Ajay Soni

Ajay Soni धारा के प्रतिकूल
कर्मशील, धर्म परायण

बहुत आसान सा परिचय है मेरा , पेशे से पत्रकार हूँ और लिखने के शौक को ब्लॉग व् फेसबुक पर पूरा कर लिया करता हूँ । जो दिखता है वो लिखने का आदि हूँ , इस तरह से लोगों के लिए फ़सादी हूँ।

04/11/2025

इस आदमी से ज्यादा नीच, घटिया, असंवेदनशील, नपुंसक अधिकारी और कोई नही हो सकता। इसकी जितनी आलोचना की जाए वो कम है। सोशल मीडिया है करके इसको गाली नही दे रहा मैं। ये है बिलासपुर का डीसीएम जिसको दर्जन भर मौत से कोई मतलब नही। सैकड़ों लोग घायल हैं और इसको हंसी आ रहा है।

मैसेंजर में रोज किसी ना किसी का मैसेज रहता है कि भईया आजकल आप सिर्फ रील और वीडियो डाल रहे लिख क्यों नहीं रहे । फलाना लेख...
02/11/2025

मैसेंजर में रोज किसी ना किसी का मैसेज रहता है कि भईया आजकल आप सिर्फ रील और वीडियो डाल रहे लिख क्यों नहीं रहे ।
फलाना लेखक तो रोज लिख रहे ढेकाना लेखक तो रोज लिख रहे ।

तो भाई किस विषय पर लिखूं ?

और लिख कर किसको किसको नाराज करूँ क्यूंकि एकतरफा लिखना मेरी आदत नहीं और किसी को खुश करने के हिसाब से लिख कर माँ सरस्वती का अपमान मै करना नहीं चाहता ।

तो अब जब मैसेज किये हो तो लो पढ़ो ।

आये थे कल मोदी जी छत्तीसगढ़ में , कितने का विधानसभा बना , कितने की सौगात मिली यही सब लिख रहे चरण चुंबक लोग जबकि इस बात को किसी ने नहीं लिखा कि सत्य साईं अस्पताल में बच्चों की घड़ियों को छीनकर तोड़ दिया गया सुरक्षा के नाम पर ।
कौन देगा अब वापस उनको घड़ी ?

पूरे प्रदेश भर से आये कार्यकर्ताओं के गले की शोभा गमछे को सुरक्षा कारणों से उतरवा दिया गया और उसके विषय में किसी ने नहीं लिखा ।

तीजन बाई से अचानक बात करने का प्रोपोगेंडा रचा गया लेकिन उसके हालात के विषय में किसी ने नहीं लिखा ।

बड़ी बड़ी बातें की गई बड़े बड़े फ्लेट को लेकर लेकिन गरीबों की झोपड़ी और उनके आवास के विषय में किसी ने नहीं लिखा ।

तो अब इन सब पर क्या ही लिखना जिसे लोग पढ़ना ही नहीं चाह रहे ।

छत्तीसगढ़ में एक अलग सा माहौल बनाया जा रहा है जहाँ छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति कोई और तोड़ रहा है और अमित बघेल गाली किसी और के आराध्य को दे रहे और कुछ मूर्ख सरीखे लोग इसका समर्थन भी कर रहे ।
जवाब में एक सिंधी युवक ने अमित बघेल के अलावा गुरु घासीदास को गाली बक दिया ।
अब इन मूर्खतापूर्ण विषयों पर क्या ही लिखा जाए ।

क्यूंकि ये तो सीधे सीधे अराजकता बढ़ाने वाला काम हो रहा है और आम जनता प्रदेश को दंगों की आग में जलते देखने का इन्तजार कर रही है ।

इस देश प्रदेश में रोजी , रोजगार , उन्नति की बात करना अब मूर्खता है बस केवल धर्म जाती सम्प्रदाय राजनीति भीतरी बाहरी यही सब बात करो तो ठीक है और वो सब मै कर नहीं सकता इसलिए ज्यादा बेहतर होगा कि आम जनता के मुद्दों को सामने लाने का भरसक प्रयास किया जाए और वही सही भी है ।

इसलिए भाई जब समझ आएगा तो लिखा जाएगा लेकिन कमेंट बटोरने के लिए एकतरफा तो नहीं मतलब नहीं ही लिखा जाएगा ।

बहुत से अपने दूर जा रहे हैं । बीते पन्द्रह दिनों में यह तीसरी घटना है । सुनील पिल्ले नही रहा ।बीते लंबे समय से उससे मुला...
07/10/2025

