09/08/2025
लैंड पुलिंग एक्ट यानि कि भूमि हड़प योजना से अपने गांव को कैसे बचा सकते है हम:-
लैंड पुलिंग एक्ट से गांव अपने आप को तभी "बचाव" या "बाहर" (exclude) कर सकता है जब गांव के निवासी संगठित होकर कानूनी,सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर कदम उठाएं।
यह एक रणनीतिक प्रक्रिया है जिसमें गांव की ग्राम सभा,किसानों की एकता और कानूनी अधिकारों की समझ बहुत ज़रूरी होती है।
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✅ आइये जाने गांव लैंड पुलिंग एक्ट से खुद को कैसे बाहर रख सकता है :-
1. 🧾 ग्राम सभा प्रस्ताव पास करें (Resolution)
पूरे गांव की ग्राम सभा बुलाकर यह प्रस्ताव पारित किया जा सकता है कि:
> “हमारा गांव लैंड पुलिंग योजना में शामिल नहीं होना चाहता।”
इस प्रस्ताव को तहसील,SDM,DC,Town Planning Department और राज्य सरकार को भेजें।
📌 यह पहला और सबसे मजबूत लोकतांत्रिक कदम होता है।
2. ✍️ सभी किसानों से लिखित आपत्ति लें
हर ज़मीन मालिक (पटवारी रिकॉर्ड के अनुसार) से लिखित रूप में हस्ताक्षर करवाएं कि वे योजना के खिलाफ हैं।
इसे एक सामूहिक आपत्ति पत्र (Mass Objection) के रूप में अधिकारियों को सौंपा जा सकता है।
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3. ⚖️ कानूनी रोक (Stay) के लिए हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में याचिका
अगर सरकार या प्राधिकरण जबरन गांव को शामिल कर रहा हो, तो गांव के किसान PIL (Public Interest Litigation) दायर कर सकते हैं।
पंजाब में कई गांवों ने इसी तरह कोर्ट से लैंड पुलिंग पर “Stay” लिया है।
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4. 📣 विरोध और जन जागरूकता अभियान चलाएं
गांव में जागरूकता अभियान चलाएं:
“लैंड पुलिंग से हमें क्या नुकसान हो सकता है?”
सोशल मीडिया, स्थानीय मीडिया और विरोध रैली का सहारा लें।
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5. 📝 RTI (सूचना का अधिकार) के तहत जानकारी मांगें
RTI डालकर जानें कि:
आपके गांव को शामिल क्यों किया गया?
लैंड पुलिंग के तहत कितना क्षेत्र अधिसूचित हुआ है?
क्या किसी की सहमति ली गई?
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6. 🧑⚖️ वकील और किसान संगठन की मदद लें
स्थानीय किसान यूनियन,वकील या NGO की मदद से रणनीति तैयार करें।
किसान यूनियनें अक्सर ऐसे मामलों में सामूहिक नेतृत्व करती हैं।
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📌 बचाव के लिए ज़रूरी शर्तें:-
शर्त क्यों ज़रूरी
ग्राम सभा की एकता लोकतांत्रिक रूप से सरकार को संदेश देने के लिए।
सभी किसानों की लिखित सहमति यह साबित करने के लिए कि यह सामूहिक इच्छा है।
कानूनी सलाह प्रक्रिया को वैध रूप देने के लिए मीडिया का सहारा, दबाव बनाने और जन जागरूकता के लिए
🔒 उदाहरण:
पंजाब के कई गांवों ने प्रस्ताव पारित करके लैंड पूलिंग से खुद को बाहर रखा है।
हरियाणा के भी कुछ क्षेत्रों में किसानों ने संयुक्त रूप से विरोध कर के प्राधिकरण को पीछे हटने पर मजबूर किया।
🔚 निष्कर्ष:
अगर गांव के लोग एकजुट हों,जागरूक हों और संगठित कानूनी व प्रशासनिक कदम उठाएं तो वे लैंड पुलिंग एक्ट से खुद को प्रभावी रूप से बाहर रख सकते हैं।
(भाई रवि आज़ाद की वाल से कॉपी )