17/07/2025
फर्जी जाति प्रमाणपत्र से बनी थाना प्रभारी, जांच में खुला राज, प्रमाणपत्र रद्द
#धनबाद : झारखंड पुलिस विभाग में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। राजगंज थाना प्रभारी अलीशा कुमारी का जाति प्रमाण पत्र अब अवैध घोषित कर दिया गया है। जांच में सामने आया है कि अलीशा कुमारी मूल रूप से नवादा, बिहार की निवासी हैं, लेकिन उन्होंने खुद को झारखंड का स्थायी निवासी और पिछड़ी जाति का सदस्य दर्शाकर सरकारी नौकरी हासिल की।
यह मामला बोकारो निवासी प्रदीप कुमार रे की शिकायत के बाद सामने आया, जिन्होंने 2023 में जाति छानबीन समिति से जांच की मांग की थी। जांच के दौरान पाया गया कि अलीशा के पिता भुवनेश्वर प्रसाद अग्रवाल करीब 30 साल पहले रोजगार की तलाश में गिरिडीह के डुमरी इलाके में आए थे, लेकिन वहां स्थायी रूप से नहीं बसे। उन्होंने एक मकान बनाकर किराए पर चढ़ा दिया और खुद नवादा में ही रहते हैं।
अलीशा कुमारी ने झारसेवा पोर्टल पर जमीन की रजिस्ट्री, लगान रसीद और स्वघोषित शपथ पत्र जैसे दस्तावेज़ अपलोड कर जाति प्रमाण पत्र बनवाया। साथ ही पंचायत की सिफारिश और ग्रामसभा के माध्यम से स्थानीयता का दावा भी किया गया। हालांकि, समिति के समक्ष हुई सुनवाई में वह झारखंड के पिछड़ा वर्ग संघ की सदस्यता का पुख्ता प्रमाण देने में विफल रहीं।
समिति ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों का मूल्यांकन करते हुए अलीशा कुमारी का जाति प्रमाण पत्र संख्या JHCC/2017/229784 दिनांक 16-03-2017 को रद्द कर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासनिक महकमे में हलचल मचा दी है और सरकारी तंत्र की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जब मीडिया ने अलीशा से संपर्क किया, तो उन्होंने कहा, “ऐसा कुछ नहीं है, अगर आपके पास कुछ सबूत है तो दिखाइए।” इस प्रतिक्रिया ने मामला और भी पेचीदा बना दिया है। अब देखना यह है कि सरकार और पुलिस विभाग इस मामले में क्या अगला कदम उठाते हैं।
Rajganj police station in-charge Alisha Kumari has come under scrutiny after the Caste Verification Committee cancelled her caste certificate. Investigations revealed that she falsely claimed to be a permanent resident of Jharkhand, while originally being from Nawada, Bihar. This case has sparked serious questions about transparency in government recruitment.