Ajay Soni

Ajay Soni धारा के प्रतिकूल
कर्मशील, धर्म परायण

बहुत आसान सा परिचय है मेरा , पेशे से पत्रकार हूँ और लिखने के शौक को ब्लॉग व् फेसबुक पर पूरा कर लिया करता हूँ । जो दिखता है वो लिखने का आदि हूँ , इस तरह से लोगों के लिए फ़सादी हूँ।

निष्ठा टिफिन सर्विस घर का सात्विक शुद्ध भोजन ।एक बार सेवा का मौका जरूर दें।Call : 9202205691 ☎️
19/07/2025

निष्ठा टिफिन सर्विस
घर का सात्विक शुद्ध भोजन ।
एक बार सेवा का मौका जरूर दें।

Call : 9202205691 ☎️

07/07/2025

फिल्मो में अभिनय करते करते लोग यह भूल जाते हैं कि कब कहाँ कैसा अभिनय करना है ।
कंगना रनौत एक मुर्ख महिला है जो अब तक मूर्खता के वातावरण से बाहर नहीं आ पाई है ।
हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। लोग परेशान हैं, उनका सब कुछ उजड़ गया है।
मंडी की सांसद कंगना कई दिन बाद वहां पहुंचीं और हंसते हुए कहा- 'मैं क्या कर सकती हूं, मेरे पास कैबिनेट तो है नहीं'।
कंगना रनौत को वहां की जनता ने वोट दे कर जिताया है कुछ तो संवेदनशीलता रखना चाहिए ।

01/07/2025

मुद्दे की बात में आज सबसे जरूरी मुद्दा यही कि गोलीकांड का असल आरोपी संजय सिंह अब तक फरार कैसे ?

गर्व से कहो हम हिन्दू हैं का नारा बुलंद करने वाले हम सब लोगों के मुंह पर यह करारा तमाचा है।बीते दिनों उत्तर प्रदेश के इट...
24/06/2025

गर्व से कहो हम हिन्दू हैं का नारा बुलंद करने वाले हम सब लोगों के मुंह पर यह करारा तमाचा है।
बीते दिनों उत्तर प्रदेश के इटावा में हुई घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि इस देश में आज भी जातिप्रथा ख़तम नहीं हुई है और हम आज भी सिर्फ हिन्दू नहीं बल्कि ठाकुर , ब्राम्हण , वैश्य , जाट , यादव , कुर्मी फलाना ढेकाना में बंटे हुए हैं ।
किसी भी धर्म ग्रंथ , किसी भी पुराण में कहीं नहीं लिखा है कि केवल ब्राम्हणों को ही भागवत कथा पढ़ने का अधिकार है । ब्राम्हण वेदपाठी होते हैं वो पूजनीय होते हैं और धर्म से जुड़ाव की वजह से उनका व्यवहार भी क्षमा करने वाला होना चाहिए लेकिन पिछले दिनों हुई घटना से निश्चित तौर पर वो सभी ब्राम्हण दुखी होंगे जिन्होंने वेद पुराणों का अध्यन किया होगा ।
भागवत कथा बांचना मतलब धर्म का काम करना और फिर धर्म की बात चाहे ब्राम्हण करे या शूद्र या फिर वैश्य क्या फर्क पड़ता है । बीएस धर्म का प्रचार होना चाहिए ।
लेकिन इटावा की घटना में यादव जाती के कथावाचक से जिस तरह का सलूक किया गया , उनकी चोटी काट दी गई , उनका अपमान किया गया वो सही नहीं था और पूरी जिम्मेदारी से इस बात को सभी को कहना और लिखना चाहिए ।
भक्त प्रह्लाद ने भी राक्षस के घर जन्म लिया था लेकिन वो थे तो भक्त , विभीषण ने भी असुर कुल में जन्म लिया लेकिन वो थे तो आस्तिक ।
फिर क्या ही फर्टक पड़ता है कि कोई किसी भी जाती धर्म या कुल में जन्म ले ।
देखना यह चाहिए कि किसे धर्म का ज्ञान है और किसे धर्म का ज्ञान नहीं है ।
यह बात मुझे यहाँ कहना नहीं चाहिए लेकिन सीधे तौर पर कह रहा हूँ कि गायत्री परिवार के ज्यादातर लोग ब्राम्हण नहीं हैं लेकिन उन्हें धर्म का ज्ञान है और वो पूजा पाठ कराते हैं ।
धर्म किसी एक की ठेकेदारी नहीं है और इस तरह के मामलों में सर्वथा रोक लगनी चाहिए । और गर किसी को पसंद नहीं तो मामले को शालीनता से भी निपटाया जा सकता है ना कि इस तरह की हरकत कर के ।

