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एम एस धोनी ने रांची में IPL 2024 की तैयारी शुरू कर दी है। वह रोज बल्लेबाजी का अभ्यास कर रहे हैं। महेंद्र सिंह धोनी ने पह...
21/07/2023

एम एस धोनी ने रांची में IPL 2024 की तैयारी शुरू कर दी है। वह रोज बल्लेबाजी का अभ्यास कर रहे हैं। महेंद्र सिंह धोनी ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह IPL 2024 खेलेंगे। घुटने के ऑपरेशन के बाद मुंबई एयरपोर्ट से रांची लौटते हुए माही ने मोहम्मद कैफ से मुलाकात के दौरान अपने दिल की बात कही थी। माही ने नी कैप लगाकर इस साल CSK को चैंपियन बनाया था। CSK को IPL 2023 का फाइनल जिताने में रणनीतिक तौर पर सबसे अहम भूमिका माही की रही। उन्होंने एक कमजोर गेंदबाजी आक्रमण वाली टीम को फाइनल में ला खड़ा किया। इसके बाद जब टीम जीत गई, तब माही लाइमलाइट में आने की बजाय पीछे खड़े होकर तमाम खिलाड़ियों को जश्न मनाते देखते रहे। कुछ वैसा ही जैसे घर में पिता करता है।

पिता उत्सव मनाने की सारी तैयारी कर देता है, लेकिन खुद कभी आगे आकर जश्न नहीं मनाता। वह अपनों को खुश देखकर खुश हो लेता है। ऐसा नहीं है कि महेंद्र सिंह धोनी जीत के बाद उत्साहित नहीं थे। जब IPL विनिंग चौका लगाकर रवींद्र जडेजा वापस लौटे, तो धोनी ने उन्हें गोद में उठा लिया। इस वक्त माही की आंखों में आंसू भी छलक आए थे। धोनी को इतना भावुक इससे पहले शायद ही कभी किसी ने देखा था। माही अविश्वसनीय जीत के बाद बहुत खुश थे। महेंद्र सिंह धोनी ने जीत का क्रेडिट कभी खुद ना लेने की परंपरा IPL 2023 के फाइनल में भी जारी रखी। GT पर 5 विकेट से मिली जीत के बाद जब BCCI प्रेसिडेंट रॉजर बिन्नी और जय शाह ने ट्रॉफी उठाकर धोनी को देनी चाही तो वह खुद पीछे हट गए। अपने साथी अंबाती रायडू और रवींद्र जडेजा को आगे कर दिया।

यह फाइनल मैच अंबाती रायडू का आखिरी IPL मैच था। मैच से पहले ही उन्होंने बोल दिया था कि वह इसके बाद संन्यास ले लेंगे। जबकि जडेजा ने इस मैच की आखिरी 2 गेंदों पर 10 रन बनाकर चेन्नई को लगभग असंभव सी जीत दिलाई थी। धोनी ने इन दोनों प्लेयर्स को ट्रॉफी लेने के लिए बुलाया और खुद प्रेसिडेंट बिन्नी के पीछे खड़े हो गए। थाला ने बड़प्पन दिखाया। माही इसलिए महान हैं क्योंकि वह कभी जीत का क्रेडिट लेने के लिए आगे नहीं आते, बल्कि दूसरों को आगे लाते हैं। फिर जब ट्रॉफी के साथ जश्न मनाने का मौका आया, तब भी माही पीछे ही खड़े रहे। महेंद्र सिंह धोनी के घुटनों के सफल ऑपरेशन के बाद अब यह तय हो गया है कि माही अगले साल फिर IPL खेलेंगे। चूंकि इस बार फाइनल चेपॉक स्टेडियम चेन्नई में होगा, यकीन है कि माही सबसे ज्यादा छठी बार IPL ट्रॉफी हाथ में ले लेंगे। थाला... द मैन...द मिथ...द लेजेंड। IPL 2024 में थाला का इंतजार रहेगा।💛

