Time discover

Time discover digital creator

कल सैलून वाले क़ी दुकान पर एक स्लोगन पढा़ .."हम दिल का बोझ तो नहीं पर सिर का बोझ जरूर हल्का कर सकते हैं "..🤣लाइट क़ी दुक...
01/02/2025

कल सैलून वाले क़ी दुकान पर एक स्लोगन पढा़ ..

"हम दिल का बोझ तो नहीं पर सिर का बोझ जरूर हल्का कर सकते हैं "..🤣


लाइट क़ी दुकान वाले ने बोर्ड के नीचे लिखवाया ..

"आपके दिमाग की बत्ती भले ही जले या ना जले,परंतु हमारा बल्ब ज़रूर जलेगा ".. 🤣


चाय के होटल वाले ने काउंटर पर लिखवाया ..

"मैं भले ही साधारण हूँ, पर चाय स्पेशल बनाता हूँ।"🤣


एक रेस्टोरेंट ने सबसे अलग स्लोगन लिखवाया ..

"यहाँ घऱ जैसा खाना नहीं मिलता, आप निश्चिंत होकर अंदर पधारें।" 😀


इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर स्लोगन पढ़ा तो मैं भाव विभोर हो गया ..

"अगर आपका कोई फैन नहीं है तो यहाँ से ले जाइए "..😂


गोलगप्पे के ठेले पर एक स्लोगन लिखा था ..

"गोलगप्पे खाने के लिए दिल बड़ा हो ना हो, मुँह बड़ा रखें, पूरा खोलें" ..🤣


फल भंडार वाले ने तो स्लोगन लिखने की हद ही कर दी ..

"आप तो बस कर्म करिए, फल हम दे देंगे ".. 🤣


घड़ी वाले ने एक ग़ज़ब स्लोगन लिखा ..?

"भागते हुए समय को बस में रखें, चाहे दीवार पर टांगें, चाहे हाथ पर बांधें..."..🤣🤣

आप जैसे अभी हल्का सा मुस्करा रहे हैं या हँस रहें हैं, ऐसे ही खुश रहें।।

समय विपरीत है, जितना हँसेंगे 😂😄 उतना अधिक स्वस्थ रहेंगे

शेक्सपियर ने कहा था, ''एक लड़का कभी किसी लड़की का दोस्त नहीं हो सकता, क्योंकि उसमें जुनून है, शारीरिक इच्छा है।'' आयरिश ...
28/01/2025

शेक्सपियर ने कहा था, ''एक लड़का कभी किसी लड़की का दोस्त नहीं हो सकता, क्योंकि उसमें जुनून है, शारीरिक इच्छा है।'' आयरिश कवि ऑस्कर वाइल्ड ने भी यही बात कही थी। "एक महिला और एक पुरुष के बीच केवल दोस्ती होना असंभव है। जो मौजूद हो सकता है वह लालसा, कमजोरी, नफरत या प्यार है।"

---

हुमायूं अहमद ने कहा, "एक लड़का और एक लड़की दोस्त हो सकते हैं लेकिन वे निश्चित रूप से प्यार में पड़ जाएंगे। शायद बहुत कम समय के लिए या गलत समय पर। या बहुत देर से, और हमेशा के लिए नहीं। लेकिन वे प्यार में पड़ जाएंगे।"

---

सच कहें तो लड़के-लड़कियों के बीच दोस्ती ही असंभव और प्रकृति के विरुद्ध है। क्योंकि अगर दोस्ती ही रहेगी तो प्रकृति अपना अस्तित्व खो देगी। चुम्बक और लोहा कभी एक साथ नहीं रह सकते। आकर्षित करेगा यदि कोई इससे बचता है, तो वह पाखंडी या धोखेबाज है।

मोम आग के पास पिघलता है। एक लड़का और लड़की दोस्त हो सकते हैं, लेकिन अंततः यह प्यार या अवैध रिश्ते में बदल जाता है। और यह सामान्य है.

सर्वशक्तिमान ईश्वर ने पुरुषों और महिलाओं को विपरीत आकर्षण के साथ भेजा है।

आप कितना सहमत है???

