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देश सुरक्षित हाथो में Javed Ali Khan Samajwadi Party MP Rajysabha
06/09/2025

देश सुरक्षित हाथो में Javed Ali Khan Samajwadi Party MP Rajysabha

स्वीडन के अभियोजकों ने 28 अगस्त को कहा कि साल 2023 में कुरान जलाने के दो आरोपियों पर मुकदमा चलाया जाएगा. इस्लाम की सबसे ...
29/08/2024

स्वीडन के अभियोजकों ने 28 अगस्त को कहा कि साल 2023 में कुरान जलाने के दो आरोपियों पर मुकदमा चलाया जाएगा. इस्लाम की सबसे पवित्र किताब कुरान को जलाने पर दुनियाभर के मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए थे और स्वीडन में बदले की भावना से हमले की आशंका पैदा हो गई थी.

स्वीडन के अभियोजन प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि दोनों व्यक्तियों ने चार अलग-अलग मौकों पर मस्जिद के बाहर और अन्य सार्वजनिक जगहों पर इस्लाम की पवित्र किताब को जलाकर "जातीय या राष्ट्रीय समूह के खिलाफ उकसाने का अपराध" किया.

स्वीडन की घरेलू सुरक्षा सेवा ने कुरान जलाने की घटनाओं के बाद आतंकवाद से जुड़ी चेतावनी का स्तर बढ़ा दिया था. वहीं पड़ोसी देश डेनमार्क ने कुरान जलाने की घटनाओं के बाद इसे गैर-कानूनी घोषित करने के लिए अपने कानून को कड़ा कर दिया था.

ज्यादातर मुसलमानों का मानना ​​है कि कुरान, अल्लाह का शब्द है और इसलिए इसका अपमान करना एक गंभीर अपराध है. वरिष्ठ अभियोजक अन्ना हान्कियो ने एक बयान में कहा, "दोनों व्यक्तियों पर इन चार मौकों पर बयान देने और कुरान के साथ इस तरह से व्यवहार करने के लिए मुकदमा चलाया जा रहा है, जिसका मकसद मुस्लिम आस्था का अपमान करना था."

हान्कियो ने बताया कि सलवान मोमिका और सलवान नजीम नाम के दो आरोपियों के खिलाफ सबूतों में मुख्य रूप से वीडियो रिकॉर्डिंग शामिल है.

नजीम के वकील ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि उनके मुवक्किल ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है. जबकि मोमिका के वकील ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया.

29/08/2024

जनाब Nawab Iqbal Mehmood जी और Zia Ur Rehman Barq जी संभल में अल्पसंख्यक संस्थान की जरूरत है.. संभल मुस्लिम बहुल इलाका है.. यहां एक भी अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान नहीं है.. निजी स्कूलों की फीस बहुत ज्यादा है. जहां समान्य वर्ग के अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अच्छे से शुरुआती शिक्षा प्राप्त नही कर पाते सभी जनप्रतिनिधियो से निवेदन है. संभल में अल्पसंख्यक केंद्रीय संस्थान की स्थापना कराने का कष्ट करे
Mohammad Faheem Irfan Javed Ali Khan Samajwadi Party MP Rajysabha Javed Ali Khan Nawab Zada Suhail Iqbal Global Muslim News Network

Hindu militants from the Bajrang Dal threatened and harassed Muslim girls for offering prayers at a school in Telangana,...
29/08/2024

Hindu militants from the Bajrang Dal threatened and harassed Muslim girls for offering prayers at a school in Telangana, according to a letter by Muslim leader Amjed Ullah Khan to the state’s Chief Minister.

Khan also shared videos of the Hindu militants inside the school premises when girls were offering prayers. In the videos, they are seen interrogating the girls about who gave permission for praying in the school. In another video, they are seen arguing with the school authorities.

Police have taken no action so far.

28/08/2024

रीढ़ की हड्डी हमारे शरीर को सहारा देती है. यह बेहद लचीली होती है, जो स्पाइनल कॉर्ड की सुरक्षा करती है. साथ ही, कई बार बेइंतिहा दर्द का सबब भी बनती है. दर्द की गोलियों से पहले, कमर और रीढ़ की हड्डी की दर्द की मूल स्थिति और बचाव का राज जानिए.