Her her mahadev🚩🚩🚩Bhole baba sb pr apni kripa bnaye rkhe🔱
07/07/2023

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Sunil Chhetri ❤️
25/06/2023

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25/06/2023
08/11/2022

बुधवार 9 नवंबर से T-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले शुरू हो जाएंगे। सबसे पहले सिडनी में पाकिस्तान न्यूजीलैंड से भिड़ेगा और फिर अगले दिन भारत का सामना इंग्लैंड से होगा। अब आपको लग रहा होगा कि कौन सी 2 टीमें 13 नवंबर को मेलबर्न में फाइनल खेलेंगी? भारत-पाकिस्तान भिड़ंत की कितनी संभावना है? अब जाहिर सी बात है कि सवाल आपके मन में हैं तो इतिहास के झरोखों से जवाब लेखनबाजी लेकर आया है। पोस्ट थोड़ा बड़ा है लेकिन वादा है कि इसको पढ़ने के बाद आपको कहीं कुछ और देखने-सुनने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आइए, शुरू करते हैं।

सबसे पहले सेमीफाइनल पाकिस्तान का है तो बात भी उसी की करते हैं। टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड की टीमें 6 बार टकराई हैं। इनमें 4 दफा बाजी पाकिस्तान और 2 दफे न्यूजीलैंड के हाथों में लगी है। जिस 2007 T-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को पीटा था, उसके सेमीफाइनल में पाक ने कीवी टीम को ही हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। तब मोहम्मद आसिफ, उमर गुल और सोहेल तनवीर की खौफनाक गेंदबाजी के आगे न्यूजीलैंड की टीम सिर्फ 143 रन ही बना सकी थी। बाद में 7 गेंदे बाकी रहते पाकिस्तान ने 6 विकेट से मुकाबला अपने नाम कर लिया था।

पाकिस्तान के बारे में दूसरी बात यह है कि कमबख्त यह टीम किस्मत की बहुत धनी है। 1992 का वनडे वर्ल्ड कप भी ऑस्ट्रेलिया में ही खेला गया था। फिलहाल पैर में गोली खाकर अस्पताल में भर्ती इमरान खान उस जमाने में पाकिस्तान के कप्तान थे। ग्रुप स्टेज में पाक टीम ने 8 मुकाबले खेले। पहले ही मैच में वेस्टइंडीज ने 10 विकेट से करारी पटखनी दी। सबने कहा कि जल्दी ही इनका बैग पैक हो जाएगा। दूसरा मैच गिरते पड़ते जिम्बाब्वे से जीत गए और तीसरे मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाफ 74 पर ऑल आउट हो गए। हर हाल में हार तय थी लेकिन तभी इंद्र देवता मेहरबान हो गए। बारिश के चक्कर में पाकिस्तान को 1 अंक मिल गया।

पर अगले 2 मुकाबलों में बारिश ने दगा दे दिया और पाकिस्तान को भारत-साउथ अफ्रीका ने बुरी तरह धोया। कुल मिलाकर पांच मुकाबले हो चुके थे और पाकिस्तान के खाते में थे सिर्फ 3 अंक..! यहां से पाकिस्तान का सेमीफाइनल में पहुंचना लगभग असंभव माना जा रहा था। इसके बाद 11 मार्च 1992, पर्थ में वाका का मैदान और पाकिस्तान के सामने मेजबान ऑस्ट्रेलिया। पाक टीम पहले खेलते हुए 50 ओवरों में 9 विकेट गंवाकर केवल 220 रन बना सकी। पर पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 45.2 ओवरों में 172 रन बनाकर घुटने टेक दिए। 48 रनों से बड़ी जीत। तेज गेंदबाजों के स्वर्ग कहे जाने वाले पर्थ में पाकिस्तान की अगली भिड़ंत श्रीलंका से हुई। लंका टीम ने 213 का टारगेट दिया था और पाकिस्तान ने 216 रन बनाकर 4 विकेट से मैच जीत लिया। इसके बाद न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हराकर पाकिस्तान ने सेमीफाइनल में एंट्री कर ली।

पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड टूर्नामेंट के 4 सेमीफाइनलिस्ट बने। जैसे इस बार सबसे कम अंकों के साथ पाकिस्तान सेमीफाइनल खेलने वाली इकलौती टीम है, उस बार भी वही हाल था। न्यूजीलैंड ने पहले खेलते हुए 262 रन बनाए। कप्तान मार्टिन क्रो ने 91 रनों की जोरदार पारी खेली। लगा था कि पाकिस्तानी बल्लेबाजी उतनी मजबूत नहीं है तो टारगेट चेज करना मुश्किल होगा। जब इंजमाम उल हक बल्लेबाजी करने के लिए आए तो 15 ओवरों में 123 रन और बनाने थे। 37 गेंदों में 60 रनों की जोरदार पारी और पाकिस्तान एक ओवर रहते ही फाइनल में पहुंच गया। इधर इंग्लैंड-साउथ अफ्रीका सेमीफाइनल चल रहा था। अफ्रीकी टीम को 13 गेंदों पर 22 रन बनाने थे लेकिन 10 मिनट की बारिश के बाद उसे 1 गेंद पर 22 रन बनाने का टारगेट दिया गया। इंग्लैंड फाइनल पहुंच गया।

25 मार्च 1993 की वह ऐतिहासिक तारीख जब इंग्लिश गेंदबाजों के सामने पाकिस्तानी बल्लेबाजी बुरी तरह लड़खड़ा गई। 110 गेंदों पर इमरान खान की संघर्षपूर्ण 72 रनों की पारी, जिसने उन्हें पाकिस्तान में इतना लोकप्रिय बना दिया कि वह बाद में वहां के प्रधानमंत्री भी बन गए। 250 रनों का टारगेट चेंज करने उतरी इंग्लैंड की टीम 227 रन बनाकर आखिरी ओवर में ऑल आउट हो गई और 22 रनों से मुकाबला गंवा बैठी। उस वर्ल्ड कप से समानता की बात करें तो इस बार भी ग्रुप स्टेज में पाकिस्तान को भारत ने हराया है और फिर एक बार सेमीफाइनल में उसके सामने न्यूजीलैंड है। 1992 में भी पाकिस्तान गलती से सेमीफाइनल पहुंच गया था और इस बार भी गिरते-पड़ते सफर पूरा हुआ है। ऐसे में पाकिस्तान न्यूजीलैंड पर भारी पड़ सकता है।

अब भारत की बात करें तो इंग्लैंड से हमारा T-20 वर्ल्ड कप में 3 दफे आमना-सामना हुआ है। दो बार बाजी भारत के हाथ लगी है तो एक बार इंग्लैंड की टीम ने मुकाबला अपने नाम किया है। सबसे पहले 2007 वर्ल्ड कप में हम इंग्लैंड से टकराए थे और एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने युवराज सिंह का गुस्सा भड़का दिया था। नतीजा रहा था कि स्टुअर्ट ब्रॉड को युवी ने 6 गेंदों पर 6 छक्के जड़ दिए थे। भारत ने मुकाबला 18 रनों से अपने नाम किया था। 2009 T-20 वर्ल्ड कप में जरूर इंग्लैंड ने हमें करीबी मुकाबले में 3 रन से हरा दिया था लेकिन फिर 2012 टी-20 वर्ल्ड कप में भारत ने इंग्लैंड पर 90 रनों की एकतरफा जीत दर्ज की थी। उस मुकाबले में विराट ने 32 गेंदों पर 40 तो वहीं हिटमैन रोहित ने 33 गेंदों पर 5 चौकों और 1 छक्के की मदद से 166 की स्ट्राइक रेट से 55* रन बनाए थे।