सीधे तौर पर मूर्खों की जमात होती है यह भीड़ जो खुद को तो खतरे में डालती ही है साथ ही साथ उन बच्चों का जीवन भी खतरे में डा...
04/06/2025

सीधे तौर पर मूर्खों की जमात होती है यह भीड़ जो खुद को तो खतरे में डालती ही है साथ ही साथ उन बच्चों का जीवन भी खतरे में डालती है जिनको इन सबसे लेना देना कम होता है ।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की विक्ट्री परेड में भगदड़ मच गई। बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 8 लोगों की मौत हो गई है जबकि 24 लोग घायल हो गए हैं मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि ये सरकारी आंकड़ा है।

हादसा उस वक्त हुआ जब विधानसभा में टीम का सम्मान हो रहा था। इस दौरान भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
भगदड़ चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची, यहां पर भी हजारों फैंस मौजूद थे। भगदड़ से पहले ही एक बच्चा बेहोश हो गया था।

कुछ समय पहले पुष्पा मूवी के प्रमोशन में भी भगदड़ में मौत हुई थी , मंदिरों, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थलों में दर्शन करने वाले भी कई दफे भगदड़ में मर चुके हैं।

इतनी भीड़ में इस तरह की मूर्खता दिखाते हुए जाना ही क्यों जहाँ बात जान पर बन आये ।
और फिर क्रिकेट , फिल्म अभिनेताओं से मिलने की भगदड़ में मरने जाना तो सीधे तौर पर मूर्खता ही है ।

 #धाकड़_कांडये देश अब सोशल मीडिया के फेर में धीरे धीरे लगातार मूर्खों की जमात होता जा रहा है।सोशल मीडिया के भेड़चाल और कुछ...
28/05/2025

#धाकड़_कांड

ये देश अब सोशल मीडिया के फेर में धीरे धीरे लगातार मूर्खों की जमात होता जा रहा है।
सोशल मीडिया के भेड़चाल और कुछ कट्टर मुसलमान व कुछ कट्टर हिंदुओं की बुद्धि इतनी कुंद हो गई है कि वो क्या पोस्ट कर रहे हैं क्या शेयर कर रहे हैं ये उनको पता ही नहीं है।

ये लोग मजहबी आईटी सेल के वो भिखमंगे कार्यकर्ता हैं जिनको बस ऊपर से एक विषय दे दिया जाता है और वो उस सब्जेक्ट पर फोटो सहित ज्ञान चेप देते हैं ।
भले ही उस पोस्ट से किसी लड़की की जान जाती रहे उसकी इज्जत जाती रहे लेकिन इन जाहिलों को लाइक कमेंट और व्यू चाहिए।

वैसे तो कहने के लिए हिन्दू और मुसलमान दोनों के लिए उनके धर्म के महिलाओं की इज्जत मान मर्यादा को पर्याप्त तवज्जो दी गई है लेकिन बावजूद इसके दोनों ओर के ही कुछ मूर्ख लोग किसी भी महिला का टेक्निकल, वैचारिक बलात्कार करने में कमी नही कर रहे।

बीते दिनों मंदसौर के एक भाजपा नेता धाकड़ का 8 लेन पर संभोग करते हुए वीडियो जमकर वायरल हुआ।
उस मामला दर्ज भी हुआ और वो जमानत पर छूट भी गया।
लेकिन वो भाड़ में जाये।
उससे मुझे कोई लेना देना नहीं।

