
16/09/2024
सीपीआइएम के महासचिव और घनघोर वामपंथी 'सीताराम येचुरी' कल मर गए.... सीताराम येचुरी ने सीमा चिश्ती से विवाह के बाद बिना नाम बदले इस्लाम कबूल कर लिया था ! उन्होंने अपने पुत्र का इस्लामिक नाम दानिश और पुत्री का नाम अकीला रखा था...
ये चीन और इस्लाम के परम भक्त थे। अच्छा होता कि ये अपने नाम से "सीताराम" हंटा कर 'मो० कन्फूशियस येचुरी' रख लेते। लेकिन वामपंथियों में नैरेटिव गढने का बड़ा महत्व होता है। इसलिए सीताराम शब्द से हिन्दू जनमानस को ठगने का नैरेटिव तो बन ही जाता था.....
उनका दुर्भाग्य रहा कि वह जीवन भर राम मंदिर आंदोलन का विरोध करते हुए वो अंत में अयोध्या में भव्य राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण और प्राण-प्रतिष्ठा देख कर मरे...
बेचारे कहते थे कि सारे हिन्दू शास्त्र महिला विरोधी हिंसा से भरे पड़े हैं। रामायण-महाभारत का उदाहरण देकर बताते थे कि हिन्दू हिंसक होते हैं। 2017 में दोकलाम विवाद के दौरान उन्होंने चीन का पक्ष लेते हुए भारत सरकार पर तनाव बढ़ाने का आरोप भी लगाया था। गलवान के दौरान भी उनकी पार्टी ने खुल कर चीन का पक्ष लिया था....
चीन ने असंख्य परमाणु परीक्षण किए पर उससे इनको विश्व शांति को कोई खतरा नहीं दिखाई दिया था। लेकिन जब भारत ने परमाणु परीक्षण किया तो इसका पुरजोर विरोध किया। नेपाल को फिर से हिन्दू राष्ट्र घोषित किए जाने की माँग को कुचलने में उनका बड़ा योगदान था।
सीताराम येचुरी का कहना था कि हिन्दू पर्व-त्योहार सामंतवादी और जातिवादी मानसिकता को बढ़ावा देते हैं।
भले आदमी थे, राममंदिर औऱ लोकसभा चुनाव 2024 नहीं झेल पाये...
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