Hamara Manch

Hamara Manch Kavi Sammelan Organizer
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Alka Yagnik के हौसले के आगे सब को झुकना ही पड़ा! Twist in Story!!YouTube Video Link: https://www.youtube.com/watch?v=dcMw...
03/07/2025

Alka Yagnik के हौसले के आगे सब को झुकना ही पड़ा! Twist in Story!!
YouTube Video Link: https://www.youtube.com/watch?v=dcMwu...
Bollywood Legends ‪‬

02/07/2025

तूने हीरा सा जन्म गंवाया भजन बिन बाँवरे | भजन | पंचकैलाशी गणेशदत्त कौशिक | Bhajan | Hamara Manch

आपको सुन कर शायद अतिश्योक्ति लगेगा कि बॉलीवुड के सुनहरे दौर में एक शब्दों का ऐसा जादूगर था, जिसके सामने बड़े-बड़े संगीतकार...
23/06/2025

आपको सुन कर शायद अतिश्योक्ति लगेगा कि बॉलीवुड के सुनहरे दौर में एक शब्दों का ऐसा जादूगर था, जिसके सामने बड़े-बड़े संगीतकारों और गायकों का जलवा भी फीका पड़ जाता था। चाहे वह अपने दौर के दिग्गज संगीतकार एस.डी. बर्मन हों या स्वर कोकिला लता मंगेशकर—इनके जादुई अल्फ़ाज़ों के सामने किसी की भी चल नहीं पाई। देखिये पूरा वीडियो यूट्यूब के चैनल पर
https://youtu.be/3SIo87_RT8s

21/06/2025

रेवाड़ी का घंटेश्वर मंदिर हिन्दू मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल। सुमरुँ घंटेश्वर महादेव म्हारे कभी न आवे खेव। भजन | कुलदीप कौशिक | Bhajan | Hamara Manch

18/06/2025

मेरे साँवरे सलोने कन्हैया तेरा जलवा कहाँ पे नहीं है ! भजन | पंचकैलाशी गणेशदत्त कौशिक | Bhajan | Hamara Manch

16/06/2025
13/06/2025

प्रभु मोरे अवगुण चित्त ना धरयो | भजन | कुलदीप कौशिक | Bhajan | Kuldeep Kaushik | Hamara Manch

09/06/2025

अपने चरणों की छाँव में बिठा लो मुझे | भजन | पंचकैलाशी गणेशदत्त कौशिक | Bhajan | Hamara Manch

इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं। इन आँखों से वाबस्ता अफ़्साने हज़ारों हैं।। इक तुम ही नहीं तन्हा उल्फ़त में मिर...
05/06/2025

इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं।
इन आँखों से वाबस्ता अफ़्साने हज़ारों हैं।।

इक तुम ही नहीं तन्हा उल्फ़त में मिरी रुस्वा,
इस शहर में तुम जैसे दीवाने हज़ारों हैं।

इक सिर्फ़ हमीं मय को आँखों से पिलाते हैं,
कहने को तो दुनिया में मय-ख़ाने हज़ारों हैं।

इस शम-ए-फ़रोज़ाँ को आँधी से डराते हो,
इस शम-ए-फ़रोज़ाँ के परवाने हज़ारों हैं।

शहरयार

05/06/2025

जो मक्कार पड़ोसी छुप कर घात करे उससे कैसी बातचीत? Upendra Pandey | Hamara Manch Kavi Sammelan 2025

04/06/2025

चलो मन वृन्दावन की और | भजन | कुलदीप कौशिक | Bhajan | Vtindavan | Kuldeep Kaushik | Hamara Manch

आईने से पर्दा कर के देखा जाए। ख़ुद को इतना तन्हा कर के देखा जाए। हम भी तो देखें हम कितने सच्चे हैं,ख़ुद से भी इक वअ'दा क...
04/06/2025