T-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में भारत और इंग्लैंड कभी किसी नॉकआउट मुकाबले में नहीं भिड़े लेकिन पिछला प्रदर्शन टीम इंडिया के हक में जाता दिख रहा है। अगर थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट रघु की गेंद से रोहित को लगी चोट ज्यादा गंभीर नहीं हुई तो वह इंग्लैंड के खिलाफ बल्ले से तूफान ला सकते हैं। सूर्यकुमार यादव और विराट कोहली का बल्ला तो यूं ही आग उगल रहा है। मोहम्मद शमी, भुनेश्वर कुमार और अर्शदीप सिंह की गेंदबाजी भी इंग्लिश बल्लेबाजों पर भारी पड़ सकती है। न्यूजीलैंड के लिए केन विलियमसन का फॉर्म में वापसी करना बड़ी खुशखबरी है और वह पाकिस्तानी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ सकते हैं। वरना अगर शाहीन अफरीदी की रफ्तार का कहर बरपा तो पाकिस्तान को फाइनल में जगह बनाने से कोई रोक नहीं पाएगा।

पाक के टॉप परफॉर्मर की बात करें तो शादाब खान ने 5 मुकाबलों में सिर्फ 6.22 की इकोनॉमी से गेंदबाजी करते हुए 10 विकेट चटकाए हैं। यहां तक कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 22 गेंदों पर ताबड़तोड़ 52 रन भी जड़ दिए थे। इस टूर्नामेंट में 177 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी कर रहे शादाब सेमीफाइनल में भी गेम चेंजर बन सकते हैं। वह अक्सर बड़ी साझेदारी तोड़ने के लिए जाने जाते हैं। शादाब की तेज गुगली बल्लेबाजों के लिए परेशानी का सबब बनती है। इफ्तिखार अहमद भी मुकाबले का रुख बदल सकते हैं। इस वर्ल्ड कप में वह अब तक 2 अर्धशतक लगा चुके हैं। भारत के खिलाफ मुश्किल हालात में 34 गेंदों में 51 रन बनाने के अलावा साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी उन्होंने 35 गेंदों पर 51 रन बनाए थे। बल्लेबाजी के अलावा उनकी ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी पाकिस्तान के काम आ सकती है।

शाहीन शाह अफरीदी ने 5 मुकाबलों में 6.22 की इकोनॉमी से गेंदबाजी करते हुए 8 विकेट चटकाए हैं। वह तो मैच विनर है ही लेकिन मोहम्मद हारिस का जलवा उन पर भी भारी पड़ रहा है। फखर जमान की इंजरी के बाद टीम में शामिल हुए हारिस पहली गेंद से अटैक करते हैं। बांग्लादेश के खिलाफ जब बाबर-रिजवान की धीमी बल्लेबाजी टीम की लुटिया डुबा रही थी तो हारिस ने 18 गेंदों पर ताबड़तोड़ 31 रन बनाकर पाकिस्तान को जीत दिलाई थी। हालांकि स्पिनर्स के सामने उन्हें थोड़ी मुश्किल होती है और यह रणनीति उनके खिलाफ कारगर साबित हो सकती है।

भारत की बात करें तो विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव इस वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल खेल रही चारों टीमों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले टॉप 2 बल्लेबाज हैं। एक तरफ विराट के पांच मुकाबलों में 246 रन तो वहीं सूर्यकुमार यादव के 225 रन। जहां विराट का औसत 123 का है तो वही सूर्या का स्ट्राइक रेट 194...! दोनों की जुगलबंदी सेमीफाइनल में जम गई तो इंग्लैंड के गेंदबाज पानी भरते नजर आएंगे। अर्शदीप सिंह 5 मुकाबलों में 10 विकेट चटका चुके हैं, तो वहीं शमी ने भी 6 शिकार कर लिया है। भुवी को शुरुआती स्विंग मिली तो भारत के लिए मैच मुश्किल नहीं होगा।

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