लेकिन अब सोशल मीडिया पर मुसलमान एक फोटो लगातार डाल रहे हैं कि धाकड़ कांड वाली लड़की मयूरी मिश्रा है । और हिन्दू लगातार डाल रहे हैं कि धाकड़ कांड वाली लड़की लुबना कुरैशी है।

अरे बावलों लड़की कोई भी हो तुमको लेना देना क्या है ?
और यदि कुछ लेना देना है भी तो परफेक्ट पता कर के कोई पोस्ट करो।
अब धाकड़ का दो लिंग तो होगा नहीं जो उसने दो लड़कियों से एक साथ संभोग किया होगा।
जाहिर सी बात है कि एक लड़की की फोटो गलत ही होगी।

तो बिना जानकारी क्यों टीआरपी के चक्कर मे किसी की बहन बेटी की इज्जत उछाल रहे हो जाहिलों।
दम है तो जाओ धाकड़ के पास और उससे वीडियो बनाकर कबूलनामा कराओ कि लड़की कौन थी ? और उसके बाद यदि औकात हो तो सोशल मीडिया में गंध मचाना।
और गर ऐसा नही कर सकते तो बन्द करो ये सब गलत जानकारी डालना।

सुधर जाओ रे चवन्नी छाप शेयरकर्ताओं और खुद का दिमाग लगाओ।
किसी दिन किसी ने कोर्ट में रेल दिया तो जमानत का पट्टा सिर्फ परिवार वाले ही खोजते फिरेंगे।
पार्टी और संगठन वाले नही।

अजय दिवान सोनी

   #पत्रकार बात तक़रीबन बीस साल पुरानी होगी। शाम का अखबार दैनिक हाइवे चैनल के ब्यूरो चीफ श्री राजेश अग्रवाल जी हुआ करते थ...
28/05/2025

#पत्रकार

बात तक़रीबन बीस साल पुरानी होगी।
शाम का अखबार दैनिक हाइवे चैनल के ब्यूरो चीफ श्री राजेश अग्रवाल जी हुआ करते थे।
रामाधीन मार्ग के एक कार्यालय में भीतर वो अपने आरटीओ का काम सम्हालते थे और बाहर बरामदे में खबरों को टाइप कर के प्रिंट निकाल के बस में डालने की जिम्मेदारी मेरी होती थी।

धीरे धीरे समय बदला , लोग ख़बरों में इंटरनेट का सहारा लेने लगे आंकड़े निकालने में ।
फिर एक समय आया जब धीरे धीरे यूट्यूब ने लोगों को पत्रकार बनने का मौक़ा दिया और ज्यादातर लोगों ने एक माइक हाथ में लेकर पत्रकारिता का धंधा चुन लिया ।
कुछ ने इस माध्यम से बहुत शानदार पत्रकारिता के आयाम गढ़े और कुछ लोग ...?
खैर छोड़िए।

अब आज जब एआई का युग आ चुका है तो लोगों ने सीधे चैट जीपीटी और ग्रोक भाई को इस काम में लगा दिया है और अचम्भे की बात यह है कि एडिटोरियल में बैठे वरिष्ठ पत्रकार और सम्पादक भी ए आइ से बनी ख़बरों को सीधे उठा कर अखबार में छाप दे रहे हैं।

पूरी बातों का कुल जमा खर्च यह है कि जब एआई से बनी ख़बरें छपने लगी हैं तो आंकड़ों की प्रमाणिकता का क्या ?
जब बच्चे और युवा एआई की भाषा ही पढ़ेंगे तो भविष्य में क्या वो ख़बरों के महत्त्व को समझ पाएंगे ?
और जब हर आदमी एआई के भरोसे खबर लिखने लगेगा तो असल पत्रकारिता का वजूद क्या रह जाएगा ?