बहुत से अपने दूर जा रहे हैं । बीते पन्द्रह दिनों में यह तीसरी घटना है ।
सुनील पिल्ले नही रहा ।
बीते लंबे समय से उससे मुलाकात नही हुई थी लेकिन एक समय था जब मैं बजरंग दल में था तो सुनील एक ऐसा बजरंगी था जो लड़ाका था।
किसी भी कार्यक्रम , किसी भी प्रदर्शन , किसी भी आयोजन में बिना किसी बहाने के सुनील आगे रहता।
बीच बीच मे मुझे मैसेज करके समाज को बदलने के बड़ी बड़ी बातें करता । नियम कानून से परे उसको बदलाव चाहिए था।
शहर का एक और अच्छा लड़का असमय काल के गाल में समा गया।
सादर नमन छोटे भाई।

20/09/2025

02 गुपचुप, गोलगप्पे कम मिलने पर सड़क पर बैठकर रोई महिला।

10/09/2025
सोशल मीडिया का भेड़ चाल इसी को कहते हैं । किसी एक ने कुछ डाला नहीं और एक के बाद एक बिना सोचे समझे सब चेप्ने लगे एक ही पोस...
12/08/2025

सोशल मीडिया का भेड़ चाल इसी को कहते हैं । किसी एक ने कुछ डाला नहीं और एक के बाद एक बिना सोचे समझे सब चेप्ने लगे एक ही पोस्ट को ।
अफवाह है कि फेसबुक ने नए नियम बनाए हैं, जिनके तहत यूजर्स की तस्वीरें और निजी जानकारी का उपयोग किया जा सकता है, और अगर यह पोस्ट न डाली जाए तो माना जाएगा कि यूजर ने अनुमति दे दी है। और कुछ ग्यानी तो यह खबर टीवी पर प्रसारित हुई है या रात 9:20 बजे इस पर "आधिकारिक मुहर" लगी है ऐसा बता रहे हैं ।
अरे भाई कहाँ से लाते हो यह सब ?
दरअसल यह पूरी तरह से अफवाह है। फेसबुक या मेटा ने ऐसा कोई नया नियम लागू नहीं किया है।
इस तरह की पोस्ट पहले भी 2022, 2024 और 2025 की शुरुआत में वायरल हो चुकी हैं। जब आप फेसबुक पर अकाउंट बनाते हैं, तो आप उनकी शर्तों को पहले ही स्वीकार कर चुके होते हैं, जिसमें डेटा उपयोग की नीतियां शामिल हैं और आप उसे स्वीकार नहीं करते तो आप फेसबुक पर आ ही नहीं पाते । इस तरह के पोस्ट डालने से हांलाकि फेसबुक तो आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा लेकिन महाज्ञानी भाइयों और बहनों हैकर्स या फ्रॉड करने वाले लोग ऐसी पोस्ट का इस्तेमाल यूजर्स की भोली-भाली मानसिकता का फायदा उठाने के लिए कर सकते हैं, क्योंकि जो लोग ऐसी पोस्ट शेयर करते हैं, वे आसानी से ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
और यदि इतना ही आपको फेसबुक के डेटा से परेशानी है तो इतनी निजी चीजें डाल ही क्यों रहे हो सोशल मीडिया में ?
और यदि बचना ही है तो फेसबुक की प्राइवेसी सेटिंग्स में जाकर सेट कर दो कि आपके पोस्ट, फोटो, और जानकारी कौन देख सकता है।
ऑफ-फेसबुक एक्टिविटी बंद कर दो इससे फेसबुक आपकी अन्य वेबसाइट्स या ऐप्स की ब्राउजिंग का डेटा कम इकट्ठा करेगा। इसके अलावा फेसबुक से जुड़े उन ऐप्स को हटा दो जो भरोसेमंद नहीं हैं।
बेजबरन का कॉपी पेस्ट करने से बचिए और भेड़चाल का हिस्सा ना बनें ।

आदमी जब किसी ओहदे पर पहुंच जाता है ना तो थोड़ा नौटंकीबाज हो ही जाता है । तस्वीर में आप जिसे देख पा रहे हैं वो हैं विधायक ...
05/08/2025

आदमी जब किसी ओहदे पर पहुंच जाता है ना तो थोड़ा नौटंकीबाज हो ही जाता है । तस्वीर में आप जिसे देख पा रहे हैं वो हैं विधायक ईश्वर साहू ।
जी हां जो अपने बेटे के मरने से पहले , विधायक बनने से पहले मजदूरी किया करते थे।
तब खाली पैर दिन भर रोजी मजूरी करके परिवार चलाने वाले मजदूर को आज कांवड़ यात्रा में पैर में पट्टी बांधना पड़ जाए रहा है ।
ठाठ जरूर दिखावटी और बेढंगे हैं लेकिन मन से ये विधायक अब तक गरीब ही है और वो इसलिए कि बेटे का मुआवजा, विधायकी, फोकट में घर , फोकट में गाड़ी सब पाने के बाद भी इस भाजपा विधायक ने स्वेच्छानुदान की राशि अपने ही परिवारमे बांट दी और गरीबों का हक खा गया।
मन से अमीर बनो ईश्वर साहू जी विधायकी तो आज है और कल चली जायेगी क्योंकि भाजपा ने आपको नेता नही गिना वो सिर्फ अपनी एक सीट जिता लाये हैं आपको सामने रख के।
और दिमाग आपका अभी भी मजदूर का ही है इसलिए नौटंकी थोड़ा कम करो।
आप नाच गान का रील बनवाओ वो ज्यादा फबता है आप मे।

