23/09/2025
एक व्यापारी राजा के दरबार में पहुँचा और बोला –
“महाराज! पाँच रुपये की रोटी अब दस रुपये में बेचनी है।”
राजा मुस्कुराए और बोले –
“नहीं व्यापारी, ऐसा करने से तो प्रजा विद्रोह कर देगी। तुम रोटी का दाम बीस रुपये कर दो।”
व्यापारी ने आदेश का पालन किया। जैसे ही दाम बढ़े, प्रजा बौखलाई हुई राजा के पास पहुँची।
राजा ने तुरंत व्यापारी को बुलाया और कहा –
“अब रोटी का दाम दस रुपये कर दो।”
और बस…
प्रजा ताली बजाकर राजा की जय करने लगी।
“महाराज ने हमारी रक्षा की, हमें सस्ती रोटी दिलाई!”
प्रजा खुश होकर अपने घर लौट गई…
व्यापारी भी खुश हुआ, क्योंकि उसका असली मक़सद पाँच रुपये से दस रुपये तक पहुँचना ही था।
और राजा भी संतुष्ट रहा, क्योंकि उसकी “प्रजा-भक्ति” की जय-जयकार गूँज रही थी।
GST उत्सव यही हैं