25/08/2024

भारत में कानून सबके लिये बराबर है,
यह दुनियां का सबसे बड़ा झूठ है..
लोकतंत्र के नाम पर चुनाव आज
सिर्फ गुंडा मवाली , भांड़- भँड़ुआ, नचनियां गवनियां, गेरूआधारी कालनेमि साधु- साधवी , जातिय गिरोह के सरगना चुनने की कवायद भर है,
मतदान से सिर्फ यही तय होता है कि ,
चुनाव लड़ने वालों में सबसे बड़ा गुंडा माफिया ठेकेदार कौन?

चुनाव जीतने वाले तथाकथित सांसद विधायक को अपने नाम के पहले "माननीय" लिखने का संवैधानिक अधिकार मिल जाता है, इसी के साथ इनको मजबूर बहन - बेटी की इज्जत का " शिलान्यास " करने का,
किसी गरीब का घर ,
जमीन कब्जा करने का, हक मिल जाता है ,
अब आदमी भी अभ्यस्त हो गया है जुल्म सहने का,
झूठी तसल्ली के लिये ,कभी इनको, कभी उनको वोट देता है,
यह सरकार बदलने की कवायद, सिर्फ जुल्मी का चेहरा बदलना होता है ,
और कुछ नहीं.....
यही लोक तंत्र रह गया है ......

नेक इरादे वाले भी मंजिल पाने की जल्दबाजी मे मानवता के दुश्मनों से हाथ मिला लेते है और गुमनाम हो जाते हैं कुछ कदमों के निशान छोड़कर.....रामराज्य में।
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Nawab Iqbal Mehmood Mohammad Faheem Irfan Nara Chandrababu Naidu Al Jazeera English Zia Ur Rehman Barq Imran Pratapgarhi Javed Ali Khan Samajwadi Party MP Rajysabha Nawab Zada Suhail Iqbal Jayant Singh Javed Ali Khan CNN

24/08/2024

How Gen Z sees the world: Iranian girl to show real China to the world @फ़ॉलोअर्स
,

cricket Cricle

23/08/2024

छतरपुर पुलिस ने मुसलमानों को गिरफ्तार कर शहर में घुमाया है और उनसे बुलवाया जा रहा है कि कहो " अपराध करना पाप है पुलिस हमारी बाप है"छतरपुर प्रशासन ने पहले घर और गाड़ियां तोड़ी अब 19 के क़रीब लोगों को गिरफ्तार कर शहर में परेड निकाली गई और बुलवाया गया " अपराध करना पाप है पुलिस हमारी बाप है"मुसलमानों पर आरोप लगते ही तथाकथित निष्पक्ष प्रशासन विध्वंस की करवाई शुरू कर देता है मगर जब कोई आरोपी उर्दू नाम वाला न हो तो बुलडोज़र पंचर हो जाता है। प्रशासन के करवाई करने में हाथ कांपने लगते है।
मुसलमानो का बोट लेने वाले कहां है जो आरक्षण के लिए भारत बंद करा रहे थे
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Germany on Monday provided Ukraine with a new military aid package, including air defenses, 14,000 rounds of ammunition,...
19/08/2024

Germany on Monday provided Ukraine with a new military aid package, including air defenses, 14,000 rounds of ammunition, engineering equipment, and medical supplies.

15/08/2024

आजाद भारत मे मुसलमान होने का दर्द....

