26/04/2024
दो चरणों के चुनाव के बाद कुछ बातें साफ है।BJP को पश्चिमी उत्तरप्रदेश मे सीटों का नुकसान हो सकता है। 70 सीटों की बात छोड़ दीजिये अब। पहले वाला प्रदर्शन भी डगमगाने लगा है।
ग्राउण्ड रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
▪️मोदी के लिए प्रति ग़ुस्सा नहीं, उदासीनता है। उन्हें राशन का श्रेय मिलता है लेकिन इस बार उनके नाम पर वोट नहीं पड़ेगा।
▪️मोदी की तुलना में योगी ज़्यादा लोकप्रिय हैं, उन्हें गुंडागर्दी ख़त्म करने का श्रेय मिलता है।
▪️बीजेपी के अधिकांश सांसदों और स्थानीय नेताओं के ख़िलाफ़ बहुत ग़ुस्सा है।
▪️वोटर के मन में महँगाई और बेरोज़गारी है। गाँव में छुट्टे जानवर सबसे बड़ा मुद्दा है।
▪️बहुत वोटर परिवर्तन चाहते हैं चूँकि अगर तीसरी पंचवर्षीय में आ गए तब तो तानाशाही शुरू हो जाएगी
▪️कुल मिलाकर बीजेपी के वोटर में एक चौथाई कहते हैं कि इस बार उसे वोट नहीं देंगे। सपा और कांग्रेस का वोट क़ायम है। बीएसपी में मामूली गिरावट है लेकिन वो बीजेपी को नहीं जा रहा।
▪️अगर 2019 में बीजेपी के वोट का दसवां हिस्सा भी खिसक कर सपा कांग्रेस को मिल गया तो उसे 20 सीट का नुक़सान हो सकता है। अगर इससे ज़्यादा टूट गया तो परिणाम पूरी तरह से उलट जाएगा।
▪️चेतावनी: अभी सिर्फ़ 16 सीट में वोट पड़े हैं और स्थिति बदल सकती है, लेकिन फ़िलहाल तो हर दिन स्थिति बीजेपी के लिए विकट होती दिखाई दे रही है।
नोट: यह कोई एक्ज़िट पोल या जादुई सर्वे नहीं है। आप ख़ुद इसकी जाँच कर सकते हैं। कहीं भी गाँव देहात में जाकर पूछिये कि पिछली बार किसे वोट दिया था और इस बार किसे देंगे।