सुबह सुबह मुर्गे की बांग हर किसी ने सुनी होगी। कई लोग तो इसी बांग को सुनकर जागते हैं। खासकर पहले के जमाने में ऐसा बहुत ह...
25/01/2025

सुबह सुबह मुर्गे की बांग हर किसी ने सुनी होगी। कई लोग तो इसी बांग को सुनकर जागते हैं। खासकर पहले के जमाने में ऐसा बहुत होता था। यदि आप ने नोटिस किया हो तो मुर्गा सुबह सूर्योदय होने के पूर्व ही बांग देता है।

वही कभी अपने समय से लेट नहीं होता है। ऐसे में क्या आप ने कभी सोचा है कि आखिर इस मुर्गे को कैसे पता चलता है कि सूर्योदय होने वाला है। आज हम आपको इस सवाल का दिलचस्प जवाब बताने जा रहे हैं।

मुर्गे की बांग बड़ी जोरदार होती है। जब वह बांग देता है तो ऐसा लगता है मानों पूरी प्रकृति उठकर भगवान सूर्य के स्वागत में चहलकदमी करने लगी है। मुर्गे का बांग देने का तरीका भी बड़ा दिलचस्प होता है। पहले वह बाहर निकलता है। फिर अपने आसपास ध्यान से देखता है। इसके बाद बांग देना शुरू करता है। यह भी गौर करने वाली बात है कि बांग सिर्फ मुर्गा ही देता है। मुर्गी कभी बांग नहीं देती है।

मुर्ग जब भी बांग देता है तो उसकी आवाज सुन बाकी मुर्गे भी बाहर निकाल आते हैं। इसके बाद वे भी बांग देने लगते हैं। इस दौरान सभी के बीच एक अच्छा तालमेल और अनुशासन देखने को भी मिलता है। मसलन जब एक मुर्गा बांग देना बंद कर देता है इसके बाद ही दूसरा मुर्गा बांग देता है। ऐसे में ये कभी एकसाथ बांग देकर बेमतलब का शोर नहीं करते हैं।

मुर्गे की बांग सबसे ज्यादा नोटिस इसलिए की जाती है क्योंकि वह तब बांग देता है जब सूर्योदय के पूर्व प्रकृति शांत होती है। इसके अलावा मुर्गे की बांग की तीव्रता भी अधिक होती है। आपको जान हैरानी होगी कि मुर्गे की बांग में भी बड़ी ताकत होती है। इसकी तीव्रता 143 डेसीबल होती है, जबकि इंसान 130 डेसिबल से अधिक वाली आवाज सुनने पर बहरा हो सकता है। हालांकि मुर्गे की बांग से वह बहरा इसलिए नहीं होता क्योंकि वे इंसानों से एक दूरी बनाकर ही बांग देते हैं। कुछ लोगों को ये भी गलतफहमी होती है कि मुर्गा इंसानों को जगाने के लिए बांग देता है। बल्कि सच तो ये है कि वह अपने परिवार के लोगों (अन्य मुर्गे मुर्गियों) को जगाने के लिए बांग देता है।

मुर्गा ऐसे जान जाता है कि सूर्य उदय होने वाला है

चलिए अब आते हैं सबसे अहम सवाल पर, मुर्गा कैसे जान जाता है कि अब सूर्योदय होने वाला है? दरअसल मुर्गे के अंदर सिरकेडियन रिंग (एक प्रकार का सेंसर) पाई जाती है। इसी के माध्यम से उसे एहसास हो जाता है कि कुछ ही देर में सूर्योदय होने वाला है।

दिलचस्प बात ये है कि मुर्गे की उम्र जैसे जैसे बढ़ती जाती है उसका या सेंसर (सिरकेडियन रिंग) उतना अच्छा काम करने लगता है। यही वजह है कि बांग देने सबसे पहले सबसे ज्यादा उम्र वाला मुर्गा ही बहार निकलता है। क्योंकि उसे सूर्योदय होने का एहसास सबसे पहले हो जाता है। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि सबसे पहले बाहर निकला मुर्ग यही घर का मुखिया है।

दोस्तों आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे दूसरों के साथ शेयर करना न भूलें।

यह भी पढ़ें: क्या आप जानते हैं एयरप्लेन सफेद रंग के ही क्यों होते हैं? पढ़ें यह रोचक जानकारी

02/12/2024
एक दिन, मैं दुकान से जल्दी घर चला आया। आमतौर पर रात में 7 बजे के बाद आता हूं, लेकिन उस दिन 6 बजे ही आ गया। सोचा था कि घर...
18/07/2024

एक दिन, मैं दुकान से जल्दी घर चला आया। आमतौर पर रात में 7 बजे के बाद आता हूं, लेकिन उस दिन 6 बजे ही आ गया। सोचा था कि घर जाकर थोड़ी देर पत्नी से बातें करूंगा और फिर उसे बाहर खाना खाने चलने के लिए कहूंगा। बहुत साल पहले, हम ऐसा करते थे।

घर आया तो देखा कि पत्नी टीवी देख रही थी। मैंने सोचा कि जब तक वह अपना सीरियल देख रही है, मैं कंप्यूटर पर कुछ मेल चेक कर लूं। मैं मेल चेक करने लगा। कुछ देर बाद पत्नी चाय लेकर आई, तो मैं चाय पीते हुए दुकान के काम करने लगा।