ना मात्राओं में सुधार ना वर्तनी का ठिकाना ना व्याकरण की समझ लेकिन एआई के भरोसे जो सब लोग पत्रकार बने बैठे हैं वो ना सिर्फ भविष्य खराब कर रहे आने वाली पीढ़ी का बल्कि खुद का भी आईक्यू लेवल बर्बाद कर रहे हैं वो लोग।

जिसको बात समझ आ जायेगी उनके लिए ठीक है वरना अपने को क्या।
वैसे एक बात जो अकाट्य सत्य है उसे जान लीजिए कि लिखने के लिए निरन्तर पढ़ना आवश्यक है । और यदि आप पढ़ नहीं रहे सिर्फ लिख रहे तो पक्के तौर पर आप नकल मार रहे हैं और किसी ना किसी दिन जीवन के उड़नदस्ता के सपेडे में आप जरूर आएंगे ।

अजय दिवान सोनी

22/05/2025

सभी पत्नी पीड़ित पतियों को सादर समर्पित ।
डरो मत बुजदिलों आवाज उठाओ ।
🤣🤣

पहलगाम हिंसा के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ चुका है । हांलाकि ऐसा महसूस नहीं होता कि युद्ध होगा लेकिन जिस तरह से म...
06/05/2025

पहलगाम हिंसा के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ चुका है । हांलाकि ऐसा महसूस नहीं होता कि युद्ध होगा लेकिन जिस तरह से मॉकड्रिल वगेरह की जा रही है , सीमाओं में तनाव है उस हिसाब से लगता है कि यह युद्ध का आगाज ही है।
ईश्वर ना करे कि युद्ध हो लेकिन यदि फिर भी ऐसी स्तिथि बनी तो पूरे देश की जनता को अभी से आपात स्तिथि के लिए तैयार रहना होगा।

कुछ महत्त्वपूर्ण बातें हैं जो आपको और हम सबको ध्यान में रखनी चाहिए ताकि युद्ध के दौरान कठिनाई ना हो।

भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति में आम जनता को अपनी सुरक्षा, आपूर्ति, और मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य के लिए पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए।

नीचे पोस्ट में जो कुछ मैंने लिखा है वो ऐतिहासिक युद्धों (जैसे 1965, 1971, 1999) और आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित हैं।

कम से एक माह के लिए गैर-नाशपति खाद्य पदार्थ (जैसे चावल, दाल, डिब्बाबंद भोजन, सूखे मेवे, बिस्कुट) की व्यवस्था रखें।

प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 3-4 लीटर पीने का पानी स्टोर करें। पानी को साफ रखने के लिए वाटर प्यूरीफायर या क्लोरीन टैबलेट रखें।

नियमित दवाइयों (जैसे मधुमेह, हृदय रोग) का 1 महीने का स्टॉक रखें।

प्राथमिक चिकित्सा किट में बैंडेज, एंटीसेप्टिक, दर्द निवारक, और बुखार की दवाएँ शामिल करें।

टॉर्च, अतिरिक्त बैटरी, मोमबत्ती, माचिस, और पावर बैंक ये अब घर पर जरूर रखें।

महत्वपूर्ण दस्तावेज (आधार कार्ड, पासपोर्ट, संपत्ति के कागज) की वाटरप्रूफ प्रतियाँ सुरक्षित कर लें।

क्योंकि युद्ध के दौरान ATM/बैंक बंद हो सकते हैं इसलिए कुछ नगद रकम घर पर जरूर रखें।

अपने घर में एक सुरक्षित कमरा (बेसमेंट या बिना खिड़कियों वाला क्षेत्र) चुनें, जो बमबारी या मिसाइल हमले से बचाव कर सके।

परिवार के साथ एक आपातकालीन मीटिंग पॉइंट तय करें, यदि आप अलग हो जाएँ।

एक छोटा बैग तैयार रखें, जिसमें कपड़े, दवाएँ, पानी, और दस्तावेज हों।

पूरी तरह चार्ज किया हुआ मोबाइल फोन और पावर बैंक रखें। एक बैटरी-संचालित रेडियो खरीदें, क्योंकि इंटरनेट और बिजली बंद हो सकती है।

सरकारी प्रसारण (जैसे आकाशवाणी, दूरदर्शन) और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों पर भरोसा करें। सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचें। केवल विश्वसनीय स्रोतों (जैसे NDRF, सेना, या सरकार) की जानकारी पर ध्यान दें।