देखते हैं कि हिंदू परिवार मे पैदा होने के तौर पर इसे आप कितना समझ पाते हैं..
आइंस्टीन, कार्ल मार्क्स और फ्रायड..इन तीनों नामों को आप जरूर सुने होंगे . इनकी खूबी यही है कि जब तक यह मानव समाज पृृवी पर रहेगा तब तक दुनियां इनको भूल नहीं सकती। ये लोग थे कौन ? ये लोग वही है जिनकी कौम को एक बंहसी, पागल , अत्याचारी फासिस्ट नस्लीय घृणा के वशीभूत होकर जड़ से मिटा देना चाहता था. हां उसी हिटलर की बात कर रहा हूं जो जर्मनी मे रहता था और जिनको मिटाने की जिद लिये बैठा था वे लोग यहूदी थे. उसी यहूदी कौम की ये तीनों संताने हैं। कल्पना करिये हिटलर अपने मंसूबों मे सफल हो जाता तो क्या होता ? हिटलर का आतंक पूरी दुनियां पर इस कदर छा गया था कि उसके आतंक को अकेले रोकना लोकतांत्रिक शक्तियों के वश की बात नहीं रह गयी थी . अंत मे मानवता को बचाने के लिये अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, रूस सबको मिलना पड़ा , परिणाम हिटलर को आत्महत्या करना पड़ा, जर्मनी बरबाद हो गया.
हिटलर तो चला गया लेकिन अपना अपनी नस्लीय श्रेष्ठता का बीज हमारे देश के मुट्ठी भर चितपावनों के भ्रूण मे रोप कर इस देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा का बीज बो दिया। जो आजाद भारत मे नस्लीय नफरतों की खेती बनकर लहलहा रही है. आश्चर्य की बात तो ये है कि ये चितपावन उसी यहूदियों के वशज हैं जिनको हिटलर कुचल डालना चाहता था. आज ये उसी हिटलर को अपना आदर्श बनाकर मुसलमानों को उसी तरह कुचलना चाह रहे हैं जैसे हिटलर इनके पूर्वजों को कुचलना चाहता था। यही बिडंबना है. आज सत्ता , प्रशासन , सरकार, न्यायालय , मिडिया पर इनका वैसे ही कब्जा है जैसे जर्मनी मे हिटलर का , और इटली मे मुंजे के गुरू मुसोलिनी का था. सेकेंड राऊंड टेबुल कांफरेंस से लौटते हुये मुंजे इटली मे रूककर फासिज्म की ट्रेनिंग लेकर भारत आकर हेडगवार को एक वैसी ही सोच का संगठन बनाने प्रेरित किया, मुंजे हेडगवार का मेंटर था , जिसका नाम आज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ है जिसमे हथियार का ट्रेनिंग उसके नफरती हिंसा के मूल मे था और इसका काम अपने जन्म से ही मुसलमानों इसाईयों के खिलाफ़ नफ़रत फैलाना रहा है , जो आज देश स्तर पर बदबू दे रहा है . जिसका सड़ांध दुनियां तक फैलना शुरू हो चुका है। सत्ता, दिल्ली की सरकार , कार्यपालिका, न्यायपालिका तथा मिडिया सब इस फासिस्ट संघी विचार की गुलाम बन गयी है , आये दिन मुसलमानों के खिलाफ़ इनके नफ़रत का आतंक बढ़ता जा रहा है. अगर किसी घटना मे मुसलमान पकड़ा जाता है तो रातों रात मिडिया ट्रायल शुरू करके उसे आतंकी घोषित कर देता है, घटना को ऐसे प्रस्तुत करता है जैसे वह वहां मौजूद था. कोर्ट मिडिया ट्रायल के दबाब मे आ जाती और ट्रोल होने के डर से जमानत तक नहीं देती . पता चलता सालो तक मुकदमा चलने के बाद वह व्यक्ति निर्दोष करार दिया जाता. उसके जीवन के बेहतरीन समय बेगुनाह होकर भी जेल मे कट जाता है. ऐसे एक नही सैकडों उदाहरण हैं . मुलमानों के केश में देश का सर्वोच्च न्यायालय फांसी का फैसला संविधान के आधार पर नही राष्ट्र के विवेक ( conscience of the nation ) के आधार पर करके फांसी देता है और ये अपने को न्यायाधीश कहते हैं, शर्म आती है ऐसे न्याय और न्यायाधीश पर जो जो निर्जीव जमीन के टुकड़े में विवेक खोज लेते हैं और देश की कट्टर बहुसंख्यक आबादी इसे मुसलमानों के लिये जनमत संग्रह की तरह प्रचारित करती है और घंटा - घड़ियाल बजाकर जश्न मनाती है. यह वह पीढ़ी है जिसे आजादी के ल़ड़ाई मे मुसलमानों का इतिहास तक पता ही नही है या जानबूझकर पता नही करना चाहते. केवल नफरत का व्यापार करते हैं । इनका दोष नही , दुर्भाग्य से जो आज सत्ता मे हैं उनका इतिहास ही गद्दारी का है , वे इतिहास के किताबों से इतना डरे हुये हैं कि अपना पूरा समय सड़कों, इमारतों, शहरों, स्टेशनों का नाम बदलने मे लगे हैं . ये नाम बदलकर इतिहास बदलना चाहते हैं और इस नयी पीढ़ी को हिंदू- मुश्लिम, हिंदुस्तान - पाकिस्तान में उलझाकर अपने गद्दारी के निशान मिटाना चाहते हैं। ये एक नया इतिहास लिख रहे हैं .

