06/05/2025
पहलगाम हिंसा के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव बढ़ चुका है । हांलाकि ऐसा महसूस नहीं होता कि युद्ध होगा लेकिन जिस तरह से मॉकड्रिल वगेरह की जा रही है , सीमाओं में तनाव है उस हिसाब से लगता है कि यह युद्ध का आगाज ही है।
ईश्वर ना करे कि युद्ध हो लेकिन यदि फिर भी ऐसी स्तिथि बनी तो पूरे देश की जनता को अभी से आपात स्तिथि के लिए तैयार रहना होगा।
कुछ महत्त्वपूर्ण बातें हैं जो आपको और हम सबको ध्यान में रखनी चाहिए ताकि युद्ध के दौरान कठिनाई ना हो।
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति में आम जनता को अपनी सुरक्षा, आपूर्ति, और मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य के लिए पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए।
नीचे पोस्ट में जो कुछ मैंने लिखा है वो ऐतिहासिक युद्धों (जैसे 1965, 1971, 1999) और आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित हैं।
कम से एक माह के लिए गैर-नाशपति खाद्य पदार्थ (जैसे चावल, दाल, डिब्बाबंद भोजन, सूखे मेवे, बिस्कुट) की व्यवस्था रखें।
प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 3-4 लीटर पीने का पानी स्टोर करें। पानी को साफ रखने के लिए वाटर प्यूरीफायर या क्लोरीन टैबलेट रखें।
नियमित दवाइयों (जैसे मधुमेह, हृदय रोग) का 1 महीने का स्टॉक रखें।
प्राथमिक चिकित्सा किट में बैंडेज, एंटीसेप्टिक, दर्द निवारक, और बुखार की दवाएँ शामिल करें।
टॉर्च, अतिरिक्त बैटरी, मोमबत्ती, माचिस, और पावर बैंक ये अब घर पर जरूर रखें।
महत्वपूर्ण दस्तावेज (आधार कार्ड, पासपोर्ट, संपत्ति के कागज) की वाटरप्रूफ प्रतियाँ सुरक्षित कर लें।
क्योंकि युद्ध के दौरान ATM/बैंक बंद हो सकते हैं इसलिए कुछ नगद रकम घर पर जरूर रखें।
अपने घर में एक सुरक्षित कमरा (बेसमेंट या बिना खिड़कियों वाला क्षेत्र) चुनें, जो बमबारी या मिसाइल हमले से बचाव कर सके।
परिवार के साथ एक आपातकालीन मीटिंग पॉइंट तय करें, यदि आप अलग हो जाएँ।
एक छोटा बैग तैयार रखें, जिसमें कपड़े, दवाएँ, पानी, और दस्तावेज हों।
पूरी तरह चार्ज किया हुआ मोबाइल फोन और पावर बैंक रखें। एक बैटरी-संचालित रेडियो खरीदें, क्योंकि इंटरनेट और बिजली बंद हो सकती है।
सरकारी प्रसारण (जैसे आकाशवाणी, दूरदर्शन) और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों पर भरोसा करें। सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचें। केवल विश्वसनीय स्रोतों (जैसे NDRF, सेना, या सरकार) की जानकारी पर ध्यान दें।
हवाई हमले, मिसाइल, या रासायनिक हथियारों के अलर्ट को समझें। सायरन बजने पर तुरंत आश्रय लें।
यदि परमाणु हमले की चेतावनी हो, तो "डक एंड कवर" करें और आँखें बंद रखें ताकि फ्लैश से आँखें न जलें।
बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा सीखें (जैसे CPR, घाव की ड्रेसिंग)।
गैस मास्क या N95 मास्क (धूल और रासायनिक जोखिम के लिए) और सुरक्षात्मक चश्मे की व्यवस्था करें।
युद्ध की खबरों से तनाव हो सकता है। ध्यान, योग, या गहरी साँस लेने की तकनीक अपनाएँ।बच्चों को डरावनी खबरों से बचाएँ और उन्हें सरल शब्दों में स्थिति समझाएँ।
पड़ोसियों के साथ एक आपातकालीन योजना बनाएँ, जैसे संसाधनों का साझाकरण या एक-दूसरे की मदद।
रात में रोशनी कम करें ताकि हवाई हमलों में आपका घर निशाना न बने।
खदानों (landmines) से बचने के लिए केवल मुख्य सड़कों का उपयोग करें।
भीड़भाड़ वाली जगहों (जैसे मॉल, बाजार) से बचें, क्योंकि ये आतंकी हमलों का निशाना हो सकते हैं।
परमाणु हमले के बाद बाहर न निकलें, क्योंकि रेडियोधर्मी कण (fallout) 48 घंटे तक खतरनाक रहते हैं।
रेडियोधर्मिता से बचने के लिए मोटी दीवारों और छत के नीचे रहें।
और एक खास बात -
इन सब बातों को ध्यान में जरूर रखें लेकिन छत्तीसगढ़ और खास कर के संस्कारधानी वाले अपने हिसाब से ही रहें।
जब कोरोना फोरोना से निपट लिए तो इसको भी समझ लेंगे मिल बांट के।
अजय दीवान सोनी