हवाई हमले, मिसाइल, या रासायनिक हथियारों के अलर्ट को समझें। सायरन बजने पर तुरंत आश्रय लें।

यदि परमाणु हमले की चेतावनी हो, तो "डक एंड कवर" करें और आँखें बंद रखें ताकि फ्लैश से आँखें न जलें।

बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा सीखें (जैसे CPR, घाव की ड्रेसिंग)।

गैस मास्क या N95 मास्क (धूल और रासायनिक जोखिम के लिए) और सुरक्षात्मक चश्मे की व्यवस्था करें।

युद्ध की खबरों से तनाव हो सकता है। ध्यान, योग, या गहरी साँस लेने की तकनीक अपनाएँ।बच्चों को डरावनी खबरों से बचाएँ और उन्हें सरल शब्दों में स्थिति समझाएँ।

पड़ोसियों के साथ एक आपातकालीन योजना बनाएँ, जैसे संसाधनों का साझाकरण या एक-दूसरे की मदद।

रात में रोशनी कम करें ताकि हवाई हमलों में आपका घर निशाना न बने।

खदानों (landmines) से बचने के लिए केवल मुख्य सड़कों का उपयोग करें।

भीड़भाड़ वाली जगहों (जैसे मॉल, बाजार) से बचें, क्योंकि ये आतंकी हमलों का निशाना हो सकते हैं।

परमाणु हमले के बाद बाहर न निकलें, क्योंकि रेडियोधर्मी कण (fallout) 48 घंटे तक खतरनाक रहते हैं।

रेडियोधर्मिता से बचने के लिए मोटी दीवारों और छत के नीचे रहें।

और एक खास बात -
इन सब बातों को ध्यान में जरूर रखें लेकिन छत्तीसगढ़ और खास कर के संस्कारधानी वाले अपने हिसाब से ही रहें।

जब कोरोना फोरोना से निपट लिए तो इसको भी समझ लेंगे मिल बांट के।

अजय दीवान सोनी

सबक और सीख दोनों ही उठा लीजिये इनके जीवन से ।बड़े गौर से पढियेगा , हांलाकि ये विषय आप सबने पढ़ा ही होगा ।महर्षि वाल्मीकि क...
05/05/2025

सबक और सीख दोनों ही उठा लीजिये इनके जीवन से ।
बड़े गौर से पढियेगा , हांलाकि ये विषय आप सबने पढ़ा ही होगा ।

महर्षि वाल्मीकि का मूल नाम रत्नाकर था। बचपन में एक भीलनी ने रत्नाकर का अपहरण कर लिया। भील अपनी गुजर-बसर के लिए जंगल के रास्ते से गुजरने वाले लोगों को लूटा करते थे। रत्नाकर भी भील परिवार के साथ डकैती और लूटपाट का काम करने लगे और धीरे धीरे बन गए डाकू रत्नाकर ।

एक बार नारद मुनि जंगल से गुजर रहे थे। तभी डाकू रत्नाकर ने उन्हें लूटने का प्रयास किया और बंदी बना लिया। इस पर नारद जी ने उनसे पूछा कि तुम ये अपराध क्यों करते हो? तो रत्नाकर ने कहा कि अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए मैं ऐसा करता हूं।
क्या कहा ?
परिवार के भरण पोषण और सम्पन्नता के लिए ऐसा करता हूँ ।

इस पर नारद मुनि ने कहा, कि जिस परिवार के लिए तुम यह अपराध करते हो, क्या वे तुम्हारे पापों का भागीदार बनने को तैयार है ? नारद जी की ये बात सुनकर रत्नाकर ने नारद मुनि को एक पेड़ से बांधा और इस प्रश्न का उत्तर लेने के लिए अपने घर गए।

उन्होंने जब ये सवाल अपने परिवार के लोगों से किया तो उनको यह जानकर आश्चर्य हुआ कि कोई भी उनके इस पाप में भागीदार नहीं बनना चाहता था। उन्होंने वापस आकर नारद जी को स्वतंत्र कर दिया और अपने पापों के लिए क्षमा प्रार्थना की।

