
10/07/2025
कलीम आजिज़ (Kaleem Ajiz) उर्दू के एक प्रसिद्ध शायर और शिक्षाविद थे। उनका जन्म 1926 में बिहार के पटना में हुआ था. उन्होंने उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और बिहार में उर्दू साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्हें 1976 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. कलीम आजिज़ को उनकी गजलों, खासकर "तुम कत्ल करो हो कि करामात करो हो" जैसी रचनाओं के लिए जाना जाता है. उनका निधन 15 फरवरी 2015 को हजारीबाग में हुआ था.
कलीम आजिज़ के बारे में कुछ मुख्य बातें:
जन्म: 1926, पटना, बिहार
शिक्षा: पटना कॉलेज से स्नातक, पटना विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में स्नातकोत्तर और पीएचडी
पहचान: उर्दू शायर, शिक्षाविद, पद्मश्री
योगदान: बिहार में उर्दू साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका, स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर लाल किले के मुशायरे में बिहार का प्रतिनिधित्व
निधन: 15 फरवरी 2015, हजारीबाग
प्रसिद्ध रचना: "तुम कत्ल करो हो कि करामात करो हो"
कलीम आजिज़ को उनकी शायरी और गजलों के लिए हमेशा याद किया जाता है, खासकर उनके खास अंदाज और दर्द भरी गजलों के लिए.
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