अगस्त 2013 में नेपाल बार्डर से एक अब्दुल करीम टुंडा नाम के दाढ़ी वाले शख्स को पकड़ा गया था,
जिसे लश्करे तय्यबा से जुड़ा आतंकी और करीब चालीस बम ब्लास्ट का प्लानर बताया गया था,
जिसे उस वक्त अखबारों और चैनलों ने सीधे आतंकी घोषित करके पूरे देश की नफरत का शिकार बना दिया गया था...
आज भी विकिपीडिया पर उसके नाम पर वही सब जानकारी दर्ज है।
सात साल जेल में सड़ाने के बाद उसे पिछले साल बरी कर दिया गया क्योंकि उसके खिलाफ कुछ साबित नहीं किया जा सका लेकिन उसकी जिंदगी के सात साल ले लिये गये।
ऐसे ढेरों उदाहरण आपको पिछले दस सालों में मिल जायेंगे जहाँ दस से ले कर सोलह साल तक जेल में गुजारने और अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय गंवा देने के बाद ढेरों लोग बेकुसूर साबित हो कर निकले।

इसके उलट पिछले दस सालों में न सिर्फ आतंकवाद बल्कि पाकिस्तान और आईएसआई के लिये जासूसी के आरोप में तमाम हिंदू भी पकड़े गये
लेकिन आज अगर पता करेंगे तो उनमें लगभग सभी जेल से बाहर ही मिलेंगे। साध्वी प्रग्या जैसे लोग, कोतो जमानत ही नही मिली, संसद में स्थापित कर दिया गया। संसद में पहुंच कर कानून बनवाने में अपनी भागीदारी भी निभाती है।
पिछले दिनों एक बंदा 2017 में पाकिस्तान के लिये जासूसी के सिलसिले में गिरफ्तार हुआ था जिसके घर से जासूसी के उपकरण तक बरामद हुए थे
लेकिन आज वह बाहर है और अभी पिछले साल ही उसकी शादी हुई है। क्यूंकि इस रामराज्य मे आतंकवादी होने की स्थापित शर्त कि उसे मुश्लिम होना चाहिय, चाहे घटना सही हो या गलत। हिंदू है तो बिगड़ैल बच्चा है , सुधर जायेगा संसद मे जाकर .

लिंचिंग, हिंसा के लिये प्रोत्साहित करने वाले बयान/भाषण और सीधे दंगे के आरोप में कई हिंदू कानून की पकड़ में तो जरूर आते हैं लेकिन कुछ ही दिन में वे जमानत पाकर बहुसंख्यक समाज के हीरो बन कर बाहर आ जाते हैं और फूल मालाओं से उनका स्वागत होता है अभी जंतर मंतर पर क्या हुआ, " मुल्ले काटे जायेंगे" पहले तो पुलिस ने मानने से ,पहचानने से ही इनकार कर दिया था, जब प्रोेटेस्ट हुआ तब नकली गिरफ्तारी दिखाई और उधर पहले से कोर्ट जमानत का कागज बनाकर बैठी रही, केवल नाम भरना बाकी था। फिर सड़क पर मुल्लों को काटने के लिये पहले से ज्यादा ऊर्जा से लबरेज होकर हाजिर।
जबकि मुस्लिम अगर अपने हक के लिये भी सड़क पर उतर आये, तो उस पर यूएपीए/एनएसए लगा कर बिना जमानत/सुनवाई लंबे वक्त के लिये जेल में सड़ा दिया जाता है..
इसके लिये आप डाॅ. कफील, सिद्दीकी कप्पन, सफूरा जरगर, उमर खालिद जैसे तमाम नाम याद कर सकते हैं।

एक हिंदू हो कर आप कुछ बोल सकते हैं, कोई भी अतिवादी हरकत कर सकते हैं, कैसा भी प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन अगर मुस्लिम के सपोर्ट में करते हैं या मुस्लिम हो कर ऐसा करते हैं तो आप सीधे यूएपीए -एनएसए लायक केस हैं।

प्यार पहले भी होता था, जिसमें बेवफाई, धोखेबाजी, शारीरिक शोषण सब होता था
चाहे कपल दो अलग धर्मों से क्यों न हों लेकिन आज अगर ऐसे कपल के बीच, जिसमें लड़की हिंदू हो..

