23/12/2024
★ 'अल्लामा इक़बाल का लिखा "सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा" एक कुवैती गायक गा रहे हैं
★ मोदी कुवैत के जलसे में बैठ कर सुन रहा है..'अल्लामा इक़बाल पाकिस्तान के राष्ट्रीय कवि हैं..
★ और भारत में आरएसएस 'अल्लामा इक़बाल को गाली देता है..कुछ समझ आया?
◆ पर कुवैत को समझ आया..कुवैत मोदी की असलियत से वाक़िफ़ है..मोदी की नफ़रत, बर्बरता का पूरा हिसाब किताब है..
◆ बात तहज़ीब और रिश्तों की है..कुवैत में मोदी को मिल रही 'इज़्ज़त पर मुजरा करने वाला मीडिया मोदी को एक्सपोज़ कर रहा है..
~ कुवैत में मोदी को "मिनी हिंदुस्तान" दिख गया..और भारत में मोदी को "मिनी पाकिस्तान" दिखता है? अगर कुवैती 'अवाम "मिनी हिंदुस्तान" के ख़ौफ़ से कुवैत के भारतीयों पर बुलडोज़र चला दे, घर जला दे, क़त्ल कर दे तो सही होगा या ग़लत?
~ मोदी को कुवैत से सांस्कृतिक, व्यापारिक रिश्ते याद आए..संस्कृति में मज़हब, खाना, शादी वग़ैरह भी शामिल है..और भारत में मोदी को "लव जिहाद" दिखता है..भारत में मुसलमानों का आर्थिक बॉयकॉट करना है..
~ क्या कुवैत में रहने वाले किसी भी हिंदू को मार मार कर "अल्लाह ओ अकबर" बुलवाया गया? क्या कुवैत में किसी हिंदू की मॉब लींचिंग हुई? क्या कुवैत में बलात्कारियों को फूल माला पहनाई गई?
👉 कुवैत में रहने वाला कोई भी हिंदू/भारतीय भारत वापस लौटना नहीं चाहता..क्योंकि कुवैत में मज़हब के नाम पर ज़ुल्म नहीं होता, खाने की आज़ादी है, बलात्कार नहीं होते..टैक्स फ्री सैलरी है, शिक्षा, 'इलाज और "फाइनेंसियल इन्क्लुशन" है..
🔔 आदित्यनाथ, समझ आए तो समझना : अगर 'अरब देशों ने भारतीयों को रोज़गार नहीं दिया होता तो तथाकथित मंदिर बनाने वाले भारत मे रिक्शा चला रहे होते..ठीक वैसे ही जैसे मंदिर तोड़ने वाले रिक्शा चला रहे हैं..
👉 10 लाख करोड़ का रेमिटेंस भारत नहीं आता, अदाणी अंबानी की कंपनियों में निवेश नहीं आता और मोदी का 'अरब में घुसना वैसे ही बैन होता जैसे अमरीका में हुआ था..
◆◆ यही बात उन सारे विदेशी देशों पर भी लागू होती हैं जहां भारतीय काम करते हैं..बाक़ी मोदी आरएसएस जो करता है वो "विशुद्ध नमकहरामी" है..
◆◆ नेहरुजी और कांग्रेस के शुक्रगुज़ार बनिए..क्योंकि आज जो विदेशों में 'इज़्ज़त मिल रही है वो नेहरुजी के बनाए रिश्ते हैं..बाक़ी मोदी विदेशों में अदाणी के सेल्समैन के 'अलावा करता ही क्या है?
✋ शिक्षित, स्किल्ड नौजवानों को सलाह है कि अमरीका, यूरोप जाना ज़रा मुश्किल है, 'अरब जाइए.. मुमकिन है कि जिंदगी संवर जाए..नफ़रत से आज़ाद हो कर सुकून की ज़िंदगी गुज़ारिए..
ृष्णनअय्यर