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17/07/2025

अल्लाह के 99 नाम और उनका मतलब ❤️

हदीसे पाक में है कि इल्म फैलाने वाले के बराबर कोई आदमी सदक़ा नहीं कर सकता
(क़ुर्बे मुस्तफा,सफ़्हा100)

▪अल्लाह (सबसे बड़ा नाम)
▪अर रहमान (बहुत रहम वाला)
▪अर रहीम (बहुत बड़ा मेहरबान)
▪अल मलिक (हक़ीक़ी बादशाह )
▪अल कुद्दूस (बहुत ज़्यादा पाक)
▪अस सलाम (सलामती वाला)
▪अल मुअमिन (अमन देने वाला)
▪अल मुहैमिन (निगहबान)
▪अल अज़ीज़ (इज़्ज़त के काबिल)
▪अल जब्बार (ज़बरदस्त)
▪अल मुतकब्बिर (बड़ाई वाला)
▪अल ख़ालिक़ (पैदा करने वाला)
▪अल बारी (सूरत बनाने वाला)
▪अल मुसव्विर (सूरत देने वाला)
▪अल गफ़्फ़ार (बड़ा बख़्शने वाला)
▪अल कह्हार (क़हर करने वाला)
▪अल वह्हाब (बहुत ज़्यादा देने वाला)
▪अर रज़्ज़ाक (रोज़ी देने वाला)
▪अल फत्ताह (खोलने वाला)
▪अल अलीम (जानने वाला)
▪अल काबिज़ (कब्ज़ा करने वाला)
▪अल बासित (फ़र्राखी देने वाला)
▪अल ख़ाफ़िज़ (गिराने वाला)
▪अर राफ़िअ (उठाने वाला)
▪अल मुइज़ (इज़्ज़त देने वाला)
▪अल मुज़िल (ज़लील करने वाला)
▪अस समीअ (सुनने वाला)
▪अल बसीर (देखने वाला)
▪अल हकम (फ़ैसला देने वाला)
▪अल अद्ल (इंसाफ करने वाला)
▪अल लतीफ़ (नरमी करने वाला)
▪अल ख़बीर (ख़बर रखने वाला)
▪अल हलीम (बुर्दबार)
▪अल अज़ीम (बहुत बड़ा)
▪अल ग़फ़ूर (बार बार बख़्शने वाला)
▪अश शकूर (बहुत अज्र देने वाला)
▪अल अली (बहुत बुलन्द)
▪अल कबीर (बहुत बड़ा)
▪अल हफ़ीज़ (संभालने वाला)
▪अल मुकीत (रोज़ी देने वाला)
▪अल हसीब (हिसाब लेने वाला)
▪अल जलील (बुज़ुर्गी वाला)
▪अल करीम (बड़ा सख़ी)
▪अर रक़ीब (निगहबान)
▪अल मुजीब (दुआ कुबूल करने वाला)
▪अल वासिअ (कुशादगी वाला)
▪अल हक़ीम (हिकमत वाला)
▪अल वदूद (भलाई चाहने वाला)
▪अल मजीद (बड़ी शान वाला)
▪अल बाइस (उठाने वाला)
▪अश शहीद (गवाह)
▪अल हक़ (सच्चा और साबित)
▪अल वकील (कारसाज़)
▪अल क़वी (ताक़तवर)
▪अल मतीन (ज़बरदस्त क़ुव्वत वाला)
▪अल वली (मददग़ार)
▪अल हमीद (तारीफ़ किया गया)
▪अल मुह्सी (गिनती करने वाला)
▪अल मुब्दी (पहले पहल पैदा करने वाला)
▪अल मुईद (दोबारा पैदा करने वाला)
▪अल मुहयी (ज़िन्दा करने वाला)
▪अल मुमीत (मारने वाला)
▪अल हैय् (हमेशा ज़िन्दा रहने वाला)
▪अल कय्यूम (दुनिया क़ायम रखने वाला)
▪अल वाजिद (हर चीज़ को पालने वाला)
▪अल माजिद (बड़ी इज़्ज़त वाला)
▪अल वाहिद (अकेला)
▪अल अहद (एक)
▪अस समद (जो किसी का मोहताज न हो)
▪अल क़ादिर (क़ुदरत रखने वाला)
▪अल मुक़्तदिर (पूरी क़ुदरत रखने वाला)
▪अल मुक़द्दिम (आगे करने वाला)
▪अल मुअख्खिर (पीछे करने वाला)
▪अल अव्वल (सबसे पहले)
▪अल आख़िर (सब के बाद)
▪अज़्ज़ाहिर (सब पर ज़ाहिर)
▪अल बातिन (सबसे पोशीदा)
▪अल वाली (हक़ीक़ी मालिक)
▪अल मुतआली (बहुत ही बुलन्द)
▪अल बर्र (तमाम नेकी के जरिया)
▪अत तव्वाब (तौबा क़ुबूल करने वाला)
▪अल मुन्तकिम (इन्तिक़ाम लेने वाला)
▪अल अफूव (दरगुज़र करने वाला)
▪अर रऊफ (शफ़क़त करने वाला)
▪मालिकुल मुल्क (बादशाहत का मालिक)
▪जुल जलालि वल इकराम (इज़्ज़त और
बुलंदी अता करने वाला)
▪अल मुक़सित (इंसाफ़ करने वाला)
▪अल जामिअ (जमा करने वाला)
▪अल ग़नी (किफ़ायत करने वाला)
▪अल मुग़नी (बेपरवाह करने वाला)
▪अल मानिअ (रोकने वाला)
▪अज़ ज़ार (नुकसान पहुँचाने वाला)
▪अन नाफ़िअ (नफ़ा पहुँचाने वाला)
▪अन नूर (मुनव्वर करने वाला)
▪अल हादी (रास्ता दिखाने वाला)
▪अल बदीअ (बेमिसाल पैदा करने वाला)
▪अल बाक़ी (बाक़ी रहने वाला)
▪अल वारिस (हक़ीक़ी वारिस)
▪अर रशीद (सीधी राह दिखाने वाला)

