
04/06/2025
जीत की गूंज में अक्सर संघर्ष की आवाज दब जाती है। 😢
पंजाब को 2 ओवर में 42 रन चाहिए थे, और शशांक सिंह क्रीज पर डटे थे। आखिर में पंजाब सिर्फ 6 रन से हार गया, लेकिन जरा सोचिए, शशांक ने कितनी जांबाजी दिखाई होगी! जोश हेजलवुड जैसे विश्वस्तरीय गेंदबाज के खिलाफ आखिरी ओवर में 22 रन बनाना कोई छोटी बात नहीं, फिर भी शशांक ने यह कर दिखाया।
शशांक सिंह, तुम सच्चे योद्धा हो! कुंवर नारायण जी की पंक्तियां इसे बखूबी बयां करती हैं:
"कोई फ़र्क़ नहीं
सब कुछ जीत लेने में
और अंत तक हिम्मत न हारने में।"
लड़ाई आख़िरी गेंद तक लड़ने का नाम है — और शशांक ने ये साबित कर दिया।
जो खिलाड़ी हार के डर से नहीं, खेल की गरिमा के लिए मैदान पर उतरता है, वही असली योद्धा होता है।
आपकी बातों में जो भाव है, वो हर उस खिलाड़ी के लिए सम्मान है जो चुपचाप इतिहास लिखते हैं।
"जीत भले न मिली हो,
मगर दिल ज़रूर जीत लिया।
शशांक सिंह — तुम कहानी नहीं, प्रेरणा हो!" ✊🔥