
28/12/2024
28 दिसंबर
थैंक गॉड की रतन टाटा सर सिंगल थे नहीं तो आज टाटा के जितने वेलफेयर समाज सेवी ट्रस्ट चल रहे हैं वो नहीं चल रहे होते क्योंकि अगर रतन टाटा सर शादी शुदा होते और उनकी वाइफ ने उनसे तलाक लिया होता तो According भारतीय न्याय संहिता alimony के नाम पर टाटा सर को 30–50% प्रॉपर्टी शेयर वाइफ को देनी पड़ती। एक उदाहरण : अतुल सुभाष हम सभी लोग देख चुके हैं।
क्योंकि
▪️तलाक के बाद, एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को दी जाने वाली धनराशि को गुजारा भत्ता या भरण-पोषण कहते हैं. गुजारा भत्ता से जुड़े कुछ नियम ये रहे:
▪️अगर पति की आय पत्नी से कई गुना ज़्यादा है, तो कोर्ट पति को गुजारा भत्ता देने का आदेश दे सकता है.
▪️अगर पत्नी कामकाजी है, लेकिन उसकी आय इतनी नहीं है कि वह अकेले अपने खर्च वहन कर सके, तो भी कोर्ट गुजारा भत्ता का आदेश दे सकता है.
▪️सर्वोच्च न्यायालय ने एक फ़ैसले में कहा था कि पति के शुद्ध वेतन का 25% गुजारा भत्ता के रूप में उचित राशि हो सकती है.
▪️गुजारा भत्ता का अंतिम फ़ैसला कोर्ट के विवेक पर निर्भर करता है.
▪️भरण-पोषण मांगने वाली पत्नी परगमन में रह रही हो या बिना पर्याप्त कारण के अपने पति के साथ रहने को मना कर रही हो, तो उसे गुजारा भत्ता नहीं मिल सकता.
▪️कानून पत्नी द्वारा अपने पति के ख़िलाफ़ किए गए दावों और पति द्वारा अपनी पत्नी के ख़िलाफ़ किए गए दावों में अंतर नहीं करता.