के कोई पोस्ट करो।
अब धाकड़ का दो लिंग तो होगा नहीं जो उसने दो लड़कियों से एक साथ संभोग किया होगा।
जाहिर सी बात है कि एक लड़की की फोटो गलत ही होगी।

तो बिना जानकारी क्यों टीआरपी के चक्कर मे किसी की बहन बेटी की इज्जत उछाल रहे हो जाहिलों।
दम है तो जाओ धाकड़ के पास और उससे वीडियो बनाकर कबूलनामा कराओ कि लड़की कौन थी ? और उसके बाद यदि औकात हो तो सोशल मीडिया में गंध मचाना।
और गर ऐसा नही कर सकते तो बन्द करो ये सब गलत जानकारी डालना।

सुधर जाओ रे चवन्नी छाप शेयरकर्ताओं और खुद का दिमाग लगाओ।
किसी दिन किसी ने कोर्ट में रेल दिया तो जमानत का पट्टा सिर्फ परिवार वाले ही खोजते फिरेंगे।
पार्टी और संगठन वाले नही।

अजय दिवान सोनी

   #पत्रकार बात तक़रीबन बीस साल पुरानी होगी। शाम का अखबार दैनिक हाइवे चैनल के ब्यूरो चीफ श्री राजेश अग्रवाल जी हुआ करते थ...
28/05/2025

#पत्रकार

बात तक़रीबन बीस साल पुरानी होगी।
शाम का अखबार दैनिक हाइवे चैनल के ब्यूरो चीफ श्री राजेश अग्रवाल जी हुआ करते थे।
रामाधीन मार्ग के एक कार्यालय में भीतर वो अपने आरटीओ का काम सम्हालते थे और बाहर बरामदे में खबरों को टाइप कर के प्रिंट निकाल के बस में डालने की जिम्मेदारी मेरी होती थी।

धीरे धीरे समय बदला , लोग ख़बरों में इंटरनेट का सहारा लेने लगे आंकड़े निकालने में ।
फिर एक समय आया जब धीरे धीरे यूट्यूब ने लोगों को पत्रकार बनने का मौक़ा दिया और ज्यादातर लोगों ने एक माइक हाथ में लेकर पत्रकारिता का धंधा चुन लिया ।
कुछ ने इस माध्यम से बहुत शानदार पत्रकारिता के आयाम गढ़े और कुछ लोग ...?
खैर छोड़िए।

अब आज जब एआई का युग आ चुका है तो लोगों ने सीधे चैट जीपीटी और ग्रोक भाई को इस काम में लगा दिया है और अचम्भे की बात यह है कि एडिटोरियल में बैठे वरिष्ठ पत्रकार और सम्पादक भी ए आइ से बनी ख़बरों को सीधे उठा कर अखबार में छाप दे रहे हैं।

पूरी बातों का कुल जमा खर्च यह है कि जब एआई से बनी ख़बरें छपने लगी हैं तो आंकड़ों की प्रमाणिकता का क्या ?
जब बच्चे और युवा एआई की भाषा ही पढ़ेंगे तो भविष्य में क्या वो ख़बरों के महत्त्व को समझ पाएंगे ?
और जब हर आदमी एआई के भरोसे खबर लिखने लगेगा तो असल पत्रकारिता का वजूद क्या रह जाएगा ?

ना मात्राओं में सुधार ना वर्तनी का ठिकाना ना व्याकरण की समझ लेकिन एआई के भरोसे जो सब लोग पत्रकार बने बैठे हैं वो ना सिर्फ भविष्य खराब कर रहे आने वाली पीढ़ी का बल्कि खुद का भी आईक्यू लेवल बर्बाद कर रहे हैं वो लोग।

जिसको बात समझ आ जायेगी उनके लिए ठीक है वरना अपने को क्या।
वैसे एक बात जो अकाट्य सत्य है उसे जान लीजिए कि लिखने के लिए निरन्तर पढ़ना आवश्यक है । और यदि आप पढ़ नहीं रहे सिर्फ लिख रहे तो पक्के तौर पर आप नकल मार रहे हैं और किसी ना किसी दिन जीवन के उड़नदस्ता के सपेडे में आप जरूर आएंगे ।

अजय दिवान सोनी

22/05/2025

सभी पत्नी पीड़ित पतियों को सादर समर्पित ।
डरो मत बुजदिलों आवाज उठाओ ।
🤣🤣

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