आईने से पर्दा कर के देखा जाए।
ख़ुद को इतना तन्हा कर के देखा जाए।

हम भी तो देखें हम कितने सच्चे हैं,
ख़ुद से भी इक वअ'दा कर के देखा जाए।

दीवारों को छोटा करना मुश्किल है,
अपने क़द को ऊँचा कर के देखा जाए।

रातों में इक सूरज भी दिख जाएगा,
हर मंज़र को उल्टा कर के देखा जाए।

दरिया ने भी तरसाया है प्यासों को,
दरिया को भी प्यासा कर के देखा जाए।

अब आँखों से और न देखा जाएगा,
अब आँखों को अंधा कर के देखा जाए।

ये सपने तो बिल्कुल सच्चे लगते हैं,
इन सपनों को सच्चा कर के देखा जाए।

घर से निकल कर जाता हूँ मैं रोज़ कहाँ,
इक दिन अपना पीछा कर के देखा जाए।

भारत भूषण पन्त

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नमस्कार। This is Official Facebook profile of renowned Haryanvi Poet Yashdeep Kaushik “Yash” - कवि यशदीप कौशिक 'यश'। Kavi Yashdeep Kaushik "Yash" is a Versatile Poet (All genres of Poetry), Lyricist, Storyteller and Motivational Speaker. By Qualification and Profession he is a Computer Engineer and Certified ITIL and Project Management Professional (PMP) with keen focus on Information Technology Service Management.

Kavi Yashdeep Kaushik “Yash” has been on various reality shows on several popular national channels from time to time. Since past many years, he has been performing as a Hasya Kavi and Manch Sanchalak all over the country and has made a unique identity as “YO YO Haryanvi”, among his poetry friends and fans. He turned to his love for poetry and literature into his passion and a mission when he started reciting poems and stories at various events and also over various digital platforms. Besides having performed in hundreds of Kavi Sammelans across various state geographies of India, Kavi Yashdeep Kaushik “Yash” has been specially recognized for the foundation of “Hamara Manch” a globally recognized Poetry Platform dedicated to preserve and enrich Indian Literature, Education and Culture.

कवि यशदीप कौशिक 'यश' हास्य व्यंगय रस के कवि व सिद्ध मंच संचालक हैं | बाल्यकाल कक्षा 6 से ही यशदीप के हृदय में काव्य के बीज अंकुरित होने लगे थे और 12वीं कक्षा तक पहुँचते पहुँचते यशदीप स्थानीय गोष्ठियों व सम्मेलन मंचों पर काफी सक्रिय हो चूका था। 12वीं के बाद इंजीनियरिंग में दाखिले के बाद यशदीप काव्य लेखन से धीरे धीरे दूर होता चला गया और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के बाद नौकरी पेशे व गृहस्थी की व्यस्तता ने इस दूरी को और भी बढ़ा दिया था। परन्तु दो दशक के बाद नियति ने एक बार फिर से यशदीप को कविता लेखन की तरफ आकर्षित किया तो हिंदी कवि सम्मेलन मंचों को यशदीप कौशिक 'यश' के रूप में एक नया कवि मिल गया।

माँ शारदे की असीम अनुकम्पा एवं बड़ों के आशीर्वाद से इसके बाद फिर कवि यशदीप कौशिक 'यश' ने पीछे मुद कर नहीं देखा। आज यशदीप कौशिक 'यश' एक ऐसे ऊर्जावान कवि हैं जो हिंदी कवि सम्मेलन की दुनिया में हास्य व्यंग्य कवि एवं सफल मंच संचालक के रूप में स्थापित है व कवि सम्मेलन एवं मुशायरों के अदबी माहौल में किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं। कवि सम्मेलन की दुनियां का एक सीधा, सच्चा एवं सरल, मंच और कविता के प्रति ईमानदार नाम है कवि यशदीप कौशिक 'यश', जिनकी काव्य प्रस्तुति आज भी लोगो के ह्रदय पटल पर अपनी छाप छोड़ देती है। कवि यशदीप कौशिक 'यश' की सरस वाणी व सहज व्यवहार युवाओं को बहुत ही प्रेरित करती हैं, व सोशल मीडिया पर लाखों लोग कवि यशदीप कौशिक 'यश' को बेहद पसंद करते हैं!