लिखने का तात्पर्य सिर्फ इतना है कि आपके परिवार और समाज के लिए गए पापों का प्रायश्चित सिर्फ आपको ही करना है जबकि आपके पुण्य में आपको सब को सहयोगी बनाना ही होगा ।

सीख यह कि समय खराब होने के बाद भी जब रामायण लिखा जा सकता है तो कोई भी ऐसा समय नहीं जो आपका जीवन बर्बाद कर दे ।

हर बुरा समय एक नया रास्ता आपके लिए खोल देता है बीएस आपको उस पर सावधानी से चलना होगा पुरानी गलतियों को सुधारते हुए ।

पूर्णम साहू, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का वो जवान जो पाकिस्तान के कब्जे में है लेकिन इस देश के सोशल मीडिया में कहीं उनकी ...
30/04/2025

पूर्णम साहू, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का वो जवान जो पाकिस्तान के कब्जे में है लेकिन इस देश के सोशल मीडिया में कहीं उनकी बात नहीं हो रही ।
24 अप्रैल को अनजाने में भारत-पाकिस्तान सीमा पार करने के बाद पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा उन्हें हिरासत में ले लिया गया था । वह पंजाब के फिरोजपुर में बीएसएफ की 182वीं बटालियन में तैनात थे। घटना तब हुई जब साहू सीमा के पास किसानों के एक समूह की रक्षा के लिए तैनात थे और आराम करने के दौरान गलती से पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गए।
पूरा देश में हिन्दू मुसलमान को गरियाये पड़े हैं और मुसलमान हिन्दुओं को ।
कोई युद्ध की चाह में है तो कोई देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को गरिया रहा है लेकिन इस जवान पूर्णम साहू की कोई बात नहीं कर रहा जिसकी गर्भवती पत्नी रजनी अपने बेटे और रिश्तेदारों के साथ पति की वापसी को लेकर भटक रही है ।
रजनी ने बीएसएफ अधिकारियों से स्पष्ट जानकारी न मिलने की शिकायत की और तनाव के बावजूद यात्रा की। बीएसएफ ने साहू की रिहाई के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ फ्लैग मीटिंग की, लेकिन 29 अप्रैल 2025 तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। साहू की वृद्ध मां ने भी उनकी सुरक्षित वापसी के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई। एक्स पर कई पोस्ट में साहू की हिरासत और उनके परिवार की पीड़ा को उजागर किया गया, जिसमें उनकी रिहाई की मांग की गई। लेकिन दुःख की बात यह है कि रजनी अकेले जूझ रही है ।
उम्मीद है कि आप बात को समझेंगे और जवान की रिहाई का मसला जल्द सोशल मीडिया में गूंजने लगेगा ।

29/04/2025

वीडियो में जो जीवित गुलाबजामुन टाइप का आदमी दिख रहा है आपको वो है हरियाणा का भाजपा नेता मनीष सिंगला ।
हरियाणा के जींद में एक हालिया घटना में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के एक कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण जींद के डीएसपी ने मनीष सिंगला को नहीं पहचाना और उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।
नेता जी के आत्मसम्मान को इतना भयंकर चोट लगा कि इसके बाद, मनीष सिंगला ने डीएसपी को अपने साथ बैठाकर सार्वजनिक रूप से वीडियो पर माफी मंगवा कर उसे सोशल मीडिया में वायरल कराया।

नेता का तो ठीक है कि वो कम पढा लिखा होगा या घमंडी होगा जो भी लेकिन ये डीएसपी भी एक नम्बर का भृष्टाचारी होगा जिसने वर्दी की इज्जत ना करते हुए माफी मांग ली।

डीएसपी में जरा भी पानी होता तो माफी ना मांगते । ज्यादा से ज्यादा निलंबित हो जाते या लूप लाइन में चले जाते लेकिन बर्खास्त नही होते।

यह घटना को नेताओं के अहंकार और सत्ता के दुरुपयोग का प्रत्यक्ष प्रमाण है ।

Address

Rajnandgaon

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Ajay Soni posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Ajay Soni:

Share

Category