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16/07/2025

बेशक!
सुकून की तलाश हर इंसान की फितरत में है। हम सब ज़िन्दगी के शोर, परेशानियों, उलझनों, और दुनियावी मशग़लों में सुकून ढूंढते फिरते हैं — कभी रिश्तों में, कभी माल-ओ-दौलत में, कभी कामयाबी में, लेकिन असली सुकून कहीं और ही छुपा है।

❖ सुकून कहाँ है?

क़ुरआन-ए-मजीद की एक आयत में अल्लाह तआला साफ़ फ़रमाता है:

“أَلَا بِذِكْرِ اللَّهِ تَطْمَئِنُّ الْقُلُوبُ”
“ख़बरदार! अल्लाह के ज़िक्र से ही दिल इत्मिनान पाते हैं।”
(सूरह रअद, आयत 28)

ये आयत हमारी ज़िन्दगी का नक्शा बदल सकती है। अल्लाह तआला हमें बता रहा है कि दिलों का सुकून न किसी इंसान के पास है, न दौलत में, न शोहरत में, बल्के सिर्फ़ और सिर्फ़ अल्लाह के ज़िक्र में है।

❖ अल्लाह का ज़िक्र क्या है?

अल्लाह का ज़िक्र सिर्फ़ ज़बान से “सुब्हानअल्लाह”, “अल्हम्दुलिल्लाह”, “अल्लाहु अकबर” कहना नहीं — बल्कि ये दिल की हालत है, जहाँ इंसान हर वक़्त अल्लाह को याद रखता है:
• नमाज़ के ज़रिये
• तस्बीह के ज़रिये
• कुरआन की तिलावत से
• और सबसे बढ़कर… जब इंसान दुनिया के कामों में भी अल्लाह को शामिल रखता है।



❖ सुकून का दूसरा रास्ता — दरूद शरीफ़

रसूलुल्लाह ﷺ पर दरूद भेजना एक ऐसी इबादत है जो इंसान की रूह को नूरानी कर देती है।

हदीस शरीफ़ में आता है:

“जो शख़्स मुझ पर एक बार दरूद भेजता है, अल्लाह उस पर दस रहमतें नाज़िल करता है।”
(सहीह मुस्लिम)

हर दरूद:
• हमारी मुसीबतें दूर करता है
• हमारे गुनाहों का कफ्फ़ारा बनता है
• और सबसे अहम — दिल को सुकून देता है



❖ क्यों सुकून वहीं है?

क्योंकि:
• जब आप अल्लाह को याद करते हैं, तो आपको यक़ीन आता है कि आप अकेले नहीं हैं।
• जब आप दरूद पढ़ते हैं, तो नबी ﷺ की मोहब्बत से दिल भर जाता है — और मोहब्बत में दर्द भी सुकून बन जाता है।
• जब आप अल्लाह के सामने सजदा करते हैं, तो दुनिया की बड़ी से बड़ी परेशानी भी छोटी लगती है।

बाकी सब मोहब्बतों को जवाल हैबस एक रब की मुहब्बत ही बे मिशाल है‎ #बेशक 💞☝️
14/07/2025

बाकी सब मोहब्बतों को जवाल है

बस एक रब की मुहब्बत ही बे मिशाल है

‎ #बेशक 💞☝️

कुरान झूठ बोलने और झूठी गवाही देने से मना करता है। Islamic group🎀 🫂सभी मेम्बर अपने 🔥100 दोस्तों को एड करें 👍शुक्रिया😘 qu...
14/07/2025

कुरान झूठ बोलने और झूठी गवाही देने से मना करता है।

Islamic group🎀 🫂सभी मेम्बर अपने 🔥100 दोस्तों को एड करें 👍शुक्रिया😘 quran

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