प्यार का अंजाम कुछ गलत होता है तो बात सीधे धर्म परिवर्तन के लिये दबाव, लव जिहाद के रूप में एक कानूनी अपराध बन कर पूरे समाज को आरोपित करने लायक मटेरियल हो जाता है।

चोरी, ठगी, कत्ल जैसे अपराध हमेशा से होते थे और व्यक्तिगत होते थे
लेकिन आज अगर ऐसा कोई अपराध होता है जिसमें विक्टिम मुश्लिम के मुकाबले हिंदू हो तो यह फौरन धार्मिक अपराध बना कर पूरे समाज के मत्थे मंढ़ दिया जाता है।
आप हिंदू हैं तो कोई सांप्रदायिक/गैर सांप्रदायिक अपराध करके भी यह तसल्ली पा सकते हैं कि पुलिस से ले कर कोर्ट में बैठे जज साहबान तक आपके लिये साॅफ्ट कार्नर रखते मिलेंगे

लेकिन अगर आप मुस्लिम हैं तो अपराध के बाद ऐसी नरमी की उम्मीद तो काल्पनिक समझिये,
बिना अपराध भी खुद आपको ही टार्गेट किया जाता है तो विक्टिम होते हुए भी पुलिस से ले कर न्यायालय तक आपको ही अपराधी ठहराने के लिये तैयार बैठा है
और आपके अपराधी तो उनके लाडले हैं ही, जिन्हें हीरो बना कर सम्मान दिया जाना शेष है।

ठहर कर सोचिये जरा..

कैसा लगता है वह मुसलमान होना जिसे थोड़ी सी फेम पाने के लिये कोई भी सिरफिरा अपनी सनक का शिकार बना सकता है
क्योंकि उसे मौजूदा सत्ता/व्यवस्था का संरक्षण हासिल है..

जिसे कुछ मैडल/प्रमोशन या थोड़ी सी शाबाशी पाने के लिये कोई पुलिस वाला आतंकी बना सकता है,
जहां न्यायालय के किसी फैसले से पहले ही प्रिंट/डिजिटल/सोशल मीडिया आपको स्थापित आतंकी घोषित कर देता है चाहे भले आपने जिंदगी में चूहा भी न मारा हो,

जहां बहुसंख्यक समाज आपको पहले से ही आतंकी मानने को तैयार बैठा है,
जहां आपके पक्ष में किसी की बोलने की, खड़े होने की, लड़ने की हिम्मत भी नहीं पड़नी और आपके लिये सारे दरवाजे पहले कदम पर ही बंद कर दिये जाते हैं।

जहां व्यक्तिगत रूप से की गई कोई गलती आपके धर्म के मत्थे मंढ़ कर आपके पूरे समाज को शर्मिंदा करने का सुनहरा अवसर मान लिया जाता हो।

किसी मुसलमान का दर्द महसूस करना चाहते हैं?
तो कुछ दिन के लिये मुसलमान हो कर देख लीजिये।

अब इस डर और दर्द को काउंटर करने के लिये उनकी कमियों का बहाना मत बनाइयेगा..

बिलकुल उनमें कमी हो सकती है और बहुत सुधार की गुंजाइश है , क्या हिंदुओं मेकमी नही है?
लेकिन उसकी यह सजा तो नहीं हो सकती जो दी रही है।

ईमानदारी अगर कहीं मन में बाकी है तो दुनिया के दूसरे मुसलमानों के साथ खड़ा करके नहीं बल्कि सिर्फ भारत के मुसलमानों को अकेला कर के देखिये,
उनकी कमियों पर फोकस कीजिये और उस अनुपात में सजा को परखिये..

अगर यह ज्यादा लगती है तो मुबारक हो.. आपमें अभी एक अच्छा इंसान कहीं बाकी है,

अगर नहीं तो माफ कीजिये.. आप एक जाॅम्बी बन चुके हैं।

" नहीं है___शौक़-ए-तारीफ़___ सिर्फ़ जज़्बात लिखता हूं ___!

जो होता है___महसूस-ए-ज़िन्दग़ी___ वो ही तो अल्फ़ाज़ लिखता हूं ___!!"


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