04/08/2025

https://youtu.be/ulLToL5QJcg?si=yoz_kReeTB1AGwqW

शिक्षा के नाम पर जबरिया उगाही।
कहाँ हैं जनहित की बात करने वाले नेता।
बच्चों की मानसिक प्रताड़ना की कहानी । जरूर देखें।

और हां सब्सक्राइब जरूर कीजियेगा।

निष्ठा टिफिन सर्विस घर का सात्विक शुद्ध भोजन ।एक बार सेवा का मौका जरूर दें।Call : 9202205691 ☎️
19/07/2025

निष्ठा टिफिन सर्विस
घर का सात्विक शुद्ध भोजन ।
एक बार सेवा का मौका जरूर दें।

Call : 9202205691 ☎️

07/07/2025

फिल्मो में अभिनय करते करते लोग यह भूल जाते हैं कि कब कहाँ कैसा अभिनय करना है ।
कंगना रनौत एक मुर्ख महिला है जो अब तक मूर्खता के वातावरण से बाहर नहीं आ पाई है ।
हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। लोग परेशान हैं, उनका सब कुछ उजड़ गया है।
मंडी की सांसद कंगना कई दिन बाद वहां पहुंचीं और हंसते हुए कहा- 'मैं क्या कर सकती हूं, मेरे पास कैबिनेट तो है नहीं'।
कंगना रनौत को वहां की जनता ने वोट दे कर जिताया है कुछ तो संवेदनशीलता रखना चाहिए ।

01/07/2025

मुद्दे की बात में आज सबसे जरूरी मुद्दा यही कि गोलीकांड का असल आरोपी संजय सिंह अब तक फरार कैसे ?

गर्व से कहो हम हिन्दू हैं का नारा बुलंद करने वाले हम सब लोगों के मुंह पर यह करारा तमाचा है।बीते दिनों उत्तर प्रदेश के इट...
24/06/2025

गर्व से कहो हम हिन्दू हैं का नारा बुलंद करने वाले हम सब लोगों के मुंह पर यह करारा तमाचा है।
बीते दिनों उत्तर प्रदेश के इटावा में हुई घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि इस देश में आज भी जातिप्रथा ख़तम नहीं हुई है और हम आज भी सिर्फ हिन्दू नहीं बल्कि ठाकुर , ब्राम्हण , वैश्य , जाट , यादव , कुर्मी फलाना ढेकाना में बंटे हुए हैं ।
किसी भी धर्म ग्रंथ , किसी भी पुराण में कहीं नहीं लिखा है कि केवल ब्राम्हणों को ही भागवत कथा पढ़ने का अधिकार है । ब्राम्हण वेदपाठी होते हैं वो पूजनीय होते हैं और धर्म से जुड़ाव की वजह से उनका व्यवहार भी क्षमा करने वाला होना चाहिए लेकिन पिछले दिनों हुई घटना से निश्चित तौर पर वो सभी ब्राम्हण दुखी होंगे जिन्होंने वेद पुराणों का अध्यन किया होगा ।
भागवत कथा बांचना मतलब धर्म का काम करना और फिर धर्म की बात चाहे ब्राम्हण करे या शूद्र या फिर वैश्य क्या फर्क पड़ता है । बीएस धर्म का प्रचार होना चाहिए ।
लेकिन इटावा की घटना में यादव जाती के कथावाचक से जिस तरह का सलूक किया गया , उनकी चोटी काट दी गई , उनका अपमान किया गया वो सही नहीं था और पूरी जिम्मेदारी से इस बात को सभी को कहना और लिखना चाहिए ।
भक्त प्रह्लाद ने भी राक्षस के घर जन्म लिया था लेकिन वो थे तो भक्त , विभीषण ने भी असुर कुल में जन्म लिया लेकिन वो थे तो आस्तिक ।
फिर क्या ही फर्टक पड़ता है कि कोई किसी भी जाती धर्म या कुल में जन्म ले ।
देखना यह चाहिए कि किसे धर्म का ज्ञान है और किसे धर्म का ज्ञान नहीं है ।
यह बात मुझे यहाँ कहना नहीं चाहिए लेकिन सीधे तौर पर कह रहा हूँ कि गायत्री परिवार के ज्यादातर लोग ब्राम्हण नहीं हैं लेकिन उन्हें धर्म का ज्ञान है और वो पूजा पाठ कराते हैं ।
धर्म किसी एक की ठेकेदारी नहीं है और इस तरह के मामलों में सर्वथा रोक लगनी चाहिए । और गर किसी को पसंद नहीं तो मामले को शालीनता से भी निपटाया जा सकता है ना कि इस तरह की हरकत कर के ।

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