मेरे मन में था कि पत्नी के साथ बैठकर बातें करूंगा और फिर खाना खाने बाहर जाऊंगा, पर कब 7 से 9 बज गए, पता ही नहीं चला। पत्नी ने वहीं टेबल पर खाना लगा दिया, और मैं चुपचाप खाना खाने लगा। खाना खाते हुए मैंने कहा कि खाने के बाद हम लोग नीचे टहलने चलेंगे और बातें करेंगे। पत्नी खुश हो गई।

हम खाना खाते रहे और इस बीच मेरी पसंद का सीरियल आने लगा। खाते-खाते मैं सीरियल में डूब गया और सोफे पर ही सो गया। जब नींद खुली, तब आधी रात हो चुकी थी। मुझे बहुत अफसोस हुआ। मन में सोचकर घर आया था कि जल्दी आने का फायदा उठाते हुए आज कुछ समय पत्नी के साथ बिताऊंगा, पर शाम क्या, आधी रात भी निकल गई।

ऐसा ही होता है, ज़िंदगी में। हम सोचते कुछ हैं और होता कुछ है। हम सोचते हैं कि एक दिन हम जी लेंगे, पर हम कभी नहीं जीते। हम सोचते हैं कि एक दिन ये कर लेंगे, पर नहीं कर पाते।

आधी रात को सोफे से उठा, हाथ मुंह धो कर बिस्तर पर आया तो पत्नी सारा दिन के काम से थकी हुई सो गई थी। मैं चुपचाप बेडरूम में कुर्सी पर बैठकर कुछ सोच रहा था। पच्चीस साल पहले इस लड़की से मैं पहली बार मिला था। जामुनी रंग के सूट में मुझे मिली थी। फिर मैंने इससे शादी की थी। मैंने वादा किया था कि सुख में, दुख में, ज़िंदगी के हर मोड़ पर मैं तुम्हारे साथ रहूंगा।

पर ये कैसा साथ? मैं सुबह जागता हूं और अपने काम में व्यस्त हो जाता हूं। वह सुबह जागती है, मेरे लिए चाय बनाती है। चाय पीकर मैं कंप्यूटर पर संसार से जुड़ जाता हूं, वह नाश्ते की तैयारी करती है। फिर हम दोनों दुकान के काम में लग जाते हैं। मैं दुकान के लिए तैयार होता हूं, वह साथ में मेरे लंच का इंतज़ाम करती है। फिर हम दोनों भविष्य के काम में लग जाते हैं।

मैं एक बार दुकान चला गया, तो इसी बात में अपनी शान समझता हूं कि मेरे बिना दुकान का काम नहीं चलता। वह अपना काम करके डिनर की तैयारी करती है। देर रात मैं घर आता हूं और खाना खाते हुए ही निढाल हो जाता हूं। एक पूरा दिन खर्च हो जाता है, जीने की तैयारी में।

वह पंजाबी सूट वाली लड़की मुझसे कभी शिकायत नहीं करती। क्यों नहीं करती, मैं नहीं जानता। पर मुझे खुद से शिकायत है। आदमी जिससे सबसे ज्यादा प्यार करता है, सबसे कम उसी की परवाह करता है। क्यों?

कई बार लगता है कि हम खुद के लिए अब काम नहीं करते। हम किसी अज्ञात भय से लड़ने के लिए काम करते हैं। हम जीने के पीछे ज़िंदगी बर्बाद करते हैं। कल से मैं सोच रहा हूं, वह कौन सा दिन होगा जब हम जीना शुरू करेंगे। क्या हम गाड़ी, टीवी, फोन, कंप्यूटर, कपड़े खरीदने के लिए जी रहे हैं?

मैं तो सोच ही रहा हूं, आप भी सोचिए कि ज़िंदगी बहुत छोटी होती है। उसे यूं जाया मत कीजिए। अपने प्यार को पहचानिए। उसके साथ समय बिताइए। जो अपने माँ-बाप, भाई-बहन, सगे-संबंधी सबको छोड़कर आपसे रिश्ता जोड़कर आपके सुख-दुख में शामिल होने का वादा किया, उसके सुख-दुख को पूछिए तो सही।

एक दिन अफसोस करने से बेहतर है, सच को आज ही समझ लेना कि ज़िंदगी मुट्ठी में रेत की तरह होती है। कब मुट्ठी से वह निकल जाएगी, पता भी नहीं चलेगा। जो पल मिले ख़ुशी से जियो.. अपनों के लिये समय निकले..

A close Indian girl has made photos of very beautiful couples.
14/07/2024

A close Indian girl has made photos of very beautiful couples.

A poor girl has made Ganesha out of stone. Many people are watching.
12/07/2024

A poor girl has made Ganesha out of stone. Many people are watching.

A woman is sleeping in the mud in a hut with five children.
11/07/2024

A woman is sleeping in the mud in a hut with five children.

Address

Ramgarh

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Time discover posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share