देहरी से द्वार तक Dehri se Dwar tak

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देहरी से द्वार तक Dehri se Dwar tak सफर " मन की देहरी से मुक्ति के द्वार तक का"
प्रिय मित्रों आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है।

29/04/2025

राम को पूजने वाले भी

कई बार रावण जैसा आचरण रखते हैं।

29/04/2025

अपना दिमाग शांत रखो सखी

ये आंधियां थम जाएंगी
सबकुछ बदल जाएगा
जीवन जरा बेहतर हो जाएगा

क्योंकि

प्रकृति में कुछ भी स्थाई नहीं होता
बदलाव प्रकृति का आधारभूत नियम है।

29/04/2025

This is the law of Nature ----

Everything is Temporary.

29/04/2025

सब समय समय की बात है सखी

कब कौन बदल जाए इस बात की कोई गारंटी नहीं होती,

बदलाव प्रकृति का नियम है,इसे स्वीकार करने में हीं सबकी भलाई है।

29/04/2025

जीवन चलने का नाम
चलते रहो सुबह शाम

25/04/2025

और जब लगे कि जिंदगी के जंजाल में जकड़ लिए गए हैं

तब

एक लंबी सांस भरकर अपने इष्ट देव का स्मरण करते हुए

सब उन्हें सौंप दें,

ठंढ़ा पानी पिएं

किसी बच्चे से थोड़ी देर बात कर लें

यकीन मानिए
बहुत सुकून मिलेगा।

#जिंदगी_पढ़ा_रही_है

#देहरी_से_द्वार_तक

03/11/2024
03/11/2024

Good Morning India

23/10/2024

प्रिय मित्रों
एक दुविधा है,
आप सबकी सलाह चाहिए 🙏

लोग कहते हैं कि दिल को कड़ा करो और अपनी बात कह डालो। समस्या ये है कि दिल को कड़ा कैसे किया जाता है?
कुछ कहने जाओ तो रुलाई छूट जाती है, फिर अपनी बात न तो ढ़ंग से कह पाते हैं और न हीं सामने वाले को समझा पाते हैं।

अधिकतर मामलों में चुप रह कर जो जैसा है वैसा ही झेलने की आदत सी पड़ी हुई है लेकिन कई बार अपना दिल सामने वाले का विरोध कर बैठता है और कुछ कहने जाओ तो पहली बात कि मुंह नहीं खुलता है और खुलता भी है तो सामने वाले अपने रौब या ऐब ( जैसे कोई गंभीर बीमारी ) की वजह से हम पर हावी रहते हैं।

इस बार बोलना बहुत जरूरी है,
क्या करुं और कैसे कहूं अपने मन की बात ताकि 'अपने' भी सलामत रहें और 'अपनापन' भी साथ हीं मन की शांति भी भंग न हो।

आप सभी के सलाह की आकांक्षी आपकी सखी 'रानी'
(पेज मेंबर)

ईश्वर करें वो दिन जल्दी आए जब आप अपने दिल की बात जुबां से कह पाएं।प्यारी सखी मन के भावों  और विचारों के तुफान को दिल में...
16/10/2024

ईश्वर करें वो दिन जल्दी आए
जब आप अपने दिल की बात जुबां से कह पाएं।

प्यारी सखी
मन के भावों और विचारों के तुफान को दिल में रोके रखने की कोशिश में तुमने अपना सुख चैन हंसी खुशी अपनी अल्हड़ता अपना ख्याल रखना सब छोड़ दिया है।

मुझे उस दिन का इंतजार रहेगा सखी जब तुम एक बार फिर अपने रंग में रंगी खिलखिलाती हुई मुझे मिलोगी।

ईश्वर तुम्हारा ख्याल रखें।

तुम्हारी सखी गार्गी

कहते हैं प्राणों से की गई प्रार्थना उस परमपिता परमेश्वर तक अवश्य पहुंचती है।किसी भी वजह से यदि मन विचलित हो,तो प्रार्थना...
07/10/2024

कहते हैं प्राणों से की गई प्रार्थना उस परमपिता परमेश्वर तक अवश्य पहुंचती है।

किसी भी वजह से यदि मन विचलित हो,
तो
प्रार्थना कीजिए।

किसी के प्रति यदि मन में शुभ भावना हो,
तो प्रार्थना कीजिए।

अच्छा एक बात बताना,,,,,,,

आखिरी बार आपने कब प्रार्थना की थी?

नहीं याद आया न!
कोई बात नहीं।
हम आज और अभी इसी क्षण में एक साथ प्रार्थना करते हैं उस सर्वशक्तिमान ऊर्जा के असीम श्रोत से।

हाथ जोड़कर या उठाकर, आंखें बंद कर अपने ईश्वर, अल्लाह, गॉड परमपिता परमेश्वर, वाहेगुरु से एक प्रार्थना करते हैं।
हे सर्वशक्तिमान,जगत के रक्षक,कण कण में व्याप्त, जीवन के पर्याय, प्राणवायु बनकर हमारी सांसों में बहने वाले, भोजन और जल के रुप में हमें ऊर्जा देने वाले और हमारे प्रियजनों के रुप में हमें अपनी नज़र में रखने वाले आपको कोटि कोटि प्रणाम।
हे ईश्वर तुमने यह सुन्दर संसार बनाया, हमें जीवन प्रदान किया,आपको सहृदय धन्यवाद।
हे ईश्वर जगत की रक्षा करो, सभी को सुन्दर जीवन प्रदान करो,सुखद सवेरा सबके भाग्य में लिख दो।
हे प्रभो हमारी प्रार्थना स्वीकार करो।
हे परमपिता परमेश्वर सबका भला करो ।
सबको सुख और शांति दो।

ऊं शांति

जो तुमको हो पसंद, वहीं बात करेंगे तुम 'दिन' को कहो 'रात' तो "रात" कहेंगे......... सावधान 👿इस गीत में व्याकरण के अलावा सब...
05/10/2024

जो तुमको हो पसंद, वहीं बात करेंगे

तुम 'दिन' को कहो 'रात' तो "रात" कहेंगे.........

सावधान 👿

इस गीत में व्याकरण के अलावा सब गलत है।

यदि
आप भी ऐसी स्थिति में जी रहे हैं जहां सामने वाले की हां में हां मिलाना आपकी मजबूरी बन गई है,
उसकी पसंद-नापसंद को अपनी पसंद - नापसंद बना लेना आपने अपनी नियति मान ली है,
आपने अपने जीवन का संचालन उनके हाथों में दे रखा है,....
और इस तरह की ढ़ेर सारी वजहें, जहां आपका होना सामने वाले की मर्जी पर निर्भर करता है

तो

स्थिति बहुत विकट हो चुकी है,
आपने अपने आप को खो दिया है,
,
,
,
आपने अपने ही हाथों अपना अस्तित्व गिरवी रख दिया है।


,
, करबद्ध प्रार्थना है आपसे,🙏
निवेदन है आपसे, 🙏🏻
अपने आप को बचा लिजिए,
आप प्रकृति की अनमोल रचना हैं,
प्रकृति के साथ,
ईश्वर के साथ
अपने आप के साथ न्याय कीजिए ।

आपकी सखी गार्गी
#देहरी_से_द्वार_तक

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